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Jayant Chaudhary Biography in Hindi | जयंत चौधरी जीवन परिचय

जयंत चौधरी से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियां जयंत चौधरी एक भारतीय राजनेता हैं। जो 2009 में उत्तर प्रदेश के मथुरा निर्वाचन क्षेत्र से संसद चुने गए और 2014 तक संसद के रूप में काम किया। अपने पिता चौधरी अजित सिंह की मृत्यु के बाद वह रालोद के अध्यक्ष के रूप में पहली बार 2022 उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं। जयंत चौधरी का जन्म और पालन-पोषण भारत के पूर्व प्रधान मंत्री चौधरी चरण सिंह और उनकी पत्नी गायत्री देवी के देखभाल में हुआ था। वर्ष 2011 में जयंत चौधरी नोएडा, ग्रेटर नोएडा, मथुरा, हाथरस, आगरा और अलीगढ़ जिलों सहित उत्तर प्रदेश में भूमि के अनुचित अधिग्रहण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के नेता थे। वह 1894 के भूमि अधिग्रहण कानून के एक सक्रिय आलोचक हैं, जिसने राज्य सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर किसानों की उपजाऊ भूमि का अधिग्रहण किया था। वह अधिग्रहण अधिनियम के प्रावधानों के दुरुपयोग के खिलाफ भी खड़े हुए, जिसके कारण 2011 में भट्टा परसौल, बाजना और टप्पल में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हिंसा हुई। वर्ष 2010 में जयंत चौधरी ने केंद्र सरकार के खिलाफ आवाज उठाई और 26 अगस्त 2010 को नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर किसानों के विरोध के बीच संसद में एक नया भूमि अधिग्रहण कानून पारित करने का आह्वान किया। उन्होंने 5 अगस्त 2011 को लोकसभा में भूमि अधिग्रहण पर एक निजी सदस्य का विधेयक पेश किया था। इस विधेयक में यह उपाय शामिल था कि सरकार को निजी लाभ का कोई आवंटन नहीं होगा और अधिग्रहित भूमि में…

जीवन परिचय
व्यवसाय• राजनेता
• सलाहकार
जाने जाते हैंराष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के अध्यक्ष होने के नाते
राजनीति
पार्टी/दल राष्ट्रीय लोक दल
राजनीतिक यात्रा• जयंत चौधरी 15वीं लोकसभा के लिए चुने गए
• 31 अगस्त 2009 को उन्हें कृषि संबंधी समिति का सदस्य बनाया गया।
• 7 अक्टूबर 2009 को जयंत चौधरी को आचार समिति का सदस्य नियुक्त किया गया था।
शारीरिक संरचना
लम्बाई (लगभग)


से० मी०- 172
मी०- 1.72
फीट इन्च- 5’ 8”
आँखों का रंगकाला
बालों का रंग काला
व्यक्तिगत जीवन
जन्मतिथि 27 दिसंबर 1978 (बुधवार)
आयु (2021 के अनुसार)43 वर्ष
जन्म स्थान डैलस, टेक्सस (यूएसए)
राशि मकर (Capricorn)
हस्ताक्षर/ऑटोग्राफ
राष्ट्रीयता भारतीय
गृहनगर मथुरा, उत्तर प्रदेश
कॉलेज/विश्वविद्यालय• श्री वेंकटेश्वर कॉलेज, दिल्ली
• लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स
शैक्षिक योग्यता• श्री वेंकटेश्वर विश्वविद्यालय, दिल्ली से स्नातक [1]Jayant Chaudhary
• लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स एंड पॉलिटिकल साइंस, यूके में एमएससी, (लेखा और वित्त) [2]Jayant Chaudhary Lok Sabha Profile
धर्महिन्दू [3]Facebook
शौक/अभिरुचिकला, यात्रा करना और संगीत सुनना
पता 12, तुगलक रोड, नई दिल्ली-110 011 [4]Jayant Chaudhary Lok Sabha Profile
प्रेम संबन्ध एवं अन्य जानकारियां
वैवाहिक स्थिति विवाहित
विवाह तिथि14 अगस्त 2003 (गुरुवार)
परिवार
पत्नीचारु सिंह चौधरी
बच्चेबेटी- 2
• शायरा
• इलयशा
माता/पिता
दादा- चौधरी चरण सिंह (भारत के पूर्व प्रधान मंत्री)

दादी- गायत्री देवी चौधरी

पिता- चौधरी अजीत सिंह (पूर्व केंद्रीय मंत्री)

माता- राधिका सिंह
भाई/बहनबहन- 2
• निधि गुप्ता
• दीपा सिंह
धन/संपत्ति संबंधित विवरण
कार संग्रहजयंत चौधरी अपनी कार चलाते हुए
संपत्ति [5]MyNetaनकद: 2,59,680 रूपये

चल संपत्ति
बैंक जमा: 63,88,164 लाख रूपये
बांड और डिबेंचर: 3,81,81,979 लाख रूपये
एनएसएस, डाक बचत: 5,84,289 लाख रूपये
व्यक्तिगत ऋण/अग्रिम: 8,11,76,516 लाख रूपये
आभूषण: 19,000 हजार रूपये
अन्य संपत्ति: 1,00,930 लाख रूपये
कुल: 12,67,10,558 लाख रूपये

अचल संपत्ति
कृषि भूमि: 6,33,24,253 लाख रूपये
आवासीय भवन: 2,47,50,000 लाख रूपये
गैर-आवासीय भवन: 6,02,39,000 लाख रूपये
कुल: 14,83,13,253 लाख रूपये
कुल संपत्ति 24,28,79,743 करोड़ रूपये (2019 के अनुसार) [6]MyNeta

जयंत चौधरी से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियां

  • जयंत चौधरी एक भारतीय राजनेता हैं। जो 2009 में उत्तर प्रदेश के मथुरा निर्वाचन क्षेत्र से संसद चुने गए और 2014 तक संसद के रूप में काम किया। अपने पिता चौधरी अजित सिंह की मृत्यु के बाद वह रालोद के अध्यक्ष के रूप में पहली बार 2022 उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं।
  • जयंत चौधरी का जन्म और पालन-पोषण भारत के पूर्व प्रधान मंत्री चौधरी चरण सिंह और उनकी पत्नी गायत्री देवी के देखभाल में हुआ था।
  • वर्ष 2011 में जयंत चौधरी नोएडा, ग्रेटर नोएडा, मथुरा, हाथरस, आगरा और अलीगढ़ जिलों सहित उत्तर प्रदेश में भूमि के अनुचित अधिग्रहण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के नेता थे।
  • वह 1894 के भूमि अधिग्रहण कानून के एक सक्रिय आलोचक हैं, जिसने राज्य सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर किसानों की उपजाऊ भूमि का अधिग्रहण किया था।
  • वह अधिग्रहण अधिनियम के प्रावधानों के दुरुपयोग के खिलाफ भी खड़े हुए, जिसके कारण 2011 में भट्टा परसौल, बाजना और टप्पल में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हिंसा हुई।
  • वर्ष 2010 में जयंत चौधरी ने केंद्र सरकार के खिलाफ आवाज उठाई और 26 अगस्त 2010 को नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर किसानों के विरोध के बीच संसद में एक नया भूमि अधिग्रहण कानून पारित करने का आह्वान किया।
  • उन्होंने 5 अगस्त 2011 को लोकसभा में भूमि अधिग्रहण पर एक निजी सदस्य का विधेयक पेश किया था। इस विधेयक में यह उपाय शामिल था कि सरकार को निजी लाभ का कोई आवंटन नहीं होगा और अधिग्रहित भूमि में अत्यावश्यकता खंड का उपयोग किया जाएगा।
  • सूचना अधिकार अधिनियम में संशोधन करने के लिए उनके द्वारा निजी सदस्य का विधेयक पेश किया गया था ताकि पीपीपी (सार्वजनिक-निजी भागीदारी) में अधिक पारदर्शिता हो।
  • संसद जयंत चौधरी अक्सर भारत में जलवायु परिवर्तन से संबंधित मुद्दों, कृषि और पर्यावरण के प्रभावों की वकालत करते हैं। अपने बयानों में वह अक्सर जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर वैश्विक समझ और प्रतिबद्धता की आवश्यकता पर ध्यान केंद्रित करते हुए नजर आते हैं।
  • जयंत चौधरी सक्रिय रूप से भारत में अच्छी ऊर्जा का समर्थन करते हैं। मई 2011 में उन्होंने ब्रसेल्स में यूरोपीय संसद में जलवायु संगठन द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में भाग लिया और जल्द ही भारत सरकार को लिखे एक पत्र में, उन्होंने 2020 तक कुल बिजली आपूर्ति, पवन, बायोमास और अन्य नवीकरणीय ऊर्जा प्रौद्योगिकियों का 15% हिस्सा प्राप्त करने के लिए एक दृष्टिकोण बनाने का आग्रह किया।
  • वर्ष 2009 में 15वीं लोकसभा में नियुक्ति के तुरंत बाद जयंत चौधरी को कई संसदीय समितियों के सदस्य के रूप में जिम्मेदारी दी गई। जिसमें वाणिज्य, कृषि, वित्त संबंधी स्थायी समितियां, वित्त संबंधी परामर्शदात्री समिति, नैतिकता संबंधी समिति और सरकारी आश्वासन संबंधी समिति शामिल हैं।
  • जयंत चौधरी भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के सामान्य बोर्ड के सदस्य हैं। वह ICCI इंडो-ब्रिटिश फ़ोरम ऑफ़ पार्लियामेंटेरियन्स के सह-अध्यक्ष हैं। इसके आलावा वह भारत-वेनेजुएला संसदीय मैत्री समूह के बोर्ड सदस्य भी हैं।
  • जयंत चौधरी जलवायु संसद और ग्लोब इंडिया संगठनों के सदस्य हैं जो विकासशील देशों में ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने और जलवायु परिवर्तन के मुद्दों पर नीति निर्माताओं को शिक्षित करने का काम करते हैं।
  • वर्ष 2014 में जयंत चौधरी ने उत्तर प्रदेश के मथुरा निर्वाचन क्षेत्र से आम लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार अभिनेत्री और राजनेत्री  हेमा मालिनी के खिलाफ यह सीट हार गए।
  • वर्ष 2021 में लखीमपुर खीरी की घटना को जयंत चौधरी द्वारा ‘आतंकवादी हमला’ बताया गया था। इस घटना में नौ लोगों को मृत घोषित कर दिया गया था।
  • जयंत चौधरी ने केंद्रीय राज्य मंत्री (गृह) अजय मिश्रा और उनके बेटे को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) की धारा के तहत गिरफ्तार करने की मांग की थी। [7]The Times of India
  • 25 मई 2021 को जयंत चौधरी को उनके पिता चौधरी अजीत सिंह की मृत्यु के तुरंत बाद राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया। चौधरी अजीत सिंह की वर्ष 2021 में कोविड-19 के चलते मृत्यु हो गई थी।
  • शतरंज और क्रिकेट के शौक़ीन जयंत चौधरी दिल्ली स्टेट राइफल एसोसिएशन, डीडीसीए और दिल्ली फ्लाइंग क्लब के सदस्य हैं। 
  • जयंत चौधरी अपने ख़ाली समय में ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, चीन, जर्मनी, यूके और यू.एस.ए सहित कई देशों की यात्रा करना पसंद करते हैं।
  • वर्ष 2021 में जयंत चौधरी को नई दिल्ली में किसानों के विरोध प्रदर्शन में सक्रिय रूप से भाग लेते हुए देखा गया और किसानों को भोजन वितरण करते हुए भी देख गया था।
  • जयंत चौधरी सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं। उनके इंस्टाग्राम अकाउंट पर लगभग 70k से भी ज्यादा फोल्लोवेर्स हैं। उनके फेसबुक पेज को 500k से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं।
  • 28 जनवरी 2022 को जयंत चौधरी ने अपने ट्वीट में कहा कि वह भविष्य में कभी भी भारतीय जनता पार्टी में शामिल नहीं होंगे। [8]India Today उन्होंने कहा-

    अमित शाह भी यूपी में जाटों को अलग करना चाहते हैं जैसा कि उन्होंने हरियाणा में किया है। लेकिन मैं ऐसा नहीं होने दूंगा। मैं इसे लिखित रूप में दूंगा। सिर्फ यूपी चुनाव के बाद ही नहीं, मैं कभी भी बीजेपी में शामिल नहीं होऊंगा। अगर मैं कभी बीजेपी के साथ गठजोड़ करता हूं तो मेरी पार्टी खत्म हो जाएगी।”

  • 5 फरवरी 2022 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक मीडिया हाउस से बातचीत में कहा कि जयंत चौधरी एक अच्छे इंसान थे लेकिन उन्होंने अखिलेश यादव के साथ गलत गठबंधन किया। [9]News18 उन्होंने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह द्वारा जयंत चौधरी को दी गई सलाह को उन्होंने गलत समझा। योगी आदित्यनाथ ने कहा-

    गृह मंत्री अमित शाह ने जयंत चौधरी को उपयोगी सलाह दी, लेकिन उन्होंने सलाह का गलत अर्थ निकाला… जयंत भले ही अच्छे इंसान हों लेकिन वह गलत गठबंधन में हैं। चौधरी चरण सिंह जी और उनके द्वारा छोड़ी गई विरासत के लिए हमारे मन में बहुत सम्मान है।”

  • 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की रैली रद्द होने के तुरंत बाद। 7 फरवरी 2022 को जयंत चौधरी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के लिए मौसम खराब था। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा-

    बिजनौर में सूरज चमक रहा है लेकिन बीजेपी के लिए मौसम खराब है!”

  • उन्हें उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ प्रचार करते देख भाजपा सरकार ने 2022 के विधानसभा चुनाव में जयंत चौधरी को लुभाने की असफल कोशिश की।
  • वह अक्सर सोशल मीडिया पर अपने अनुयायियों को वृक्षारोपण की सलाह देते हैं।

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