Suresh Oberoi Biography in Hindi | सुरेश ओबेरॉय जीवन परिचय
जीवन परिचय | |
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व्यवसाय | अभिनेता |
शारीरिक संरचना | |
लम्बाई (लगभग) | से० मी०- 170 मी०- 1.70 फीट इन्च- 5' 7" |
वजन/भार (लगभग) | 80 कि० ग्रा० |
आँखों का रंग | भूरा |
बालों का रंग | सफ़ेद |
करियर | |
डेब्यू | • बॉलीवुड फिल्म: जीवन मुक्त (1977) • टीवी सीरियल: धड़कन (2002) |
व्यक्तिगत जीवन | |
जन्मतिथि | 17 दिसंबर 1946 (मंगलवार) |
आयु (2020 के अनुसार) | 75 वर्ष |
जन्मस्थान | क्वेटा, बलूचिस्तान, पाकिस्तान |
राशि | धनु (Sagittarius) |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
गृहनगर | मुंबई, महाराष्ट्र, भारत |
स्कूल | सेंट जॉर्ज ग्रामर स्कूल, हैदराबाद |
शैक्षिक योग्यता | स्नातक |
धर्म | हिन्दू |
शौक/अभिरुचि | अखबार पढ़ना, परिवार के साथ फिल्में देखना, और कविता लिखना |
पता | #5, करतार कुंज, गोल्डन बीच राजा पार्क, जुहू, मुंबई |
प्रेम संबन्ध एवं अन्य जानकारियां | |
वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
विवाह तिथि | 1 अगस्त 1974 (गुरुवार) |
विवाह स्थान | मद्रास (अब चेन्नई में है) |
परिवार | |
पत्नी | यशोधरा ओबेरॉय |
बच्चे | बेटा- विवेक ओबेरॉय (अभिनेता) बेटी- मेघना ओबेरॉय (गायक, पेंटर) |
माता/पिता | पिता - आनंद सरूप ओबेरॉय माता- करतार देवी |
भाई | • कृष्णन ओबेरॉय • जगमोहन ओबेरॉय |
पसंदीदा चीजें | |
अभिनेता | अक्षय कुमार और गोविंदा |
फिल्म | राजा हिंदुस्तानी (1996) |
रंग | सफ़ेद |
धन/संपत्ति संबंधित विवरण | |
कार संग्रह |
सुरेश ओबेरॉय से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियाँ
- सुरेश ओबेरॉय एक भारतीय अभिनेता हैं जिन्हे बॉलीवुड की प्रमुख फिल्मों के लिए जाना जाता है जिसमें ‘राजा हिंदुस्तानी’, ग़दर, फ़िर वही रात, विजयपथ, और जय विक्रांता शामिल हैं।
- सुरेश ओबेरॉय का जन्म क्वेटा, बलूचिस्तान के एक पंजाबी व्यवसायी आनंद सरूप ओबेरॉय के घर हुआ था। परन्तु भारत पाकिस्तान विभाजन के बाद उनका परिवार हैदराबाद, भारत आ गया।
- ओबेरॉय बचपन से ही खेलों में काफी सक्रिय थे और वह अपने स्कूल में होने वाले टेनिस और तैराकी प्रतियोगिता में चैंपियन थे।
- उनकी प्रतिभा और अभिनय में गहरी दिलचस्पी होने की वजह से ही उन्हें रेडियो शो और मंच नाटकों में अवसर मिले।
- वह हमेशा से अरेंज मैरिज चाहते थे और वह भी एक पंजाबी लड़की के साथ। जब उन्होंने पहली बार यशोधरा से अरेंज मैरिज की बात की तो उन्हें महसूस हुआ कि जिसकी तलाश थी वह मिल गई। यह जोड़ा 1974 में शादी के बंधन में बंध गया और विवेक ओबेरॉय के जन्म के दो साल बाद वह मुंबई शिफ्ट हो गए।
- वह प्रसिद्ध अध्यात्मवादी श्री श्री रविशंकर के सिद्धांतों का पालन करते हैं।
- अपनी पहली फिल्म जीवन मुक्त के बाद उन्हें विभिन्न फिल्मों में देखा गया जिसमें 1979 में काला पत्थर, सुरक्षा और कार्तव्य, 1980 में एक बार कहो, खंजर और मोर्चा शामिल हैं।
- सुरेश ओबेरॉय को अपने शुरुआती दिनों में छोटी भूमिकाओं से काफी लोकप्रियता और प्रशंसा मिली थी।
- वर्ष 1980 में उन्हें फिल्म “एक बार फिर” में पुलिस इंस्पेक्टर शर्मा की मुख्य भूमिका मिली, इस फिल्म ने सभी दर्शकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया और उन्हें दुनिया भर में पहचान दिलाई।
- वर्ष 1981 की बॉलीवुड ड्रामा फिल्म “लावारिस” में उनके सर्वश्रेष्ठ योगदान के लिए उन्हें फिल्मफेयर की तरफ से “सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार” से सम्मानित किया गया।
- 1980 के दशक में उन्होंने फिल्म उद्योग के किसी बड़े कलाकार के कहने पर अपना उपनाम “उबेरॉय” से बदलकर “ओबेरॉय” रख लिया। [1]The Times of India
- उन्हें बॉलीवुड फिल्म जगत में एक बहु-प्रतिभाशाली व्यक्ति माना जाता है क्योंकि वह एक अद्भुत फिल्म अभिनेता, मॉडल, टेलीविजन अभिनेता और टीवी होस्ट हैं।
- वर्ष 1984 में उन्होंने एक हिंदी फिल्म “आवाज” में अभिनय किया और उसमें बेहतरीन प्रदर्शन किया।
- उसी वर्ष बॉलीवुड ड्रामा फिल्म “घर एक मंदिर” में उनके उत्तम प्रदर्शन के लिए उन्हें फिल्मफेयर की तरफ से “सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार” से नवाजा गया।
- फिल्मों में अभिनय और गायन के अलावा उन्हें अपने ख़ाली समय में दार्शनिक और रोमांटिक कविता लिखना पसंद है।
- उन्हें फिल्मों में बैक-टू-बैक भूमिकाएँ मिलीं जैसे एक नई पहेली, कानून क्या करेगा, शराबी, ऐतबार, बेपनाह, जवाब, मिर्च मसाला, और सूची कभी खत्म नहीं होती शामिल है।
- सुरेश ओबेरॉय कुछ हिट टेलीविज़न शो धड़कन, कश्मीर में भी दिखाई दिए हैं और “जीना इसी का नाम है” नामक ज़ी टीवी शो की मेजबानी की है।
- उन्होंने बीके शिवानी वाली ब्रह्मा कुमारियों के कुछ सत्रों में भाग लिया है।
- सुरेश ओबेरॉय को उनकी पहली फिल्म “मिर्च मसाला” के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार की तरफ से “सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार” के लिए चुना गया और उसी फिल्म के लिए उन्हें 1988 में जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन फॉर बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर अवार्ड में भी नामांकित किया।
- उन्होंने अपनी पत्नी यशोधरा के साथ एक साक्षात्कार में कहा-
उन्होंने अपने रिश्ते में शुरू में जिन संघर्षों का सामना किया और उनके सफल सुखी वैवाहिक जीवन के मंत्र के बारे में साझा किया, जो सिर्फ प्रतिबद्धता, समझ और सम्मान था।”
- सुरेश ओबेरॉय को एक भारतीय महाकाव्य जीवनी फिल्म “मणिकर्णिका: द क्वीन ऑफ झांसी” में बाजी राव द्वितीय की भूमिका दी गई थी जो झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के जीवन पर आधारित है।
- वर्ष 2019 की बॉलीवुड फिल्म “नरेंद्र मोदी” में नरेंद्र मोदी की मुख्य भूमिका निभाने वाले अभिनेता विवेक ओबेरॉय उनके बेटे हैं।
- सुरेश ओबेरॉय का महाराष्ट्र के बाल ठाकरे से काफी घनिष्ट सम्बन्ध था।
सन्दर्भ
↑1 | The Times of India |
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