Vallabhbhai Patel Biography in hindi | वल्लभभाई पटेल जीवन परिचय

वल्लभभाई पटेल से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियाँ क्या वल्लभभाई पटेल धूम्रपान करते थे ? हाँ (महात्मा गांधी से जुड़ने के बाद उन्होंने धूम्रपान करना छोड़ दिया।) क्या वल्लभभाई पटेल शराब पीते थे ? ज्ञात नहीं जब वह 16 वर्ष के थे, तब उनकी शादी कर दी गई थी। जिसके कारण 22 साल की उम्र में उन्होंने दसवीं पास की। बचपन से ही, वह बहुत साहसी थे। जिसके चलते उन्होंने कभी भी अपने जीवन के दर्द दुखों को प्रदर्शित नहीं किया। अपने परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण सरदार पटेल ने कानून में अध्ययन करने से मना कर दिया। वह एक बैरिस्टर बनना चाहते थे, इसलिए वह अपने परिवार से कई वर्षों तक दूर रहे और अपने दोस्तों से अध्ययन करने के लिए किताबें उधार में लीं। कुछ समय बाद, पटेल ने अपना घर छोड़ दिया और अपनी पत्नी के साथ गोधरा में रहने लगे। एक बार, पटेल को गंभीर बीमारी (शायद प्लेग) का सामना करना पड़ा, जिसके कारण उन्होंने अपने परिवार को एक सुरक्षित स्थान पर भेज दिया, क्योंकि रोग संक्रामक था। इलाज के दौरान सरदार पटेल ने एक मंदिर में जीवन बिताया। पटेल ने गोधरा, आनंद, बोर्साड में लॉ की प्रेक्टिस की। जब वह बोर्साड में थे, तब उन्होंने "एडवर्ड मेमोरियल हाई स्कूल" की स्थापना की (वर्तमान में यह झवेरभाई दाजीभाई पटेल हाई स्कूल है)। वर्ष 1909 में, उनकी पत्नी झवेरबाई पटेल का बॉम्बे (अब, मुंबई) के एक अस्पताल में कैंसर का इलाज किया गया था। लेकिन सफल सर्जरी के बावजूद भी उनकी पत्नी का अस्पताल में…

जीवन परिचय
वास्तविक नाम वल्लभभाई झवेरभाई पटेल
उपनाम सरदार, सरदार पटेल, Founding Father of India, Iron Man of India, Bismarck of India, Unifier of India
व्यवसाय वकील, राजनेता, कार्यकर्ता, स्वतंत्रता सेनानी
राजनीति
राजनीतिक पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
राजनीतिक यात्रा • वर्ष 1917 में, वह पहली बार अहमदाबाद के स्वच्छता आयुक्त के रूप में नियुक्त किए गए। उसी वर्ष, उन्हें गुजरात सभा के सचिव के रूप में किया गया (एक राजनीतिक निकाय, जिसने गांधी जी के अभियान में मदद की थी)।
• वर्ष 1920 में, उन्हें गुजरात प्रदेश की कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के रूप में चुना गया, जहां उन्होंने वर्ष 1945 तक सेवा दी।
• वर्ष 1924 से वर्ष 1928 तक, वह अहमदाबाद नगर समिति के अध्यक्ष थे।
• स्वतंत्रता के बाद, सरदार वल्लभभाई पटेल उप-प्रधानमंत्री पद को सुशोभित करने वाले प्रथम व्यक्ति थे। जिसके चलते उन्होंने गृह मंत्रालय, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के कार्यभार को संभाला।
पुरस्कार एवं सम्मान वर्ष 1991 में, मरणोपरांत भारत सरकार द्वारा उन्हें भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
सरदार पटेल के नाम पर स्थान / संस्थाएं• सरदार पटेल मेमोरियल ट्रस्ट
• सरदार सरोवर बांध, गुजरात
• सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय स्मारक, अहमदाबाद
• सरदार पटेल विश्वविद्यालय, गुजरात
• सरदार पटेल विद्यालय, नई दिल्ली
• सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी, हैदराबाद
• सरदार पटेल पुलिस, सुरक्षा और आपराधिक न्याय विश्वविद्यालय, जोधपुर
• सरदार पटेल कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, मुंबई
• सरदार पटेल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, मुंबई
• सरदार वल्लभभाई पटेल चौक, कटरा गुलाब सिंह, प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश में
• सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, अहमदाबाद
• सरदार पटेल स्टेडियम, अहमदाबाद
• वल्लभभाई पटेल चेस्ट इंस्टीट्यूट, नई दिल्ली
• स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, गुजरात
व्यक्तिगत जीवन
जन्मतिथि 31 अक्टूबर 1875
नोट- जन्म की सटीक तारीख निश्चित नहीं है। 31 अक्टूबर उनके मैट्रिक के प्रमाण पत्र में उल्लेख किया गया है।
आयु (आयु मृत्यु के समय)75 वर्ष
जन्मस्थान नडियाद, बॉम्बे प्रेसीडेंसी, ब्रिटिश इंडिया
मृत्यु तिथि15 दिसंबर 1950
मृत्यु स्थलबॉम्बे (वर्तमान में, मुंबई)
मृत्यु का कारणहृदयाघात (दिल का दौरा पड़ने से)
राशि वृश्चिक
राष्ट्रीयता भारतीय
गृहनगर नडियाद, गुजरात
स्कूल/विद्यालय एक प्राथमिक स्कूल, पेटलाड, गुजरात में
महाविद्यालय/विश्वविद्यालयMiddle Temple, Inns of Court, London, England
शैक्षिक योग्यता लॉ में डिग्री
धर्म हिन्दू
जाति पाटीदार
खाद्य आदत शाकाहारी
शौक/अभिरुचिपत्ते खेलना
विवाद • जब वह अहमदाबाद की नगर समुदाय के अध्यक्ष थे, तब उन पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगाए गए। जिसके चलते 28 अप्रैल 1922 को अहमदाबाद जिला न्यायालय में उनके खिलाफ ₹1.68 लाख की राशि को गलत ढंग से एकत्रित करने का मामला दर्ज किया था।
• मुसलमानों के खिलाफ पक्षपाती होने के कारण पटेल को कड़ी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। मौलाना अबुल कलाम आजाद ने भी उनकी आलोचना करते हुए कहा कि "वह भारत के विभाजन को स्वीकार करें।"
सुभाष चंद्र बोस के समर्थकों ने भी पटेल की आलोचना की, जो महात्मा गांधी का समर्थन नहीं कर रहे थे।
प्रेम संबन्ध एवं अन्य जानकारियां
वैवाहिक स्थिति विवाहित
विवाह तिथि वर्ष 1891
परिवार
पत्नी झवेरबाई पटेल
बच्चे बेटे : दहयाभाई पटेल (बीमा कंपनी में कार्यरत)

बेटी : मनीबेन पटेल (स्वतंत्रता सेनानी)
माता-पिता पिता - झवेरभाई पटेल
माता - लाड़बा
भाई-बहन भाई - सोमाभाई पटेल, नरशीभाई पटेल, विठ्ठलभाई पटेल (विधानसभा सदस्य), काशीभाई पटेल

बहन - दहीबेन
पसंदीदा चीजें
पसंदीदा भोजन चावल और उबली हुई सब्जी
पसंदीदा स्वतंत्रता सेनानी महात्मा गांधी

वल्लभभाई पटेल से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियाँ

  • क्या वल्लभभाई पटेल धूम्रपान करते थे ? हाँ (महात्मा गांधी से जुड़ने के बाद उन्होंने धूम्रपान करना छोड़ दिया।)
  • क्या वल्लभभाई पटेल शराब पीते थे ? ज्ञात नहीं
  • जब वह 16 वर्ष के थे, तब उनकी शादी कर दी गई थी। जिसके कारण 22 साल की उम्र में उन्होंने दसवीं पास की।

    सरदार पटेल बचपन के दिनों में

  • बचपन से ही, वह बहुत साहसी थे। जिसके चलते उन्होंने कभी भी अपने जीवन के दर्द दुखों को प्रदर्शित नहीं किया।
  • अपने परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण सरदार पटेल ने कानून में अध्ययन करने से मना कर दिया।
  • वह एक बैरिस्टर बनना चाहते थे, इसलिए वह अपने परिवार से कई वर्षों तक दूर रहे और अपने दोस्तों से अध्ययन करने के लिए किताबें उधार में लीं।
  • कुछ समय बाद, पटेल ने अपना घर छोड़ दिया और अपनी पत्नी के साथ गोधरा में रहने लगे।
  • एक बार, पटेल को गंभीर बीमारी (शायद प्लेग) का सामना करना पड़ा, जिसके कारण उन्होंने अपने परिवार को एक सुरक्षित स्थान पर भेज दिया, क्योंकि रोग संक्रामक था। इलाज के दौरान सरदार पटेल ने एक मंदिर में जीवन बिताया।
  • पटेल ने गोधरा, आनंद, बोर्साड में लॉ की प्रेक्टिस की। जब वह बोर्साड में थे, तब उन्होंने “एडवर्ड मेमोरियल हाई स्कूल” की स्थापना की (वर्तमान में यह झवेरभाई दाजीभाई पटेल हाई स्कूल है)।
  • वर्ष 1909 में, उनकी पत्नी झवेरबाई पटेल का बॉम्बे (अब, मुंबई) के एक अस्पताल में कैंसर का इलाज किया गया था। लेकिन सफल सर्जरी के बावजूद भी उनकी पत्नी का अस्पताल में देहांत हो गया था।
  • पत्नी की मृत्यु के बाद, सरदार पटेल को परिवार द्वारा पुनः शादी करने के लिए दबाव दिया गया, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। जिसके बाद सरदार पटेल ने अपने परिवार के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर अपने बच्चों का पालन-पोषण किया।
  • 36 साल की उम्र में, उन्होंने लंदन स्थित मिडिल टेम्पल इन में दाखिला लिया। जहां सरदार पटेल ने 30 महीने के भीतर अपने 36 महीने का कोर्स पूरा किया।
  • जब वह इंग्लैंड में कानून का अध्ययन कर रहे थे, तब अंग्रेजी जीवनशैली ने उन्हें बहुत प्रभावित किया।
  • इंग्लैंड से लौटने के बाद, उनकी जीवनशैली पूरी तरह से बदल गई थी। उन्होंने अंग्रेजी में बात करनी शुरू कर दी और यही-नहीं टाई के साथ सूट पहनना भी शुरू कर दिया। उस समय वह अहमदाबाद के प्रसिद्ध वकीलों में से एक थे और उन्हें आपराधिक मामलों को जीतने के लिए जाना जाता था।
  • अहमदाबाद के सर्वश्रेष्ठ वकीलों में से एक होने के कारण उन्होंने काफी धन एकत्रित किया। इसके साथ ही, पटेल ने अपने भाई की राजनीति में प्रवेश करने में सहायता की।

    सरदार पटेल वकील के रूप में

  • शुरुआत में, उनकी राजनीति में रूचि नहीं थी। हालांकि, अपने दोस्तों के आग्रह पर उन्होंने वर्ष 1917 में अहमदाबाद के नगरपालिका चुनावों को लड़ा और जीत दर्ज की।
  • एक बार महात्मा गांधी भाषण देने के लिए गुजरात क्लब आए हुए थे। उस समय, पटेल क्लब में ताश खेल रहे थे। लेकिन, पटेल गांधी जी को सुनने के लिए नहीं गए थे। तभी उनका साथी कार्यकर्ता जी. वी. मावलंकर महात्मा गांधी के भाषण में जाने लगा, तो पटेल ने उन्हें रोक दिया, क्योंकि उस समय पटेल गांधी जी की विचारधारा से असंतुष्ट से थे।
  • जलियांवाला बाग हत्याकांड के बाद, जब गांधी जी ने असहयोग आंदोलन को शुरू किया। तभी सरदार पटेल ने महात्मा गांधी जी का सम्पूर्ण समर्थन देते हुए, अपने सभी अंग्रेजी शैली के कपड़ों को फेंक दिया और खादी वस्त्रों का प्रयोग करना शुरू कर दिया।

    सरदार पटेल महात्मा गांधी के साथ

  • जब लंदन में गोल मेज सम्मेलन असफल रहा, तब महात्मा गांधी और सरदार पटेल को वर्ष 1932 में महाराष्ट्र की यरवदा केंद्रीय कारागार में कैद कर दिया गया। जहां वह दो साल तक कैद में रहे। जिसके बाद गांधी जी और पटेल एक-दूसरे के घनिष्ठ मित्र बन गए। तभी गांधी जी ने सरदार पटेल को संस्कृत भाषा पढ़ाई।
  • भारत की आजादी के बाद, पटेल ने भारत की सभी 562 रियासतों को एकजुट करने का कार्य किया।

  • विभाजन के समय, जब पंजाब में सांप्रदायिक हिंसा हो रही थी, तब पटेल ने मुस्लिम शरणार्थियों की एक ट्रेन पर हमला होने से रोका।
  • वह भारत के पहले प्रधानमंत्री के लिए पहली पसंद थे। हालांकि, पं. जवाहर लाल नेहरू भारत के पहले प्रधानमंत्री बने।

    सरदार पटेल महात्मा गांधी और पं. जवाहर लाल नेहरू के साथ

  • उनके जन्मदिन 31 अक्टूबर को देशभर में राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है।
  • उनकी 182 मीटर की मूर्ति (दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति) गुजरात के नर्मदा जिले के सरोवर बांध, गरुदेश्वर में बनाई गई है। इसे एकता की प्रतिमा भी कहा जाता है। जिसका भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 31 अक्टूबर 2018 को उद्घाटन करेंगे। जिसको प्रसिद्ध मूर्तिकला राम वी सुतार द्वारा डिजाइन किया गया है।

    स्टेचू ऑफ़ यूनिटी

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