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Chaudhary Charan Singh Biography in Hindi | चौधरी चरण सिंह जीवन परिचय

 

चौधरी चरण सिंह

जीवन परिचय
वास्तविक नाम चौधरी चरण सिंह
व्यवसाय समाजिक कार्यकर्ता, राजनीतिज्ञ
शारीरिक संरचना
लम्बाई से० मी०- 170
मी०- 1.70
फीट इन्च- 5’ 7”
आँखों का रंग काला
बालों का रंग श्वेत
राजनीति
राजनीतिक पार्टी जनता पार्टी
जनता पार्टी चुनाव चिन्ह
राजनीतिक यात्रा • वर्ष 1937 में, वह छपरौली (बागपत) क्षेत्र से विधानसभा सदस्य चुने गए।
• 3 अप्रैल 1967 को, वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने।
• वर्ष 1979 में, वह वित्त मंत्री और उपप्रधानमंत्री बने।
• 28 जुलाई 1979 को, चौधरी चरण सिंह समाजवादी पार्टी तथा कांग्रेस (यू) के सहयोग से प्रधानमंत्री बने।
व्यक्तिगत जीवन
जन्मतिथि 23 दिसम्बर 1902
जन्मस्थान नूरपुर, ब्रिटिश भारत
मृत्यु तिथि29 मई 1987
मृत्यु स्थलनई दिल्ली, भारत
आयु (मृत्यु के समय)84 वर्ष
मृत्यु का कारणमस्तिष्क रक्तस्त्राव (ब्रेन स्ट्रोक)
राशि मकर
हस्ताक्षर चौधरी चरण सिंह हस्ताक्षर
राष्ट्रीयता भारतीय
गृहनगर गांव नूरपुर, तहसील हापुड़, जनपद गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश
स्कूल/विद्यालय ज्ञात नहीं
महाविद्यालय/विश्वविद्यालयआगरा विश्वविद्यालय
शैक्षिक योग्यता एलएलबी
परिवार पिता - चौधरी मीर सिंह
माता- नाम ज्ञात नहीं
भाई- ज्ञात नहीं
बहन- ज्ञात नहीं
धर्म हिन्दू
जाति जाट
शौक/अभिरुचि पुस्तकें पढ़ना
प्रेम संबन्ध एवं अन्य जानकारियां
वैवाहिक स्थिति (मृत्यु के समय)विवाहित
विवाह तिथि वर्ष 1929
पत्नी गायत्री देवी (वर्ष 2002 में मृत्यु)
चौधरी चरण सिंह अपनी पत्नी गायत्री देवी के साथ
बच्चे बेटे : 5
• अजीत सिंह
बेटी : ज्ञात नहीं

चौधरी चरण सिंह

चौधरी चरण सिंह से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियाँ

  • क्या चौधरी चरण सिंह धूम्रपान करते थे ?: नहीं
  • क्या चौधरी चरण सिंह शराब पीते थे ?: नहीं
  • चरण सिंह का जन्म उत्तर प्रदेश के एक जाट परिवार में हुआ था।
  • चरण सिंह के जन्म के 6 वर्ष बाद उनके पिता सपरिवार नूरपुर के जानी खुर्द के निकट भूपगढी में जाकर बस गए।
  • कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन में पूर्ण स्वराज का प्रस्ताव पारित होने के पश्चात् युवा चौधरी चरण सिंह ने राजनीति में जाने का निश्चय किया।
  • वर्ष 1929 में, वह भारत के स्वतन्त्रता आन्दोलन में शामिल हुए और गाजियाबाद में कांग्रेस पार्टी का गठन किया।
  • वर्ष 1930 में, उन्होंने महात्मा गांधी  के द्वारा चलाए गए “सविनय अवज्ञा आन्दोलन” में प्रतिभाग लेते हुए, नमक कानून तोड़ने का निर्णय किया।
  • वर्ष 1940 में, सत्याग्रह के दौरान उन्हें गिरफ़्तार कर लिया गया और अक्टूबर 1941 को रिहा कर दिया गया।
  • चौधरी चरण सिंह ने नेहरु की सोवियत-पद्धति पर आधारित आर्थिक सुधारों का विरोध किया, क्योंकि उनका मानना था कि सहकारी-पद्धति से की गई, खेती भारत में सफल नहीं हो सकती।
  • 9 अगस्त 1942 को, उन्होंने “भारत छोड़ो” व अगस्त क्रांति के दौरान गाजियाबाद, हापुड़, मेरठ, मवाना, सरथना, बुलन्दशहर के गाँवों में गुप्त रूप से क्रांतिकारीयों के संगठन को तैयार करना शुरू किया।
  • उन्होंने दृढ़ इच्छा शक्ति के बल पर प्रदेश के 27000 पटवारियों के त्यागपत्रों को स्वीकार कर ‘लेखपाल‘ पद की नई भर्ती का सृजन करके किसानों को पटवारी आतंक से मुक्ति तो दिलाई।
  • 28 जुलाई 1979 को, चौधरी चरण सिंह ने स्वतंत्र भारत के पांचवें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की और  मोरारजी देसाई की सरकार के पतन में इनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका थी, लेकिन वह अधिक समय तक इस पद पर नहीं रह सके।
  • वर्ष 1954 में, उन्होंने किसानों के हित में उत्तर प्रदेश भूमि सरंक्षण कानून अधिनियम को पारित करवाया।
  • 29 नवंबर 1985 को, उनका मस्तिष्क रक्तस्त्राव (ब्रेन स्ट्रोक) की गंभीर बीमारी से निधन हो गया।
  • भारत में कृषि समुदायों के मसीहा होने के कारण उनके नई दिल्ली स्थित स्मारक को “किसान घाट” नाम दिया गया और यही-नहीं 23 दिसंबर को संपूर्ण भारत में उनके जन्मदिन को “किसान दिवस” के रूप में मनाया जाने लगा।
  • 29 मई 1990 को, भारत सरकार द्वारा चौधरी चरण सिंह की तीसरी पुण्यतिथि पर एक डाक टिकट जारी की गई। चौधरी चरण सिंह की तीसरी पुण्यतिथि पर जारी डाक टिकट

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