Shivpal Singh Biography in Hindi | शिवपाल सिंह जीवन परिचय
जीवन परिचय | |
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पूरा नाम | शिवपाल सिंह लाफ [1]Instagram |
व्यवसाय | भारतीय एथलीट (भाला फेंक) |
शारीरिक संरचना | |
लम्बाई (लगभग) | से० मी०- 174 मी०- 1.74 फीट इन्च- 5’ 7” |
आँखों का रंग | भूरा |
बालों का रंग | काला |
एथलीट | |
मौजूदा टीम | इंडिया |
कोच | • जगमोहन सिंह • काशीनाथ नाइक • उवे होन |
इवेंट | भाला फेंक |
व्यक्तिगत जीवन | |
जन्मतिथि | 6 जुलाई 1995 (गुरुवार) |
आयु (2021 के अनुसार) | 26 वर्ष |
जन्मस्थान | वाराणसी, उत्तर प्रदेश |
राशि | कर्क (Cancer) |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
गृहनगर | चंदौली गांव, वाराणसी, उत्तर प्रदेश |
स्कूल/विद्यालय | कलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी भुवनेश्वर, ओडिशा |
शैक्षिक योग्यता | बीबीए [2]The Logical Indian |
धर्म | हिन्दू [3]Instagram |
टैटू | शिवपाल सिंह ने अपनी बाईं छाती पर भगवान शिव का त्रिशूल और बाएं हाथ पर भगवान शिव का टैटू बनवाया है। |
शौक/अभिरुचि | पंजाबी संगीत सुनना और तैराकी करना |
पसंदीदा चीजें |
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अभिनेता | सलमान खान |
प्रेम संबन्ध एवं अन्य जानकारियां | |
वैवाहिक स्थिति | अविवाहित |
परिवार | |
पत्नी | लागू नहीं |
माता/पिता | पिता- रामासराय सिंह (पूर्व भाला फेंक) माता- स्वर्गीय पूनम सिंह (गृहिणी) |
भाई | भाई- नंद किशोर सिंह (राष्ट्रीय भाला फेंक) |
शिवपाल सिंह से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियाँ
- शिवपाल सिंह एक भारतीय भाला फेंक एथलीट हैं। जिन्हे नीरज चोपड़ा के बाद भारतीय इतिहास में दूसरे सबसे अच्छे भाला फेंक एथलीट के रूप में जाना जाता है।
- शिवपाल सिंह का पालन-पोषण एक भाला फेंक परिवार में हुआ था। जिसके चलते उन्होंने 10 साल की उम्र में ही भाला फेंकना शुरू कर दिया था। उनके पिता रामासराय सिंह राष्ट्रीय स्तर के भाला फेंक खिलाडी थे और उनके दादा एक भाला फेंक खिलाडी थे उनके चाचा जगमोहन सिंह भी राष्ट्रीय स्तर के भाला फेंक चैंपियन हैं इसके आलावा उनका छोटा भाई नन्द किशोर सिंह भी एक भाला फेंक खिलाडी है।
- शिवपाल सिंह का वजन बचपन में काफी ज्यादा था। जिसके चलते उनके पिता ने उन्हें भाला कौशल को सुधारने और खेल से जुड़ी उन सभी तकनीकों से पूरी तरह सुसज्जित होने के लिए उन्हें नई दिल्ली अपने चाचा के पास भेज दिया। जहाँ उन्होंने लगभग छह वर्षों तक भाला फेंक का कठोर प्रशिक्षण प्राप्त किया।
- शिवपाल सिंह नीरज चोपड़ा के बाद टोक्यो ओलंपिक में क्वालीफाई करने वाले दूसरे भाला फेंकने खिलाड़ी हैं। यह उपलब्धि उन्हें वर्ष 2020 में एथलेटिक्स सेंट्रल नॉर्थ ईस्ट (ACNW) लीग मीटिंग के दौरान पोचेफस्ट्रूम, दक्षिण अफ्रीका में मिली थी। उन्होंने 85.47 मीटर थ्रो के साथ अपना पहला स्लॉट बुक किया था। दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने अपने पहले तीन प्रयासों में 80 मीटर तक भाला फेंकने में असफल रहे। उनके आँकड़े 79.97 मीटर, 78.68 मीटर, 79.33 और 81.50 मीटर के रूप में देखे गए। यह उनका 5वां मौका था। टोक्यो ओलंपिक का टिकट मिलने के बाद उन्होंने कहा-
मुझे बहुत ख़ुशी हुई कि मैं कुछ मौकों पर चूकने के बाद भी योग्यता मानक हासिल करने में सफल रहा। क्वालीफाइंग अवधि शुरू होने से कुछ दिन पहले मेरा सर्वश्रेष्ठ थ्रो आया और मैं वुहान में विश्व सैन्य खेलों और काठमांडू में दक्षिण एशियाई खेलों में 83 मीटर भाला फेंक से आगे निकल गया।
- कोविड-19 महामारी की वजह से टोक्यो ओलंपिक 2020 स्थगित होने के बाद उन्होंने पटियाला के राष्ट्रीय खेल संस्थान और भुवनेश्वर के कलिंग स्टेडियम में घंटों कठिन अभ्यास कर लंबे समय तक भाला फेंकने और अपनी फिटनेस पर कड़ी मेहनत किया।
- वर्ष 2015 में उन्हें जूनियर विश्व चैंपियनशिप में चुना गया था लेकिन उन्हें चोट लगने के कारण इस प्रतियोगिता से बाहर निकाल दिया गया। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अगले साल हंगरी में आयोजित होने वाले पुरुषों की भाला फेंक स्पर्धा में बुडापेस्ट ओपन एथलेटिक्स अपने नाम किया।
- वर्ष 2018 में एशियाई खेलों के दौरान शिवपाल सिंह प्रदर्शन करने में विफल रहे। क्योंकि कोहनी की चोट के कारण वह तीन मौकों में से केवल एक थ्रो का प्रबंधन कर सके जिसके चलते वह आठवें स्थान पर रहे।
- शिवपाल सिंह अपने चोट के दौरान भी अपने अभ्यास में कमी ना आने का पूरा-पूरा श्रेय अपने राष्ट्रीय कोच उवे होन को देते हैं।
- उनका व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ स्कोर 86.23 मीटर है जो उन्होंने एशियाई भाला फेंक चैंपियनशिप इवेंट 2019 में हासिल किया था।
- उन्होंने ताइपे के एशियाई रिकॉर्ड होल्डर चाओ-सुन चेंग को पीछे छोड़ते हुए उस स्पर्धा में रजत पदक जीता।
- वर्ष 2019 में उन्होंने चीन के वुहान सैन्य विश्व खेलों में 83.33 मीटर का स्कोर करके स्वर्ण पदक अपने नाम किया। इस खेल में उन्होंने अपने अपोजिट क्रुकोवस्की मार्सिन को हराया था। उस आयोजन में 27 अलग-अलग खेलों के लिए 140 देशों से दस हजार एथलीटों ने भाग लिया था। जिसमे भारत ने कुल छह रजत और एक कांस्य पदक अपने नाम किया था।
- वर्ष 2019 में उन्होंने नॉर्वे के ओस्लो डायमंड लीग की बैठक में भाग लिया। जहां वह 80.87 मीटर के उच्चतम थ्रो के साथ आठवें स्थान पर रहे।
- वर्ष 2020 में शिवपाल सिंह ने पंजाब के पटियाला में आयोजित इंडियन ग्रैंडप्रिक्स 3 में 81.63 मीटर के थ्रो के साथ दूसरा स्थान प्राप्त किया।
- 15 मार्च 2021 को कोहनी की चोट के कारण शिवपाल नेशनल सीनियर फेडरेशन कप से चूक गए।
- कलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (केआईआईटी) वर्ष 2021 में भारत को तीन ओलंपियन एथलीट खिलाडी देने वाला एकमात्र भारतीय विश्वविद्यालय बन गया जिसमे दुती चंद और भवानी देवी शामिल हैं।