Vinod dua Biography in Hindi | विनोद दुआ (पत्रकार) जीवन परिचय
विनोद दुआ से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियाँ
- क्या विनोद दुआ धूम्रपान करते हैं ? ज्ञात नहीं
- क्या विनोद दुआ शराब पीते हैं ? हाँ
- वर्ष 1947 में, भारत-पाक विभाजन से पहले, उनका परिवार दक्षिण वजिरीस्तान के एक छोटे से शहर डेरा इस्माइल खान में रहता था, जिसे बाद में तालिबान में तब्दील कर दिया गया।
- वर्ष 1947 में, उनका परिवार मथुरा चला गया। जहां शुरुआत में वह एक धर्मशाला के दो कमरे किराए पर लेकर रहने लगे थे। जिसकी कीमत 4 रुपए प्रति माह थी।
- भारत आने के बाद, उनके पिता ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में एक क्लर्क के रूप में कार्य करना शुरू किया और शाखा प्रबंधक के रूप में सेवानिवृत्त हुए।
- अपने स्कूल और कॉलेज के दिनों में, विनोद ने कई गायन और बहस प्रतियोगिताओं में भाग लिया और वर्ष 1980 के दशक के मध्य कई थिएटर भी किए।
- विनोद दुआ ने श्री राम कला और संस्कृति केंद्र में (Sri Ram Center for Art and Culture) बच्चों के लिए दो नाटक लिखे थे। जिसे सूत्रधार पपेट थिएटर प्रदर्शित किया गया था।
- वह एक स्ट्रीट थिएटर ग्रुप, थिएटर यूनियन के भी सदस्य थे, जो सामाजिक मुद्दों के खिलाफ नाटक और प्रदर्शन करते थे।
- नवंबर 1974 में, विनोद दुआ ने पहली बार टेलीविज़न पर “युवा मंच” नामक एक कार्यक्रम किया। जिसे दूरदर्शन पर हिंदी भाषा में प्रसारित किया गया, जो युवा पीढ़ी पर आधारित था।
- वर्ष 1975 में, उन्होंने रायपुर, मुजफ्फरपुर और जयपुर के युवाओं के लिए सैटेलाइट निर्देशात्मक टेलीविजन प्रयोग (एसईटीई) के प्रसारण द्वारा युवा जन नामक एक कार्यक्रम किया।
- उसी वर्ष उन्होंने नवनिर्मित अमृतसर टीवी के एक युवा कार्यक्रम “जवान तरंग” को प्रस्तुत किया।
- वर्ष 1981 से 1984 तक, उन्होंने “Sunday morning family magazine” में कार्य करना प्रारम्भ किया।
- वर्ष 1984 में, विनोद ने प्रणय रॉय (सह-अन्वेषण) के साथ दूरदर्शन पर चुनाव का विश्लेषण किया। जिसके चलते उन्हें विभिन्न टेलीविजन चैनलों में चुनाव विश्लेषण के लिए बुलाया जाने लगा।
- उन्होंने जनवाणी (पीपल्स वॉयस) कार्यक्रम का शुभारंभ किया। यह एक ऐसा पहला कार्यक्रम था, जहां वर्ष 1985 में सामान्य लोगों को सीधे मंत्रियों से सवाल करने का अवसर प्रदान किया जाता था।
- वर्ष 1987 में, वह इंडिया टुडे समूह की एक कंपनी, टीवी टुडे में मुख्य निर्माता के रूप में शामिल हुए।
- वर्तमान मामलों, बजट विश्लेषण और प्रलेखी फिल्मों के आधार पर एक कार्यक्रम को शुरू करने के लिए, वर्ष 1988 में अपनी प्रोडक्शन कंपनी “द कम्युनिकेशन ग्रुप” को शुरू किया।
- वर्ष 1992 में, विनोद दुआ ने ज़ी टीवी पर प्रसारित कार्यक्रम “चक्रव्यूह” की मेजबानी की।
- वर्ष 1992 से 1996 तक वह दूरदर्शन (डीडी) पर प्रसारित एक साप्ताहिक वर्तमान मामलों की पत्रिका “परख़” के निर्माता थे।
- वर्ष 1996 में, वह पत्रकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ट भूमिका के लिए बी.डी. गोयनका पुरस्कार से सम्मानित होने वाले पहले इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पत्रकार बनें। उन्होंने डीडी 3 और दूरदर्शन सेरेब्रल चैनल पर प्रसारित कार्यक्रम “तस्वीर-ए-हिंद” (1997-1988) की मेजबानी की।
- मार्च 1998 में, विनोद ने सोनी एंटरटेनमेंट चैनल पर प्रसारित कार्यक्रम “चुनाव चुनौती” की मेजबानी की।
- वर्ष 2000 से 2003 तक वह सहारा टीवी से जुड़े रहे, जिसके चलते उन्होंने “प्रतिदिन” और “परख” कार्यक्रम की मेजबानी की।
- विनोद ने एनडीटीवी इंडिया के कार्यक्रम “जायका इंडिया” के दौरान विभिन्न शहरों और राजमार्गों पर स्थित ढाबों पर बने लजीज व्यंजनों का स्वाद चखा।
- वर्ष 2008 में, पत्रकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ट भूमिका के लिए उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- वर्ष 2016 में, आईटीएम विश्वविद्यालय, ग्वालियर ने उन्हें डी.लिट “ऑनोरिस कौसा” (डॉक्टर ऑफ लेटर में एक मानद डिग्री) से सम्मानित किया गया।
- उन्होंने The Wire Hindi में “जन गण मन की बात” कार्यक्रम की मेजबानी की। यह दस मिनट का कार्यक्रम जो वर्तमान मुद्दों पर आधारित कार्यक्रम था, जिसे The Wire Hindi वेबसाइट पर प्रसारित किया जाता था। इस कार्यक्रम में अक्सर सरकार के कार्य की आलोचना भी की जाती थी।
- पत्रकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ट भूमिका के लिए, मुंबई प्रेस क्लब के द्वारा उन्हें जून 2017 में “रेडइन्क” पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जिसे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस द्वारा पुरस्कृत किया गया।