Praveen Kumar Biography in Hindi | प्रवीण कुमार जीवन परिचय
प्रवीण कुमार से जुड़ी कुछ रोचक जानकरियाँ
- प्रवीण कुमार एक भारतीय पैरालंपिक हाई जम्पर हैं जो 2020 टोक्यो पैरालंपिक में रजत पदक जीतने के बाद पैरालंपिक में पदक जीतने वाले सबसे कम उम्र के भारतीय बने।
- प्रवीण कुमार की माँ बताती हैं कि प्रवीण कुमार के जन्म के एक-दो माह बाद उनके पैर की मांशपेशियों में पोलियो जैसी समस्या आने लगी थी।
- जब प्रवीण कुमार को पैरालंपिक स्पोर्ट्स इवेंट के बारे में जानकारी मिली, तो उन्होंने पैरालंपिक में अपना करियर बनाने का फैसला किया। खेल के शुरुआती दिनों के बारे में बात करते हुए, प्रवीण ने Google का उपयोग करने का उल्लेख किया। उन्होंने कहा-
मैं गूगल पर ऊंची कूद के वीडियो देखता और उससे सीखने की कोशिश करता। मुझे सिखाने वाला कोई नहीं था। बाद में जिला स्तरीय बैठक के दौरान मुझे कोच डॉ सत्यपाल के बारे में बताया गया और उनसे मुलाकात की और वह मुझे प्रशिक्षित करने के लिए तैयार हो गए।”
- प्रवीण कुमार ने भारतीय पैरा-एथलीट कोच सत्यपाल सिंह से ऊंची कूद में पेशेवर रूप से प्रशिक्षण प्राप्त किया। सरकार द्वारा कम फण्ड मिलने के बावजूद भी सत्यपाल सिंह अपनी जिम्मेदारी से कभी पीछे नहीं हटे बल्कि वह अपनी मेहनत की कमाई से पैरा एथलीट छात्रों की मदद करते रहे।
- 9वीं क्लास के बाद प्रवीण कुमार ने स्कूल की ओर से ऊंची कूद और लंबी कूद दोनों स्पर्धाओं में भाग लेना शुरू कर दिया था।
- ऊंची कूद अभ्यास के शुरुआती दिनों में प्रवीण कुमार यमुना नदी के किनारे रेत में गड्ढे बनाकर ऊंची कूद का अभ्यास करते थे।
- स्कूल की तरफ से सीबीएसई जिला स्तर, प्रदेश स्तर और सीबीएसई नेशनल स्तर प्रतियोगिताओं में भाग लेते समय प्रवीण कुमार ने ऊंची कूद में स्वर्ण पदक जीता।
- वर्ष 2021 में प्रवीण कुमार ने दुबई में आयोजित वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स FAZZA ग्रैंड प्रिक्स में भाग लिया और इस प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता, साथ ही उन्होंने फाइनल इवेंट में एशियाई रिकॉर्ड बनाया।
- प्रवीण कुमार ने 2020 टोक्यो पैरालंपिक खेलों में 2.07 मीटर की छलांग के साथ एक नया एशियाई रिकॉर्ड स्थापित करते हुए रजत पदक जीतकर पैरालंपिक की शुरुआत की।
- 2020 टोक्यो पैरालंपिक की तैयारी के दौरान प्रवीण कुमार कोविड-19 संक्रमण का शिकार हो गए थे। [1]Amar Ujala जिसके बाद उनके कोच सतपाल सिंह ने उन्हें घर जाने की सलाह दी। 21 दिनों तक घर में क्वारंटीन रहने के बाद भी प्रवीण कुमार ने ऊंची कूद का अभ्यास जारी रखा और कोविड-19 संक्रमण को मात देते हुए टोक्यो पैरालंपिक में रजत पदक जीता।
- 2020 टोक्यो पैरालंपिक स्पर्धा में भाग लेने से पहले प्रवीण कुमार ने माता-पिता के अलावा कोच सतपाल सिंह से फोन पर बात कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। प्रवीण कुमार अपने पैरालंपिक जीत का पूरा-पूरा श्रेय अपने माता-पिता और कोच सतपाल सिंह को देते हैं।
सन्दर्भ
↑1 | Amar Ujala |
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