Priyanka Goswami Biography in Hindi | प्रियंका गोस्वामी जीवन परिचय
जीवन परिचय | |
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व्यवसाय | भारतीय रेसवॉकर |
शारीरिक संरचना | |
लम्बाई (लगभग) | से० मी०- 164 मी०- 1.64 फीट इन्च- 5’ 4” |
आँखों का रंग | भूरा |
बालों का रंग | काला |
एथलेटिक्स | |
टर्न प्रो | वर्ष 2021 में उन्होंने रांची के 8वीं ओपन नेशनल और इंटरनेशनल रेस वॉकिंग चैंपियनशिप में जीत हासिल की। |
कोच | • गौरव त्यागी • गुरमीत सिंह |
इवेंट | 20 किलोमीटर रेस वॉक |
रिकॉर्ड | भारतीय श्रेणी में सबसे तेज |
पुरस्कार, सम्मान, उपलब्धि | 24 जनवरी 2021 को उन्हें यूपी सरकार द्वारा "रानी लक्ष्मी बाई पुरस्कार" से सम्मानित किया गया। |
व्यक्तिगत जीवन | |
जन्मतिथि | 3 फरवरी 1996 (शनिवार) |
आयु (2021 के अनुसार) | 25 वर्ष |
जन्मस्थान | सागड़ी गांव, मुजफ्फरनगर, उत्तर प्रदेश |
राशि | मीन (Pisces) |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
गृहनगर | सागड़ी गांव, मुजफ्फरनगर, उत्तर प्रदेश |
स्कूल/विद्यालय | कनोहर लाल गर्ल्स स्कूल |
कॉलेज/महाविद्यालय/विश्वविद्यालय | बी के माहेश्वरी इंटर कॉलेज, मेरठ |
शैक्षिक योग्यता | कला में स्नातक [1]Rediff.com |
धर्म | हिन्दू [2]Instagram |
आहार | शाकाहारी [3]Rediff.com |
प्रेम संबन्ध एवं अन्य जानकारियां | |
वैवाहिक स्थिति | अविवाहित |
बॉयफ्रेंड | ज्ञात नहीं |
परिवार | |
पति | लागू नहीं |
माता/पिता | पिता- मदनपाल गोस्वामी (बस कंडक्टर) माता- अनीता गोस्वामी (गृहिणी) |
भाई | भाई- कपिल गोस्वामी |
धन/संपत्ति संबंधित विवरण | |
बाइक संग्रह | एक्टिवा बाइक |
प्रियंका गोस्वामी से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियाँ
- प्रियंका गोस्वामी एक भारतीय रेसवॉकर हैं जो 20 किलोमीटर की दौड़ में माहिर हैं। उन्होंने भावना जाट को एक मिनट नौ सेकंड से पीछे कर 1:28.45 में दौड़ पूरी करने का राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया।
- प्रियंका गोस्वामी का जन्म मुजफ्फरनगर के एक गरीब परिवार में हुआ था। उनके पिता मदनपाल गोस्वामी उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग में एक कंडेक्टर थे। वर्ष 2006 में उनके पिता परिवार के साथ मेरठ शिफ्ट हो गए थे। 2010 में परिवहन विभाग के अधिकारियों ने आपस में मिलीभगत कर उनके खिलाफ एक एफआईआर दर्ज करा दी और नौकरी से निलंबित कर दिया। तब मदनपाल ने परिवार का खर्च चलाने और बच्चों की पढाई के लिए किराये पर टैक्सी चलाना शुरू किया और प्रियंका का दाखिला कनोहरलाल गर्ल्स स्कूल में करवाया। उनके पिता बताते हैं कि प्रियंका अपने पढ़ाई के दौरान एक समय का खाना खुद बनाती थी तो एक समय का खाना गुरुद्वारा के लंगर में खाती थी। उनका छोटा भाई कपिल गोस्वामी राज्यस्तरीय मुक्केबाज था लेकिन घर की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण कपिल पटियाला छोड़कर मेरठ वापस चला गया और वहां एक छोटी-मोटी कंपनी में काम करने लगा।
- उनके पिता मदनपाल गोस्वामी ने प्रियंका को स्कूल और स्टेडियम जाने के लिए घर का कुछ हिस्सा बेचकर स्कूटी दिलाई थी।
- वर्ष 2007 में उन्होंने जिमनास्टिक में भाग लेना शुरू कर दिया था। उनके माता-पिता और शिक्षकों ने उनका काफी सपोर्ट किया।
- जिमनास्टिक की ट्रेनिंग के लिए प्रियंका को राज्य सरकार द्वारा संचालित छात्रावास लखनऊ भेजा जा रहा था लेकिन उन्होंने मेरठ के ही स्टेडियम में प्रशिक्षण प्राप्त करने का फैसला लिया। कुछ समय तक जिमनास्टिक की ट्रेनिंग लेने के बाद जिमनास्टिक से उनकी रूचि खत्म हो गई और उन्होंने मेरठ छात्रावास छोड़ दिया।
- उन्होंने खेलों से 3-4 साल का ब्रेक लिया। हालांकि उन्होंने अपना साहस संभाला और स्टेडियम में दोबारा से लौटने का फैसला किया। लगातार दो महीने तक कोच से कठोर शारीरिक प्रशिक्षण प्राप्त किया।
- पटियाला से ग्रेजुएशन करने के बाद प्रियंका गोस्वामी को बेंगलूरू साईं सेंटर में निःशुल्क प्रशिक्षण मिलना शुरू हुआ।
- प्रियंका गोस्वामी ने रेस के शुरुआती दिनों में 800 और 1500 मीटर रेस प्रतियोगिता में भाग लिया लेकिन इन प्रतियोगिताओं में सफल नहीं हुई। जिसके बाद उन्होंने वर्ष 2011 में जिला स्तर के रेस प्रतियोगिता में भाग लिया और तीसरा स्थान प्राप्त किया। इस प्रतियोगिता में तीसरा स्थान प्राप्त करने पर उन्हें इनाम स्वरुप स्कूल बैग भेंट किया गया।
- वर्ष 2011 में पहला पदक हासिल करने के बाद प्रियंका ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और एक के बाद एक रेस प्रतियोगिताओं में भाग लिया।
- वर्ष 2015 में उन्होंने तिरुअनंतपुरुम में आयोजित नेशनल चैंपियनशिप रेस प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीता।
- वर्ष 2017 में दिल्ली में आयोजित नेशनल रेस वॉकिंग चैंपियनशिप में करतब दिखाते हुए गोल्ड मेडल अपने नाम किया।
- प्रियंका गोस्वामी ने वर्ष 2018 में स्पोर्ट कोटा के माध्यम से रेलवे विभाग में क्लर्क का पद हासिल किया।
- 13 फरवरी 2021 को उन्होंने रांची में 8वीं ओपन नेशनल और इंटरनेशनल रेस वॉकिंग चैंपियनशिप में राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया।
- नेशनल और इंटरनेशनल दौड़ जीतने के बाद उन्होंने टोक्यो ओलंपिक 2020 और अमेरिका के ओरेगन में होने वाले विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप के लिए क्वालीफाई किया। जीत से खुश होकर प्रियंका ने कहा-
मेरे पास अभी आराम करने का समय नहीं है और न ही जश्न मानाने का मुझे ओलंपिक के लिए प्रशिक्षण करने वापस जाना होगा”
- प्रियंका गोस्वामी ने जूनियर, सीनियर और नेशनल लेवल पर अबतक 60 मेडल भारत के नाम किया। जिसमें से दो रजत पदक राष्ट्रीय स्तर पर और एक स्वर्ण पदक अखिल भारतीय रेलवे प्रतियोगिता स्तर पर प्राप्त किया है। इसके अलावा उन्होंने इटली में आयोजित वर्ल्ड वॉक चैंपियनशिप और जापान में आयोजित एशियन वॉक चैंपियनशिप में भी भाग लिया।
सन्दर्भ
↑1, ↑3 | Rediff.com |
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↑2 |