Deenanath Mangeshkar Biography in Hindi | दीनानाथ मंगेशकर जीवन परिचय
जीवन परिचय | |
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उपनाम | • मास्टर दीनानाथ मंगेशकर [1]Times Now • दीनानाथ मंगेशकर |
व्यवसाय | • संगीतकार • गायक • मराठी फिल्म निर्माता |
जाने जाते हैं | भारत की महान गायिका लता मंगेशकर के पिता होने के नाते |
शारीरिक संरचना | |
आँखों का रंग | काला |
बालों का रंग | काला |
व्यक्तिगत जीवन | |
जन्मतिथि | 29 दिसंबर 1900 (शनिवार) |
जन्मस्थान | मंगेशी, गोवा, पुर्तगाली भारत (पुर्तगाल साम्राज्य), (जो अब गोवा, भारत में है) |
मृत्यु तिथि | 24 अप्रैल 1942 (शुक्रवार) |
मृत्यु स्थान | पुणे, बॉम्बे प्रेसीडेंसी, ब्रिटिश भारत, (वर्तमान में महाराष्ट्र, भारत में है) |
आयु (मृत्यु के समय) | 41 वर्ष |
मृत्यु कारण | लम्बी बीमारी के कारण [2]Republic World |
राशि | मकर (Capricorn) |
राष्ट्रीयता | ब्रिटिश भारत |
गृहनगर | मंगेशी, गोवा, पुर्तगाली भारत (पुर्तगाल साम्राज्य), (जो अब गोवा, भारत में है) |
प्रेम संबन्ध एवं अन्य जानकारियां | |
वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
परिवार | |
पत्नी | • पहली पत्नी- नर्मदा (बाद में उनके ससुराल वालों द्वारा "श्रीमती" नाम दिया गया) ( 1922) • दूसरी पत्नी- शेवंती मंगेशकर (1927) |
बच्चे | बेटा- हृदयनाथ मंगेशकर बेटी- 4 • लता मंगेशकर • आशा भोसले • मीना खादीकर • उषा मंगेशकर |
माता/पिता | पिता- गणेश भट्ट नवाथे हार्डिकर (अभिषेक) माता- येसुबाई |
दीनानाथ मंगेशकर से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियां
- दीनानाथ मंगेशकर एक प्रसिद्ध भारतीय संगीतकार, थिएटर अभिनेता और हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायक थे। उनकी संगीत शैली भारतीय शास्त्रीय, भारतीय अर्ध-शास्त्रीय और नाट्य संगीत थी। उन्हें प्रमुख भारतीय गायकों लता मंगेशकर, आशा भोसले, मीना खादीकर, उषा मंगेशकर और हृदयनाथ मंगेशकर के पिता होने के लिए जाना जाता है, जो एक खुद संगीतकार थे।
- दीनानाथ मंगेशकर पुर्तगाली भारत (वर्तमान गोवा) के एक मंगेशी परिवार से थे। [3]Asia Net उनके पिता एक करहड़े ब्राह्मण थे। उनके पिता गोवा के प्रसिद्ध मंगेशी मंदिर के पुजारी थे। उनकी मां गोवा के देवदासी समुदाय से थीं और उनकी माँ के आलावा उनके पिता की एक और उपपत्नी थीं। जो उनकी माँ के जानकारी में नहीं थी। देवदासी समुदाय को बाद में भारतीय राज्य गोवा में प्रसिद्ध गोमांतक मराठा समाज में बदल दिया गया।
- दीनानाथ मंगेशकर का जन्म गोवा के मंगेशी गांव में हुआ था। इन सर्च ऑफ लता मंगेशकर नामक पुस्तक, जिसे हरीश भिमानी ने 1995 में प्रकाशित किया था। दीनानाथ के पिता का उपनाम ‘हार्डिकर’ लिखते थे क्योंकि उनके परिवार और पूर्वज मंगेशी मंदिर में ‘अभिषेक’ या शिव के लिंगम का अनुष्ठान स्नान किया करते थे। इसलिए उनके परिवार को गोवा के ‘अभिषेक’ के रूप में जाना जाता था। अपनी किशोरावस्था के दौरान दीनानाथ ने उपनाम मंगेशकर अपनाया जिसका अर्थ है ‘भगवान का शिव लिंग’। [4]Asia Net गोवा के मंगेशी मंदिर में मंगेश के एक देवता की भी पूजा की जाती है। [5]The Week
- दीनानाथ मंगेशकर की मां त्योहारों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के दौरान मंगेशी मंदिर में नृत्य और गीत गाया करती थी। कथित तौर पर उनमें संगीत के लिए एक अंतर्निहित प्रतिभा थी।
- पांच साल की उम्र में दीनानाथ मंगेशकर ने श्री बाबा माशेलकर से गायन और संगीत सीखना शुरू कर दिया था और ग्वालियर स्कूल में प्रवेश लिया। बाद में वह ज्ञानाचार्य पंडित रामकृष्णबुआ वाज़े के शिष्य बने। बहुत कम उम्र में दीनानाथ मंगेशकर पंडित सुखदेव प्रसाद के अनुयायी बन गए, जो पंडित मणि प्रसाद के पिता थे। वह किराना घराने से ताल्लुक रखते थे जो बीकानेर में शास्त्रीय संगीत का औपचारिक प्रशिक्षण देने में माहिर थे।
- ग्यारह साल की उम्र में दीनानाथ मंगेशकर ने संगीत और गायन में मंच प्रदर्शन के लिए खुद को किर्लोस्कर संगीत मंडली और किर्लोस्कर नाटक मंडली से जोड़ लिया था। बाद में उन्होंने अपने साथी चिंतामनराव कोल्हाटकर और कृष्णराव कोल्हापुरे के साथ बलवंत मंडली नाम की अपनी मंडली बनाई और किर्लोस्कर मंडली को छोड़ दिया।
- समय बीतने के साथ दीनानाथ मंगेशकर मराठी रंगमंच में अपने अच्छे रूप और मधुर आवाज के साथ एक प्रसिद्ध चेहरा बन गए। तत्कालीन प्रमुख मराठी रंगमंच के दिग्गज, बाल गंधर्व ने सार्वजनिक रूप से घोषणा की कि वह दीनानाथ मंगेशकर के संगीत और गायन से इतने प्रभावित हैं कि वह दीनानाथ का अपने संगठन में स्वागत करेंगे।
- दीनानाथ मंगेशकर एक बेहतरीन गायक और संगीतकार होने के साथ-साथ एक बेहतरीन अभिनेता और फिल्म निर्माता भी थे। 1930 के दशक में उन्होंने कृष्णनार्जुन युद्ध सहित तीन फिल्मों का निर्माण किया। फिल्म को हिंदी और मराठी दोनों भाषाओं में फिल्माया गया था। इस फिल्म का एक गाना दीनानाथ मंगेशकर ने गाया था और उन्ही पर फिल्माया भी गया था।
- बाद में दीनानाथ मंगेशकर रामकृष्ण वेज़ के शिष्य बन गए और उनसे भारतीय शास्त्रीय संगीत सीखा। वह ज्योतिष और अंकशास्त्र में सच्चे विश्वासी थे। कथित तौर पर उनका मानना था कि रणदुंदुभी, राजसन्यास, देशकंटक सहित अपने तीसरे अक्षर पर एक अनुस्वार (विशेषक) के साथ पांच अक्षरों के साथ उन्होंने जो मंच नाटक तैयार किए, वह उनके भाग्यशाली आकर्षण थे। दीनानाथ के थिएटर शो के लिए अधिकांश गीतों की रचना वज़ बुआ ने की थी और यह गीत अपनी देशभक्ति सामग्री के कारण दर्शकों के बीच काफी लोकप्रिय हुई।
- 21 साल की उम्र में दीनानाथ मंगेशकर ने 1922 में नर्मदा नाम की एक महिला से शादी की, जो उस समय 19 साल की थी। शादी के बाद उन्होंने उसका नाम नर्मदा से बदलकर श्रीमती रख लिया। नर्मदा महाराष्ट्र के थलनेर के ‘सेठ हरिदास रामदास लाड’ नाम के एक प्रसिद्ध गुजराती व्यवसायी की बेटी थी। श्रीमती ने एक कन्या को जन्म दिया और उन्होंने उसका नाम लतिका रखा। लतिका की बचपन में ही मौत हो गई थी। इसके कुछ देर बाद ही श्रीमती का भी देहांत हो गया।
- श्रीमती की मृत्यु के बाद दीनानाथ मंगेशकर ने 1927 में अपनी पहली पत्नी की बहन शेवंती से उनके घर पर एक निजी समारोह में शादी कर ली। शादी के बाद दीनानाथ मंगेशकर ने उनका नाम शेवंती से बदलकर ‘सुधामती’ कर दिया। कथित तौर पर इस शादी में शेवंती की मां शादी में शामिल होने के लिए मौजूद नहीं थी। दंपति के लता मंगेशकर, मीना मंगेशकर, आशा भोसले, उषा मंगेशकर और हृदयनाथ नाम के पांच बच्चे हुए।
- कथित तौर पर दीनानाथ मंगेशकर ने अपनी पहली बेटी का नाम हेमा रखा, लेकिन बाद उन्होंने अपनी मृत बेटी की याद में उसका नाम लता रख दिया।
- 1930 के दशक में दीनानाथ मंगेशकर आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे और बहुत ज्यादा शराब पीने लगे थे। बीमारी के कारण अप्रैल 1942 में पुणे में 42 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया। बाद में उनके परिवार के सदस्यों द्वारा पुणे में उनकी प्रेमपूर्ण स्मृति में “दीनानाथ मंगेशकर” नामक एक अस्पताल और अनुसंधान केंद्र की स्थापना की गई।
- लता मंगेशकर ने शास्त्रीय संगीत और गायन में अपना प्रारंभिक प्रशिक्षण अपने पिता दीनानाथ मंगेशकर से ही प्राप्त किया था। उन्होंने पांच साल की उम्र में ही अपने पिता दीनानाथ मंगेशकर से संगीत, नाटक और अभिनय का अभ्यास किया।
- थिएटर शो जो दीनानाथ मंगेशकर द्वारा किए गए थे, वह कुछ इस प्रकार हैं मनापमन, रणदुंदुभी, पुण्यप्रभा, संन्यास खड्गा, राजसन्यास, देशकंटक, और राम राज्य वियोग आदि।
- दीनानाथ मंगेशकर बलवंतराव अभिषेकी के सौतेले भाई थे।
- वर्ष 1993 में भारतीय शास्त्रीय संगीत और देशभक्ति गीतों में उनके योगदान के लिए दीनानाथ मंगेशकर को सम्मानित करने के लिए भारत सरकार द्वारा एक डाक टिकट जारी किया गया था।
- वर्ष 2022 में महान भारतीय गायिका लता मंगेशकर की मृत्यु के बाद महाराष्ट्र की उच्च और तकनीकी शिक्षा मंत्री उदय सामंत ने संवाददाता सम्मेलन में घोषणा की कि दीनानाथ मंगेशकर के नाम पर एक संगीत महाविद्यालय शीघ्र ही स्थापित किया जाएगा। जो लता मंगेशकर का अपने पिता का सम्मान करने का सपना था। उन्होंने कहा-
लता दीदी का सपना एक दीनानाथ मंगेशकर संगीत महाविद्यालय बनाना था। माननीय उद्धव साहब के नेतृत्व में उनका सपना जल्द ही साकार होगा…”