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Swathi Thirunal Rama Varma Biography in Hindi | स्वाति तिरुनाल राम वर्मा जीवन परिचय

स्वाति तिरुनाल

जीवन परिचय
वास्तविक नाम स्वाति तिरुनाल राम वर्मा
व्यवसाय त्रावणकोर के राजा और संगीतज्ञ
व्यक्तिगत जीवन
जन्मतिथि 16 अप्रैल 1813
मृत्यु तिथि 26 दिसंबर 1846
मृत्यु स्थल त्रावणकोर
मृत्यु कारण हृदयाघात
आयु (मृत्यु के समय)33 वर्ष
जन्मस्थान त्रावणकोर (वर्तमान केरल राज्य), भारत
राष्ट्रीयता भारतीय
राशि मेष
गृहनगर त्रावणकोर (वर्तमान केरल राज्य), भारत
परिवार पिता : राजा वर्मा कोइल थंपुरन
राजा वर्मा कोइल थंपुरन
माता : गोवरी लक्ष्मी बाई
गोवरी लक्ष्मी बाई
भाई : उथराम थिरूनल मार्तंड वर्मा
उथराम थिरूनल मार्तंड वर्मा
बहन : रुक्मिणी बाई
रुक्मिणी बाई
धर्म हिन्दू
जाति क्षत्रिय
प्रेम संबन्ध एवं अन्य जानकारियां
वैवाहिक स्थिति विवाहित
पत्नी पहली पत्नी - नारायणी पिल्लई थांकाची
दूसरी पत्नी - थिरुवत्तर अम्माची पानपिळ्ळै अम्मा नीलम्मा पिल्लई (गायिका)
तीसरी पत्नी - सुंदर लक्ष्मी अम्मल
बच्चे बेटा - थिरुवत्तर चिथिरा नाल अनंथ पद्मनाभन चम्पकरमण थम्पी (दूसरी पत्नी से)
बेटी - कोई नहीं

स्वाति तिरुनाल

स्वाति तिरुनाल राम वर्मा से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियाँ

  • स्वाति तिरुनाल राम वर्मा का जन्म त्रावणकोर की प्राचीन रियासत के राजा वर्मा कोइल थंपुरन के घर हुआ था।
  • स्वाति तिरुनाल राम वर्मा का 14 वर्ष की आयु में राज्यभिषेक हुआ।
  • जब वह 17 महीने के थे, तब उनकी माँ का निधन हो गया था।
  • उनकी माँ के निधन के बाद राज्य का कार्यभार उनकी मौसी गोवरी पार्वती बाई ने संभाला, क्योंकि उस समय स्वाति तिरुनाल राम वर्मा बहुत छोटे थे।
  • योग्य शासक होने के साथ-साथ वह एक संगीतज्ञ भी थे, उन्होने भारत की दोनों शास्त्रीय संगीत शैलियों – हिन्दुस्तानी संगीत और कर्नाटक संगीत को बढ़ावा दिया।
  • उन्हें कई भाषाओं जैसे कि – मलयालम, संस्कृत, हिन्दी, मराठी, तेलुगू, कन्नड, बांग्ला, तमिल, ओडिया और अंग्रेजी, इत्यादि का ज्ञान था।
  • स्वाति तिरुनाल राम वर्मा का कम उम्र में ही विवाह हो गया था, जिसके चलते उनकी पहली पत्नी का देहांत हो गया था।
  • पहली पत्नी की मृत्यु के बाद उन्होंने दूसरा विवाह तिरुवात्तर अम्माची पनापिल्लई अम्मा श्रीमती नारायणी पिल्लई कोचम्मा के साथ किया, जो थिरुवात्तर अम्मावीडू परिवार से संबंधित थीं। वह कर्नाटक शैली की गायिका और एक कुशल वीणा वादक भी थीं।
  • वर्ष 1843 में, उन्होंने मुदालियर की बेटी सुंदर लक्ष्मी अम्मल (जिन्हें सुगन्धावल्ली के नाम से पुकारा जाता था) से तीसरी शादी की।
  • उन्होंने संगीत की शिक्षा का प्रशिक्षण करामन सुब्रह्मनिया भागवतार और करामन पद्मनाभ भागवतार से प्राप्त किया।
  • श्री स्वाति तिरुनाल राम वर्मा ने ही तिरुअनन्तपुरम की खगोलीय वेधशाला, सरकारी प्रेस, त्रिवेन्द्रम जनता पुस्तकालय, पौर्वात्य पाण्डुलिपि संग्रहालय (Oriental Manuscript Library) आदि को प्रारम्भ किया।
  • उन्होंने अंग्रेजी के शिक्षक सुब्बाराव से संगीत की शिक्षा प्राप्त की थी।
  • स्वाति तिरुनाल के राजदरबार में कई प्रसिद्ध संगीतकार और कलाकर अपनी कलाओं की प्रस्तुति करते थे, इनमें से निम्न प्रमुख थे- तंजावुर की प्रसिद्ध चार भाइयों की चौकड़ी, त्यागराज के शिष्य कन्नय्या भागवातर, महाराष्ट्र के गायक अनंथापद्मनाभ गोस्वामी एवं अन्य समसामयिक कलाकार।
  • वह भगवान गणपति और कंजिरोत्तु याक्षी अम्मा के बहुत बड़े भक्त थे।
  • स्वाति तिरुनाल ने भारतीय संगीत के वर्चस्व के उत्थान के लिए अतुलनीय योगदान दिया, उन्होंने 500 से अधिक गीतों और संगीत नाटकों की रचना की।
  • 27 दिसम्बर 1846 को, संगीत और कला की दुनिया के महान संरक्षक स्वाति तिरुनाल राम वर्मा की महज 33 वर्ष की आयु में हृदयाघात से मृत्यु हो गई थी।
  • वर्ष 1987 में, लेनिन राजेंद्रन द्वारा निर्देशित उनके जीवन पर एक फिल्म “स्वाति तिरुनाल” बनाई गई।
  • 2 मई 1988 को, स्वाति तिरुनाल राम वर्मा के 175 वें जन्मदिवस पर भारत सरकार द्वारा एक डाक टिकट जारी की गई। स्वाति तिरुनाल राम वर्मा की डाक टिकट

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