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Swami Prasad Maurya Biography in Hindi | स्वामी प्रसाद मौर्य जीवन परिचय

Swami Prasad Maurya

जीवन परिचय
व्यवसाय • राजनेता
• वकील
• किसान
राजनीति
पार्टी/दल • समाजवादी पार्टी (2022-वर्तमान)
Samajwadi Party Flag
• भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) (2016-2022)
BJP Logo
• बहुजन समाज पार्टी (1996-2016)
Bahujan Samaj Party flag
राजनीतिक यात्रा• अक्टूबर 1996 से मार्च 2002 तक: उत्तर प्रदेश की 13वीं विधान सभा के सदस्य
• मार्च 1997 से अक्टूबर 1997 तक: उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री
• सितंबर 2001 से अक्टूबर 2001 तक: उत्तर प्रदेश विधान सभा में विपक्ष के नेता
• मार्च 2002 से मई 2007 तक: उत्तर प्रदेश की 14वीं विधान सभा के सदस्य
• मई 2002 से अगस्त 2003 तक: उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री
• मई 2002 से अगस्त 2003 तक: उत्तर प्रदेश विधान सभा में सदन के नेता
• अगस्त 2003 से सितंबर 2003 तक: उत्तर प्रदेश विधान सभा में विपक्ष के नेता
• मई 2007 से नवंबर 2009 तक: उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री
• नवंबर 2009 से मार्च 2012 तक: उत्तर प्रदेश सरकार की 15वीं विधान सभा के सदस्य
• नवंबर 2007 से मार्च 2012 तक: उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री
• मार्च 2012 में उत्तर प्रदेश की 16वीं विधान सभा के सदस्य
• मार्च 2012 से जून 2016 तक: उत्तर प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता
• मार्च 2017 में भारतीय जनता पार्टी की सरकार में उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री
शारीरिक संरचना
लम्बाई (लगभग)


से० मी०- 162
मी०- 1.62
फीट इन्च- 5’ 4”
आँखों का रंगकाला
बालों का रंग काला
व्यक्तिगत जीवन
जन्मतिथि 2 जनवरी 1954 (शनिवार)
आयु (2022 के अनुसार)68 वर्ष
जन्म स्थान चकवाड़, जिला प्रतापगढ़, उ.प्र., भारत
राशि मकर (Capricorn)
हस्ताक्षरSwami Prasad Maurya's signature
राष्ट्रीयता भारतीय
गृहनगर प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश
कॉलेज/विश्वविद्यालयइलाहाबाद विश्वविद्यालय
शैक्षिक योग्यता [1]Legislative Bodies of India• एम.ए.
• एल.एल.बी.
धर्म बौद्ध [2]Legislative Bodies of India
जातिअन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) [3]The Indian Express
पता 183 ऊंचाहार (उत्तर प्रदेश) निर्वाचन क्षेत्र क्रमांक 679 में भाग संख्या 302
प्रेम संबन्ध एवं अन्य जानकारियां
वैवाहिक स्थिति विवाहित
परिवार
पत्नीशिवा मौर्य
बच्चेबेटा- उत्कृष्ट मौर्य (राजनेता)
Swami Prasad Maurya's son Utkrisht Maurya
बेटी- संघमित्रा मौर्य (राजनेत्री)
Swami Prasad Maurya with his daughter
माता/पिता
पिता- बदलू ​​मौर्य
माता- जगन्नाथी मौर्य
भाई/बहनउनके तीन छोटे भाई और एक छोटी बहन है। [4]Legislative Bodies of India
धन/संपत्ति संबंधित विवरण
संपत्तिनकद: 60,000 रूपये

चल संपत्ति
बैंक में जमा राशि: 16,70,242 लाख रूपये
आभूषण: 1.50 ग्राम सोना 3,00,000 लाख रूपये

अचल संपत्ति
कृषि भूमि: 11,00,000 लाख रूपये
आवासीय भवन: 10,00,000 लाख रूपये
आवासीय भवन: रु. 35,00,000 लाख रूपये
कुल संपत्ति 1.27 करोड़ रूपये [5]MyNeta

Swami Prasad Maurya

स्वामी प्रसाद मौर्य से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियां

  • स्वामी प्रसाद मौर्य एक भारतीय राजनेता हैं जिन्होंने अपने राजनीतिक यात्रा की शुरुआत अक्टूबर 1996 में उत्तर प्रदेश की 13वीं विधान सभा के सदस्य के रूप में की। वह उत्तर प्रदेश विधान सभा दलमऊ और पडरौना निर्वाचन क्षेत्र से पांच बार सदस्य के रूप में चुने गए। जिसमें उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री, सदन के नेता और विपक्ष के नेता के पद पर कार्य किया। स्वामी प्रसाद मौर्य ने 19 मार्च 2017 से 11 जनवरी 2022 तक उत्तर प्रदेश सरकार में श्रम, रोजगार और समन्वय कैबिनेट मंत्री के रूप में कार्य किया।
  • वर्ष 1980 में स्वामी प्रसाद मौर्य को उत्तर प्रदेश इलाहाबाद से युवा लोकदल के संयोजक के रूप में चुना गया था।
  • वर्ष 1981 में उन्हें यूपी की राज्य कार्यकारी समिति के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया था।
  • वर्ष 1981 से 1989 तक उन्होंने उत्तर प्रदेश में लोकदल के महामन्त्री के रूप में कार्य किया। स्वामी प्रसाद मौर्य को 1991 में जनता दल के महासचिव के रूप में नियुक्त किया गया था। वर्ष 1996 में स्वामी प्रसाद मौर्य ने जनता दल का विरोध किया, और जल्द ही, पार्टी से इस्तीफा दे दिया।
  • 2 जनवरी 1996 को स्वामी प्रसाद मौर्य बहुजन समाज पार्टी में शामिल हो गए, जहां उन्हें बहुजन समाज पार्टी में उत्तर प्रदेश के महासचिव और राज्य उपाध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया।
  • वर्ष 1996 में स्वामी प्रसाद मौर्य को बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार के रूप में दलमऊ निर्वाचन क्षेत्र से विधान सभा के सदस्य के रूप में चुना गया था।
  • 27 मार्च 1997 से 19 अक्टूबर 1997 तक स्वामी प्रसाद मौर्य ने बहुजन समाज पार्टी में कैबिनेट मंत्री के रूप में कार्य किया जिसमें उन्हें खादी और ग्रामीण उद्योग विभाग दिया गया। 18 सितंबर 2001 को स्वामी प्रसाद मौर्य को विपक्ष के नेता के रूप में नामित किया गया और 17 अक्टूबर 2001 तक इस पद पर कार्यरत रहे।
  • इसके बाद वर्ष 2002 में स्वामी प्रसाद मौर्य को बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार के रूप में दलमऊ निर्वाचन क्षेत्र से विधान सभा के सदस्य के रूप में चुना गया था।
  • 30 अगस्त 2003 से 7 सितंबर 2003 तक उन्होंने विधान परिषद के नेता के रूप में कार्य किया और उन्हें कैबिनेट मंत्री के रूप में भी नियुक्त किया गया था। जिसमें उन्होंने खादी और ग्रामीण उद्योग विभाग संभाला। जब मायावती चौथी बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री बनीं थीं तब स्वामी प्रसाद मौर्य वर्ष 2007 के विधान सभा चुनाव में हार गए थे।
  • वर्ष 2007 में स्वामी प्रसाद मौर्य उत्तर प्रदेश के पडरौना निर्वाचन क्षेत्र से विधायक चुने गए। 29 जून 2007 को उन्हें राजस्व मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया। इसके आलावा उन्हें विधान परिषद के नेता के रूप में भी चुना गया।
  • स्वामी प्रसाद मौर्य को 17 मई 2007 से 30 मई 2009 तक सहकारिता मंत्री का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था।
  • 15 नवंबर 2009 को उन्हें कैबिनेट मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया और उन्हें पंचायती राज मंत्री और विधान परिषद के नेता का कार्यभार दिया गया और उन्होंने 15 मार्च 2012 तक इस पद पर कार्य किया।
  • 8 अप्रैल 2011 को उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार के डॉ अम्बेडकर ग्रामीण संपूर्ण विकास विभाग के अतिरिक्त पद के साथ भूमि विकास और जल संसाधन विभाग दिया गया था। स्वामी प्रसाद मौर्य को 2012 के विधान सभा चुनावों में पडरौना निर्वाचन क्षेत्र से विधान सभा सदस्य के रूप में चुना गया और 16 मार्च 2012 को उन्हें उत्तर प्रदेश विधान सभा में विपक्ष के नेता के रूप में नियुक्त किया गया।
  • 22 जून 2016 को स्वामी प्रसाद मौर्य ने यह कहते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया, कि पार्टी में “मनी फॉर टिकट” नामक एक सिंडिकेट चलाया जाता है। बाद में बसपा प्रमुख मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सभी आरोपों से इनकार किया। उसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में मायावती ने कहा कि पार्टी स्वामी प्रसाद मौर्य की आभारी है कि उन्होंने पार्टी को अपने आप छोड़ दिया अन्यथा पार्टी बसपा के भीतर उनकी वंशवादी राजनीति के कारण उन्हें निष्कासित करने वाली थी।
  • जुलाई 2016 में लखनऊ के रमाबाई अंबेडकर रैली ग्राउंड में मौर्य द्वारा लोकतांत्रिक बहुजन मंच की स्थापना की गई थी।
  • स्वामी प्रसाद मौर्य डॉ भीमराव आंबेडकर के अनुयायी हैं। उन्होंने 2016 में हिन्दू धर्म छोड़कर बौद्ध धर्म अपना लिया। [6]The Indian Express
  • मार्च 2017 में स्वामी प्रसाद मौर्य उत्तर प्रदेश के पडरौना (विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र) से विधायक चुने गए, और उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया और साथ ही उन्हें भारतीय जनता पार्टी की सरकार में श्रम और रोजगार कार्यालयों, शहरी रोजगार और गरीबी उन्मूलन का कार्यभार सौंपा गया। 21 अगस्त 2019 को योगी आदित्यनाथ मंत्रालय के पहले कैबिनेट विस्तार में उनके विभाग को श्रम, रोजगार, समन्वय मंत्री में बदल दिया गया था। Swami Prasad Maurya while joining BJP
  • वर्ष 2019 में स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघमित्रा मौर्य, उत्तर प्रदेश के बदायूं निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के टिकट पर लोकसभा के लिए चुनी गईं।
  • 11 जनवरी 2022 को स्वामी प्रसाद मौर्य ने भारतीय जनता पार्टी के शासन के दौरान उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया और समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी से इस्तीफे का कारण बताया। उन्होंने कहा कि उन्हें 2022 के चुनाव के लिए विधायक टिकट नहीं मिला, और उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा ने उत्तर प्रदेश में समाज के लगभग सभी वर्गों के साथ अन्याय किया है। मौर्य के साथ छह अन्य भाजपा विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। मौर्य के भाजपा से इस्तीफे के बाद समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने ट्विटर पर पोस्ट किया। अखिलेश ने पोस्ट किया,

    सामाजिक न्याय और समानता के लिए लड़ने वाले लोकप्रिय नेता स्वामी प्रसाद मौर्य जी और पार्टी के अन्य नेताओं और कार्यकर्ताओं का हार्दिक स्वागत और बधाई। सामाजिक न्याय के लिए क्रांति होगी, 2022 में बदलाव होगा।” Akhilesh Yadav’s tweet for Swami Prasad Maurya

  • भारतीय जनता पार्टी से इस्तीफा देने के बाद मौर्य ने एक मीडिया हाउस से बातचीत के दौरान कहा कि बीजेपी में भूचाल आ गया है। उन्होंने कहा कि वह समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए हैं। [7]NDTV उन्होंने कहा-

    मेरे इस कदम से भाजपा में भूचाल आ गया है। मैंने सिर्फ मंत्री पद छोड़ा है। मैं 14 जनवरी को समाजवादी पार्टी में शामिल हो जाऊंगा। मेरे पास किसी छोटे या बड़े राजनेता का फोन नहीं आया है।”

  • स्वामी प्रसाद मौर्य के भाजपा से इस्तीफे के बाद, उनके पुत्र उत्कृष्ट मौर्य ने एक मीडिया साक्षात्कार में कहा कि पिता का इस्तीफा उनका व्यक्तिगत निर्णय था और उन्होंने मेरे लिए और मेरी बहन के लिए कोई टिकट की मांग नहीं की। उन्होंने कहा-

    आज भी ऐसी कोई बात नहीं है कि मेरे पिता मुझे या मेरी बहन के लिए टिकट चाहते हैं। मेरे पिता और पार्टी तय करेंगे कि मुझे चुनाव लड़ना है या वह मुझे आगामी विधानसभा चुनावों के लिए एक पार्टी कार्यकर्ता के रूप में चाहते हैं।”

  • 12 जनवरी 2022 को स्वामी प्रसाद मौर्य को 2014 में दिए गए बयान से भारतीयों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए कानूनी वारंट जारी किया गया। उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार से उनके इस्तीफे के तुरंत बाद उनके खिलाफ वारंट जारी किया था। [8]NDTV 2014 में उन्होंने कहा था-

    विवाह में गौरी-गणेश की पूजा नहीं करनी चाहिए। यह मनुवादी व्यवस्था में दलितों और पिछड़ों को गुमराह करने और उन्हें गुलाम बनाने की साजिश है।”

  • 2022 उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव से पहले बीजेपी से इस्तीफा देने के बाद समाजवादी पार्टी का दामन थामने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य को उत्तर प्रदेश के फाजिलनगर विधान सभा सीट से बीजेपी के उम्मीदवार सुरेन्‍द्र कुशवाहा ने तक़रीब 45633 वोटों से हरा दिया। [9]Hindustan Times

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