Nitish Kumar Biography in Hindi | नितीश कुमार जीवन परिचय
जीवन परिचय | |
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उपनाम | • मुन्ना [1]NDTV • सुशासन बाबू [2]The Times of India |
व्यवसाय | राजनेता, सामाजिक कार्यकर्त्ता, किसान, और इंजीनियर |
शारीरिक संरचना | |
लम्बाई | से० मी०- 173 मी०- 1.73 फीट इन्च- 5’ 8” |
आँखों का रंग | काला |
बालों का रंग | ग्रे |
राजनीतिक करियर | |
पार्टी/दल | जनता दल (संयुक्त) - जे डी यू |
राजनीतिक यात्रा | • 1971: राम मनोहर लोहिया की युवा शाखा, समाजवादी युवा जन सभा के सदस्य बने। • 1974: जेपी आंदोलन में शामिल होने पर उन्हें आंतरिक सुरक्षा अधिनियम के तहत गिरफ़्तार किया गया। • 1975: में आपातकाल के समय गिरफ़्तारी हुई। • 1985: में बिहार विधान सभा के सदस्य बने। • 1989: बिहार में जनता दल के महासचिव नियुक्त किए गए साथ ही पहली बार संसद सद्स्य के रूप में चुने गए। • 1990: में केन्द्रीय कृषि और सहयोग राज्य मंत्री बने। • 1999: में केन्द्रीय भूतल परिवहन मंत्री बने। • 2000: में वह केंद्रीय कृषि मंत्री बने। वह पहली बार केवल आठ दिन के लिए बिहार के मुख्यमंत्री बने, क्योंकि वह बहुमत साबित नहीं कर पाए। • 2001: में वह केंद्रीय रेल मंत्री बने। • 2005: उन्होंने भाजपा के समर्थन से दूसरी बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की। • 2010: तीसरी बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की। • 2014: भाजपा के साथ गठबंधन तोड़ने पर उनकी पार्टी को लोकसभा चुनावों में करारी हार का सामना करना पड़ा। जिसके कारण उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा देना पड़ा। • 2015: इसी वर्ष उन्हें बिहार के पांचवे मुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई गयी थी और वह गठबंधन सरकार थी, जिसे लोकप्रिय रूप से महागठबंधन कहा जाता था। जिसमें राष्ट्रीय जनता दल, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और जनता दल (संयुक्त ) पार्टियां शामिल थीं। • 2017: में उन्होंने महागठबंधन तोड़ दिया और 27 जुलाई 2017 को भाजपा के समर्थन से बिहार के छठे मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की। • 2022: बिहार में जारी सियासी संकट के बीच नितीश कुमार ने 9 अगस्त 2022 को बिहार में भाजपा के साथ अपना गठबंधन समाप्त कर दिया और राज्यपाल फागू चौहान को मुख्यमंत्री पद से अपना इस्तीफा सौंपने के बाद 160 विधायकों के समर्थन का प्रस्ताव पत्र प्रस्तुत करके बिहार में दोबारा से सरकार बनाने का दावा पेश किया। [3]ABP News • 2022 नीतीश कुमार ने (रजद) पार्टी से गठबंधन कर 10 अगस्त 2022 को आठवीं बार बिहार के सीएम पद की शपथ ली। [4]Dainik Jagran • 2024 28 जनवरी 2024 को नीतीश ने (रजद) से नाता तोड़ते हुए नवीं बार बिहार के मुख्यमत्री के रूप में शपथ ग्रहण किया। [5]Dainik Jagran |
पुरस्कार/उपलब्धियां | • 2017: बिहार में शराब पर पूर्ण प्रतिबंध लागू करने के लिए श्वेतांबर तेरापंथी महासभा (जैन संगठन) द्वारा अणुव्रत पुरस्कार • 2013: जेपी मेमोरियल अवार्ड, नागपुर का मानव मंदिर • 2012: फॉरेन पॉलिसी मैगजीन के शीर्ष 100 वैश्विक विचारकों में 77वां स्थान • 2011: एक्सएलआरआई, जमशेदपुर को औद्योगिक और सामाजिक शांति के लिए सर जहांगीर गांधी पदक • 2010: "एमएसएन इंडियन ऑफ द ईयर" • 2010: एनडीटीवी इंडियन ऑफ द ईयर - पॉलिटिक्स • 2010: फ़ोर्ब्स का "इंडियाज़ पर्सन ऑफ़ द ईयर" • 2010: सीएनएन-आईबीएन "इंडियन ऑफ द ईयर अवार्ड" - राजनीति • 2009: एनडीटीवी इंडियन ऑफ द ईयर - पॉलिटिक्स • 2009: इकोनॉमिक्स टाइम्स "बिजनेस रिफॉर्मर ऑफ द ईयर" • 2009: रोटरी इंटरनेशनल द्वारा पोलियो उन्मूलन चैम्पियनशिप पुरस्कार • 2008: सीएनएन-आईबीएन ग्रेट इंडियन ऑफ द ईयर - पॉलिटिक्स • 2007: सीएनएन-आईबीएन और हिंदुस्तान टाइम्स स्टेट ऑफ द नेशन पोल के अनुसार सर्वश्रेष्ठ मुख्यमंत्री |
व्यक्तिगत जीवन | |
जन्मतिथि | 1 मार्च 1951 (गुरुवार) |
आयु (2024 के अनुसार) | 73 वर्ष |
जन्मस्थान | बख्तियारपुर, बिहार, भारत |
राशि | मीन (Pisces) |
हस्ताक्षर | |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
गृहनगर | बख्तियारपुर, बिहार, भारत |
स्कूल/विद्यालय | • श्री गणेश हाई स्कूल, बख्तियारपुर,पटना • पटना साइंस कॉलेज,पटना |
महाविद्यालय/विश्वविद्यालय | बिहार कॉलेज ऑफ अभियांत्रिकी, पटना साइंस कॉलेज, भारत |
शैक्षिक योग्यता | स्नातक विद्युत अभियांत्रिकी (बीएससी इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग) (1972) [6]Hindustan Times |
धर्म | हिन्दू |
जाति | ओबीसी (कुर्मी) [7]The Print |
पता | 1 ऐनी मार्ग, पटना, बिहार (बिहार के मुख्यमंत्री) गांव - हकीकतपुर, पीओ - बख्तियारपुर, जिला - पटना, बिहार (स्थायी पता) |
आहार | शाकाहारी [8]The Quint |
शौक/अभिरुचि | पढ़ना और फ़िल्में देखना |
विवाद | • 2010 में उनके द्वारा उत्पादक मंत्री जमशेद अशरफ को बर्खास्त करने के बाद, अशरफ ने उन पर आरोप लगाया कि वह शराब पर करों की चोरी में शामिल हैं जिसके कारण 500 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है। [9]The Times of India • एनडीए द्वारा प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के नाम की घोषणा के बाद वर्ष 2014 आम चुनाव से पहले नितीश कुमार ने भाजपा के साथ अपना गठबंधन तोड़ दिया। [10]The Economic Times • वर्ष 2015 में, लालू प्रसाद और कांग्रेस के साथ गठबंधन से बिहार चुनाव में आलोचना में रहे। [11]The Hindu Businessline • बिहार चुनाव के दौरान एक तांत्रिक से मिलने की वीडियो वायरल होने पर भी वह विवादों में रहे। [12]The Hindu • बिहार के मुख्यमंत्री की नियुक्ति और बर्खास्तगी में जीतन राम मांझी ने नितीश कुमार पर विवादास्पद टिप्पणियां की थीं। [13]The Hindu • राजद और कांग्रेस के साथ गठबंधन तोड़ने पर उन्होंने 24 घंटे में बिहार में सरकार बनाई और भाजपा का समर्थन किया। [14]The Economic Times आईपीसी का संक्षिप्त विवरण • हत्या से संबंधित 1 आरोप (आईपीसी धारा-302) • हत्या के प्रयास से संबंधित 1 आरोप (आईपीसी धारा-307) • दंगे के लिए सज़ा से संबंधित 1 आरोप (आईपीसी धारा-147) • घातक हथियार से लैस होकर दंगा करने से संबंधित 1 आरोप (आईपीसी धारा-148) • सामान्य उद्देश्य के अभियोजन में किए गए अपराध के दोषी गैरकानूनी सभा के प्रत्येक सदस्य से संबंधित 1 आरोप (आईपीसी धारा-149) [15]MyNeta |
पसंदीदा चीजें | |
प्रेम संबन्ध एवं अन्य जानकारियां | |
वैवाहिक स्थिति | विदुर |
विवाह तिथि | 22 फरवरी 1973 (गुरुवार) |
परिवार | |
पत्नी | स्वर्गीय मंजू कुमारी सिन्हा (शिक्षक, 2007 में मृत्यु) |
बच्चे | बेटी - ज्ञात नहीं बेटा - निशांत कुमार (वह खुद को एक अराजनीतिक व्यक्ति मानते हैं और आध्यात्मिक जीवन जीना चाहते हैं) [16]The Telegraph |
माता/पिता | पिता - कविराज राम लखन सिंह (स्वतंत्रता सेनानी, आयुर्वेद) माता- परमेश्वरी देवी (गृहणी) |
भाई/बहन | भाई- सतीश कुमार (बड़े) बहन- 3 • उषा देवी (बड़ी) • इंदु देवी (छोटी) • प्रभा देवी (छोटी) |
पसंदीदा चीजें | |
राजनेता | जयप्रकाश नारायण |
अभिनेता | आमिर खान |
फ़िल्म | PK (पीके) (2014) |
धन संबंधित विवरण | |
कार | टाटा टियागो |
संपत्ति [17]MyNeta | चल संपत्ति • नकद: रु. 47,566 • बैंकों में जमा: रु. 65332 • मोटर वाहन: रु. 11,32,753 • आभूषण: रु. 51,700 • अन्य संपत्ति: रु. 362,675 अचल संपत्तियां • आवासीय भवन: रु. 40,00,000 |
कुल संपत्ति (2017 के अनुसार) | 56.6 लाख (भारतीय रुपए) [18]MyNeta |
नितीश कुमार से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियाँ
- नीतीश कुमार एक भारतीय राजनेता, सामाजिक कार्यकर्त्ता, किसान, और इंजीनियर हैं। वह 22 फरवरी 2015 से बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यरत हैं। वह 2005 से 2014 तक और 2000 में थोड़े समय के लिए भी इस पद कार्यरत रहे। वह समता पार्टी आंदोलन के संस्थापक सदस्य हैं। 28 जनवरी 2024 को उन्होंने 9वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लिया।
- उनके पिता कविराज रामलखन सिंह की रुचि शुरू से ही राजनीति में थी। वह एक स्वतंत्रता सेनानी के रूप में प्रसिद्ध थे और उन्होंने अनुराग नारायण सिन्हा के साथ मिलकर काम किया, जो गांधीवादी सिद्धांतों के प्रति काफी गहरी रूचि रखते थे। नीतीश की मां नेपाल की रहने वाली थीं।
- भारत को स्वतंत्रता मिलने से पहले, कविराज राम ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के साथ स्वेच्छा से काम किया और स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल हो गए। 1952 में, नीतीश कुमार के पिता विधान सभा के लिए चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन उन्हें मौका नहीं दिया गया। जिसके चलते 1957 में जब दोबारा वही हुआ तो वह जनता पार्टी में शामिल हो गए।
- राजनीतिक माहौल में पालन-पोषण होने के चलते नीतीश कुमार का झुकाव शुरू से ही राजनीति की ओर हो गया था। शुरुआत में कुछ समय के लिए उन्होंने बिहार राज्य विद्युत बोर्ड में इंजीनियरिंग की नौकरी की, जिसमें उन्हें सहज महसूस नहीं हुआ और बाद में वह राजनीति में शामिल हो गए।
- कुछ मीडिया सूत्रों के मुताबिक, नीतीश कुमार की शादी में उनके घरवालों की तरफ से 20 लाख रुपये का दहेज मांगा गया था। उनके पिता कविराज राम लखन सिंह को यह पैसा तब मिला जब वह शादी के लिए सहमत हो गए थे। जब यह बात नीतीश को पता चला तो वह परेशान हो गए और उन्होंने दहेज तुरंत वापस करने के लिए कहा। उसके बाद उनके परिवार ने दहेज वापस कर दिया। जिसके बाद नितीश ने कोर्ट मैरिज शादी किया। [19]NDTV
- वह 1974 से 1977 तक जेपी आंदोलन के कार्यकर्ता थे। उन्हें 1974 में आंतरिक सुरक्षा रखरखाव अधिनियम (एमआईएसए) के तहत हिरासत में लिया गया था। 1975 में आपातकाल के दौरान उन्हें फिर से हिरासत में लिया गया।
- वह युवावस्था से ही भारतीय राजनेताओं जयप्रकाश नारायण, राम मनोहर लोहिया, कर्पूरी ठाकुर, एसएन सिन्हा और वीपी सिंह से बेहद प्रभावित थे।
- उन्होंने सत्येन्द्र नारायण सिन्हा की अध्यक्षता वाली जनता पार्टी में सह कार्यकर्त्ता के रूप में कार्य किया है।
- भारतीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य के रूप में, नीतीश कुमार ने 1978 में विश्व युवा महोत्सव के लिए सिंगापुर, थाईलैंड, हवाना (क्यूबा) और मॉस्को (रूस) का दौरा किया। इसके बाद उन्होंने भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल (आईपीयू सम्मेलन) के सदस्य के रूप में ऑस्ट्रेलिया और फ्रांस की यात्रा की।
- वर्ष 1985 में वह पहली बार एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में बिहार विधान सभा के लिए चुने गए। प्रारंभ में, उन्होंने 1989 में बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में लालू प्रसाद यादव का समर्थन किया। हालांकि, कुमार ने पाला बदल लिया और 1996 में अपनी पहली लोकसभा सीट जीतने के बाद भाजपा का समर्थन करना शुरू कर दिया।
- वर्ष 1994 में जनता दल पार्टी को चुनौतियों का सामना करना पड़ा जब नीतीश कुमार और जॉर्ज फर्नांडीस ने समता पार्टी बनाने के लिए पार्टी छोड़ दी। हालाँकि, उन्हें कई बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ा, जब 1997 में लालू प्रसाद यादव ने राष्ट्रीय जनता दल बनाने का फैसला किया। राबड़ी देवी के सत्ता संभालने से पहले एक और विभाजन हुआ, जिससे जनता दल में केवल दो महत्वपूर्ण नेता यानी शरद यादव और राम विलास पासवान ही रह गए थे।
- 1998 के संसदीय चुनावों में जब राजद के गठन से समता पार्टी और जनता दल कमजोर हो गए, तो कुमार ने जनता दल (यूनाइटेड) बनाने के लिए दोनों पार्टियों का विलय कर दिया।
- 1998 से 2004 तक केंद्रीय रेल मंत्री के रूप में उनके काम की बहुत सराहना की गई। क्योंकि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान रेलवे की स्थिति में काफी सुधार किया था।
- रेल मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने फ्रांस, स्विट्जरलैंड और यूके का दौरा किया। कृषि मंत्री के रूप में, उन्होंने जापान के योकोहामा में एफएओ के क्षेत्रीय सम्मेलन में भाग लिया।
- 1999 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी और जेडीयू के गठबंधन के बाद राष्ट्रीय जनता दल को हार का सामना करना पड़ा। कांग्रेस के साथ लड़ने के बावजूद, चारा घोटाले में शामिल होने के कारण लालू प्रसाद यादव की राजद की छवि खराब हो गई, जिसके बाद कांग्रेस ने 2000 के विधानसभा चुनाव में अकेले लड़ने का फैसला किया।
- अगस्त 1999 में गैसल ट्रेन दुर्घटना के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया और दुर्घटना की जिम्मेदारी ली। रेल मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने 2002 में इंटरनेट टिकट बुकिंग की शुरुआत और कई टिकट बुकिंग काउंटर खोलने जैसे महत्वपूर्ण बदलाव किए। साथ ही उन्होंने तत्काल बुकिंग के लिए तत्काल योजना भी शुरू किया।
- मार्च 2000 में केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के समर्थन से नीतीश पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री बने। इस बीच उन्होंने दूसरी बार कृषि मंत्री का कार्यभार भी संभाला। 2001 से मई 2004 तक, उन्होंने एक बार फिर केंद्रीय रेल मंत्री के रूप में कार्य किया।
- 2004 के लोकसभा चुनावों में उन्होंने दो निर्वाचन क्षेत्रों से चुनाव लड़ा; नालंदा से जीत गए लेकिन बाढ़ सीट से उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
- नीतीश कुमार के अनुसार, जब वह बिहार के मुख्यमंत्री बने, तो उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिसमें संगठित आपराधिक गिरोहों और बड़े पैमाने पर अपहरण द्वारा चिह्नित खराब कानून व्यवस्था की स्थिति के साथ-साथ कुछ पिछड़े क्षेत्रों में वामपंथी उग्रवाद का लगातार खतरा भी शामिल था। इन मुद्दों को संबोधित करने के लिए नितीश कुमार ने बिहार में शस्त्र अधिनियम लागू किया और त्वरित सजा के लिए विशेष अदालतें स्थापित कीं।
- इसके बाद, कुमार ने बिहार में माओईस्ट विद्रोह से निपटने के लिए विशेष सहायक पुलिस (एसएपी) का गठन किया, जिसमें सेवानिवृत्त सेना अधिकारी और सैनिक अधिकारी शामिल थे। इस पहल ने न केवल बिहार के सेवानिवृत्त सैन्य कर्मियों के लिए आर्थिक अवसर प्रदान किए बल्कि कम बजट में बिहार पुलिस को पेशेवर रूप से प्रशिक्षित कमांडो से सुसज्जित किया।
- 2005 के बिहार विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के बाद नीतीश ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इसके बाद उन्होंने उच्च स्तरीय भ्रष्टाचार के मामलों की जांच के लिए बिहार में विशेष सतर्कता इकाई (एसवीयू) की शुरुआत की। उदाहरण के लिए वर्ष 2007 में पूर्व पुलिस महानिदेशक नारायण मिश्रा जैसे अधिकारियों का सफल अभियोजन किया गया। [20]The Hindustan Times
- इसके बाद, कुमार ने न्याय और स्पष्टता सुनिश्चित करने के लिए राज्य की पुलिस भर्ती प्रक्रिया में सुधार शुरू किया। उन्होंने लिखित परीक्षाओं में हस्तक्षेप एवं पक्षपात को रोकने के लिए “कार्बन कॉपी प्रणाली” जैसे उपाय लागू किये।
- 14 मई 2007 को निमोनिया से पीड़ित उनकी पत्नी मंजू कुमारी सिन्हा का नई दिल्ली में निधन हो गया। [21]The Hindustan Times
- बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान नीतीश कुमार ने बिहार के जेलों के नियमों में सुधार किया। जैसे- जेलों के अंदर से संचालित आपराधिक गतिविधियों को पकड़ने के लिए मोबाइल फोन जैमर स्थापित करना और भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी ‘अखिल भारतीय जेल सुधार’ कार्यक्रम को लागू करना शामिल है।
- वर्ष 2010 में नीतीश की पार्टी ने अपने समर्थक से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ मिलकर जीत हासिल की और उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में अपनी भूमिका दोबारा से शुरू किया।
- उनकी सरकार ने 2013 में बोधगया विस्फोटों के बाद एक ‘आतंकवाद विरोधी दस्ते’ की स्थापना की, जिससे कथित तौर पर बिहार में कानून और व्यवस्था की स्थिति में सुधार हुआ। इस बीच, कुमार ने राजनीतिक प्रतिनिधित्व और आरक्षण नीतियों के माध्यम से अत्यंत पिछड़ी जातियों (ईबीसी) को सशक्त बनाने पर भी अपना ध्यान केंद्रित किया।
- संकर्षण ठाकुर और अरुण सिन्हा द्वारा उनके जीवन पर दो जीवनियाँ लिखी गई हैं: “सिंगल मैन: द लाइफ एंड टाइम्स ऑफ़ नीतीश कुमार ऑफ़ बिहार” और “नीतीश कुमार एंड द राइज़ ऑफ़ बिहार”।
- उनके बेटे निशांत कुमार बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (बीआईटी), मेसरा से स्नातक किए हैं और कथित तौर पर निशांत नीतीश कुमार से 3 गुना अमीर हैं।
- नीतीश ने 2015 में थोड़े समय के लिए मुख्यमंत्री के रूप में चौथा कार्यकाल पूरा किया। 26 जुलाई 2017 को उन्होंने राजद और कांग्रेस के साथ गठबंधन तोड़ने के बाद बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के 24 घंटे बाद ही नीतीश ने बीजेपी और एनडीए के समर्थन से छठी बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
- 8 दिसंबर 2020 को राम विलास पासवान के निधन के बाद बिहार के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी बिहार के राज्यसभा सदस्य चुने गए । परिणामस्वरूप, नीतीश ने 16 अगस्त 2020 को बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया, लेकिन बाद में नए डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद और रेनू देवी के साथ मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
- 9 अगस्त 2022 को नीतीश ने बीजेपी के साथ अपना गठबंधन खत्म कर लिया। उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और एनडीए से अपना नाता तोड़ लिया। फिर वह एक नया गठबंधन बनाने के लिए महागठबंधन में दोबारा से शामिल हुए, जिसमें राजद, कांग्रेस, सीपीआई और अन्य पार्टी के दल शामिल थे। उन्होंने 10 अगस्त 2022 को आठवीं बार मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।
- वर्ष 2022 में भारत की स्वतंत्रता में उनके पिता के योगदान का सम्मान करने के लिए बिहार में उनके पिता कविराज राम लखन सिंह की प्रतिमा का अनावरण किया गया।
- 28 जनवरी 2024 को नीतीश ने फिर से बिहार के मुख्यमत्री पद से इस्तीफा दे दिया। राजद और कांग्रेस के साथ महागठबंधन को भंग करते हुए, वह भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन में फिर से शामिल हो गए और उसी दिन 24 वर्षों में नौवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री बने।
- उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान बिहार में आरटीआई अधिनियम का इलेक्ट्रॉनिक संस्करण “जानकारी योजना” पेश किया।
- मुख्यमंत्री बने रहने के लिए राजनीति में बार-बार गठबंधन बदलने के लिए नीतीश कुमार की काफी आलोचना होती है। इसी कारण लोग उन्हें पलटू राम भी कहते हैं, जिसका अर्थ है बार-बार पाला बदलने वाला। एक और बात जिसके लिए लोग उनकी आलोचना करते हैं, वह यह है कि उन्होंने अपने पूरे करियर में कभी किसी चुनाव में भाग नहीं लिया। [22]The Week
- उन्हें चूड़ा-दही खाना, रोजाना योग करना और सादा भोजन करना काफी पसंद है। पॉलिटिकल रैली के दिनों में वह घर की बनी रोटियाँ, सब्जियाँ, दही, अचार, चाय और भुंजा/पोहा चुनते हैं, जिसमें प्रति रात कुल पाँच से छह घंटे की नींद लेते हैं।
- वह शराब और नाशपत्ती से दूर रहते हैं। वह अपनी पार्टी में अपने कुशल व्यवहार और मृदुभाषी शैली के लिए जाने जाते हैं। [23] Nitish Kumar; Bridging Bihar
सन्दर्भ