Menu

Krishna Nagar Biography in Hindi | कृष्णा नागर जीवन परिचय

Krishna Nagar

जीवन परिचय
व्यवसाय भारतीय पैरा-बैडमिंटन खिलाड़ी और सहायक वन संरक्षक (राजस्थान)
जाने जाते हैं2020 टोक्यो ग्रीष्मकालीन पैरालंपिक में स्वर्ण पदक जीतने और पैरा-बैडमिंटन पुरुष एकल SH6 में वर्ल्ड नंबर 2 स्थान प्राप्त करने के लिए
शारीरिक संरचना
[1]The Times of India लम्बाईसे० मी०- 137
मी०- 1.37
फीट इन्च- 4’ 5"
आँखों का रंग काला
बालों का रंग काला
बैटमिंटन
मौजूदा टीमइंडिया
हैंडेडनेसबाएं हाथ के खिलाड़ी
कोचगौरव खन्ना
पदकगोल्ड मेडल
• 2019 युगांडा अंतर्राष्ट्रीय पैरा-बैडमिंटन (पुरुष एकल SS6) में
• 2019 युगांडा अंतर्राष्ट्रीय पैरा-बैडमिंटन (पुरुष डबल्स SS6) में
• 2020 टोक्यो ग्रीष्मकालीन पैरालंपिक पुरुष एकल SH6 में

सिल्वर मेडल
• वर्ष 2019 में स्विट्जरलैंड के बासेल में आयोजित BWF पैरा-बैडमिंटन विश्व चैंपियनशिप (पुरुष डबल्स SS6) में

कांस्य पदक
• वर्ष 2019 में स्विट्जरलैंड के बासेल में आयोजित BWF पैरा-बैडमिंटन विश्व चैंपियनशिप (पुरुष एकल SS6) में
• वर्ष 2018 में जकार्ता में आयोजित एशियाई पैरा पुरुष एकल SS6 खेलों में
व्यक्तिगत जीवन
जन्मतिथि 12 जनवरी 1999 (मंगलवार)
आयु (2020 के अनुसार)22 वर्ष
जन्मस्थान जयपुर, राजस्थान, भारत
राशि मकर (Capricorn)
राष्ट्रीयता भारतीय
गृहनगर जयपुर, राजस्थान
आहारमांसाहारी [2]YouTube
प्रेम संबन्ध एवं अन्य जानकारियां
वैवाहिक स्थितिअविवाहित
गर्लफ्रेंडज्ञात नहीं
परिवार
पत्नीलागू नहीं
माता/पितापिता- सुनील नागर (फिजियोथेरेपिस्ट)
Krishna Nagar's father
माता- नाम ज्ञात नहीं
Krishna Nagar's mother
भाई/बहनकृष्णा की एक बड़ी बहन और एक छोटा भाई है। जिनका नाम ज्ञात नहीं है।

Krishna Nagar

कृष्णा नागर से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियाँ

  • कृष्णा नागर एक भारतीय पैरा-बैडमिंटन खिलाड़ी हैं जिन्हें 2020 ग्रीष्मकालीन पैरालंपिक में स्वर्ण पदक जीतने के लिए जाना जाता है। उन्हें पैरा-बैडमिंटन पुरुष एकल SH6 विश्व रैंकिंग स्पर्धाओं में दूसरे नंबर पर रखा गया है।
  • कृष्णा नागर का जन्म जयपुर के राजस्थान के एक गरीब परिवार में हुआ था। जब कृष्णा नागर दो साल के थे तो उनके माता-पिता ने देखा कि उनकी उम्र के अन्य बच्चों की तुलना में उनकी ऊंचाई बहुत कम है। डॉक्टर से परामर्श लेने के बाद उन्हें पता चला कि ग्रोथ हार्मोन की कमी के कारण उन्हें बौनापन है।
  • उन्हें स्कूल के दिनों में सहपाठियों द्वारा तंग किया जाता था। जिसके चलते उन्होंने जीवन में कुछ अलग करने का प्रण लिया। कृष्णा अपने छोटेपन से चिंतित होकर लटकने और खेल खेलने जैसे तरीके आजमाते रहे। जिससे खेल में उनकी रुचि भी जाग उठी। Krishna Nagar with his coach Gaurav Khanna during a match
  • एक इंटरव्यू के दौरान कृष्णा नागर ने अपने संघर्षों के बारे में बात करते हुए कहा-

    जब मैं स्कूल में था तो लोग मेरा मजाक उड़ाते थे। ऐसे लोग थे जिन्होंने कहा कि मैं जीवन में कुछ नहीं कर पाऊंगा। मैं भी इससे प्रभावित था और मैंने अपनी लंबाई बढ़ाने के लिए तरह-तरह के व्यायाम किए और तरह-तरह के खेल खेले, लेकिन वास्तव में कुछ भी मदद नहीं मिली।”

  • उन्होंने खेल गतिविधियों में अपनी प्राकृतिक प्रतिभा की खोज की और हमेशा स्प्रिंट, जंप और अन्य खेलों में अच्छा प्रदर्शन किया। 2017 में कॉलेज के दौरान उन्होंने पैरा-बैडमिंटन में भाग लेना शुरू किया। इस बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा-

    कॉलेज पहुंचने के बाद मैं 2017 में जयपुर के एक स्टेडियम में मनोरंजन के लिए बैडमिंटन खेलने के लिए शामिल हुआ और तभी मेरा परिचय पैरा-बैडमिंटन से हुआ। वहां के कोच ने मुझे समझाया कि यह कैसे काम करता है और कैसे मेरे जैसे लोगों के लिए पैरा-बैडमिंटन में एक श्रेणी है। तब से कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और लगातार बैटमिंटन खेलता रहा।”

  • कृष्णा ने 2018 में पेशेवर रूप से बैटमिंटन स्पर्धाओं में भाग लेना शुरू किया और उन्होंने 2018 एशियाई पैरा खेलों में कांस्य पदक जीता। इसके आलावा उन्होंने स्विट्जरलैंड के बासेल में आयोजित BWF पैरा-बैडमिंटन विश्व चैंपियनशिप में रजत और कांस्य पदक अपने नाम किया। Krishna Nagar playing a shot during the world championships in Basel Switzerland
  • कृष्णा ने अप्रैल 2020 में दुबई में आयोजित इंटरनेशनल पैरा-बैडमिंटन इवेंट में भाग लिया और टूर्नामेंट में दो स्वर्ण पदक जीता। Krishna Nagar posing with the gold medal after winning Dubai Para Badminton International 2020
  • 2020 ग्रीष्मकालीन पैरालंपिक में स्वर्ण पदक जीतने के बाद उन्होंने अपनी जीत का जश्न यह कहकर मनाया-

    यह एक सपना सच होने जैसा है। मैं अपने माता-पिता, चाचा-चाची, भगवान, और प्रशिक्षकों को धन्यवाद देना चाहता हूं। यह पहली बार है कि बैडमिंटन को पैरालंपिक में जोड़ा गया और मुझे उम्मीद है कि भारत आगामी खेलों में जीत और अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करता रहेगा।”

  • कृष्णा के पिता उस मैच को देखने के लिए मौजूद नहीं थे, जिसे स्टेडियम में स्ट्रीम किया जा रहा था। कृष्णा की जीत के बाद उनके पिता ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा-

    कई जांचों के बाद डॉक्टरों ने हमें बताया कि पिट्यूटरी ग्रंथि में हार्मोन की कमी है और सर्जरी की सफलता दर बहुत कम थी इसलिए हमने मना कर दिया। हम चिंतित थे और उनके दिमाग को उनकी ऊंचाई के बारे में सोचने से हटाना चाहते थे। कृष्णा वॉलीबॉल और हाई जंप में भी अच्छे थे लेकिन अच्छी हाइट वाले लोगों को तरजीह दी गई, इसलिए हमने बैडमिंटन को चुना।”

  • गरीब परिवार में जन्मे कृष्णा नागर को उपकरणों के लिए धन की व्यवस्था करने और यात्रा करने के खर्च का वहन करने में काफी कठिनाई हुई। हालांकि 2020 ग्रीष्मकालीन पैरालंपिक में उनकी जीत के बाद, उनके पिता का मानना ​​​​है कि सभी खर्च का वहन आसानी से हो पा रहा है। Krishna Nagar with the gold medal at 2020 Summer Paralympics
  • कृष्णा नागर वर्तमान समय में राजस्थान वन विभाग में सहायक वन संरक्षक के पद पर कार्यरत हैं।

 

सन्दर्भ

सन्दर्भ
1 The Times of India
2 YouTube

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *