Deendayal Upadhyaya Biography in Hindi | दीनदयाल उपाध्याय जीवन परिचय
दीनदयाल उपाध्याय से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियाँ
- दीनदयाल उपाध्याय का जन्म भगवती प्रसाद उपाध्याय व रामप्यारी के घर नगला चंदभान( फरह, मथुरा) में हुआ था। जहां उनके पिता जलेसर रोड स्टेशन पर सहायक स्टेशन मास्टर थे।
- उनके पिता का रेलवे में स्टेशन अधिकारी होने के एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरण होता रहता था, जिसके कारण दीनदयाल अपने पिता के साथ न रहकर अपने नाना चुन्नीलाल के यहां रहते थे।
- जब दीनदयाल 3 साल के थे, तब उनके पिता का निधन हो गया था। जिसके कारण उनकी माँ बीमार रहने लगी और श्रय रोग की घातक बीमारी से मृत्यु को प्राप्त हुई।
- दीनदयाल उपाध्याय ने पिलानी, आगरा तथा प्रयाग से शिक्षा प्राप्त करते हुए बी०.एससी० बी०टी० की डिग्री प्राप्त की।
- कॉलेज दिनों से ही वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सक्रिय कार्यकर्ता थे।
- वर्ष 1937 में, वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आर.एस.एस.) से जुड़े। जहां उन्होंने संघ के संस्थापक डॉ. हेडगेवार से बातचीत की और संगठन के प्रति अपनी सच्ची निष्ठा व्यक्त की।
- उन्होंने भारत की उच्च स्तरीय परीक्षा “सिविल सेवा” की परीक्षा पास की, लेकिन आम जनता की सेवा के लिए दीनदयाल ने सिविल सेवा परीक्षा का परित्याग कर दिया।
- वर्ष 1942 में कॉलेज की शिक्षा पूरी करने के बाद दीनदयाल ने न तो कोई नौकरी की और न ही विवाह किया, बल्कि संघ की शिक्षा का प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए 40 दिवसीय शिविर में भाग लेने नागपुर चले गए।
- वर्ष 1951 में, डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने भारतीय जनसंघ की स्थापना की थी, जहां दीनदयाल उपाध्याय को प्रथम महासचिव नियुक्त किया गया था।
- उन्होंने 15 वर्षों तक महासचिव के रूप में जनसंघ की सेवा की और दिसंबर 1967 में, भारतीय जनसंघ के 14वें वार्षिक अधिवेशन कालीकट में उन्हें भारतीय जनसंघ का अध्यक्ष नियुक्त किया गया।
- वर्ष 1940 के दशक में, उन्होंने लखनऊ में प्रकाशित होने वाली मासिक पत्रिका “राष्ट्र धर्म” में एक पत्रकार के रूप में कार्य किया।
- उन्होंने कई साहित्यिक कृतियां भी लिखी है – जैसे ‘सम्राट चंद्रगुप्त’, ‘जगतगुरू शंकराचार्य’, ‘अखंड भारत क्यों हैं’, ‘राष्ट्र जीवन की समस्याएं’, ‘राष्ट्र चिंतन’ और ‘राष्ट्र जीवन की दिशा’, इत्यादि।
- 11 फ़रवरी 1968 को, उनका मृत शरीर मुग़ल सराय रेलवे स्टेशन पर संदिग्ध हालत में पाया गया।
- वर्ष 1978 में, भारत सरकार द्वारा दीनदयाल उपाध्याय को श्रद्धांजलि देते हुए एक स्मारक डाक टिकट जारी किया।
- हाल ही में, केन्द्र सरकार ने मुगलसराय जंक्शन का नाम दीनदयाल उपाध्याय स्टेशन कर दिया।