| वास्तविक नाम | ध्यान सिंह |
| उपनाम | हॉकी का जादूगर, चंद (चंद्रमा हिंदी रूपांतरण) |
| व्यवसाय | भारतीय हॉकी खिलाड़ी |
| लोकप्रियता | विश्व के सबसे बड़े हॉकी खिलाड़ी |
| शारीरिक संरचना |
| लम्बाई (लगभग) | से० मी०- 170
मी०- 1.70
फीट इन्च- 5' 7" |
| वजन/भार (लगभग) | 70 कि० ग्रा० |
| आँखों का रंग | गहरा भूरा |
| बालों का रंग | काला |
| हॉकी |
| अंतर्राष्ट्रीय शुरुआत | न्यूज़ीलैंड दौरा (अप्रैल 1926) |
| डोमेस्टिक/स्टेट टीम | झांसी हीरो |
| कोच / संरक्षक (Mentor) | सुबेदार - मेजर भोले तिवारी (सरंक्षक)

पंकज गुप्ता (कोच) |
| पसंदीदा मैच खेला गया | वर्ष 1933 में, कलकत्ता कस्टम और झांसी हीरो के बीच बीटन कप फाइनल |
| रिकॉर्ड्स (मुख्य) | • उन्होंने अपने हॉकी करियर में लगभग 1000 गोल किए, जिनमें से 400 अंतरराष्ट्रीय मैचों में किए थे।
• उन्होंने 3 ओलंपिक स्वर्ण पदक जीते हैं।
• वर्ष 1928 के एम्स्टर्डम ओलंपिक खेलों में उन्होंने सर्वाधिक 14 गोल किए थे और वर्ष 1936 के बर्लिन ओलंपिक में भी उन्होंने सर्वाधिक गोल किए थे।
• वर्ष 1935 में, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया दौरे पर, ध्यान चंद ने 43 मैचों में 201 गोल करने का विश्व रिकॉर्ड अपने नाम किया।
 |
| पुरस्कार/सम्मान | • वर्ष 1928, 1932 और 1936 में ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक जीता।
• वर्ष 1955 में, उन्हें पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया।
 |
| सेना (आर्मी) |
| सर्विस/ब्रांच | ब्रिटिश भारतीय सेना
भारतीय सेना |
| सर्विस कार्यकाल | 1921–1956 |
| यूनिट | पंजाब रेजिमेंट |
| सेना में भर्ती हुए | सिपाही के तौर पर (वर्ष 1922) |
| सेना से रिटायर हुए | मेजर के तौर पर (वर्ष 1956) |
| व्यक्तिगत जीवन |
| जन्मतिथि | 29 अगस्त 1905 |
| जन्मस्थान | इलाहाबाद, संयुक्त प्रांत, ब्रिटिश भारत |
| मृत्यु तिथि | 3 दिसंबर 1979 |
| मृत्यु स्थल | दिल्ली, भारत |
| आयु (मृत्यु के समय) | 74 वर्ष |
| मृत्यु कारण | लिवर कैंसर |
| राष्ट्रीयता | भारतीय |
| गृहनगर | झांसी, उत्तर प्रदेश, भारत |
| राशि | कन्या |
| शैक्षणिक योग्यता | छठी पास |
| धर्म | हिन्दू |
| जाति | राजपूत |
| खाद्य आदत | मांसाहारी |
| हस्ताक्षर |  |
| शौक/अभिरुचि | खाना पकाना, शिकार करना, मत्स्य पालन करना, फोटोग्राफी करना, क्रिकेट और कैरम खेलना |
| विवाद | नीदरलैंड में, एक मैच के दौरान एक अधिकारी ने ध्यान चंद की हॉकी स्टिक की जांच की, कहीं उनकी हॉकी स्टिक में कोई चुंबक तो नहीं लगी है, जिसके चलते उन्होंने ध्यान चंद की हॉकी स्टिक तोड़ को दिया। |
| प्रेम संबन्ध एवं अन्य मामलें |
| वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
| विवाह तिथि | वर्ष 1936 |
| परिवार |
| पत्नी | जानकी देवी |
| बच्चे | बेटा - बृज मोहन, सोहन सिंह, राज कुमार, अशोक कुमार (हॉकी खिलाड़ी)

उमेश कुमार, देविंदर सिंह, वीरेंदर सिंह
बेटी - कोई नहीं |
| माता-पिता | पिता - सुबेदार समेश्वर दत्त सिंह (सेना में सुबेदार)
माता - शारदा सिंह |
| भाई-बहन | भाई - मूल सिंह (हवलदार)
रूप सिंह (हॉकी खिलाड़ी)

बहन - कोई नहीं |
| पसंदीदा चीजें |
| पसंदीदा मिठाई | हलवा |
| पसंदीदा भोजन | मटन और मछली |
| पसंदीदा पेय पदार्थ | दूध |