Dev Anand Biography in Hindi | देव आनन्द जीवन परिचय
देव आनन्द से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियाँ
- क्या देव आनन्द धूम्रपान करते थे ?: नहीं
- क्या देव आनन्द शराब पीते थे ?: नहीं
- देव आनंद ब्रिटिश सशस्त्र बलों की राजसी भारतीय नौसेना में शामिल होना चाहते थे, परन्तु किसी कारणवश उन्हें अस्वीकार कर दिया गया। जिसके चलते उन्होंने चर्चगेट स्थित सेना के सेंसर कार्यालय में कार्य करना शुरू कर दिया और इस कार्य के लिए उन्हें ₹165 प्रति महीना पारितोषिक दिया जाता था।
- देव आनंद ने अशोक कुमार की ‘अछूत कन्या’ और ‘किस्मत’ को देखकर अभिनेता बनने का फैसला किया। फिल्म में अशोक कुमार के प्रदर्शन से वह काफी प्रभावित हुए थे। दिलचस्प बात यह है कि अशोक कुमार ने अपनी फिल्म जिद्दी के लिए देव आनंद का चयन किया था।
- देव आनंद और गुरु दत्त के बीच घनिष्ठ मित्रता थी। जिसके चलते दोनों ने फैसला किया कि गुरु दत्त की फिल्मों में देव आनंद प्रमुख भूमिका निभाएंगे और देव आनंद द्वारा निर्मित फिल्मों को गुरु दत्त निर्देशित करेंगे।
- देव आनंद फिल्म “हरे राम हरे कृष्णा” (1971) में मुमताज को प्रमुख भूमिका के लिए लेना चाहते थे, परन्तु मुमताज ने पहले से ही उस वर्ष सात से अधिक फिल्मों को साइन किया हुआ था। उस समय फिल्म जगत में एक अभिनेता द्वारा एक वर्ष में सात से अधिक फिल्मों को साइन करने पर प्रतिबंध लगा हुआ था। लेकिन फिर भी वह मुमताज को फिल्म की शूटिंग के लिए पुलिस संरक्षण के तहत नेपाल ले गए।
- फिल्म हरे राम हरे कृष्णा में कई अभिनेत्रियों को देव आनंद की बहन की भूमिका की पेशकश की गई थी, लेकिन सभी ने देव आनंद की बहन के रूप में कार्य करने से इनकार कर दिया। जिसके बाद उस भूमिका को ज़ीनत अमान ने निभाया था।
- देव आनंद फिल्म जंगली (1961) और तीसरी मंज़िल (1966) में प्रमुख भूमिका के लिए पहली पसंद थे। परन्तु किसी कारणवश उन्होंने दोनों फ़िल्में करने से मना कर दिया। देव आनंद के मना करने पर दोनों फिल्मों में शम्मी कपूर को चुन लिया गया, जो फिल्मजगत में सुपरहिट साबित हुई थी। इसी तरह उन्होंने वर्ष 1970 में फिल्म जंजीर में प्रमुख भूमिका के लिए मना कर दिया था।
- देव आनंद फिल्म “विद्या” (1948) की शूटिंग के दौरान अभिनेत्री सुरैया के काफी नज़दीक आ गए थे। दिलचस्प बात यह है कि देव आनंद ने उन्हें ₹3000 की हीरे की अंगूठी के साथ प्रस्तावित किया था, परन्तु उन्होंने अपनी माँ की वजह से उस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया। इसके बाद सुरैया ने अपनी मृत्यु तक विवाह नहीं किया।
- देव आनंद चार्ली चैप्लिन के बहुत बड़े प्रशंसक थे। एक बार उन्हें स्विट्जरलैंड में चार्ली से मिलने का मौका मिला। उस दौरान उन्होंने चिल्लाते हुए कहा “हे चार्ली” और अपने हाथों को खड़ा कर चार्ली का अभिवादन किया।
- महाराष्ट्र स्थित एक पहाड़ी केंद्र महाबलेश्वर में फ्रेडरिक होटल में कमरा नंबर 11 हमेशा उनके लिए आरक्षित रहता था। क्योंकि जब भी वह उस शहर में जाते थे वह उसी होटल में रहते थे।
- उन्हें जैकेट एकत्रित करना बहुत पसंद था, जिसके चलते उनके पास 800 से अधिक जैकटों का संग्रह था।