Categories: खेल जगत

Achinta Sheuli Biography in Hindi | अचिंता शुली जीवन परिचय

अंचिता शुली से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियां अचिंता शुली एक भारतीय भारोत्तोलक हैं, जिन्हें 2022 राष्ट्रमंडल खेल में 73 किलोग्राम वर्ग की कैटेगरी में भारत के लिए स्वर्ण पदक जीतने के लिए जाना जाता है। उन्होंने इवेंट में 313 किलो वजन उठाकर अंतरराष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया। एक इंटरव्यू में उनकी मां ने कहा था कि जब वह बच्चे थे तो पढ़ाई के दौरान आलस्य दिखाते थे लेकिन परीक्षा में हमेशा अच्छा स्कोर लाते थे। 10 साल की उम्र में अपनी पतंग का पीछा करते हुए अचिंता अपने मोहल्ले के एक जिम में पहुंचे, जहां उन्होंने अपने भाई और अन्य भारोत्तोलकों को भारी वजन उठाते हुए देखा था। जिसके बाद वह उन्हें देखकर मोहित हो गए और भारोत्तोलन में अपनी रुचि विकसित किया। उनके भाई एक भारोत्तोलक बनना चाहता थे, इसलिए वह अस्तम दास द्वारा उनके घर के पास संचालित अस्थायी जिम में शामिल हो गए थे, और बाद में, अचिंता ने भी अपने भाई के नक्शेकदम पर चलते हुए जिम ज्वाइन किया। जिम एक ऐसे घर में स्थापित किया गया था जिसमें उचित सुविधाओं का अभाव था। वर्ष 2013 में उनके पिता का देहांत हो गया, जिसके बाद उनके भाई ने कॉलेज और भारोत्तोलन छोड़ दिया लेकिन यह सुनिश्चित किया कि अचिंता भारोत्तोलन खेल नहीं छोड़ेगा। उनके भाई ने जीविकोपार्जन के लिए अपनी माँ के साथ कशीदाकारी का काम करना शुरू किया। अचिंता ने भी उनके साथ काम किया और जिम में वेटलिफ्टिंग का अभ्यास जारी रखा। एक साक्षात्कार में उन्होंने अपने पिता की मृत्यु के बाद के समय के बारे…

जीवन परिचय
उपनाम [1]Facebook• बाबू
• अचि
व्यवसाय भारतीय वेटलिफ्टर
जाने जाते हैंवर्ष 2022 राष्ट्रमंडल खेल में 313 किलो भारोत्तोलन के साथ स्वर्ण पदक जीतने के लिए
शारीरिक संरचना
लम्बाई (लगभग)से० मी०- 168
मी०- 1.68
फीट इन्च- 5’ 6”
भार/वजन (लगभग)75 कि० ग्रा०
छाती42 इंच
कमर32 इंच
बाइसेप्स15 इंच
आँखों का रंग काला
बालों का रंग काला
वेटलिफ्टर
मौजूदा टीमइंडिया
इवेंट73 किग्रा
राष्ट्रीय कोच• अस्तम दास (राष्ट्रीय स्तर के पूर्व भारोत्तोलक)
• विजय शर्मा
पदक• वर्ष 2015 कॉमनवेल्थ यूथ चैंपियनशिप, एपिया, समोआ में सिल्वर मेडल
• वर्ष 2018 खेलो इंडिया यूथ गेम्स, दिल्ली में गोल्ड मेडल

• वर्ष 2019 कॉमनवेल्थ सीनियर और जूनियर चैंपियनशिप, एपिया, समोआ में गोल्ड मेडल

• वर्ष 2019 में दक्षिण एशियाई खेल, काठमांडू में गोल्ड मेडल

• वर्ष 2019 में एशियन यूथ चैंपियनशिप, गिफू, जापान में सिल्वर मेडल
• वर्ष 2021 में जूनियर विश्व भारोत्तोलन चैंपियनशिप, ताशकंद, उज्बेकिस्तान में रजत पदक

• वर्ष 2022 राष्ट्रमंडल खेल, बर्मिंघम, इंग्लैंड में गोल्ड मेडल
रिकॉर्ड• वर्ष 2019 में कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में उन्होंने क्लीन एंड जर्क श्रेणी में 173 किलोग्राम, स्नैच में 143 किलोग्राम भार और 316 किलोग्राम वजन उठाकर राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया।
• 2022 में उन्होंने स्नैच में 143 किलोग्राम और क्लीन एंड जर्क श्रेणी में 170 किलोग्राम भार उठाकर, राष्ट्रमंडल खेलों में 313 किलोग्राम वजन उठाकर एक नया रिकॉर्ड बनाया।
व्यक्तिगत जीवन
जन्मतिथि 24 नवंबर 2001 (शनिवार)
आयु (2022 के अनुसार)21 वर्ष
जन्मस्थान देउलपुर, पश्चिम बंगाल, भारत
राशि धनु (Sagittarius)
राष्ट्रीयता भारतीय
गृहनगर देउलपुर, पश्चिम बंगाल
स्कूल/विद्यालय• देउलपुर हाई स्कूल (H.S), देउलपुर, पश्चिम बंगाल
• सेना खेल संस्थान, पुणे
शौक/अभिरुचिफिल्में देखना और मोटरसाइकिल चलाना
प्रेम संबन्ध एवं अन्य जानकारियां
वैवाहिक स्थितिअविवाहित
परिवार
पत्नीलागू नहीं
माता/पितापिता- जगत शुली (मजदूर)

माता- पूर्णिमा शुली
भाई/बहनभाई- आलोक शुली (फायर ब्रिगेड में संविदा कर्मचारी)

अंचिता शुली से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियां

  • अचिंता शुली एक भारतीय भारोत्तोलक हैं, जिन्हें 2022 राष्ट्रमंडल खेल में 73 किलोग्राम वर्ग की कैटेगरी में भारत के लिए स्वर्ण पदक जीतने के लिए जाना जाता है। उन्होंने इवेंट में 313 किलो वजन उठाकर अंतरराष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया।
  • एक इंटरव्यू में उनकी मां ने कहा था कि जब वह बच्चे थे तो पढ़ाई के दौरान आलस्य दिखाते थे लेकिन परीक्षा में हमेशा अच्छा स्कोर लाते थे।
  • 10 साल की उम्र में अपनी पतंग का पीछा करते हुए अचिंता अपने मोहल्ले के एक जिम में पहुंचे, जहां उन्होंने अपने भाई और अन्य भारोत्तोलकों को भारी वजन उठाते हुए देखा था। जिसके बाद वह उन्हें देखकर मोहित हो गए और भारोत्तोलन में अपनी रुचि विकसित किया।
  • उनके भाई एक भारोत्तोलक बनना चाहता थे, इसलिए वह अस्तम दास द्वारा उनके घर के पास संचालित अस्थायी जिम में शामिल हो गए थे, और बाद में, अचिंता ने भी अपने भाई के नक्शेकदम पर चलते हुए जिम ज्वाइन किया। जिम एक ऐसे घर में स्थापित किया गया था जिसमें उचित सुविधाओं का अभाव था।
  • वर्ष 2013 में उनके पिता का देहांत हो गया, जिसके बाद उनके भाई ने कॉलेज और भारोत्तोलन छोड़ दिया लेकिन यह सुनिश्चित किया कि अचिंता भारोत्तोलन खेल नहीं छोड़ेगा। उनके भाई ने जीविकोपार्जन के लिए अपनी माँ के साथ कशीदाकारी का काम करना शुरू किया। अचिंता ने भी उनके साथ काम किया और जिम में वेटलिफ्टिंग का अभ्यास जारी रखा। एक साक्षात्कार में उन्होंने अपने पिता की मृत्यु के बाद के समय के बारे में बात की और कहा,

    मेरे पिता एक रिक्शा चालक थे। एक दिन उन्हें दौरा पड़ा और उनकी मृत्यु हो गई। मेरी माँ को पेट भरने के लिए सिलाई का कुछ काम करना पड़ा। मेरे बड़े भाई और मैं भी इसमें शामिल हो गए, क्योंकि हम तीनों को दिन में तीन बार भोजन करने के लिए काम करना पड़ता था। जाहिर है, मुझे भारोत्तोलक बनने के लिए आवश्यक प्रोटीन युक्त आहार नहीं मिल सका, लेकिन मैं वैसे भी प्रशिक्षण लेता था।”

  • एक साक्षात्कार में, उनके भाई ने कहा कि उनके पास अचिंता के पहले फोन को ठीक करने के लिए पैसे नहीं थे, जिसका इस्तेमाल उन्होंने फोन की स्क्रीन और टचपैड खराब होने के बाद भी किया था। उन्होंने यह भी कहा कि उनके पास उनके पिता का अंतिम संस्कार करने के लिए पैसे नहीं थे। उन्होंने आगे अपने संघर्षों के बारे में बात की और कहा,

    अचिंता और मैं खेतों में काम करते थे; हम ने फसल काटी और भार को अपने सिर पर ढोया। हमने 1 रुपये प्रति बैग के लिए धान लाया है। हमने इसे हमेशा पैसे के लिए भी नहीं किया। हमने एक सप्ताह के लिए एक खेत में शारीरिक श्रम किया, क्योंकि हमें एक दिन में एक अंडा और उसके अंत में एक किलो चिकन दिया जाता था।”

  • एक इंटरव्यू में अचिंता ने कहा कि उन्होंने अपनी उम्र के दूसरे बच्चों की तरह काम नहीं किया। उन्होंने अपनी दिनचर्या के बारे में बात की और कहा,

    मेरी दिनचर्या बहुत सरल थी। सुबह उठो, थोड़ा काम करो, ट्रेनिंग जाओ (सुबह उठो, कुछ कढ़ाई करो, फिर जाओ और ट्रेन करो) सुबह 10 बजे तक। फिर स्कूल जाओ, वापस आओ। फिर से ट्रेन करो, घर आओ, कुछ और कढ़ाई का काम करो, फिर सो जाओ।”

  • वर्ष 2019 में उन्हें रिलायंस फाउंडेशन यूथ स्पोर्ट्स (RFYS) द्वारा शुरू किए गए एथलीट छात्रवृत्ति कार्यक्रम में शामिल किया गया, जो उन्हें हर समय फिजियोथेरेपिस्ट और खेल विज्ञान विशेषज्ञ प्रदान किए।
  • एक साक्षात्कार में, उन्होंने 2022 राष्ट्रमंडल खेल में स्वर्ण पदक जीतने के बाद, स्वर्ण पदक अपने कोच और भाई को समर्पित किया और कहा,

    मैं बेहद खुश और सम्मानित हूं, मुझे जीवन में संघर्षों का उचित हिस्सा मिला है और आज यहां खड़ा होना और देश को गौरवान्वित करना एक ऐसी चीज है जिसका मैंने हमेशा सपना देखा है। यह पदक सिर्फ मेरा नहीं है, मैं इस सम्मान को अपने भाई, अपने परिवार और अपने कोच को समर्पित करना चाहता हूं। मैं अब ओलंपिक खेलों का इंतजार कर रहा हूं और मुझे उम्मीद है कि मैं अपने प्रदर्शन को दोहरा सकता हूं।”

  • वर्ष 2022 में राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने के बाद, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें एक ट्विटर पोस्ट के माध्यम से बधाई दी।

सन्दर्भ[+]

सन्दर्भ
1 Facebook

Recent Posts

Sukhvinder Singh Sukhu Biography in Hindi | सुखविंदर सिंह सुक्खू जीवन परिचय

सुखविंदर सिंह सुक्खू से जुडी कुछ रोचक जानकारियां सुखविंदर सिंह सुक्खू एक भारतीय वकील और राजनेता हैं। जिन्हें 2022 में…

2 months ago

Yashasvi Jaiswal Biography in Hindi | यशस्वी जायसवाल जीवन परिचय

यशस्वी जायसवाल से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियां यशस्वी जयसवाल उत्तर प्रदेश के एक भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी हैं। वह तब सुर्खियों…

2 months ago

Bhajan Lal Sharma Biography in Hindi | भजन लाल शर्मा जीवन परिचय

भजन लाल शर्मा से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियां भजन लाल शर्मा एक भारतीय राजनेता हैं। वह 15 दिसंबर 2023 को…

2 months ago

Mohammed Shami Biography in Hindi | मोहम्मद शमी जीवन परिचय

मोहम्मद शमी से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियां मोहम्मद शमी एक भारतीय तेज गेंदबाज क्रिकेटर हैं जो अपने बॉलिंग स्किल के…

2 months ago

Mohan Yadav Biography in Hindi | मोहन यादव जीवन परिचय

मोहन यादव से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियां मोहन यादव एक भारतीय राजेनता और भारतीय जनता पार्टी के सदस्य हैं। वह…

2 months ago

Shraddha Joshi Sharma (IRS) Biography In Hindi | श्रद्धा जोशी शर्मा जीवन परिचय

श्रद्धा जोशी शर्मा से जुडी कुछ रोचक जानकारियां श्रद्धा जोशी शर्मा 2007 बैच की एक भारतीय आईआरएस अधिकारी हैं। सिंघम…

2 months ago