Jayant Sinha Biography in Hindi | जयंत सिन्हा जीवन परिचय
जीवन परिचय | |
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व्यवसाय | राजनेता |
जाने जाते हैं | वर्ष 2022 में भारतीय राष्ट्रपति उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के बेटे होने के नाते |
शारीरिक संरचना | |
लम्बाई (लगभग) | से० मी०- 177 मी०- 1.77 फीट इन्च- 5’ 10” |
भार/वजन (लगभग) | 75 कि० ग्रा० |
आँखों का रंग | भूरा |
बालों का रंग | भूरा |
राजनीति | |
राजनीतिक पार्टी | भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) |
राजनीतिक यात्रा | • वर्ष 1998 में उन्होंने चुनाव प्रचार में अपने पिता की मदद की। • फरवरी 2014 में उन्होंने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को राष्ट्रीय आर्थिक नीति बनाने और एक अंतरराष्ट्रीय व्यापार जगत के नेताओं के मंच का आयोजन करने में उनकी सहायता की। उसी वर्ष उन्होंने झारखंड में लोकसभा चुनाव जीता और चार संसदीय समितियों के सदस्य बने जिसमें- संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के लिए सलाहकार समिति सदस्य, वित्त पर स्थायी समिति के सदस्य, लोक लेखा समिति और विधान पर अधीनस्थ समिति के सदस्य शामिल है। • जयंत सिन्हा ने 9 नवंबर 2014 को केंद्रीय मंत्रिपरिषद में राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली। • उन्होंने 2015 से 2017 तक केंद्रीय बजट तैयार करने में भारत सरकार की सहायता की। • जयंत सिन्हा 6 जुलाई 2016 को नागरिक उड्डयन मंत्रालय में शामिल हुए और अक्टूबर में कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय और नागरिक उड्डयन मंत्रालय के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। • 27 अप्रैल 2017 को 'उड़ान' योजना शुरू करने के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन किया। • वर्ष 2019 वह झारखंड के हजारीबाग से लोकसभा के लिए चुने गए। |
व्यक्तिगत जीवन | |
जन्मतिथि | 21 अप्रैल 1963 (रविवार) |
आयु (वर्ष 2022 के अनुसार) | 59 वर्ष |
जन्मस्थान | गिरिडीह, झारखंड, भारत |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
गृहनगर | झारखंड |
राशि | वृषभ (Taurus) |
हस्ताक्षर | |
स्कूल/विद्यालय | • सेंट कोलंबा (दिल्ली) • सेंट माइकल हाई स्कूल (पटना) |
कॉलेज/विश्वविद्यालय | • आईआईटी दिल्ली • बोस्टन में हार्वर्ड बिजनेस स्कूल • फिलाडेल्फिया में पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय (यूएसए) |
शैक्षिक योग्यता [1]Lok Sabha | • स्नातक (1985) • ऊर्जा प्रबंधन और नीति में मास्टर ऑफ साइंस (1986) • एमए (1992) • मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (1992) • बी टेक (केमिकल इंजीनियरिंग) |
धर्म | हिन्दू |
जाति | कायस्थ: |
शौक/अभिरुचि | यात्रा करना, टेनिस खेलना, घूमना, कलात्मक वस्तुओं और प्राचीन फर्नीचर का संग्रह करना, और रोमांटिक कविताएँ लिखना |
पता | 76-ए, हुपड़ गांव, हरहद, पीओ. मुफस्सिल, जिला। हजारीबाग-825301, झारखंड [2]Lok Sabha |
विवाद | वर्ष 2017 में इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इंवेस्टिगेटिव जर्नलिज्म ने 'पैराडाइज पेपर्स' में नामित राजनेताओं की श्रृंखला में उनका नाम पाया। |
प्रेम संबन्ध एवं अन्य जानकारियां |
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वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
गर्लफ्रेंड | पुनीता सिन्हा |
विवाह तिथि | 16 सितंबर 1986 (मंगलवार) |
परिवार | |
पत्नी | पुनीता कुमार सिन्हा (निवेशक और फंड मैनेजर) |
बच्चे | बेटा- 2 • ऋषभ (अमेरिका में एक निजी इक्विटी फर्म में कार्यरत हैं) • आशीर बेटी-- ज्ञात नहीं |
माता-पिता | पिता- यशवंत सिन्हा (राजनेता) माता- नीलिमा सिन्हा (राइटर्स एंड इलस्ट्रेटर एसोसिएशन की अध्यक्ष) |
भाई/बहन | भाई- सुमंत सिन्हा (व्यवसायी) बहन- शर्मिला सिन्हा (लेखक) |
धन संपत्ति संबंधित विवरण | |
कार संग्रह | • एकरा (2001 मॉडल) • मर्सिडीज बेंज (2005 मॉडल) • टोयोटा कोरोला (2010 मॉडल) |
वेतन (संसद सदस्य के रूप में) | रु. 1 लाख + अन्य भत्ते |
संपत्ति [3]MyNeta | चल संपत्ति नकद: 65,000 रुपये बैंकों में जमा: 6,89 करोड़ रुपये बांड, डिबेंचर और शेयर: 18,76 करोड़ रुपये एलआईसी या अन्य बीमा पॉलिसियां: 2,19 करोड़ रुपये व्यक्तिगत लोन: 3,19 करोड़ रुपये मोटर वाहन: 13,15 लाख रुपये आभूषण: 1 करोड़ रुपये अचल संपत्ति कृषि भूमि: 27,30 लाख रुपये आवासीय भवन: 32,63 करोड़ रुपये |
कुल संपत्ति | 77 करोड़ (2019 के अनुसार) [4]MyNeta |
जयंत सिन्हा से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियां
- जयंत सिन्हा एक भारतीय राजनेता हैं। उनके पिता यशवंत सिन्हा पूर्व वित्त मंत्री और भारत के विदेश मंत्री रह चुके हैं।
- उनकी पत्नी पुनीता फर्म- ‘पैसिफिक पैराडाइम एडवाइजर्स’ की संस्थापक और प्रबंध भागीदार हैं।
- वर्ष 1980 में उन्होंने अपने पहले प्रयास में जेईई परीक्षा उत्तीर्ण किया और उन्हें भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली में भर्ती कराया गया।
- पढ़ाई के दौरान उन्होंने वाद-विवाद, प्रश्नोत्तरी, और थिएटर ग्रुप में भाग लिया करते थे। टेनिस खेला और विभिन्न अंतर-महाविद्यालय कार्यक्रमों में कई पुरस्कार भी जीते। इसके आलावा उन्हें अरावली हॉस्टल रोल ऑफ ऑनर, विवेक शर्मा मेमोरियल पुरस्कार और कई अन्य सम्मान भी मिले।
- 1983 से 1985 तक उन्होंने युवा वाणी पर रेडियो उद्घोषक के रूप में काम किया।
- 1985 में IIT से स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह अपनी पत्नी पुनीता के साथ अपने माता-पिता के समर्थन के बिना अमेरिका के लिए रवाना हो गए; वहां आर्थिक रूप से उन्होंने स्वतंत्र जीवन व्यतीत किया।
- वर्ष 1999 में वह बोस्टन में मैकिन्से एंड कंपनी और ग्लोबल सॉफ्टवेयर एंड आईटी सर्विसेज प्रैक्टिस में शामिल हो गए। बाद में वह ‘करेज कैपिटल’ नामक एक वैश्विक विशेष परिस्थितियों के हेज फंड में शामिल हो गए।
- उन्होंने ओमिडयार नेटवर्क (पाम और पियरे ओमिडयार द्वारा स्थापित) में भी काम किया।
- जयंत सिन्हा ने डी.लाइट, डेली हंट, आईमेरिट और जनाग्रह जैसे कई संगठनों की सेवा की है।
- वाशिंगटन डीसी में अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम के अंतर्राष्ट्रीय सलाहकार बोर्ड ने भी उन्हें इसके साथ काम करने के लिए आमंत्रित किया।
- उनके द्वारा लिखे गए लेख ‘स्ट्रेटेजीज दैट फिट इमर्जिंग मार्केट्स’ (हार्वर्ड बिजनेस रिव्यू में प्रकाशित) और ‘इट्स टाइम फॉर इंडिया टू रिन इन इट्स रॉबर बैरन्स’ (फाइनेंशियल टाइम्स में प्रकाशित) को अत्यधिक विद्वानों के कार्यों के रूप में गिना जाता है और उनका उपयोग भी किया जाता है।
- 1990 के दशक के दौरान उन्होंने भारतीय राजनीति में भाग लिया और वित्त और कराधान क्षेत्र में नीति निर्माण में सरकार की मदद की।
- उन्होंने वित्त और दूरसंचार मंत्रालयों की सलाहकार समितियों का भी कार्य किया है।
- वर्ष 1998 में भाजपा के चुनाव अभियानों के समय उन्होंने विभिन्न परियोजनाओं जैसे कि गाँव की सड़कों की मरम्मत, पीने के पानी की गुणवत्ता में सुधार, और रामगढ़ जिलों और हजारीबाग में सौर लालटेन के आवंटन में शामिल किया।
- 2000 से 2005 तक जयंत सिन्हा मैकिन्से-नैस्कॉम उद्योग रिपोर्ट के प्रमुख लेखकों में से एक थे।
- वित्त मंत्री अरुण जेटली के साथ काम करते हुए उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में भारत सरकार का योगदान दिया जैसे कि पीएम मुद्रा योजना तैयार करना, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिए इंद्रधनुष पैकेज बनाना, भारतीय पूंजी बाजारों को सशक्त बनाने के लिए भारतीय आकांक्षा कोष की शुरुआत करना और सामाजिक सुरक्षा मंच का निर्माण करना।
- उन्होंने उस कानून को प्रशासित किया जिसमें- नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट, इंश्योरेंस बिल, रीजनल रूरल बैंक्स बिल और बैंकरप्सी बिल शामिल हैं।
- उन्होंने भारत सरकार को विभिन्न वित्तीय समाधान प्रदान किए; जिसमें- लॉन्ग टर्म इरिगेशन फंड, हायर एजुकेशन फाइनेंसिंग एजेंसी और नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर एंड इनवेस्टमेंट फंड शामिल है।
- वर्ष 2013 तक वह ओएन में भागीदार और ओमिडयार नेटवर्क इंडिया एडवाइजर्स के प्रबंध निदेशक थे।
- जयंत सिन्हा ने ओमिडयार नेटवर्क की पांच सदस्यीय वैश्विक कार्यकारी समिति में भी कार्य किया है।
- 9 नवंबर 2014 को सिन्हा ने केंद्रीय मंत्रिपरिषद में राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली।
- उन्होंने 2015-16 और 2016-17 के केंद्रीय बजट तैयार करने में भी मदद की, जिसे हाल के वर्षों में सबसे महत्वपूर्ण और दूरदर्शी बजटों में रखा गया।
- नागरिक उड्डयन मंत्रालय में उनके कामों की काफी सराहना की गई है और इससे भारत के विमानन पारिस्थितिकी तंत्र का पूर्ण परिवर्तन किया गया।
- वर्ष 2016 में राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन नीति के साथ, उन्होंने हवाई अड्डे के बुनियादी ढांचे की योजना में सुधार किया और मोबाइल ऐप या वेब पोर्टल के माध्यम से ‘एयरसेवा’ योजना शुरू की।
- 21 सितंबर 2017 को उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा तैयार की गई क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना (UDAN) के तहत बल्लारी और हैदराबाद के बीच पहली उड़ान सेवाओं को मंजूरी दी।
- 23 फरवरी 2017 को उन्होंने झारखंड के मुख्यमंत्री रघुबर दास के साथ हजारीबाग, पलामू और दुमका में 3 मेडिकल कॉलेजों की आधारशिला रखी।
- वह एक भावुक निवेशक है जो निवेश, कंपनियों और शेयरों के बारे में सोचना और बात करना पसंद करते हैं।
- जयंत सिन्हा कई मौकों पर लोगों के साथ नगाड़ा बजाते हुए दिखाई देते हैं।
- नवंबर 2017 में इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिज्म द्वारा की गई एक जांच में “पैराडाइज पेपर्स” के आरोपों में नामित राजनेताओं की सूची में उनका नाम सामने आया था।
- जयंत सिन्हा ने एयर इंडिया की गैर-प्रमुख संपत्तियों के प्रबंधन के लिए एक अभिनव एसपीवी संरचना के निर्माण सहित एयर इंडिया के रणनीतिक निजीकरण के लिए रूपरेखा तैयार करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- उन्होंने एयर इंडिया बोर्ड के साथ भी काम किया है ताकि एयर इंडिया को प्रतिस्पर्धी वैश्विक एयरलाइन बनने के लिए महाराजा डायरेक्ट रणनीति तैयार की जा सके।
- जयंत सिन्हा ड्रोन टास्क फोर्स के अध्यक्ष हैं और भारत के विश्व-अग्रणी ड्रोन नियमों को पेश करने के प्रयासों का नेतृत्व करते हैं, जो उनके डिजिटल स्काई ढांचे पर आधारित हैं।
- ड्रोन टास्क फोर्स का लक्ष्य यह सुनिश्चित करता है कि भारत ड्रोन के डिजाइन, निर्माण और सुरक्षित उपयोग में विश्व में अग्रणी बने।
- सितंबर 2018 को जयंत सिन्हा ने डिजिटल आकाश नीति का ऐलान किया जो भारत सरकार को पूरे आकाश को डिजिटाइज करने और ड्रोन पारिस्थितिकी तंत्र को नियंत्रित करने में सक्षम बनाएगी।
- उनके निबंध और ऑप-एड कई प्रमुख प्रकाशनों में प्रकाशित हुए हैं, जिनमें हार्वर्ड बिजनेस रिव्यू और फाइनेंशियल टाइम्स शामिल हैं।
- जयंत सिन्हा को वर्ष 2019 में वित्त पर स्थायी समिति के अध्यक्ष और लोक लेखा समिति के सदस्य बनाया गया। वह एक निवेश कोष प्रबंधक और प्रबंधन सलाहकार भी हैं।