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Bhawna Jat Biography in Hindi | भावना जाट जीवन परिचय

Bhawna Jat

जीवन परिचय
व्यवसाय भारतीय रेसवॉकर
शारीरिक संरचना
लम्बाई (लगभग)से० मी०- 162
मी०- 1.62
फीट इन्च- 5’ 3”
आँखों का रंग भूरा
बालों का रंग काला
एथलेटिक्स
मौजूदा टीमइंडिया
कोच• गुरमुख सिहाग
Bhawna Jat with coach Gurmukh Sihag
• हरप्रीत सिंह
इवेंट20 किलोमीटर रेस वॉक
रिकॉर्ड2016 रियो ओलंपिक में खुशबीर कौर के बाद 20 किलोमीटर दौड़ में ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाली दूसरी भारतीय महिला एथलीट हैं।
व्यक्तिगत जीवन
जन्मतिथि 3 जनवरी 1996 (बुधवार)
आयु (2021 के अनुसार)25 वर्ष
जन्मस्थान राजसमंद जिला, राजस्थान, भारत
राशि मकर (Capricorn)
राष्ट्रीयता भारतीय
गृहनगर काबरा गांव, राजसमंद जिला, राजस्थान
शैक्षिक योग्यता स्नातक
प्रेम संबन्ध एवं अन्य जानकारियां
वैवाहिक स्थितिअविवाहित
बॉयफ्रेंडज्ञात नहीं
परिवार
पतिलागू नहीं
माता/पितापिता- शंकरलाल जाट (किसान)
माता- अनीता गोस्वामी (गृहिणी)
Bhawna Jat with her families
भाईभाई- 2
• राजू जाट (बड़ा)
• प्रकाश जाट (छोटा)

Bhawna Jat

भावना जाट से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियाँ

  • भावना जाट एक भारतीय महिला एथलीट हैं जो 20 किलोमीटर रेसवॉक में माहिर हैं। वह इस श्रेणी में टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय महिला एथलीट हैं।
  • रांची में आयोजित 2020 राष्ट्रीय रेस वॉकिंग चैंपियनशिप में भावना जाट ने 20 किलोमीटर की दूरी 1 घंटा 29 मिनट 54 सेकंड में पूरी कर पैदल चाल प्रतियोगिता में एक नया रिकॉर्ड बनाया। जो टोक्यो ओलंपिक 2020 के लिए क्वालिफिकेशन समय 1:31:00 के अंदर है। ऐसे में भावना जाट ने टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया।
  • 13 फरवरी 2021 से पहले भावना जाट इस श्रेणी की सबसे तेज भारतीय धावक थीं हालाँकि इस दिन प्रियंका गोस्वामी ने यह रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया।  Bhawna Jat at National Championship 2020 at Ranchi
  • वर्ष 2016 में उन्होंने हैदराबाद में आयोजित राष्ट्रीय अंतर-राज्य चैंपियनशिप से अपने करियर की शुरुआत की। जहां उन्होंने 1:52:38 पर अपनी दौड़ पूरी की। Bhawna during a race
  • उनके करियर की शुरुआत वर्ष 2010 में हुई जब उनके प्रशिक्षक श्री हीरालाल कुमावत ने उन्हें खेलों से परिचित कराया। प्रशिक्षक से उनकी मुलाकात तब हुई जब उनका ट्रेनर गांव के बच्चों को जिला स्तरीय एथलेटिक्स प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए ले जा रहा था। उसी रास्ते के बगल भावना अपनी गाय चरा रही थी तब उसने उन्हें अपने साथ चलने को कहा और वह मान गई। जब तक वे प्रतियोगिता में पहुंचे तब तक अधिकांश आयोजनों के लिए स्लॉट भर चुके थे। केवल एक स्लॉट 3 किलोमीटर पैदल दौड़ का बचा हुआ था। भावना उस स्लॉट में शामिल हो गईं।
  • भावना जाट अपने रेसवॉकर का अभ्यास सुबह-सुबह करती थी ताकि ग्रामीण उन्हें शॉर्ट पहने हुए न देख लें।
  • भावना जाट एक गरीब परिवार से आती हैं। जिसके चलते वह जूते नहीं खरीद सकती थी इसलिए उन्हें अपने पहले गेम में नंगे पैर चलना पड़ा था जहां वह दूसरे स्थान पर रही। इस रेस प्रतियोगिता से प्रेरित होकर भावना ने राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में प्रवेश लिया और चौथे स्थान पर रही।
  • वर्ष 2014 में पश्चिम क्षेत्र के जूनियर स्तर की प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक और अगले वर्ष रजत पदक जीतने के बाद उनका मनोबल और भी बढ़ गया।
  • 2014 और 2015 के बीच भावना जाट ने जोनल और राष्ट्रीय जूनियर स्तर की प्रतियोगिताओं में पदक जीता।
  • भावना जाट ने वर्ष 2016 में स्पोर्ट कोटे के माध्यम से रेलव विभाग में एक टिकट कलेक्टर के रूप में अपना पद हासिल किया।
  • वह अपनी नौकरी से छुट्टी चाहती थी लेकिन भारतीय रेलवे की शर्त थी कि सवैतनिक अवकाश तभी दिया जाएगा जब वह इंटर रेलवे प्रतियोगिता में खेलेगी। उनके अवकाश का मुख्य कारण यह था कि उन्हें अपने बड़े भाई के इलाज के लिए बैंक से 2 लाख रुपए लोन लेना था।
  • वर्ष 2017 में वह टाइफाइड के कारण अपने पहले इंटर रेलवे प्रतियोगिता में प्रतिभाग नहीं कर सकी। लेकिन 2018 में वह कांस्य पदक हासिल करने में सफल रही। यह पदक जितने के बाद उन्हें प्रशिक्षित होने के लिए एक साल का अवकाश मिल गया।
  • वर्ष 2019 में उन्होंने इंटर-रेलवे खिताब और नेशनल ओपन चैंपियनशिप ख़िताब अपने नाम किया।
  • वह दिन-ब-दिन रेस में अच्छा प्रदर्शन कर रही थी। रांची में नेशनल रेस वॉकिंग चैंपियनशिप 2020 में वह पहले किलोमीटर से ही आगे चल रही थी और दौड़ के दौरान तकनीकी रूप से सही थी। अंत में उन्होंने वह गेम जीत ही लिया और टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर लिया। Bhawna Jat after reaching the finish line and qualifying for the Tokyo Olympics 2020
  • इसके बाद भावना जाट ने SAI प्रशिक्षण केंद्र जयपुर, राजस्थान को ज्वाइन किया और कोच गुरुमुख सिहाग की देखरेख में प्रशिक्षण लेना शुरू किया।
  • जून 2021 तक उन्होंने जूनियर या सीनियर किसी भी स्तर के अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग नहीं लिया।
  • वर्ष 2011 से पहले वह ओलंपिक के बारे में जानती भी नहीं थी लेकिन अब वह इस मेगा इवेंट में भारत का प्रतिनिधित्व कर रही हैं।

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