Categories: इतिहास

Jalal-ad-Din Muḥammad Rumi Biography in Hindi | मोहम्मद जलालुद्दीन रूमी जीवन परिचय

  मोहम्मद जलालुद्दीन रूमी से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियाँ महाकवि मौलाना जलालुद्दीन रूमी का जन्म फारस साम्राज्य के प्रसिद्ध नगर बाल्ख़ में हुआ था। उनके पिता शेख बहाउद्दीन उस समय के बड़े विद्वान पंडित थे, फारस के अमीर विद्वान् लोग उनका उपदेश सुनने और फतवे लेने आया करते थे। रूमी की प्रारंभिक शिक्षा उनके पिता द्वारा हुई थी। उस समय के तत्कालीन फारस सम्राट् ख्व़ारज़मशाह उनके बहुत बड़े भक्त थे। एक बार किसी मामले में उनका सम्राट् से मतभेद हो गया था, जिसके कारण उन्हें बाल्ख़ नगर छोड़ना पड़ा। बलख नगर छोड़ने के बाद शेख बहाउद्दीन नेशांपुर नामक नगर पहुंचे, वहां के प्रसिद्ध विद्वान् ख्वाजा फरीदउद्दीन अत्तार उनसे मिलने आए। उस समय जलालुद्दीन महज 3 वर्ष के थे। जब ख्वाजा अत्तार ने जलालुद्दीन को देखा तो बहुत खुश हुए और उनके पिता से कहा, "एक दिन यह बालक एक महान पुरुष बनेगा। इसकी शिक्षा और देख-रेख में कोई कमी न करना।" जिसके चलते ख्वाजा अत्तार ने अपने प्रसिद्ध ग्रन्थ "मसनवी अत्तार" की एक प्रति जलालुद्दीन रूमी को भेंट की। 18 वर्ष की आयु में जलालुद्दीन रूमी का विवाह हुआ, उसी समय बादशाह ख्व़ाजरज़मशाह का देहान्त हो गया और शाह अलाउद्दीन कैकबाद राजसिंहासन पर बैठ गए। तभी उन्होंने अपने कर्मचारीयों को भेजकर शेख बहाउद्दीन से वापस आने की प्रार्थना की। अपने पिता की मृत्यु के बाद वह दमिश्क और हलब के विद्यालयों में शिक्षा प्राप्त करने के लिए चले गए। रूमी रात-दिन लोगों को एक मार्ग दिखाने और उपदेश देने में लगे रहते थे, इसी दौरान उनकी भेंट विख्यात संत "शम्स तबरेज़"…

जीवन परिचय
वास्तविक नाम मौलाना मोहम्मद जलालुद्दीन रूमी
व्यवसाय मुस्लिम कवि, न्यायवादी, इस्लामी विद्वान, धर्मविज्ञानी और सूफी संत
व्यक्तिगत जीवन
जन्मतिथि 30 सितम्बर 1207
आयु (मृत्यु के समय)66 वर्ष
जन्मस्थान बाल्ख़, फारस साम्राज्य (वर्तमान में अफगानिस्तान)
मृत्यु तिथि17 दिसम्बर 1273
मृत्यु स्थलक़ौनिया (रोम की सल्तनत)
मृत्यु का कारणज्ञात नहीं
समाधि/कब्र स्थल मौलाना रूमी का मक़बरा, कोन्या, तुर्की
राशि तुला
राष्ट्रीयता अफ़गानी
गृहनगर बाल्ख़, फारस साम्राज्य (वर्तमान में अफगानिस्तान)
स्कूल/विद्यालय ज्ञात नहीं
महाविद्यालय/विश्वविद्यालयज्ञात नहीं
शैक्षिक योग्यता ज्ञात नहीं
परिवार पिता - शेख बहाउद्दीन
माता- नाम ज्ञात नहीं
भाई- ज्ञात नहीं
बहन- ज्ञात नहीं
धर्म इस्लाम
जाति सुन्नी
जातीयता पर्शियन
शौक/अभिरुचिकविताएं लिखना
प्रेम संबन्ध एवं अन्य जानकारियां
वैवाहिक स्थिति विवाहित
पत्नी पहली पत्नी- गौहर खातून
दूसरी पत्नी- नाम ज्ञात नहीं
बच्चे बेटा : सुल्तान वलद (पहली पत्नी से), इलाउद्दीन चलाबी (पहली पत्नी से), आमिर अलीम चलाबी (दूसरी पत्नी से)
बेटी : मालकेह खातून (दूसरी पत्नी से)

 

मोहम्मद जलालुद्दीन रूमी से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियाँ

  • महाकवि मौलाना जलालुद्दीन रूमी का जन्म फारस साम्राज्य के प्रसिद्ध नगर बाल्ख़ में हुआ था।
  • उनके पिता शेख बहाउद्दीन उस समय के बड़े विद्वान पंडित थे, फारस के अमीर विद्वान् लोग उनका उपदेश सुनने और फतवे लेने आया करते थे।
  • रूमी की प्रारंभिक शिक्षा उनके पिता द्वारा हुई थी।
  • उस समय के तत्कालीन फारस सम्राट् ख्व़ारज़मशाह उनके बहुत बड़े भक्त थे। एक बार किसी मामले में उनका सम्राट् से मतभेद हो गया था, जिसके कारण उन्हें बाल्ख़ नगर छोड़ना पड़ा।
  • बलख नगर छोड़ने के बाद शेख बहाउद्दीन नेशांपुर नामक नगर पहुंचे, वहां के प्रसिद्ध विद्वान् ख्वाजा फरीदउद्दीन अत्तार उनसे मिलने आए। उस समय जलालुद्दीन महज 3 वर्ष के थे। जब ख्वाजा अत्तार ने जलालुद्दीन को देखा तो बहुत खुश हुए और उनके पिता से कहा, “एक दिन यह बालक एक महान पुरुष बनेगा। इसकी शिक्षा और देख-रेख में कोई कमी न करना।” जिसके चलते ख्वाजा अत्तार ने अपने प्रसिद्ध ग्रन्थ “मसनवी अत्तार” की एक प्रति जलालुद्दीन रूमी को भेंट की।
  • 18 वर्ष की आयु में जलालुद्दीन रूमी का विवाह हुआ, उसी समय बादशाह ख्व़ाजरज़मशाह का देहान्त हो गया और शाह अलाउद्दीन कैकबाद राजसिंहासन पर बैठ गए। तभी उन्होंने अपने कर्मचारीयों को भेजकर शेख बहाउद्दीन से वापस आने की प्रार्थना की।
  • अपने पिता की मृत्यु के बाद वह दमिश्क और हलब के विद्यालयों में शिक्षा प्राप्त करने के लिए चले गए।
  • रूमी रात-दिन लोगों को एक मार्ग दिखाने और उपदेश देने में लगे रहते थे, इसी दौरान उनकी भेंट विख्यात संत “शम्स तबरेज़” से हुई, जिन्होंने रूमी को अध्यात्म-विद्या की शिक्षा दी।
  • रूमी पर उनकी शिक्षाओं का ऐसा प्रभाव पड़ा कि वह रात-दिन आत्मचिन्तन और साधना में संलग्न रहने लगे। जिसके चलते उन्होंने उपदेश, फतवे और पढ़ने-पढ़ाने का कार्य करना बन्द कर दिया। जब उनके भक्तों और शिष्यों ने यह हालत देखी तब उन्हें सन्देह हुआ कि शम्स तबरेज़ ने रूमी पर कोई जादू कर दिया है। इसलिए वे शम्स तबरेज़ के विरुद्ध हो गए और उनका वध कर दिया।
  • रूमी को इस दुर्घटना से इतना दु:ख हुआ, कि वह समाज से विरक्त हो गए और एकान्तवास में रहने लगे।
  • उन्होंने अपने प्रिय शिष्य मौलाना हसामउद्दीन चिश्ती के आग्रह पर ‘मसनवी’ की रचना शुरू की। 
  • रूमी की कविताओं में प्रेम और ईश्वर भक्ति का सुंदर समिश्रण है।
  • उन्होंने सूफ़ी परंपरा में नर्तक साधुओं (गिर्दानी दरवेशों) की परंपरा का संवर्धन किया।
  • वर्ष 1273 में, उनका कोन्या (मध्य तुर्की) में निधन हो गया था। उनकी याद में बूका में एक प्रतिमा स्थापित की गई। 
  • कोन्या में मौलाना रूमी की मज़ार भी बनाई गई है। 

Recent Posts

Sukhvinder Singh Sukhu Biography in Hindi | सुखविंदर सिंह सुक्खू जीवन परिचय

सुखविंदर सिंह सुक्खू से जुडी कुछ रोचक जानकारियां सुखविंदर सिंह सुक्खू एक भारतीय वकील और राजनेता हैं। जिन्हें 2022 में…

2 months ago

Yashasvi Jaiswal Biography in Hindi | यशस्वी जायसवाल जीवन परिचय

यशस्वी जायसवाल से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियां यशस्वी जयसवाल उत्तर प्रदेश के एक भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी हैं। वह तब सुर्खियों…

2 months ago

Bhajan Lal Sharma Biography in Hindi | भजन लाल शर्मा जीवन परिचय

भजन लाल शर्मा से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियां भजन लाल शर्मा एक भारतीय राजनेता हैं। वह 15 दिसंबर 2023 को…

2 months ago

Mohammed Shami Biography in Hindi | मोहम्मद शमी जीवन परिचय

मोहम्मद शमी से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियां मोहम्मद शमी एक भारतीय तेज गेंदबाज क्रिकेटर हैं जो अपने बॉलिंग स्किल के…

2 months ago

Mohan Yadav Biography in Hindi | मोहन यादव जीवन परिचय

मोहन यादव से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियां मोहन यादव एक भारतीय राजेनता और भारतीय जनता पार्टी के सदस्य हैं। वह…

2 months ago

Shraddha Joshi Sharma (IRS) Biography In Hindi | श्रद्धा जोशी शर्मा जीवन परिचय

श्रद्धा जोशी शर्मा से जुडी कुछ रोचक जानकारियां श्रद्धा जोशी शर्मा 2007 बैच की एक भारतीय आईआरएस अधिकारी हैं। सिंघम…

2 months ago