Kalyan Singh Biography in hindi | कल्याण सिंह जीवन परिचय
जीवन परिचय | |
---|---|
व्यवसाय | भारतीय राजनेता |
राजनीति | |
राजनीतिक पार्टी | • भारतीय जनसंघ (1967-1980) • भारतीय जनता पार्टी (1980-20 जनवरी 2009) • राष्ट्रीय क्रांति पार्टी (1999) • समाजवादी पार्टी (2009-2010) • जन क्रांति पार्टी (2010-2013) |
राजनीतिक यात्रा | • वर्ष 1967 में, वह पहली बार उत्तर प्रदेश विधानसभा सदस्य के लिए चुने गए और वर्ष 1980 तक सदस्य रहे। • जून 1991 में, बीजेपी को विधानसभा चुनावों में जीत मिली और कल्याण सिंह पहली बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। • बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद, कल्याण सिंह ने 6 दिसंबर 1992 को राज्य के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। • वर्ष 1997 में, वह फिर से राज्य के मुख्यमंत्री बने और वर्ष 1999 तक पद पर बने रहे। • बीजेपी के साथ मतभेदों के कारण, कल्याण सिंह ने भाजपा छोड़ दी और 'राष्ट्रीय क्रांति पार्टी' का गठन किया। • वर्ष 2004 में, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के अनुरोध पर, वह भाजपा में वापस आ गए। • वर्ष 2004 के आम चुनावों में, वह बुलंदशहर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से सांसद नियुक्त किए गए। • वर्ष 2009 में, आम चुनावों में वह पुनः बीजेपी से अलग हो गए और एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में इटाह निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। • वर्ष 2009 में, वह समाजवादी पार्टी में शामिल हुए। • वर्ष 2013 में, वह पुनः भाजपा में शामिल हुए। • 4 सितंबर 2014 को, उन्होंने राजस्थान के गवर्नर के रूप में शपथ ग्रहण की। • 28 जनवरी 2015 से 12 अगस्त 2015 तक, उन्होंने हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल के रूप में कार्य किया। |
व्यक्तिगत जीवन | |
जन्मतिथि | 5 जनवरी 1932 |
आयु (वर्ष 2018 के अनुसार) | 86 वर्ष |
जन्मस्थान | गांव- माधोली, तहसील-अटरोली, जिला- अलीगढ़, संयुक्त प्रांत, ब्रिटिश भारत (अब, उत्तर प्रदेश, भारत) |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
गृहनगर | अलीगढ़, उत्तर प्रदेश, भारत |
राशि | मकर |
स्कूल | ज्ञात नहीं |
कॉलेज | धर्म समाज महाविद्यालय, अलीगढ़, उत्तर प्रदेश |
शैक्षणिक योग्यता | • बीए • एलएलबी |
धर्म | हिन्दू |
जाति | लोधी |
खाद्य आदत | शाकाहारी |
शौक/अभिरुचि | समाचार और कबड्डी देखना, संगीत सुनना, धार्मिक शास्त्र पढ़ना |
विवाद | • बाबरी मस्जिद विध्वंस से पहले, उन्होंने अपने सहयोगियों के साथ अयोध्या का दौरा किया और राम मंदिर बनाने की शपथ ग्रहण की। • बाबरी मस्जिद विध्वंस में संलिप्त होने पर उन्हें कोई खेद नहीं है। उनके अनुसार, बाबरी मस्जिद विध्वंस आवश्यक था। • फरवरी 1998 में, उनकी सरकार ने बाबरी मस्जिद विध्वंस में शामिल लोगों के खिलाफ सभी आरोप वापस ले लिए थे। • वर्ष 1999 और वर्ष 2009 में बीजेपी छोड़ने के लिए वह विवादों में रहे। |
प्रेम संबन्ध एवं अन्य जानकारी | |
वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
गर्लफ्रेंड | ज्ञात नहीं |
परिवार | |
पत्नी | रामवती देवी |
बच्चे | बेटा - राजवीर सिंह (राजनेता) बेटी - प्रभा देवी |
माता-पिता | पिता - तेजपाल सिंह लोधी माता - सीता देवी |
भाई-बहन | कोई नहीं |
धन संबंधित विवरण | |
पसंदीदा राजनेता | अटल बिहारी वाजपेयी |
पसंदीदा स्थल | सिंगापुर, थाईलैंड |
पसंदीदा खेल | कबड्डी, टेनिस |
धन संबंधित विवरण | |
घर/एस्टेट | 600 ग्राम सोने के आभूषण ₹18 लाख और 4 किलो चांदी ₹20,000, वर्ष 2002 मॉडल का एक मेस्सी ट्रैक्टर |
आय (लगभग) | ₹3.5 लाख प्रति माह + अन्य भत्ते |
कुल संपत्ति (लगभग) | ₹62 लाख (वर्ष 2014 के अनुसार) |
कल्याण सिंह से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियाँ
- क्या कल्याण सिंह धूम्रपान करते हैं ? ज्ञात नहीं
- क्या कल्याण सिंह शराब पीते हैं ? ज्ञात नहीं
- राजनीति में प्रवेश करने से पहले, वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के लिए पूर्णकालिक स्वयंसेवक थे।
- उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद, कल्याण सिंह ने शिक्षण का काम शुरू किया।
- वर्ष 1975 में राष्ट्रीय आपातकाल के दौरान, उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और वह 21 महीने तक जेल में रहे।
- जब बाबरी मस्जिद ध्वस्त कर दी गई थी, तब वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। जिसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को करसेवकों पर गोली चलाने की इजाजत नहीं दी थी। इस दुखद घटना की उन्होंने स्वयं नैतिक जिम्मेदारी ली थी।
- जब भी वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे, उन्होंने बोर्ड परीक्षाओं में नकल करना बंद करवा दी थी। वर्ष 1992 में, उनकी सरकार द्वारा एंटी-कॉपीिंग एक्ट 1992 को लागू किया गया।
- वर्ष 1997 में, जब बीजेपी सत्ता में आई, तब वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने और उनकी सरकार ने स्कूलों में भारत माता की प्राथना और वंदे मातरम को अनिवार्य कर दिया था।
- 21 फरवरी 1998 को, उन्हें मुख्यमंत्री के कार्यालय से निकाल दिया गया, जब नरेश अग्रवाल ने कल्याण सिंह की सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। राज्यपाल रोमेश भंडारी ने कल्याण सिंह की सरकार को खारिज कर दिया और जगद्ंबिका पाल को नई सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया। हालांकि, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सरकार के इस रूप की अनुमति नहीं दी और नरेश अग्रवाल को भाजपा में वापस लौटना पड़ा, कल्याण सिंह ने विधानसभा में अपना बहुमत साबित कर दिया और पुनः सरकार बनाई।
- उनका बेटा राजवीर सिंह भी एक राजनेता हैं और वर्ष 2014 के आम चुनावों में वह संसद सदस्य के रूप में चुने गए।
- योगी आदित्यनाथ सरकार में उनका पोता संदीप कुमार सिंह एक राजनेता और शिक्षा राज्य मंत्री है।