Rajiv Dixit Biography in Hindi | राजीव दीक्षित जीवन परिचय
राजीव दीक्षित से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियाँ
- क्या राजीव दीक्षित धूम्रपान करते थे ?: नहीं
- क्या राजीव दीक्षित शराब पीते थे ?: नहीं
- जब वह स्कूल में पढ़ते थे, तब वह कक्षा में अपने शिक्षकों से बहुत सारे प्रश्न पूछते थे।
- राजीव दीक्षित के दादा एक स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्होंने कई स्वतंत्रता आंदोलनों में भाग लिया था।
- उन्होंने भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ ए. पी. जे. अब्दुल कलाम के साथ मिलकर एक परियोजना में कार्य किया था।
- जब वह स्नातक की पढ़ाई कर रहे थे, तब वह अपने शोध के लिए नीदरलैंड गए और वहां जाकर अपने शोध पत्रों को पढ़ना शुरू किया, तभी उन्हें एक डच वैज्ञानिक ने रोका और कहा, “आप अपनी मूल भाषा में अपने कागजात क्यों नहीं पढ़ते हैं।” इस पर राजीव दीक्षित ने जवाब दिया, “अगर मैं अपनी मूल भाषा में कागजात को पढूंगा, तो आपको समझ नहीं आएगी। तब उस डच वैज्ञानिक ने जवाब दिया,” इसके बारे में चिंता न करें, यहां भाषा अनुवाद की सुविधा है।” उस समय, राजीव दीक्षित पहली बार मूल भाषा के महत्व को समझे और इसे बढ़ावा देने के लिए कार्य करने लगे।
- जब वह नीदरलैंड से भारत लौटे, तब उनका एकमात्र उद्देश्य विदेशी कंपनियों से छुटकारा पाना था।
- जब उन्होंने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर अर्थुर डंकेल पर हमला किया था, तब उन्हें पुलिस द्वारा गिरफ़्तार कर तिहाड़ जेल भेज दिया गया था। उस समय तिहाड़ जेल की प्रमुख किरण बेदी थी।
- वर्ष 1997 में, उनकी मुलाकात इतिहासकार और प्रोफेसर धर्मपाल से हुई, जो यूरोप में प्रोफेसर थे। वह धर्मपाल ही थे, जिन्होंने भारतीय पुस्तकालयों से भारतीय स्वतंत्रता से संबंधित सभी दस्तावेज दिए थे।
- वर्ष 1999 में, उन्होंने बाबा रामदेव से मुलाकात की और 10 वर्षों के बाद वर्ष 2009 में, उन्होंने भ्रष्टाचार और विदेशी कंपनियों को खत्म करने के लिए ‘भारत स्वाभिमान आंदोलन’ की स्थापना की। जिसमें राजीव दीक्षित राष्ट्रीय सचिव थे।
- वर्ष 2010 में, उनकी विवादास्पद मृत्यु हो गई, जिसमें कुछ स्त्रोतों का मानना है कि राजीव दीक्षित की हत्या कर दी गई थी और कुछ स्त्रोतों का मानना था कि उन्हें गैस्ट्रिक समस्या थी, जिसके चलते उनकी मृत्यु दिल का दौरा पड़ने से हुई। लेकिन, उनके कुछ समर्थकों का मानना है कि उनकी हत्या के पीछे बाबा रामदेव का हाथ है।
- वह अक्सर दावा करते रहते थे कि उन्होंने 20 वर्षों से कोई भी गोली नहीं ली है।
- राजीव दीक्षित देश की विभिन्न समस्याओं के कारण चिंतित रहते थे। जिसके लिए वह पत्रिकाओं और समाचार पत्रों पर प्रति माह ₹ 800 खर्च करते थे।
- उन्होंने कुछ किताबें लिखी हैं: 4-वॉल्यूम स्वदेशी चिकित्सा, गौ गौवंश पर आधारित स्वदेशी कृषि और गौ माता पंचगव्य चिकित्सा।