Amrish Puri Biography in Hindi | अमरीश पुरी जीवन परिचय
जीवन परिचय | |
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वास्तविक नाम | अमरीश लाल पुरी |
व्यवसाय | अभिनेता |
प्रसिद्ध भूमिका | मोगैम्बो (फिल्म - मिस्टर इंडिया)![]() |
शारीरिक संरचना | |
लम्बाई | से० मी०- 178 मी०- 1.78 फीट इन्च- 5’ 10” |
वजन/भार (लगभग) | 80 कि० ग्रा० |
शारीरिक संरचना (लगभग) | -छाती: 42 इंच -कमर: 34 इंच -Biceps: 13 इंच |
आँखों का रंग | भूरा |
बालों का रंग | श्वेत |
व्यक्तिगत जीवन | |
जन्मतिथि | 22 जून 1932 |
जन्मस्थान | नवांशहर, पंजाब, भारत |
मृत्यु तिथि | 12 जनवरी 2005 |
मृत्यु स्थान | मुंबई, महाराष्ट्र, भारत |
आयु (मृत्यु के समय) | 72 वर्ष |
मृत्यु कारण | ब्रेन हेमरेज (Cerebral Haemorrhage arising from Myelodysplastic Syndrome) |
अंतिम संस्कार स्थल | शिवजी पार्क श्मशान घाट |
राशि | कर्क |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
हस्ताक्षर | ![]() |
गृहनगर | नवांशहर, पंजाब, भारत |
स्कूल/विद्यालय | ज्ञात नहीं |
महाविद्यालय/विश्वविद्यालय | बी.एम महाविद्यालय, शिमला, हिमाचल प्रदेश |
शैक्षिक योग्यता | स्नातक |
डेब्यू | हिंदी फिल्म :- प्रेम पुजारी (1970)![]() कन्नड़ फिल्म :- कादु (1973) ![]() पंजाबी फिल्म :- सत श्री अकाल (1977) ![]() तेलुगू फिल्म :- कोंदुरा (1978) ![]() हॉलीवुड फिल्म :- गांधी (1982) ![]() |
आखिरी फिल्म | पूरब की लैला, पश्चिम का छैला : हैल्लो इंडिया (2009) |
परिवार | पिता - लाला निहाल चंद पुरी ![]() माता- वेद कौर भाई- चमन पुरी ![]() मदन पुरी (दोनों बड़े, दोनों ही अभिनेता थे) ![]() हरीश पुरी (छोटे भाई) बहन- चंद्रकांता (बड़ी) |
धर्म | हिन्दू |
शौक/अभिरुचि | भारतीय शास्त्रीय संगीत को सुनना, यात्रा करना, टोपियां एकत्रित करना |
पुरस्कार/सम्मान | वर्ष 1979: में, रंगमंच के लिए संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वर्ष 1986: में, "मेरी जंग" के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता के रूप में फिल्मफेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वर्ष 1994: में, सिडनी फिल्म महोत्सव और सिंगापुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में "सूरज का सांतवा घोड़ा" के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वर्ष 1997: में, फिल्म "घातक" के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता के रूप में फिल्मफेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वर्ष 1998: में, फिल्म "विरासत" के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता के रूप में फिल्मफेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वर्ष 2000: में, सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता के लिए "कलाकार पुरस्कार" से सम्मानित किया गया। |
विवाद | वर्ष 1985 में, फिल्म "ज़बरदस्त" की शूटिंग के दौरान, महान निर्देशक नासीर हुसैन एक एक्शन सीन शूट कर रहे थे, जिसमें अमरीश पुरी और आमिर खान के बीच लड़ाई हो गई थीं। आमिर शूटिंग की व्यवस्था की जांच कर रहे थे, कि सेट बिल्कुल ठीक है या नहीं और यही निर्देश वह अमरीश पुरी को देते हैं। हालांकि, अमरीश पुरी अपने किरदार में लीन होते हैं, वह अपनी निरंतरता जारी रखते हैं। उसके कुछ समय बाद आमिर फिर से अमरीश को सही ढंग से किरदार निभाने के लिए कहते हैं, तभी अमरीश पुरी अपना आपा खो देते हैं और पुरे सेट पर अमरीश, आमिर को गुस्सा करने लगते हैं, उन पर जोर-जोर से चिल्लाते हैं। उस समय सभी यह देखकर दंग रह जाते हैं। उसी समय आमिर काफी हताश हो जाते हैं और बिना कुछ कहे सिर झुकाकर बैठ जाते हैं। अंत में नासिर हुसैन आमिर और अमरीश के बीच टकराव को संभालते हुए, आमिर से कहते हैं कि वह अपने कार्य पर ध्यान दें। इतना सब कुछ होने के बाद अमरीश, आमिर के पास गए और उनसे इस कृत्य की माफ़ी मांगी और उनके अभिनय कार्य की सराहना की। |
पसंदीदा चीजें | |
पसंदीदा फिल्म निर्माता | सुभाष घई |
पसंदीदा संगीत निदेशक | एस.डी बर्मन, आर.डी बर्मन |
पसंदीदा संगीतकार | के.एल सहगल और किशोर कुमार |
प्रेम संबन्ध एवं अन्य जानकारियां | |
वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
विवाह तिथि | वर्ष 1957 |
गर्लफ्रेंड व अन्य मामले | ज्ञात नहीं |
पत्नी | उर्मिला दिवेकर (विवाह तिथि 1957-2005)![]() |
बच्चे | बेटा- राजीव बेटी- नम्रता ![]() |
धन/संपत्ति संबंधित विवरण | |
वेतन (लगभग) | 1 करोड़ / फ़िल्म (भारतीय रुपए) |
अमरीश पुरी से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियाँ
- क्या अमरीश पुरी धूम्रपान करते थे ? ज्ञात नहीं
- क्या अमरीश पुरी शराब पीते थे ? हाँ
- उनके 4 भाई – दो बड़े भाई, 1 बड़ी बहन और 1 छोटा भाई था।
- उनके बड़े भाई, चमन पुरी और मदन पुरी भी अभिनेता थे।
- अमरीश पुरी, अनुभवी अभिनेता और गायक के.एल सहगल के चचेरे भाई थे।
- शिमला में बी.एम. महाविद्यालय से स्नातक करने के बाद, वह अपने अभिनय करियर को आगे बढ़ाने के लिए बॉम्बे (अब मुंबई) चले गए थे।
- वह अपने पहले स्क्रीन-टेस्ट में विफल रहे। बाद में, उन्होंने कर्मचारी राज्य बीमा निगम श्रम और रोजगार मंत्रालय (ईएसआईसी) में कार्य करना शुरू किया।
- वह इब्राहिम अल्काज़ी ही थे, जो उन्हें वर्ष 1961 में थिएटर में मिले थे।
- अमरीश पुरी ने सत्यदेव दुबे के नाटकों में पृथ्वी थिएटर में प्रदर्शन करना शुरू किया।
- वह सत्यदेव दुबे के सहायक बन गए और एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि, सत्यदेव दुबे को वह अपना गुरु मानते हैं।
- उन्होंने 40 साल की उम्र में फिल्मों में कार्य करना शुरू किया।
- उन्हें पहली बार फिल्म हम पांच (1980) में देखा गया।
- उन्हें हमेशा रंगमंच से काफी लगाव रहा था, एक बार उन्होंने कहा कि, “मैं अभी भी रंगमंच करता हूँ। आम तौर पर लोग रंगमंच को प्रथम पड़ाव के रूप में इस्तेमाल करते हैं और बाद में, फिल्मों में कार्य करने पर वापस रंगमंच की ओर नहीं देखते हैं, फिर भी मैं रंगमंच करता हूँ, क्योंकि यह मुझे अभी भी बहुत संतुष्टि देता है।” उनके द्वारा रंगमंच एक ऐसा मंच है जो अभिनेता के अभिनय को क्षण भर में प्रोत्साहित करता है या क्षण भर में अस्वीकृत करता है। यह मंच अभिनय में रचनात्मक संतुष्टि प्रदान करता है।
- अमरीश पुरी ने लगभग 60 से अधिक लम्बे नाटक किए, जिसमें उन्होंने “आधे अधूरे” नाटक में 5 भूमिकाएं निभाईं – पति, प्रेमी, पत्नी के मालिक और दो अन्य पात्रों की।
- आखिरकार, अमरीश पुरी एक प्रसिद्ध रंगमंच कलाकार बन गए। जिसके चलते रंगमंच में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए उन्हें वर्ष 1979 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- उनकी संवाद क्रिया इतनी तीव्र थी, कि आज भी वह हमारे कानों में गूंजते हैं।
- स्टीवन स्पीलबर्ग की हॉलीवुड फिल्म इंडियाना जोन्स (Indiana Jones) और टेंपल ऑफ डूम (1984) में उन्होंने “मोला राम” नामक किरदार की भूमिका अदा की थी।
- जब अमरीश पुरी से अभिनय करियर के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि, “मैं King Lear और Hamlet में, एक पिता की भूमिका अदा करना चाहता हूँ। में इन पात्रों और वास्तविक जीवन में फिल्मों में अपनी भूमिकाओं से प्रेरणा प्राप्त करता हूँ। मैं ऐतिहासिक भूमिकाएं भी करना पसंद करता हूँ, लेकिन यह व्यवहारिक नहीं हैं, मैं रंगमंच में केवल Macbeth और Lear की भूमिका अदा करना चाहता हूँ। इसके आलावा बहुत सी भूमिकाएं हैं, जो मैं करना चाहता हूँ।
- जब उनकी पसंदीदा भूमिकाओं के बारे में पूछा गया, तो उनके दिमाग में आने वाली पहली भूमिका वह थी, जिसमें अमरीश पुरी ने गिरीश कर्नाड की कन्नड़ फिल्म- कादूं (1973) में एक गांव के सरपंच की भूमिका अदा की थी। इसके अलावा कई फ़िल्में थीं जैसे :- निशांत, मंथन, भूमिका और सूरज का सातवां घोड़ा, इत्यादि में महत्वपूर्ण भूमिकाएं अदा की थी, जो उनके दिल के बहुत करीब थीं।
- स्टीवन स्पीलबर्ग अमरीश पुरी के एक बहुत बड़े प्रशंसक हैं, उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा “अमरीश मेरा पसंदीदा खलनायक है और इस जैसा खलनायक दुनिया में कभी नहीं होगा।”
- ऐसा कहा जाता है कि कोई भी अमरीश पुरी जैसी बेहतरीन खलनायक की भूमिका अदा नहीं कर सकता है। वास्तव में, वह बॉलीवुड खलनायक के बेंचमार्क थे।
- अमरीश पुरी के अनुसार वह बस काम करते गए और उन्हें यह पता ही नहीं चला, कि वह कब फिल्मकारों के बीच लोकप्रिय हो गए।
- यहां अमरीश पुरी के जीवन और उनकी फिल्म करियर की एक झलक है: