मेजर योगेंद्र सिंह यादव से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियाँ सूबेदार मेजर योगेंद्र सिंह यादव भारतीय सेना में एक सेवारत जूनियर कमीशन अधिकारी (JCO) हैं जिन्होंने कारगिल युद्ध के दौरान अनुकरणीय साहस प्रदर्शित करते हुए सर्वोच्च सैन्य अलंकरण "परमवीर चक्र" प्राप्त किया। 1999 के कारगिल युद्ध में योगेंद्र सिंह यादव 12 गोलियां खाने के बाद भी बच गए थे और टाइगर हिल पर कब्जा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वह कुमाऊं रेजिमेंट के एक सेवानिवृत्त भारतीय सेना के जवान के बेटे हैं और उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ 1965 और 1971 के युद्ध में हिस्सा लिया था। योगेंद्र युद्ध के मैदान में बहादुर भारतीय सैनिकों की विस्मयकारी कहानियों को सुनकर बड़े हुए हैं। योगेंद्र 15 साल के थे जब उनके भाई जितेंद्र को भारतीय सशस्त्र बलों में शामिल किया गया था। जितेंद्र ने योगेंद्र को सशस्त्र बलों में शामिल होने का सुझाव दिया। योगेंद्र ने जिन्हें अपनी मातृभूमि के प्रति अगाध प्रेम है और राष्ट्र की सेवा करने का दृढ़ संकल्प है एक बार भी नहीं सोचा और चयन की परीक्षा में बैठने के लिए चले गए और जहाँ उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में परीक्षा पास की। योगेंद्र की मां नहीं चाहती थी कि वह सशस्त्र बलों में शामिल हो। वह चाहती थी कि वह आगे भी अपनी पढ़ाई जारी रखे और एक प्रतिष्ठित नौकरी हासिल करे। एक इंटरव्यू में इस बारे में बात करते हुए योगेंद्र ने कहा- मेरी मां कभी नहीं चाहती थीं कि मैं आर्मी में जाऊं। वास्तव में, मैं भी आगे पढ़ना चाहता था। लेकिन देश…
| जीवन परिचय | |
|---|---|
| व्यवसाय | भारतीय सेना अधिकारी |
| जाने जाते हैं | वर्ष 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान बहादुरी के विशिष्ट कार्य के लिए "परमवीर चक्र" (भारत का सर्वोच्च सैन्य सम्मान) प्राप्त करने के नाते |
| शारीरिक संरचना | |
| लम्बाई (लगभग) | से० मी०- 180 मी०- 1.80 फीट इन्च- 5' 11” |
| आँखों का रंग | काला |
| बालों का रंग | काला |
| सैन्य सेवा | |
| सर्विस ब्रांच | भारतीय सेना |
| पद | मेजर |
| सेवा वर्ष | 1997 से वर्तमान |
| रेजिमेंट्स | ग्रेनेडियर्स (18वीं बटालियन) |
| सर्विस संख्या | 2690572 |
| युद्ध/लड़ाई | 1999 कारगिल युद्ध (तोलोलिंग की लड़ाई और टाइगर हिल की लड़ाई) |
| पुरस्कार/उपलब्धियां | "परम वीर चक्र" |
| व्यक्तिगत जीवन | |
| जन्मतिथि | 10 मई 1980 (शनिवार) |
| आयु (2022 के अनुसार) | 42 वर्ष |
| जन्मस्थान | औरंगाबाद अहीर गांव, बुलंदशहर जिला, उत्तर प्रदेश |
| राशि | वृषभ (Taurus) |
| राष्ट्रीयता | भारतीय |
| गृहनगर | औरंगाबाद अहीर गांव, बुलंदशहर जिला, उत्तर प्रदेश |
| स्कूल/विद्यालय | उन्होंने अपने गांव औरंगाबाद अहिरो के एक सरकारी स्कूल से पढ़ाई की। |
| शैक्षिक योग्यता | कक्षा 10 पास [1]Tomorrow's India YouTube.com |
| धर्म | हिन्दू |
| प्रेम संबन्ध एवं अन्य जानकारियां | |
| वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
| विवाह तिथि | 5 मई 1999 (बुधवार) |
| परिवार | |
| पत्नी | रीना यादव |
| बच्चे | बेटा- 2 • प्रशांत • विशांति |
| माता/पिता | पिता- कर्ण सिंह यादव (सेवानिवृत्त भारतीय सेना अधिकारी) माता- संतरा देवी |
| भाई/बहन | भाई-3 • देवेंद्र सिंह यादव • रामबल सिंह यादव • जितेंद्र सिंह यादव (भारतीय सेना में इंजीनियर) |
मेरी मां कभी नहीं चाहती थीं कि मैं आर्मी में जाऊं। वास्तव में, मैं भी आगे पढ़ना चाहता था। लेकिन देश की हालत ऐसी है कि पढ़े-लिखे लोगों को भी नौकरी पाने के लिए बड़ी-बड़ी रिश्वत देनी पड़ती है। एक निम्न-मध्यम वर्गीय परिवार से आने के कारण, सेना ही एकमात्र रास्ता था।”
सन्दर्भ
| ↑1 | Tomorrow's India YouTube.com |
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