Bipin Rawat Biography in Hindi | बिपिन रावत जीवन परिचय
| जीवन परिचय | |
|---|---|
| व्यवसाय | भारतीय सेना अधिकारी | 
| जाने जाते हैं | भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के तौर पर | 
| शारीरिक संरचना | |
| लम्बाई (लगभग) | से० मी०- 173 मी०- 1.73 फीट इन्च- 5' 8”  | 
| आँखों का रंग | भूरा | 
| सैन्य सेवा | |
| सर्विस ब्रांच | भारतीय सेना | 
| पद | फोर स्टार जनरल | 
| सेवा वर्ष | 16 दिसंबर 1978 से 8 दिसंबर 2021 तक (मृत्यु तक) | 
| रेजिमेंट्स | 5/11 गोरखा राइफल्स | 
| सर्विस संख्या | आईसी-35471M | 
| कमांड्स | • दक्षिणी कमान III कॉर्प्स • 19वीं इन्फैंट्री डिवीजन • मोनुस्को उत्तर किवु ब्रिगेड • राष्ट्रीय राइफल्स, सेक्टर 5  | 
| करियर रैंक | • सेकेंड लेफ्टिनेंट (16 दिसंबर 1978) • लेफ्टिनेंट (16 दिसंबर 1980) • कप्तान (31 जुलाई 1984) • मेजर (16 दिसंबर 1989) • लेफ्टिनेंट कर्नल (1 जून 1998) • कर्नल (1 अगस्त 2003) • ब्रिगेडियर (1 अक्टूबर 2007) • मेजर जनरल (20 अक्टूबर 2011) • लेफ्टिनेंट-जनरल (1 जून 2014 (मूल) • जनरल (1 जनवरी 2017)  | 
| पदनाम (प्रमुख वाले) | • 37वें थल सेनाध्यक्ष (1 सितंबर 2016 से 31 दिसंबर 2016 तक) • 27वें सेनाध्यक्ष (31 दिसंबर 2016 से 31 दिसंबर 2019 तक) • चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के 32वें अध्यक्ष (27 सितंबर 2019 से 31 दिसंबर 2019 तक) • प्रथम चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (31 दिसंबर 2019 से 8 दिसंबर 2021 तक) (मृत्यु तक)  | 
| पुरस्कार/उपलब्धियां | • परम विशिष्ट सेवा मेडल![]() • उत्तम युद्ध सेवा मेडल • अति विशिष्ट सेवा मेडल • युद्ध सेवा मेडल • सेना मेडल • विशिष्ट सेवा मेडल  | 
| व्यक्तिगत जीवन | |
| जन्मतिथि | 16 मार्च 1958 (रविवार) | 
| जन्मस्थान | साइना गांव, बिरमोली, लैंसडाउन, पौड़ी गढ़वाल, उत्तर प्रदेश, ( जो अब उत्तराखंड, भारत में है) [1]The Times of India | 
| मृत्यु तिथि | 8 दिसंबर 2021 (बुधवार) | 
| मृत्यु स्थल | कुन्नूर, तमिलनाडु | 
| दाह संस्कार दिनांक | 10 दिसंबर 2021 (शुक्रवार) | 
| दाह संस्कार स्थल | दिल्ली छावनी बरार स्क्वायर श्मशान घाट![]() नोट: जनरल रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत के शवों को एक ही चिता पर अगल-बगल रखा गया था।  | 
| आयु (मृत्यु के समय) | 63 वर्ष | 
| मृत्यु का कारण | उन्हें उनकी पत्नी और 11 अन्य लोगों को लेकर जा रहा भारतीय वायुसेना का एक हेलिकॉप्टर तमिलनाडु में कुन्नूर के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसके बाद उनकी मौत हो गई थी। [2]The Indian Express | 
| राशि | मीन (Pisces) | 
| हस्ताक्षर | ![]()  | 
| राष्ट्रीयता | भारतीय | 
| गृहनगर | लैंसडाउन, पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखंड, भारत [3]Aaj Tak | 
| स्कूल/विद्यालय | • कैम्ब्रियन हॉल स्कूल, देहरादून • सेंट एडवर्ड स्कूल, शिमला  | 
| कॉलेज/विश्वविद्यालय | • राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खडकवासला • भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून • रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज (डीएसएससी), वेलिंगटन • यूनाइटेड स्टेट्स आर्मी कमांड और जनरल स्टाफ कॉलेज, फोर्ट लीवेनवर्थ, कंसास • मद्रास विश्वविद्यालय • चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ  | 
| शैक्षिक योग्यता | • रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज (डीएसएससी), वेलिंगटन से एमफिल की डिग्री • मद्रास विश्वविद्यालय से प्रबंधन और कंप्यूटर अध्ययन में डिप्लोमा • वर्ष 2011 में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ से डॉक्टरेट ऑफ फिलॉसफी  | 
| धर्म | हिन्दू | 
| जाति | क्षत्रिय (राजपूत) [4]India.com | 
| शौक/अभिरुचि | फुटबॉल खेलना और पढ़ना | 
| विवाद | • वर्ष 2017 में कश्मीर में पथराव करने वालों के खिलाफ रावत की टिप्पणी ने हंगामा खड़ा कर दिया। उनकी टिप्पणी थी: “वास्तव में, मैं चाहता हूं कि ये लोग हम पर पत्थर फेंकने के बजाय हम पर हथियार चला रहे हों। तब मुझे खुशी होती। तब मैं वह कर सकता था जो मैं (करना चाहता था)।" [5]The Hindustan Times • रावत की भारतीय सेना के दिग्गजों ने उनके सुझाव के लिए उनकी आलोचना की कि सेवानिवृत्त सैनिकों को नियंत्रित करने वाली आचार संहिता होनी चाहिए। हालाँकि सेना मुख्यालय ने अपना सुझाव पेश किया था कि वह ऐसी किसी भी आचार संहिता का समर्थन नहीं करता। [6]The Hindustan Times • एक साक्षात्कार के दौरान जब उनसे युद्ध के दौरान भूमिकाओं में महिलाओं की भूमिका के बारे में पूछा गया तो उन्होंने एक विवादास्पद बयान दिया। उन्होंने कहा कि लड़ाकू भूमिका में महिलाएं कपड़े बदलते समय पुरुषों के तंबू में झाँकने की शिकायत कर सकती हैं। उन्होंने कहा, "वह कहेगी कि कोई झाँक रहा है, इसलिए हमें उसके चारों ओर एक चादर देनी होगी।" [7]The Hindustan Times • वर्ष 2017 में उग्रवाद विरोधी अभियानों में "निरंतर प्रयासों" के लिए मेजर लीतुल गोगोई को सेनाध्यक्ष के प्रशस्ति पत्र से सम्मानित करने के लिए उनकी आलोचना की गई थी। गोगोई ने 2017 में अपनी जीप के आगे एक कश्मीरी नागरिक को बांधने के लिए सुर्खियां बटोरी थी। जाहिर तौर पर यह कदम पत्थरबाजों को उनके काफिले को निशाना बनाने से रोकने के प्रयास में किया गया था। [8]The Hindustan Times • दिसंबर 2018 में विकलांगता पेंशन के संबंध में उनकी राय ने भी विवाद खड़ा कर दिया था। उन्होंने उन सैनिकों को चेतावनी दी जो खुद को 'विकलांग' बताते हैं और विकलांगता पेंशन के माध्यम से अतिरिक्त पैसा कमाना चाहते हैं। उन्होंने कहा, "अगर कोई सैनिक वास्तव में विकलांग है, तो हम उन पर विशेष ध्यान देंगे और उनकी पूरी मदद करेंगे, यहां तक कि आर्थिक रूप से भी। लेकिन जो खुद को झूठा 'विकलांग' बताते हैं और अपनी विकलांगता को पैसा कमाने का जरिया बना लेते हैं मैं आज उन्हें चेतावनी दे रहा हूं, कि बेहतर होगा कि आप अपने तरीके सुधार लें अन्यथा कुछ दिनों में आपको सेना मुख्यालय से विशेष निर्देश प्राप्त हो सकते हैं। जो आपके लिए अच्छी खबर नहीं होगी।" [9]The Hindustan Times • दिसंबर 2019 में उन्होंने भारत में नागरिकता विरोधी (संशोधन) अधिनियम के विरोध से संबंधित हिंसक विरोध प्रदर्शनों की सार्वजनिक रूप से निंदा करके एक विवाद को जन्म दिया यह कहते हुए कि नेतृत्व लोगों को आगजनी और हिंसा करने के लिए मार्गदर्शन करने के बारे में नहीं था। जनरल ने विपक्षी नेताओं और वरिष्ठ सेवानिवृत्त अधिकारियों की भी तीखी आलोचना की। [10]The Hindustan Times  | 
| प्रेम संबन्ध एवं अन्य जानकारियां | |
| वैवाहिक स्थिति (मृत्यु के समय) | विवाहित | 
| विवाह तिथि | 14 अप्रैल 1986 (सोमवार)![]() ![]()  | 
| परिवार | |
| पत्नी | मधुलिका रावत (सेना महिला कल्याण संघ की अध्यक्ष (आवा)![]() ![]()  | 
| बच्चे | बेटी- 2 • कृतिका रावत • तारिणी रावत ![]()  | 
| माता/पिता | पिता- लक्ष्मण सिंह रावत (सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल भारतीय सेना) माता- नाम ज्ञात नहीं  | 
| धन/संपत्ति संबंधित विवरण | |
| सैलरी/वेतन | चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के रूप में रु. 250,000/माह + अन्य भत्ते [11]7th Pay Commission of India | 
बिपिन रावत से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियाँ
- बिपिन रावत भारतीय सेना के फोर स्टार जनरल थे जो 31 दिसंबर 2019 को भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ चुने गए थे। 8 दिसंबर 2021 को एक हेलिकॉप्टर दुर्घटना में उनकी मृत्यु हो गई। 

 
- उनका जन्म उत्तराखंड के पौढ़ी गढ़वाल के एक राजपूत परिवार में हुआ था। उनके पिता लक्ष्मण सिंह रावत बतौर लेफ्टिनेंट जनरल भारतीय सेना में सेवा दे चुके हैं। बिपिन रावत अपने परिवार की तीसरी पीढ़ी से ताल्लुक रखते थे और तीन पीढ़ियों से उनका परिवार भारतीय सेना में सेवा देता आ रहा है। 

 
- बिपिन रावत के चाचा भरत सिंह रावत भारतीय सेना के एक सेवानिवृत्त हवलदार (गैर-कमीशन अधिकारी) हैं। उनके अन्य चाचा हरिनंदन ने भी भारतीय सेना में सेवा की है। 

 
- बिपिन रावत के चाचा भरत सिंह रावत उन्हें “बचपन से ही बहुत होशियार लड़का” बताते हैं। वह कहते हैं-
अपनी कड़ी मेहनत और ईमानदारी से ही बिपिन रावत यह मुकाम हासिल कर पाए हैं जहां वह थे। हमें पूरा यकीन था कि वह बड़ी सफलता हासिल करेगा और उसने हमें सही साबित किया है।”
 
- बिपिन अपने पुराने सहयोगी लेफ्टिनेंट कर्नल ओंकार सिंह दीकृत से इनपुट (जब वह सेवा चयन बोर्ड; एसएसबी के लिए उपस्थित हो रहे थे) लेते थे जो उन्हें उनके युवा दिनों से जानते थे और 2/11 गोरखा राइफल्स में उनके पिता से वरिष्ठ थे। [12]The Times of India
 
- बिपिन रावत ने अपनी स्कूली शिक्षा कैम्ब्रियन हॉल स्कूल, देहरादून और सेंट एडवर्ड स्कूल शिमला में की थी। 

 
- अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद वह राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खडकवासला और भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून में शामिल हो गए, जहाँ उन्हें ‘स्वॉर्ड ऑफ़ ऑनर’ से सम्मानित किया गया था।
 
- भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून से पास आउट होने के बाद उन्हें 16 दिसंबर 1978 को 11 गोरखा राइफल्स की 5वीं बटालियन में नियुक्त किया गया था।
 
- सेकंड लेफ्टिनेंट के रूप में भारतीय सेना में शामिल होने के तुरंत बाद रावत ने अपना सैन्य कौशल दिखाना शुरू किया और उच्च स्तरीय वाले युद्ध में काफी अनुभव प्राप्त किया। उन्होंने आतंकवाद विरोधी अभियानों का संचालन करते हुए भारतीय सेना में दस साल बिताए।
 
- एक मेजर के रूप में उन्होंने उरी, जम्मू और कश्मीर में एक कंपनी की कमान संभाली। कर्नल के रूप में उन्होंने किबिथू में वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ पूर्वी सेक्टर में 5वीं बटालियन 11 गोरखा राइफल्स की कमान संभाली।
 
- ब्रिगेडियर के पद पर पदोन्नत होने के बाद, उन्होंने सोपोर में राष्ट्रीय राइफल्स के 5 सेक्टर की कमान संभाली।
 
- कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (MONUSCO) में अध्याय VII मिशन में एक बहुराष्ट्रीय ब्रिगेड की कमान के लिए रावत को दो बार ‘फोर्स कमांडर कमेंडेशन’ से सम्मानित किया गया था।
 
- मेजर जनरल के रूप में उन्हें 19वीं इन्फैंट्री डिवीजन (उरी) के जनरल ऑफिसर कमांडिंग के रूप में पदभार संभालने का अवसर प्राप्त हुआ था।
 
- लेफ्टिनेंट जनरल के रूप में रावत ने पुणे में दक्षिणी सेना का कमान संभालने से पहले दीमापुर में मुख्यालय वाली III कोर की कमान संभाली थी।
 
- 37 वर्षों के उनके करियर के दौरान उनकी विशिष्ट सेवा के लिए उन्हें परम विशिष्ट सेवा पदक सहित विभिन्न वीरता पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था।
 
- 1 जनवरी 2016 को बिपिन रावत को सेना कमांडर ग्रेड के रूप में नियुक्त किया गया था और इसके आलावा उन्होंने दक्षिणी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (जीओसी-इन-सी) के रूप में भी पद ग्रहण किया था और एक छोटे से कार्यकाल के बाद उन्होंने 1 सितंबर 2016 को वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ का पद ग्रहण किया।
 
- 17 दिसंबर 2016 को भारत सरकार ने बिपिन रावत को 27वें सेनाध्यक्ष के रूप में दो वरिष्ठ- लेफ्टिनेंट जनरलों प्रवीण बख्शी और पी एम हारिज के स्थान पर नियुक्त किया था। इसके साथ ही वह फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ और जनरल दलबीर सिंह सुहाग के बाद गोरखा ब्रिगेड से थल सेनाध्यक्ष बनने वाले तीसरे अधिकारी बने थे। 

 
- बिपिन रावत की बटालियन को 1987 के दौरान सुमदोरोंग चू घाटी में चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के खिलाफ हुए मुठभेड़ में तैनात किया गया था।
 
- फरवरी 2019 में रावत ने एयरो इंडिया 2019 बेंगलुरु में स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस में एक उड़ान भरी थी। [13]The Indian Express 

 
- बिपिन रावत अपने गृहनगर के बहुत करीब थे और वह अक्सर अपने व्यस्त जीवन के दौरान भी अपने पैतृक गांव का दौरा करते थे। 

 
- लैंसडाउन के पास अपने पैतृक गांव साइना बिरमोली की ऐसी ही एक यात्रा पर उन्होंने गाँव में एक घर बनाने की इच्छा जताई थी। 

 
- 8 दिसंबर 2021 को सीडीएस बिपिन रावत और 9 अन्य यात्रियों को ले जाने वाला 4 सदस्यों के चालक दल के साथ IAF Mi 17 V5 हेलीकॉप्टर तमिलनाडु में कुन्नूर के पास में दुर्घटनाग्रस्त हो गया , जिसमें CDS बिपिन रावत और उनकी पत्नी 11 अन्य की मौत हो गई। भारतीय वायुसेना के मुताबिक बिपिन रावत वेलिंगटन (नीलगिरी हिल्स) स्टाफ कोर्स के संकाय और छात्र अधिकारियों को संबोधित करने के लिए डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज के दौरे पर थे। उसी दिन भारतीय वायुसेना की सरकारी ट्वीट के जरिए हेलीकॉप्टर में सवार 13 लोगों की मौत की पुष्टि की। उसमे से चौदहवां व्यक्ति कैप्टन वरुण सिंह उस समय बच गए। लेकिन एक सप्ताह बाद इलाज के दौरान 15 दिसंबर 2021 को उनकी भी मृत्यु हो गई। 

 





















