Javed Akhtar Biography in Hindi | जावेद अख्तर जीवन परिचय
जीवन परिचय | |
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वास्तविक नाम | जावेद अख्तर |
उपनाम | जादू |
व्यवसाय | गीतकार, पटकथा लेखक, कवि |
शारीरिक संरचना | |
लम्बाई (लगभग) | से० मी०- 165 मी०- 1.65 फीट इन्च- 5’ 5” |
वजन/भार (लगभग) | 75 कि० ग्रा० |
आँखों का रंग | गहरा भूरा |
बालों का रंग | श्वेत |
पुरस्कार एवं सम्मान | • वर्ष 1999 में, उन्हें पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया। • वर्ष 2007 में, उन्हें पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया। • फिल्मों में सर्वश्रेष्ठ गीतों के लिए 5 बार राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। फ़िल्में निम्न हैं : साज़ (1996), बॉर्डर (1997), गॉडमदर (1998), रेफ्यूजी (2000) और लगान (2001), इत्यादि। • वर्ष 2013 में, उन्हें कविता संग्रह- 'लावा' के लिए, साहित्य अकादमी पुरस्कार (उर्दू) एवं भारत के दूसरे सबसे बड़े साहित्यिक पुरस्कार से सम्मानित किया गया। |
व्यक्तिगत जीवन | |
जन्मतिथि | 17 जनवरी 1945 |
आयु (2018 के अनुसार ) | 73 वर्ष |
जन्मस्थान | ग्वालियर, ग्वालियर राज्य, मध्य भारत एजेंसी, ब्रिटिश भारत |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
हस्ताक्षर | |
राशि | मकर |
पता | 702 / सागर सम्राट, ग्रीन फील्ड रोड, जुहू, मुंबई -400049 |
गृहनगर | लखनऊ, उत्तर प्रदेश |
स्कूल/विद्यालय | ज्ञात नहीं |
महाविद्यालय/विश्वविद्यालय | सैफिया कॉलेज, भोपाल |
शैक्षिक योग्यता | कला में स्नातक |
डेब्यू | एक पटकथा लेखक के रूप में (सलीम खान के साथ) : फिल्म - अंदाज़ (1971) एक पटकथा लेखक (सोलो) के रूप में : फिल्म - बेताब (1983) एक गीतकार के रूप में : फिल्म - सिलसिला (1981) |
परिवार | पिता :- जन निसार अख़्तर (गीतकार और कवि) माता :- सफ़िया अख्तर (संगीतकार) भाई :- सलमान अख्तर और शाहिद अख्तर बहन :- उनेजा अख्तर और अल्बिना |
धर्म | नास्तिक |
शौक | क्रिकेट देखना |
विवाद | • वर्ष 2016 में, जब पूर्व भारतीय क्रिकेटर वीरेंदर सहवाग और पहलवान योगेश्वर दत्त ने दिल्ली विश्वविद्यालय के एक छात्र गुरमेहर कौर की हंसी उड़ाई थी, जब वह छात्रों और शिक्षकों पर एबीवीपी के हमलों का विरोध कर रही थी, तब इस घटना पर जावेद अख्तर ने ट्विटर पर एक ट्वीट करते हुए, योगेश्वर दत्त और वीरेंदर सहवाग को अशिक्षित घोषित किया था। • ब्रिटिश फिल्म निर्माता Leslee Udwin's की 'Indian Daughter' डॉक्यूमेंटरी फिल्म काफी विवादों में रही। चूंकि फिल्म में एक दोषी का साक्षात्कार भी था, इसलिए पीड़ित के माता-पिता ने सरकार से फिल्म रिलीज़ होने पर रोक लगाने के लिए आग्रह किया नतीजतन, सरकार ने विवादास्पद डॉक्यूमेंटरी फिल्म पर प्रतिबंध लगाने में कोई समय बर्बाद नहीं किया। हालांकि, जावेद अख्तर और कई अन्य नेताओं ने इस घटना पर अलग-अलग विचार प्रस्तुत किए। यही-नहीं संसदीय सत्र में दिए गए एक बयान में जावेद अख्तर ने कहा कि, "अच्छा हुआ की डॉक्यूमेंटरी बनी, अब पता चलेगा की कितने लोग हैं जो बलात्कारी जैसी सोच रखते हैं" (यह अच्छा है कि यह फिल्म बनाई गई, यह बताएगी कि कितने लोगों को लगता है कि निर्भया बलात्कार मामला सबके समक्ष आना चाहिए)। |
पसंदीदा चीजें | |
पसंदीदा कविता | अली सरदार जाफरी द्वारा "मेरा सफर" |
पसंदीदा कवि | कैफ़ी आज़मी |
पसंदीदा अभिनेता | दिलीप कुमार |
पसंदीदा गीत लेखक | साहिर लुधियानवी |
पसंदीदा भोजन | कबाब और वनीला आइसक्रीम |
पसंदीदा खेल | क्रिकेट |
प्रेम संबन्ध एवं अन्य जानकारियां | |
वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
गर्लफ्रेंड एवं अन्य मामले | हनी ईरानी और शबाना आज़मी |
पत्नी | हनी ईरानी, पूर्व पत्नी (पटकथा लेखक और निर्देशक) शबाना आज़मी, अभिनेत्री (विवाह तिथि 1984 से वर्तमान) |
विवाह तिथि | 9 दिसम्बर 1984 (शबाना आज़मी के साथ) |
बच्चे | बेटा :- फरहान अख्तर (पहली पत्नी से) बेटी :- ज़ोया अख्तर, बड़ी (पहली पत्नी से) |
धन संबंधित विवरण | |
आय | ज्ञात नहीं |
कुल संपत्ति (लगभग) | ज्ञात नहीं |
जावेद अख्तर से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियाँ
- क्या जावेद अख्तर धूम्रपान करते हैं ? ज्ञात नहीं
- क्या जावेद अख्तर शराब पीते हैं ? नहीं
- बहुत से लोग नहीं जानते कि जावेद अख्तर के माता-पिता ने शुरुआत में ही उनका नाम “जादू” रख दिया था। दिलचस्प बात यह है कि “जादू” नाम उन्हे अपने पिता द्वारा लिखी कविता से मिला था। एक विशेष पंक्ति में शब्द आता है- लम्हा-लम्हा किसी जादू का फ़साना होगा।
- कविता और गीत लेखन पीढ़ियों से अख्तर परिवार में चलते आ रहे हैं। हालांकि, उनके दादा एक कवि थे और उनके पिता जान निसार खान बॉलीवुड में एक प्रसिद्ध गीतकार थे।
- वर्ष 1964 में, अख्तर मुंबई आए थे। हालांकि, उनके पास रहने के लिए कोई जगह नहीं थी। उन्होंने बिना किसी भोजन के कई दिन पेड़ों के नीचे और गलियारों में नीचे सोते हुए बिताए। अंत में उन्हें कमल अमरोही स्टूडियो जोगेश्वरी में शरण मिली।
- जावेद अख्तर और सलीम खान की पहली मुलाकात वर्ष 1966 में आईं फिल्म सरहदी लुटेरा के सेट पर हुई थी। इस फिल्म में सलीम एक अभिनेता के तौर पर और जावेद एक क्लैपर बॉय के रूप में थे। हालांकि, कुछ समय बाद निर्देशक द्वारा किसी अन्य संवाद लेखक की जगह जावेद को पदोन्नत किया गया था।
- दोनों ने जल्द ही एक साथ काम करना शुरू कर दिया। सलीम खान ने नए विचारों के साथ नई कहानियों को तैयार किया, जबकि अख्तर ने संवाद तैयार करने में योगदान दिया। दिलचस्प बात यह है कि अख्तर ने सभी संवादों को उर्दू में लिखा, जिसे बाद में उनके सहायकों द्वारा हिंदी में अनुवाद किया गया। उन्होंने लगातार 24 फिल्मों पर एक साथ काम किया। इन 24 फिल्मों में से 20 हिट थीं, जिसमें वर्ष 1975 में आई शोले भी शामिल है।
- वर्ष 1982 में, वह एक दूसरे से अलग हो गए। अलग होने से पहले दोनों ने साथ में कई पटकथाएं लिखीं, परन्तु उन पर फिल्म नहीं बनाई गई। बाद में उन पटकथाओं पर कई फ़िल्में बनाई गईं। जैसे :- ज़माना (1985) और मिस्टर इंडिया (1987), इत्यादि।
- संयोगवश, अख्तर और उनकी पहली पत्नी, हनी ईरानी का जन्मदिन एक ही तारीख़ 17 जनवरी को आता है।
- जावेद अख्तर कैफ़ी आज़मी के कार्यों में सहायता करते थे और इस तरह उनके घर अक्सर आते-जाते रहते थे। इन बैठकों के दौरान अख्तर कवि की बेटी शबाना आज़मी के करीब आ गए थे। तभी उनकी तत्कालीन पत्नी, हनी ईरानी को इस अतिरिक्त-वैवाहिक संबंध के बारे में पता चला, तो उन्होंने अख्तर को तलाक देने का निर्णय किया। जिसके चलते वर्ष 1978 में वह एक दूसरे से अलग हो गए और अंत में वर्ष 1984 में तलाक हो गया।