वास्तविक नाम | मोहनदास करमचन्द गांधी |
उपनाम | महात्मा, राष्ट्र पिता और बापू |
व्यवसाय | राजनीतिज्ञ, वकील, शांति दूत, दार्शनिक |
प्रमुख कार्य | • दक्षिण अफ्रीका में महात्मा गांधी को अन्य भारतीयो के साथ रंगभेद का सामना करना पड़ा। गांधी जी ने भारतीयों के साथ हो रहे अत्याचार का विरोध किया और भेदभाव के विरुद्ध आवाज उठाने के लिए अपने दक्षिण अफ्रीका के प्रवास को अग्रसर कर दिया। उन्होंने उस बिल का भी विरोध किया, जिसके तहत भारतियों को वोट देने का अधिकार नहीं था। गांधी जी ने ब्रिटिश उपनिवेश के तत्कालीन सेक्रेटरी Joseph Chamberlain से बिल पर पुनः विचार करने का अनुरोध भी किया।
• वर्ष 1894 में गांधी जी ने नटल भारतीय कांग्रेस की स्थापना की और इस संगठन के माध्यम से उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में रह रहे भारतीयों को एकीकृत करने का कार्य किया।
• वर्ष 1906 में, जब ट्रांसवाल सरकार ने एक अधिनियम पारित किया, जो समस्त एशियाई पुरुषों को अपना पंजीकरण करने के लिए बाध्य करता था। तब गांधी जी ने उस अधिनियम का पूर जोर विरोध किया था। गांधी जी ने अपने विरोध का हथियार सत्याग्रह को बनाया जो कि विरोध करने का एक अहिंसात्मक तरीका है। उन्होंने सभी भारतीयों से अधिनियम का विरोध करने की अपील की। भारतीय समुदाय ने गांधी जी के सत्याग्रह का पूरा समर्थन किया और सात वर्षों तक विरोध करने के उपरांत दक्षिण अफ्रीका के नेता Jan Christiaan Smuts ने आख़िरकार गांधी जी के साथ समझौता कर लिया।
• 1915 में भारत लौटने पर गांधी जी ने भारतीय स्वतंत्रता में एक प्रमुख भूमिका निभाई, गांधी जी ने 1920 में कांग्रेस का नेतृत्व संभाला और 26 जनवरी 1930 को गांधी जी के नेतृत्व में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारत की आजादी की घोषणा कर दी। हालांकि अंग्रेजों ने कांग्रेस के साथ समझौता वार्ता शुरू कर दी। इसके परिणामस्वरूप 1930 के अंत में कांग्रेस ने प्रांतीय सरकार बनने में अहम भूमिका निभाई।
• वर्ष 1918 में, गांधी जी ने चंपारण और खेड़ा आंदोलन शुरू किया।
• वर्ष 1930 में, ब्रिटिश सरकार द्वारा नमक पर कर लगाया गया, जिसके विरोध में महात्मा गांधी जी ने दांडी मार्च आंदोलन की शुरुआत की।
• 8 अगस्त 1942 को महात्मा गांधी ने "भारत छोड़ो आंदोलन" की आंदोलन शुरुआत की। बॉम्बे के गोवाया टैंक मैदान में अपने "अंग्रेजों भारत छोड़ो" भाषण के दौरान गांधी जी ने भारतीयों को एक नारा दिया "करो या मरो" (Do or Die)। |
प्रसिद्ध विचार | • आप तब तक यह नहीं समझ पाते कि आपके लिए कौन महत्वपूर्ण है जब तक आप उन्हें वास्तव में खो नहीं देते।
• काम की अधिकता नहीं, अनियमितता आदमी को मार डालती है।
• दुनिया में ऐसे लोग हैं जो इतने भूखे हैं कि भगवान उन्हें किसी और रूप में नहीं दिख सकते सिवाय रोटी के रूप में।
• जो बदलाव आप दुनिया में देखना चाहते हैं, वह पहले स्वयं में लाए।
• कायरता से कहीं ज्यादा अच्छा है, लड़ते - लड़ते मर जाना।
• अपने प्रयोजन में दृढ विश्वास रखने वाला एक सूक्ष्म शरीर इतिहास के रुख को बदल सकता है।
• निरन्तर विकास जीवन का नियम है और जो व्यक्ति स्वयं को सही दिखाने के लिए हमेशा अपनी रूढ़िवादिता को बरकरार रखने की कोशिश करता है वो स्वयं को गलत स्थिति में पहुंचा देता है।
• सत्य बिना जन समर्थन के भी खड़ा रहता है, वह आत्मनिर्भर है।
• मेरा धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित है, सत्य मेरा भगवन है, अहिंसा उसे पाने का साधन है।
• पाप से घृणा करो, पापी से नहीं। |
शारीरिक संरचना |
लम्बाई | से० मी०- 168
मी०- 1.68
फीट इन्च- 5’ 6” |
आँखों का रंग | काला |
बालों का रंग | सफ़ेद |
व्यक्तिगत जीवन |
जन्मतिथि | 2 अक्टूबर 1869 |
आयु (30 जनवरी 1948 के अनुसार) | 78 वर्ष |
जन्मस्थान | पोरबंदर राज्य, काठियावार एजेंसी, बॉम्बे प्रेसीडेंसी, ब्रिटिश भारत |
मृत्यु तिथि | 30 जनवरी 1948 |
मृत्यु स्थल | नई दिल्ली, भारत |
मृत्यु का कारण | गोली लगने से हत्या |
समाधि स्थल | राज घाट, दिल्ली (लेकिन उनकी राख विभिन्न भारतीय नदियों में प्रवाहित है) |
राशि | तुला |
हस्ताक्षर | |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
गृहनगर | पोरबंदर, गुजरात, भारत |
स्कूल/विद्यालय | राजकोट में एक स्थानीय स्कूल
अल्फ्रेड हाई स्कूल, राजकोट
अहमदाबाद में एक हाई स्कूल |
महाविद्यालय/विश्वविद्यालय | सामलदास कॉलेज, भावनगर राज्य (अब, जिला भावनगर, गुजरात), भारत
इनर टेम्पल, लंदन
यूसीएल (UCL) फैकल्टी ऑफ लॉ, यूनिवर्सिटी कॉलेज, लंदन से |
शैक्षिक योग्यता | बैरिस्टर (Barrister-at-law) |
परिवार | पिता - करमचंद गांधी, दीवान (मुख्यमंत्री) पोरबंदर राज्य के
माता- पुतलीबाई गांधी (गृहणी)
भाई- लक्ष्मीदास करमचंद गांधी
करसनदास गांधी
बहन- रलियताबेन गांधी
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धर्म | हिन्दू |
जाति | मोध बनिया |
शौक/अभिरुचि | पुस्तकें पढ़ना, संगीत सुनना और यात्रा करना |
विवाद | • वर्ष 2016 में, घाना में "कथित भूतपूर्व नस्लवादी टिप्पणी" के कारण महात्मा गांधी की एक प्रतिमा को मुख्य विश्वविद्यालय से हटा देने की सरकार द्वारा घोषणा की गई। यह कदम व्याख्याताओं और छात्रों के एक समूह के द्वारा महात्मा गांधी के खिलाफ अभियान चलाने के लिए उठाया गया था, जिनमें से कुछ ने यह मांग की मूर्ति को वापस भारत लौटा दिया जाए। यह मूर्ति दोनों देशों के बीच दोस्ती के प्रतीक के रूप में, जून महीने में भारत के राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी द्वारा अकरा स्थित घाना विश्वविद्यालय में स्थापित की गई थी। विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा दावा किया गया था कि गांधी ने काले अफ्रीकी लोगों के खिलाफ जातिवाद टिप्पणी की थी और काले भारतीय अफ्रीकन को "क्रूर", "कच्चा" और "आलोक" के रूप में चिह्नित किया था। गांधी ने डरबन स्थित डाकघर में काले और भारतीयों के लिए अलग-अलग प्रवेश द्वारों की मांग की थी।
• 1906 में, गांधी ने यौन जीवन से दूर रहने के लिए शपथ ली। गांधी जी ने खुद को ब्रह्मचारी होने के लिए अपने ऊपर कई परीक्षण किए। उन्होंने एक आध्यात्मिक प्रयोग के भाग के रूप में अपनी भतीजी मनुबेन को अपने बिस्तर में नग्न सोने के लिए कहा, जिसमें गांधी स्वयं "ब्रह्मचारी" के रूप में अपना परीक्षण कर सकें। इस घटना के बाद कई अन्य युवा महिलाओं और लड़कियों ने भी उनके इन प्रयोगों का हिस्सा बनने के लिए उनके साथ हमबिस्तर हुईं। गांधी के इन प्रयोगों ने अधिकांश भारतीय राजनीतिज्ञों और लोगों की मानसिकता को प्रभावित किया। |
पसंदीदा चीजें |
पसंदीदा व्यक्ति | गौतम बुद्ध, हरिश्चंद्र और उनकी मां पुतलीबाई |
पसंदीदा लेखक | लियो टॉल्स्टॉय
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प्रेम संबन्ध एवं अन्य जानकारियां |
वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
पत्नी | कस्तूरबा गांधी
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बच्चे | बेटे : हरिलाल
मणिलाल
रामदास
देवदास
बेटी : लागू नहीं |