Yashasvi Jaiswal Biography in Hindi | यशस्वी जायसवाल जीवन परिचय
जीवन परिचय | |
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पूरा नाम | यशस्वी भूपेन्द्र कुमार जयसवाल [1]ESPNcricinfo |
व्यवसाय | भारतीय क्रिकेटर (ऑलराउंडर) |
जाने जाते हैं | दोहरा शतक बनाने वाले दुनिया के सबसे युवा क्रिकेटर |
शारीरिक संरचना | |
लम्बाई (लगभग) | सेंटीमीटर में- 168 सेमी मीटर में- 1.68 मीटर फीट में इंच- 5' 6" |
आँखों का रंग | काला |
बालों का रंग | काला |
क्रिकेट | |
मौजूदा टीम | इंडिया |
अंतर्राष्ट्रीय डेब्यू | टी20- 8 अगस्त 2023 बनाम वेस्टइंडीज, प्रोविडेंस स्टेडियम टेस्ट- 12 जुलाई 2023 बनाम वेस्टइंडीज, विंडसर पार्क |
डोमेस्टिक/स्टेट टीम | मुंबई |
बोलिंग स्टाइल | लेगब्रेक |
बैटिंग स्टाइल | लेफ्ट हैंड बैटिंग |
कोच | ज्वाला सिंह |
रिकार्ड/उपलब्धियाँ | • 2018 में हैरिस शील्ड टूर्नामेंट में एक स्कूल क्रिकेट मैच के दौरान सर्वाधिक रन और विकेट लिया। • 2019 में एक मैच में दोहरा शतक बनाने वाले वर्ल्ड के सबसे कम उम्र के बल्लेबाज। • आईपीएल इतिहास में सबसे तेज अर्धशतक। 11 मई 2023 को कोलकाता में आईपीएल 2023 मैच में कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ राजस्थान रॉयल्स के लिए खेलते हुए, वह केएल राहुल और पैट कमिंस के संयुक्त रिकॉर्ड को तोड़ते हुए केवल 13 गेंदों में 50 रन के आंकड़े के पार किया। [2]NDTV • 12 जुलाई 2023 को वेस्टइंडीज के खिलाफ अपने टेस्ट डेब्यू पर, वह लाला अमरनाथ , गुंडप्पा विश्वनाथ , सौरव गांगुली , वीरेंद्र सहवाग , रोहित शर्मा और अन्य दिग्गज खिलाड़ियों के साथ शामिल होकर टेस्ट डेब्यू पर शतक बनाने वाले 17वें भारतीय बल्लेबाज बन गए। वह विदेशी मैदान पर टेस्ट डेब्यू में शतक बनाने वाले पहले भारतीय सलामी बल्लेबाज बने और कुल मिलाकर तीसरे - अन्य दो सलामी बल्लेबाज शिखर धवन और पृथ्वी शॉ हैं । 171 के स्कोर पर दोहरे शतक से सिर्फ 29 रन पीछे रहकर, जयसवाल स्टेट टीम से बाहर टेस्ट डेब्यू में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले भारतीय बल्लेबाज बन गए; उन्होंने लॉर्ड्स में इंग्लैंड के खिलाफ 131 रनों के सौरव गांगुली के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया। उन्होंने टेस्ट डेब्यू में किसी भारतीय द्वारा सर्वाधिक गेंदों का सामना करके (387) का रिकॉर्ड तोडा; उन्होंने मोहम्मद अज़हरुद्दीन के 322 गेंदों के रिकॉर्ड को भी पीछे छोड़ दिया। [3]Mid Day |
पुरस्कार/उपलब्धियां | जनवरी 2024 में उन्हें भारतीय क्रिकट टीम की तरफ से "नमन" पुरस्कार से सम्मानित किया गया। |
व्यक्तिगत जीवन | |
जन्मतिथि | 28 दिसंबर 2001 (शुक्रवार) |
आयु (2023 के अनुसार) | 22 वर्ष |
जन्मस्थान | सुरियावां, भदोही, उत्तर प्रदेश |
राशि | मकर (Capricorn) |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
गृहनगर | दादर, मुंबई |
स्कूल/विद्यालय | ज्ञात नहीं |
शैक्षिक योग्यता | ज्ञात नहीं |
धर्म | ज्ञात नहीं |
प्रेम संबन्ध एवं अन्य जानकारियां | |
वैवाहिक स्थिति | अविवाहित |
गर्लफ्रेंड | ज्ञात नहीं |
परिवार | |
पत्नी | लागू नहीं |
माता/पिता | पिता- भूपेन्द्र जयसवाल (एक छोटी हार्डवेयर दुकान के मालिक) माता- कंचन जयसवाल (गृहिणी) |
भाई/बहन | भाई- नाम ज्ञात नहीं बहन- नाम ज्ञात नहीं |
यशस्वी जायसवाल से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियां
- यशस्वी जयसवाल उत्तर प्रदेश के एक भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी हैं। वह तब सुर्खियों में आए जब वह लिस्ट ए दोहरा शतक बनाने वाले दुनिया के सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बने।
- वह एक गरीब परिवार से हैं। उनके पिता एक छोटी सी हार्डवेयर की दुकान चलाते थे और अपने परिवार का गुजारा करते थे।
- 11 साल की उम्र में यशस्वी ने भारतीय क्रिकेट टीम में खेलने के अपने सपने को पूरा करने के लिए मुंबई जाने का फैसला किया था।
- यशस्वी को बचपन से ही क्रिकेट में काफी रूचि थी। जिसके चलते वह बहुत कम उम्र में ही अपने सपनों को साकार और अपने घर की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए अपने चाचा के पास मुंबई चले गए। लेकिन चाचा का घर छोटा होने के चलते उन्हें एक डेयरी में काम करके रहने का मौका मिला। लेकिन वहां भी वह ज्यादा समय तक नहीं रह पाए, क्योंकि यशस्वी दिन में मैच का अभ्यास करके थक जाते थे। इस लिए डेयरी वाले के कामों में हाथ नहीं बटा पाते थे। जिसके चलते डेयरी वाले ने उन्हें वहां से निकल दिया।
- इसके बाद उनके चाचा ने उन्हें मुंबई के आज़ाद मैदान में मुस्लिम यूनाइटेड क्रिकेट क्लब में जगह दिलाने में मदद की।
- क्लब में प्रवेश के बाद ही उन्होंने नियमित क्रिकेट खेलना शुरू किया। वह मैदान में ही लगे तंबू में रहने लगे। घर वालों द्वारा भेजे गए पैसे से उनका गुजारा नहीं हो पा रहा तब उन्होंने अपना पेट भरने के लिए रामलीला मैदान में फल और पानी-पूरी बेचा करते थे। हालाँकि, अगस्त 2023 में एक साक्षात्कार में, जयसवाल के बचपन के कोच ज्वाला सिंह ने पानी-पूरी विक्रेता के रूप में जयसवाल की कहानी पर निराशा व्यक्त की। ज्वाला सिंह के मुताबिक, यशस्वी जयसवाल के पानी-पूरी बेचने के वायरल वीडियो में उनके बगल में खड़े शख्स को जयसवाल के पिता बताया गया, जो सच नहीं है। ज्वाला सिंह ने कहा,
तो दृश्यों के अनुसार, मीडिया का दावा है कि उनके बगल वाला व्यक्ति उनके पिता हैं, लेकिन जयसवाल के पिता 2013 से 2022 तक केवल कुछ ही बार काम के सिलसिले में मुंबई आए हैं। और इस अवधि के दौरान, जयसवाल मेरे और मेरे साथ रहे हैं परिवार। हमने उनके साथ कभी भी एक छात्र की तरह व्यवहार नहीं किया, बल्कि अपने बच्चे की तरह व्यवहार किया और सभी सुविधाएं दीं। इसलिए, पानी-पूरी बेचने की इन नकली कहानियों को देखकर मुझे निराशा होती है क्योंकि इसका केवल एक हिस्सा ही सच है। जब एक कोच और एक पिता तुल्य व्यक्ति के तौर पर इस तरह की कहानियां वायरल होती हैं तो दुख होता है।”
- वह अक्सर अपने दोस्तों के साथ क्रिकेट क्लब में लंच करने जाते थे और अपने दोस्तों से ही अपने खाने का खर्च वहन करने के लिए कहते थे।
- उनके जीवन में मोड़ तब आया जब वहां के एक लोकल कोच ज्वाला सिंह ने उन्हें नेट्स पर अभ्यास करते हुए देखा, ज्वाला सिंह ने कहा,
मैं बस नेट्स के पीछे खड़ा था और यह बल्लेबाजी करने के लिए एक मुश्किल विकेट था क्योंकि हर दूसरा खिलाड़ी संघर्ष कर रहा था, लेकिन जब यशस्वी अंदर आया, तो उसने गेंद को सफाई से मारना शुरू कर दिया। मैं प्रभावित हुआ और तुरंत उनसे बात की।”
- ज्वाला सिंह ने उन्हें अपने घर में रहने के लिए कहा और यशस्वी जल्द ही सिंह के घर चले गए, जिन्होंने उनकी देखभाल की, उन्हें सब कुछ प्रदान किया और हर दिन उन्हें प्रशिक्षित किया।
उन्होंने यशस्वी को प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए भी प्रोत्साहित किया।
- उन्होंने जल्द ही हैरिस शील्ड टूर्नामेंट में हिस्सा लिया, जो एक स्कूल टूर्नामेंट था। उन्होंने नाबाद 319 रन बनाए और 13/99 रन बनाए। यह किसी स्कूल टूर्नामेंट में अब तक का सर्वाधिक प्रदर्शन था। जिसके चलते उनका नाम किसी भी “स्कूल क्रिकेट मैच में सर्वाधिक रन और विकेट” लेने के लिए लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज हो गया।
- अपने लगातार अभ्यास से वह कुछ ही समय में 52 शतक लगाए और 200 से ज्यादा विकेट लिए।
- यशस्वी के माता-पिता ज्वाला सिंह को उनके अभिवावक के रूप में मानते थे और उन्हें यशस्वी से जुड़े सभी निर्णयों के लिए पूरी छूट दी।
- यशस्वी को जल्द ही मुंबई अंडर-16 टीम और अंततः भारत की अंडर-19 टीम में चुन लिया गया।
- वर्ष 2018 में होने वाले एशिया कप अंडर-19 में भाग लिया और 85 रनों के स्कोर के साथ मैच जीतने में मदद की। जिसके चलते उन्हें मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार दिया गया।
- भारत अंडर-19 में चुने जाने के बाद, उन्हें बैंगलोर में राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी भेजा गया। दिलचस्प बात यह है कि कैंप में उनके रूममेट सचिन तेंदुलकर के बेटे अर्जुन तेंदुलकर थे।
एनसीए कैंप खत्म होने के बाद यशस्वी ने अर्जुन से अपने पिता से मिलवाने का अनुरोध किया और उनका सपना सच हो गया। मुंबई में उनकी मुलाकात सचिन तेंदुलकर से हुई और उन्होंने यशस्वी को साइन किया हुआ बल्ला गिफ्ट किया।
- 16 अक्टूबर 2019 को उन्होंने विजय हजारे ट्रॉफी में झारखंड के खिलाफ मुंबई के लिए खेलते हुए दोहरा शतक बनाया। जिसके बाद उन्हें लिस्ट ए क्रिकेट में दोहरा शतक बनाने वाले सबसे कम उम्र के बल्लेबाज में सुमार किया गया।
- वह अपने फिटनेस को ध्यान में रखते हुए रोजाना जिम और योगा किया करते हैं।
- यशस्वी को जानवरों से काफी लगाव है और उनके पास एक पालतू कुत्ता भी है। जिसकी तस्वीरें अक्सर वह अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर करते रहते हैं।