Menu

Rani Rampal Biography in Hindi | रानी रामपाल जीवन परिचय

रानी रामपाल

जीवन परिचय
वास्तविक नाम रानी रामपाल
व्यवसाय भारतीय हॉकी खिलाड़ी
लोकप्रियता भारतीय हॉकी टीम की कप्तान
शारीरिक संरचना
लम्बाई (लगभग)से० मी०- 161
मी०- 1.61
फीट इन्च- 5' 3"
वजन/भार (लगभग)60 कि० ग्रा०
आँखों का रंग गहरा भूरा
बालों का रंग काला
हॉकी
अंतर्राष्ट्रीय शुरुआतवर्ष 2008
डोमेस्टिक/स्टेट टीमहरियाणा
कोच / संरक्षक (Mentor)अंतरराष्ट्रीय टीम के लिए कोच - हरेंद्र सिंह
पहला कोच और सलाहकार - बलदेव सिंह
पोजीशनफॉरवर्ड
रिकॉर्ड्स (मुख्य)• वर्ष 2010 में, 15 साल की उम्र में हॉकी विश्व कप में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली सबसे छोटा खिलाड़ी।
• मॉनचेनग्लाबैक में भारत बनाम इंग्लैंड मैच के दौरान उन्होंने भारतीय टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई। जिसके चलते उन्हें कांस्य पदक से सम्मानित किया गया।
पुरस्कार/सम्मान • वर्ष 2016 में, उन्हें भारत सरकार द्वारा अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
रानी रामपाल अर्जुन पुरस्कार ग्रहण करते हुए
• महिला विश्व कप (2010) में, उनका नाम एफआईएच यंग प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट के रूप में नामित किया गया और जिसके चलते वह एकमात्र भारतीय महिला खिलाड़ी बनी।
• वर्ष 2014 में, उन्हें फिक्की कमबैक ऑफ द ईयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
व्यक्तिगत जीवन
जन्मतिथि 4 दिसंबर 1994
आयु (वर्ष 2017 के अनुसार)23 वर्ष
जन्मस्थान शाहबाद, हरियाणा, भारत
राष्ट्रीयता भारतीय
गृहनगर शाहबाद, हरियाणा, भारत
राशि धनु
शैक्षणिक योग्यता पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी
धर्म हिन्दू
शौक/अभिरुचि संगीत सुनना, खरीदारी करना
प्रेम संबन्ध एवं अन्य मामलें
वैवाहिक स्थिति अविवाहित
बॉयफ्रेंड एवं अन्य मामले ज्ञात नहीं
परिवार
माता-पिता पिता - रामपाल (घोड़ागाड़ी चालक)
माता - नाम ज्ञात नहीं
रानी रामपाल के माता-पिता
भाई-बहन ज्ञात नहीं
पसंदीदा चीजें
पसंदीदा हॉकी खिलाड़ी धनराज पिल्लै
पसंदीदा खिलाड़ी साइना नेहवाल
पसंदीदा खेल बैडमिंटन और टेनिस

रानी रामपाल

रानी रामपाल से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियाँ

  •  रानी रामपाल का जन्म एक गरीब परिवार में हुआ था। उनके पिता घोड़ागाड़ी चलाते हैं और मां एक गृहणी हैं। रानी रामपाल अपने माता पिता के साथ
  •  हॉकी में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए भारत सरकार द्वारा उन्हें अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
  • वर्ष 2009 में, रूस में चैंपियन चैलेंज टूर्नामेंट में, उन्होंने फाइनल में चार गोल किए, जिससे भारत ने स्वर्ण पदक सुरक्षित किया। जिसके चलते उन्हें ‘सर्वश्रेष्ठ गोल स्कोरर’ और ‘यंग प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट’ का नाम दिया गया। रानी ने मार्च 2018 में कोरिया के खिलाफ अपना 200 वां मैच खेला। रानी रामपाल 200 वें मैच के दौरान
  • हॉकी में अपने सपने को पूरा करने के लिए उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, क्योंकि उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर थी।
  • वह वर्ष 2013 विश्व कप में जूनियर हॉकी टीम का हिस्सा भी थीं, जहां भारत ने कांस्य पदक जीता था। रानी रामपाल कांस्य पदक के साथ
  • रानी रामपाल 15 साल की उम्र में कनाडा में आयोजित विश्व कप 2010 खेलने वाली सबसे कम उम्र की खिलाड़ी थी, जहां उन्होंने सर्वाधिक 7 गोल किए थे।
  • उन्हें 2010 राष्ट्रमंडल खेल और 2010 के एशियाई खेलों के लिए भी चुना गया, जहां भारतीय टीम चौथे स्थान पर रही थी।
  • 14 साल की उम्र में वह भारतीय हॉकी टीम में शामिल हो गई थी, तब रानी को ओलंपिक के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। जब वह ओलंपिक के क्वालिफायर में हार गई, तब टीम के कुछ वरिष्ठ खिलाड़ी रोने लगे, लेकिन वह समझ नहीं पा रही थी कि सभी क्यों रो रहे हैं।
  • वर्तमान में वह भारत के खेल प्राधिकरण के लिए काम करती हैं, वह रेलवे में भी कार्य कर सकती थी, जहां उन्हें ₹12 हजार भुगतान किया जाता था।
  • उन्हें गोस्पोर्ट्स फाउंडेशन द्वारा समर्थन मिला और वित्तीय सहायता प्राप्त हुई, क्योंकि उनके माता-पिता हॉकी प्रशिक्षण का भुगतान करने में असमर्थ थे।
  • रानी ने एक छोटे से घर में अपना बचपन बिताया था। जिसके चलते वह अपने परिवार को एक बड़ा घर देना चाहती थी। परिणामस्वरूप उन्होंने अपनी मेहनत और लग्न से शाहबाद में स्वयं का एक घर खरीद लिया। रानी रामपाल का घर
  • आखिरकार वर्ष 2003 में, 9 साल की उम्र में, उन्होंने द्रोणाचार्य पुरस्कार प्राप्तकर्ता बलदेव सिंह की मदद से शाहबाद हॉकी अकादमी में प्रशिक्षण देना शुरू किया; जिसके बाद वह उन्हें कोच और सलाहकार के रूप में अपने जीवन में सबसे महत्वपूर्ण लोगों में से एक मानती हैं। रानी रामपाल अपने कोच के साथ

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *