Brahmrishi Shree Kumar Swami ji Biography in Hindi | ब्रह्मर्षि श्री कुमार स्वामी जी जीवन परिचय
ब्रह्मर्षि श्री कुमार स्वामी जी से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियाँ
- उनका जन्म एक ग्रामीण किसान परिवार में हुआ था।
- बारह वर्ष की आयु में, उन्होंने अपनी आध्यात्मिक यात्रा शुरू की और उस समय वह कई प्रमुख भारतीय संतों जैसे विश्वनाथ बाबा, निरंकारी बाबा, माता आनंदमयी, योगी स्वामी रामदेव, ओशो, जे. कृष्णमूर्ति, देवरिया बाबा, पथिक जी महाराज, कुंज बाबा, हरिहर बाबा, इत्यादि लोगों से मिले।
- कुमार स्वामी जी को ऋग्वेद और अथर्ववेद ग्रंथों का गहन ज्ञान है। उनके अनुसार इन ग्रंथों के मंत्रों के माध्यम से वह लोगों को कष्टों से मुक्ति दिलाते हैं।
- ऐसा कहा जाता है कि अपनी तथाकथित शक्तियों के माध्यम से उन्होंने प्राचीन विज्ञान के रहस्यों को उजागर किया है। जिसका लाभ उनके 50 करोड़ से भी अधिक अनुयायियों को मिलता है।
- उन्हें विभिन्न देशों द्वारा कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। जिसके चलते उन्होंने भारत सरकार में स्वास्थ्य, श्रम और उद्योग मंत्रालयों के सलाहकार के रूप में भी कार्य किया।
- भारत के वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी कुमार स्वामीजी के शिष्य हैं। जिसके चलते वह समय-समय पर उनके विभिन्न सम्मेलनों में शामिल होते हैं।
- उन्हें भारत सरकार द्वारा भगवान श्री धनवंतरी पुरस्कार, डॉ राजेंद्र प्रसाद पुरस्कार, अरुणा असफ अली पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है।
- जुलाई 2010 में, न्यू जर्सी राज्य (संयुक्त राज्य) के सीनेट और महासभा ने उन्हें एक उच्च आध्यात्मिक ऋषि के रूप में से भी सम्मानित किया।
- 29 अप्रैल 2011 को, न्यूयॉर्क के नसाऊ काउंटी के विधानसभा कक्ष में उन्हें 9 प्रशंसा पत्रों से बधाई दी गई थी। जिसके चलते न्यूयॉर्क में वह दिन ब्रह्मऋषि श्री कुमार स्वामीजी दिवस के रूप में घोषित किया गया।
- 2 मई, 2011 को न्यूयॉर्क राज्य के सीनेट ने उनके सम्मान में एक प्रस्ताव पारित कर सम्मानित किया। जिसके अंत में उन्होंने सीनेट को संबोधित भी किया।
- उन्हें यूनाइटेड किंगडम संसद द्वारा भी सम्मानित किया गया है।
- आयुर्वेद का ज्ञान होने के कारण वह आयुर्वेद के चिकित्सक के रूप में भी प्रसिद्ध हैं। जिसके चलते उन्होंने एक चिकित्सक के रूप में विभिन्न देशों के प्रसिद्ध मंत्रियों और राजदूतों की सेवा की।
- आधुनिक विज्ञान ने भी उनके प्रयोगों को स्वीकार्य किया है।
- बैंगलोर स्थित विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान की क्लीनिकल लैब में श्री कुमार स्वामी जी के विभिन्न प्रयोगों का परीक्षण किया गया। इस परीक्षण में चिकित्सकों ने आश्चर्यजनक परिणाम पाया।
- जब पहली बार उनके प्रयोगों का परीक्षण उन पर किया गया तो वह गहरी ध्यान मुद्रा में लीन हो गए थे। उनकी किसी भी नाड़ी का पता नहीं चल रहा था परन्तु फिर भी उनकी धड़कन और मस्तिष्क की गतिविधियां समान थी। जिसके चलते चिकित्सकों द्वारा उनके शरीर को परिभाषित करना असम्भव हो गया था।
- उनके दूसरे परीक्षण के दौरान जब एक रोगी को स्वामीजी के समक्ष लाया गया तो उन्होंने रोगी के चिकित्सा के इतिहास को जाने के बिना ही चिकित्सा संबंधी समस्याओं का निदान कर दिया था।
- उनके अनुयायिओं के अनुसार “स्वामीजी के पास इतनी क्षमता है कि मात्र फोन पर बात करने से ही बीमारियों का निदान कर सकते हैं”। इसके चलते बीबीसी समाचार चैनल पर उनके लाइव टीवी कार्यक्रम के माध्यम से लाखों लोगों ने उनकी अद्भुत शक्ति को देखा। इसके बाद कई टीवी चैनलों द्वारा उन्हें इसी उद्देश्य के लिए आमंत्रित किया गया जैसे कि एमए इंटरनेशनल, टीवी एशिया, इत्यादि।
- उन्होंने वैज्ञानिक रूप से प्राचीन पारंपरिक विज्ञान के रहस्यों के परिणामों की जांच के लिए और असाध्य रोगों का इलाज करने के लिए प्रमुख चिकित्सकों और चिकित्सा वैज्ञानिकों की एक शोध टीम के साथ एक मेडिकल ब्यूरो की स्थापना की। जिसके चलते पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने श्री कुमार स्वामी जी के मेडिकल ब्यूरो को जमीन और अन्य समर्थन देने की भी पेशकश की।
- उन्होंने प्राचीन पारंपरिक विज्ञान रहस्यों के सिद्धांतों के आधार पर सभी के अच्छे स्वास्थ्य, धन और खुशी के लिए आध्यात्मिक संस्था “भगवान श्री लक्ष्मी नारायण धाम” की स्थापना की।
- उन्होंने दुनिया भर में लगभग 500 और भारत के विभिन्न राज्यों में प्राचीन पारंपरिक विज्ञान गुप्त सम्मेलनों का आयोजन किया है। जिसमें विभिन्न देशों के राष्ट्रपतियों, मुख्यमंत्रियों, राज्यपालों, कैबिनेट मंत्रियों, उद्यमियों, नौकरशाहों और कई प्रसिद्ध हस्तियों ने इन सम्मेलनों में भाग लिया है।
- उनके द्वारा विभिन्न जन कल्याणकारी गतिविधियां जैसे कि धर्मार्थ दवाखाने, रक्तदान शिविर, चिकित्सा जांच शिविर, दवाइयों का निःशुल्क वितरण, इत्यादि की जाती हैं।
- अमृतसर के भाजपा सांसद और पूर्व भारतीय क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू ने कुमार स्वामीजी के अनुसंधान कार्य में सांसद निधि से 50 लाख खर्च करने का वादा किया था।
- स्टार न्यूज टीवी चैनल पर एक साक्षात्कार में उन्होंने अपने व्यक्तित्व के कुछ प्रमुख तथ्यों का खुलासा किया।