चंद्रशेखर आजाद से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियाँ चंद्रशेखर आजाद एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने भारत देश आज़ाद करने के लिए अपने जान की कुर्बानी दे दी। 1928 में राम प्रसाद बिस्मिल के निधन के बाद चंद्रशेखर आज़ाद ने हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन (HRA) संगठन का नाम बदलकर 'हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन (एचएसआरए) रख दिया। 1923 में रोशन सिंह, राजेंद्र नाथ लाहिरी और अशफाकउल्ला खान ने एचआरए संगठन की स्थापना की। चंद्रशेखर आजाद उन पैम्फलेटों पर "बलराज" नाम से हस्ताक्षर करते थे जो ब्रिटिश सरकार को हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन (HSRA) के कमांडर-इन-चीफ के रूप में जारी किया था। चंद्रशेखर आजाद के दादा उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के बदरका गांव के वंशज थे। उनके माता-पिता अपने बड़े बेटे सुखदेव के जन्म के तुरंत बाद एक अच्छी जीविका की तलाश में मध्य प्रदेश के अलीराजपुर चले गए। चंद्रशेखर आजाद के पिता तीन बार शादी किए थे और उनकी मां उनके पिता की तीसरी पत्नी थीं। उनके पिता की पहली और दूसरी पत्नियों का पहले ही निधन हो गया था। उनके पिता ने उन्हें संस्कृत विद्वान बनाने के लिए बनारस के काशी विद्यापीठ भेज दिया था। लेकिन उनकी माँ इस बात से सहमत नहीं थी। बचपन में आजाद के परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी आजाद के एक शिक्षक ने ब्रिटिश सरकार से गुजारिश कर उनके लिए तहसील कार्यालय में नौकरी की व्यवस्था की जो आज़ाद को पसंद नहीं आई और जल्द ही उन्होंने नौकरी छोड़ दी क्योंकि वह ब्रिटिश अधिकारियों की आज्ञा का पालन नहीं करना चाहते थे। किशोरावस्था में…
जीवन परिचय | |
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वास्तविक नाम | चंद्रशेखर तिवारी [1]Britannica |
व्यवसाय | भारतीय स्वतंत्रता सेनानी |
जाने जाते हैं | चंद्रशेखर आजाद 27 फरवरी 1931 को अपने एक क्रांतिकारी साथी से मिलने इलाहाबाद के अल्फ्रेड पार्क (जो अब चंद्रशेखर आजाद पार्क के नाम से जाना जाता है ) में गए थे, जहां उनका साथी ब्रिटिश पुलिस से मिलकर उनके साथ विश्वासघात किया। अल्फ्रेड पार्क को पुलिस ने चारो तरफ से घेर लिया इस मुठभेड़ में कुछ ब्रिटिश पुलिस अधिकारी घायल हो गए और बंदूक की लड़ाई के दौरान चंद्रशेकर आजाद ने अपनी अंतिम गोली खुद के सिर पर मार लिया। [2]Hindustan Times |
शारीरिक संरचना |
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आँखों का रंग | काला |
बालों का रंग | काला |
व्यक्तिगत जीवन | |
जन्मतिथि | 23 जुलाई 1906 (सोमवार) |
जन्मस्थान | भावरा, अलीराजपुर राज्य, ब्रिटिश भारत |
मृत्यु तिथि | 27 फरवरी 1931 |
मृत्यु स्थल | चंद्रशेखर आजाद पार्क, इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश |
आयु (मृत्यु के समय) | 24 वर्ष |
मृत्यु का कारण | आत्महत्या [3]Hindustan Times |
राशि | सिंह (Leo) |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
गृहनगर/राज्य | भावरा, अलीराजपुर राज्य |
प्रेम संबन्ध एवं अन्य जानकारियां | |
वैवाहिक स्थिति | अविवाहित |
गर्लफ्रेंड | ज्ञात नहीं |
परिवार |
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पत्नी | लागू नहीं |
माता/पिता | पिता- सीताराम तिवारी (माली) माता- जागरानी देवी (गृहिणी) |
भाई | सुखदेव (बड़े भाई) |
आजाद के एक साथी विश्वनाथ वैशम्पायन ने अपनी जीवनी में चंद्रशेखर आजाद के जीवन से जुड़े एक पल को साझा किया। उन्होंने बताया-
उन्होंने सात दिनों में से छह दिन काम किया और जो भी पैसा कमाया उसे रविवार को एक मूवी टिकट और एक नई शर्ट खरीदी, शर्ट को फेंक दिया जो उन्होंने पूरे सप्ताह पहनी थी।”
दुश्मन की गोलियों का हम सामना करेंगे, आजाद ही रहे हैं और आजाद ही रहेंगे।”
हम ब्रिटिश राज के तहत उत्पीड़न और गुलामी के खिलाफ लड़ते हुए अपने जीवन का बलिदान देने के लिए उत्सुक हैं लेकिन ब्रिटिश राज के तहत जो दमन मौजूद है, वह रियासतों की तुलना में कुछ भी नहीं है। कभी-कभी मुझे लगता है कि हमें ब्रिटिश भारत छोड़कर रियासतों में जाकर वहां काम करना चाहिए। ज़रा सोचिए, वह जानवर [राजकुमार] जो सोचते हैं कि दस से बीस महिलाओं को अपने हरम में रखना उनका अधिकार है वह अपनी प्रजा के साथ कैसा न्याय करेंगे?”
सन्दर्भ
↑1 | Britannica |
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↑2, ↑3 | Hindustan Times |
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