जसवंत सिंह से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियाँ 60 के दशक में, जसवंत सिंह ने राजनीति में प्रवेश किया। वह राजनीतिक दल, भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं। वह भैरों सिंह शेखावत को अपना आदर्श मानते हैं। जसवंत सिंह को भारत के सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले सांसदों में से एक माना जाता है। वह वर्ष 1980 से वर्ष 2014 तक लगातार जीत दर्ज करते आ रहे हैं। प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने वर्ष 1998 के भारत परमाणु परीक्षणों पर संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ दीर्घकालिक वार्ता आयोजित करने के लिए उन्हें भारत के एक प्रतिनिधि के रूप में निर्वाचित किया गया। इसका परिणाम दोनों देशों के लिए बहुत उपयोगी था। वर्ष 2001 में, जसवंत को उत्कृष्ट संसदीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। वर्ष 2012 में, वह एनडीए सरकार के उपाध्यक्ष पद के उम्मीदवार के रूप में चुने गए थे। हालांकि, वह हामिद अंसारी (यूपीए के उपाध्यक्ष पद के उम्मीदवार) से हार गए थे। वर्ष 2014 में, उनकी पार्टी ने उन्हें 2014 के लोकसभा चुनावों के लिए किसी भी निर्वाचन क्षेत्र से नहीं चुना था, इसलिए उन्होंने राजस्थान के बाड़मेर निर्वाचन क्षेत्र से एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा। जब उन्होंने चुनाव से नाम वापस नहीं लिया, तब उन्हें 29 मार्च 2014 को बीजेपी से निष्कासित कर दिया गया। हालांकि, कर्नल सोनाराम चौधरी से वह चुनाव हार गए थे। https://youtu.be/gZAOqx34mU0 7 अगस्त 2014 को, जसवंत को अपने घर के शौचालय में फिसलने से सिर में गंभीर चोट लग गई। जब से वह…
जीवन परिचय | |
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व्यवसाय | राजनेता, सेना से सेवानिवृत्त |
शारीरिक संरचना | |
लम्बाई (लगभग) | से० मी०- 173 मी०- 1.73 फीट इन्च- 5’ 8” |
वजन/भार (लगभग) | 75 कि० ग्रा० |
आँखों का रंग | काला |
बालों का रंग | अर्ध सफ़ेद |
राजनीति | |
राजनीतिक पार्टी | भारतीय जनता पार्टी (1960-2014) |
राजनीतिक यात्रा | वर्ष 1980 में: उन्हें राज्यसभा के लिए चुना गया। वर्ष 1986 में: उन्हें राज्य सभा के लिए पुनः निर्वाचित (द्वितीय कार्यकाल) किया गया। वर्ष 1990 में: वह 9वीं लोकसभा के लिए चुने गए। वर्ष 1991 में: वह 10 वीं लोक सभा के द्वितीय कार्यकाल के लिए फिर से चुना गया। वर्ष 1991-1996 में: उन्होंने Estimate Committee के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। वर्ष 1996 में: उन्होंने वित्त मंत्री के रूप में कार्य किया। वर्ष 1996-1997 में: उन्हें 11 वीं लोकसभा (तीसरी अवधि) के लिए पुनः चुना गया। वर्ष 1998 में: उन्हें योजना आयोग के उपाध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया। वर्ष 1998 में: उन्हें राज्य सभा के लिए फिर से निर्वाचित (तीसरी अवधि) किया गया। वर्ष 1998-2002 में: उन्हें अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में विदेश मामलों के मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया। वर्ष 1999 में: वह राज्य सभा के लिए फिर से निर्वाचित (चौथी अवधि) किए गए। वर्ष 2001में: वह रक्षा मंत्री बने। वर्ष 2002-2004 में: वह दूसरी बार वित्त मंत्री बने। वर्ष 2004 में: उन्हें राज्य सभा के लिए फिर से निर्वाचित (5 वीं अवधि) किया गया। वर्ष 2004-2009 में: वह राज्यसभा में विपक्ष के नेता बने। वर्ष 2009 में: उन्हें 15 वीं लोकसभा (चौथी अवधि) के लिए पुनः चुना गया। वर्ष 2009 में: बीजेपी से एक विवाद के कारण उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया। वर्ष 2010 में: वह पुनः बीजेपी में शामिल हुए। वर्ष 2014 में: उन्हें दार्जिलिंग से एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुना गया। |
व्यक्तिगत जीवन | |
जन्मतिथि | 3 जनवरी 1938 |
आयु (वर्ष 2018 के अनुसार) | 80 वर्ष |
जन्मस्थान | जसोल, राजपूताना एजेंसी, ब्रिटिश भारत |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
हस्ताक्षर | |
गृहनगर | जसोल, राजपूताना एजेंसी, ब्रिटिश भारत |
राशि | मकर |
स्कूल | मयो कॉलेज, राजस्थान |
कॉलेज | • राष्ट्रीय रक्षा अकादमी • भारतीय सैन्य अकादमी |
शैक्षणिक योग्यता | ज्ञात नहीं |
धर्म | हिन्दू |
जाति | राजपूत |
पता | गांव-तमावा, ग्राम पंचायत-मेवा नगर, तहसील पचपद्र-जिला बाड़मेर, राजस्थान |
शौक/अभिरुचि | लेखन, पढ़ना, यात्रा करना |
विवाद | • जब उनकी पुस्तक, नेशनल सिक्योरिटी: एन आउटलाइन ऑफ कंसर्नस (1996) प्रकाशित हुई, तब जसवंत सिंह को एक विवाद का सामना करना पड़ा, क्योंकि उन्होंने अपनी पुस्तक में उल्लेख किया था कि एक जासूस ने यू.एस. स्रोतों को कुछ ख़ुफ़िया जानकारी लीक की थी। उन्होंने दावा किया कि उस समय पी.वी. नरसिम्हा राव के कार्यकाल के दौरान प्रधानमंत्री के कार्यालय में जासूसी रही थी। मनमोहन सिंह ने जसवंत को जासूस का नाम बताने के लिए चुनौती दी, जिस पर सिंह ने दावा किया कि जासूस के बारे में उनकी धारणा 'हंच' पर आधारित थी। • 17 अगस्त 2009 को उनकी एक और पुस्तक जिन्नाः भारत-विभाजन-स्वतंत्रता जारी की गई, जिसमें उन्होंने दावा किया कि जवाहरलाल नेहरू की केंद्रीकृत नीति भारत के विभाजन के लिए जिम्मेदार थी। इसके अलावा, उनकी पुस्तक ने मोहम्मद अली जिन्ना की प्रशंसा की। जिससे कई लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची और इसके चलते उन्हें विवादास्पद पुस्तक के कारण बीजेपी से भी निकाल दिया गया। |
प्रेम संबन्ध एवं अन्य जानकारी | |
वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
परिवार | |
पत्नी | शीतल कंवर |
बच्चे | बेटा - मानवेंद्र सिंह (राजनेता) बेटी - कोई नहीं |
माता-पिता | पिता - ठाकुर सरदार सिंह राठौड़ माता - कुंवर बाईसा |
धन संबंधित विवरण | |
कार संग्रह | • टैफे 35 ट्रैक्टर, (आरजे -19 आर 0032) • फिएट कार, (आरजे-क्यू-9849) • टाटा सफारी, (डब्ल्यूबी-77-7771) • टाटा मरीना, (डीएल-3 सी एएफ-3331) |
चल-अचल संपत्ति (लगभग) | बैंक सावधि जमा: ₹1 करोड़ बांड, डिबेंचर, शेयर: ₹11 लाख आभूषण: ₹23 लाख कुल मूल्य: ₹2 करोड़ |
कुल संपत्ति (लगभग) | ₹8 करोड़ (वर्ष 2009 के अनुसार) |
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