Usha Mangeshkar Biography in Hindi | उषा मंगेशकर जीवन परिचय
जीवन परिचय | |
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व्यवसाय | भारतीय पार्श्व गायिका |
जानी जाती हैं | भारत की महान गायिका लता मंगेशकर की छोटी बहन होने के नाते |
शारीरिक संरचना | |
लम्बाई (लगभग) | से० मी०- 163 मी०- 1.63 फीट इन्च- 5' 4” |
आँखों का रंग | काला |
बालों का रंग | काला |
संगीत करियर | |
डेब्यू | हिंदी गीत: फिल्म "सुबह का तारा" (1954 रोमांटिक-ड्रामा) का हिंदी गीत "बड़ी धूम धाम से मेरी भाभी आई" |
पुरस्कार | • 1975 में उनके गीत "जय संतोषी माँ" के लिए सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका BFJA पुरस्कार • वर्ष 2020 में लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार की तरफ से मिर्ची पुरस्कार • वर्ष 2020 में महाराष्ट्र सरकार के सांस्कृतिक विभाग द्वारा गण समृद्धि लता मंगेशकर पुरस्कार • वर्ष 1977 में उन्हें मराठी फिल्म "जैत रे जैत" (फिल्म के निर्माता के रूप में) सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म के लिए राष्ट्रपति रजत पदक से सम्मानित किया गया। • फिल्म "जय संतोषी मां" (1975) के गीत "माई तो आरती" के लिए सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका के तौर पर फिल्मफेयर पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया। नोट: उनके नाम कई और पुरस्कार और सम्मान शामिल हैं। |
व्यक्तिगत जीवन | |
जन्मतिथि | 15 दिसंबर 1935 (रविवार) |
आयु (2021 के अनुसार) | 86 वर्ष |
जन्मस्थान | बॉम्बे, बॉम्बे प्रेसीडेंसी, ब्रिटिश भारत (अब मुंबई) |
राशि | धनु (Sagittarius) |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
गृहनगर | मुंबई |
स्कूल/विद्यालय | ज्ञात नहीं |
शौक/अभिरुचि | पेंटिंग करना |
प्रेम संबन्ध एवं अन्य जानकारियां | |
वैवाहिक स्थिति | अविवाहित |
परिवार | |
पति | लागू नहीं |
माता/पिता | पिता- दीनानाथ मंगेशकर (अभिनेता) माता- शेवंती मंगेशकर |
भाई/बहन | भाई- हृदयनाथ मंगेशकर बहन- 3 • आशा भोसले (बड़ी, पार्श्व गायिका) • लता मंगेशकर (बड़ी, पार्श्व गायिका) • मीना खादीकर (बड़ी, पार्श्व गायिका) |
उषा मंगेशकर से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियां
- उषा मंगेशकर एक भारतीय पार्श्व गायिका और महान भारतीय पार्श्व गायिका लता मंगेशकर की सबसे छोटी बहन हैं। उषा ने मराठी, हिंदी, गुजराती, बंगाली, नेपाली, भोजपुरी, कन्नड़ और असमिया सहित कई भाषाओं के गीतों को अपनी आवाज दी हैं।
- उनके पिता मराठी थिएटर कलाकार और गायक थे, इसलिए मंगेशकर परिवार में गायन का प्रचलन जारी रहा। उनकी मां शेवंती मंगेशकर उनके पिता की पहली पत्नी नर्मदा की बहन थीं, जिनकी मृत्यु हो गई थी।
- जब वह मात्र छह साल की थीं तभी उनके पिता की मृत्यु हो गई थी। अपने माता-पिता के निधन के बाद उषा और उनके भाई-बहनों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ा था। परिवार में सबसे बड़ी होने के नाते लता मंगेशकर गाने के माध्यम से अपने भाई बहनों के खर्चों को पूरा करने की जिम्मेदारी उठाई। चारों बहनों में उषा मंगेशकर सबसे छोटी हैं।
- छोटी होने के दौरान उषा ने गायन में रुचि विकसित की और अपनी बड़ी बहनों, लता मंगेशकर और आशा भोसले की तरह गायन को अपना करियर चुना।
- उन्होंने वर्ष 1953 में पार्श्व गायन शुरू किया। इससे पहले उन्होंने कुछ कम बजट की फिल्मों के साथ अपने गायन करियर की शुरुआत की, जिसने बाद में उन्हें सफलता दिलाई।
- फिल्म “जय संतोषी मां” (1975) के गीत “माई तो आरती” ने उन्हें भारत में एक अलग पहचान दिलाई।
- उन्हें पेंटिंग करना बहुत पसंद है और उनका मानना है कि पेंटिंग और सिंगिंग का आपस में गहरा संबंध है। उषा के मुताबिक वह संगीत सुनते हुए पेंटिंग बनाती थीं। पेंटिंग में इतनी गहरी दिलचस्पी रखते हुए उषा ने अपने एक साक्षात्कार में कहा कि एक गीत गाने से पहले, वह आमतौर पर फिल्म के दृश्य और उसकी स्थिति के बारे में अपने दिमाग में एक छवि बनाती हैं, लेकिन बाद में अगर वह दृश्य उनकी कल्पना से मिलता जुलता नहीं होता तो निराशा हो जाती हैं। उदाहरण के लिए फिल्म “मधुमती” (1958) के गीत “सुहाना सफर” को सुनने के बाद उन्होंने अपने दिमाग में एक समुद्र की तस्वीर बनाई और उसका एक स्केच बनाया। बाद में जब उन्होंने फिल्म में गाना देखा, तो इसे जंगल में शूट किया गया था। लेकिन उनकी कल्पना से अलग था, इसलिए यह उनके लिए एक बड़ी निराशजनक बात थी।
- उषा मंगेशकर अन्य संगीत शैलियों की तुलना में लोक संगीत को प्राथमिकता देती हैं। वह 60 से अधिक वर्षों से बॉलीवुड सहित कई और फिल्म जगत में गाना गा रही हैं। उन्होंने 1992 में दूरदर्शन के लिए एक संगीत नाटक “फूलवंती” का भी निर्माण किया था, जो बाबा साहिब पुरंदरे की एक कहानी पर आधारित था।
- गीत “मुंगड़ा” राज एन सिप्पी की सस्पेंस थ्रिलर “इंकार” का एक लोकप्रिय चार्टबस्टर था, जो वर्ष 1977 में रिलीज़ हुआ था। राजेश रोशन की रचना को उषा मंगेशकर ने अपनी मधुर आवाज दी है।
- मुंगड़ा गीत को इंद्र कुमार के कॉमिक कैपर टोटल धमाल (2019) के लिए फिर से बनाया गया था, लेकिन मूल गायिका उषा मंगेशकर और संगीतकार राजेश रोशन रीमेक से खुश नहीं थे। इसके अलावा प्रशंसक रीमेक से बहुत निराश हुए और यहां तक कि निर्माताओं को एक क्लासिक “बर्बाद” करने के लिए नारा दिया और उन्होंने इसे “टॉयलेट रीमिक्स” कहा।
- वर्ष 2019 में महाराष्ट्र के शिक्षा मंत्री द्वारा उषा को “डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी” की डिग्री से सम्मानित किया गया।
Namaskar. Dr Vishwanath Karad ji ke MIT-ADT University pune ne mujhe aaj Doctor of Philosophy is padvi se sammait kiya jo mujhe Maharashtra ke shiksha evam sanskriutik mantri Shri Vinod tawde ji ke shubh haaton se mili. Main Dr Karad ji aur unki University ki aabhari hun. pic.twitter.com/4LSe7whayq
— Usha Mangeshkar (@ushamangeshkar) February 23, 2019
- इसके अलावा उषा मंगेशकर क्लासिक को रीमिक्स करने के विचार से पूरी तरह से खुश नहीं थीं एक इंटरव्यू में उषा मंगेशकर ने कहा,
हमारे गीत लता मंगेशकर, आशा भोसले और उषा मंगेशकर द्वारा गाए गए गीत बहुत सोच-विचार के बाद बनाए गए थे और उन्हें संवेदनशीलता और देखभाल के साथ तैयार किया गया था। इस मनमानी तरीके से चीर-फाड़ करना सही नहीं है।”
- वर्ष 2017 में 27 साल के अंतराल के बाद उषा मंगेशकर अपनी बड़ी बहन लता मंगेशकर बंगाली स्वतंत्रता सेनानी की बायोपिक ‘मैं खुदीराम बोस हुन’ के गाने ‘एक बार बिदाई दे दो मान’ के लिए एक साथ गाना गाया था। आखिरी गाना जो उन्होंने एक साथ गाया था वह था सूरज बड़जात्या की ‘मैंने प्यार किया’ (1989) के लिए ‘आया मौसम दोस्ती का’।
- लॉकडाउन अवधि के दौरान उषा मंगेशकर की बड़ी बहन लता मंगेशकर को सांस लेने में कठिनाई की शिकायत के बाद मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। स्वास्थ समस्या के कारण उन्हें उषा मंगेशकर के साथ छोड़ दिया गया था। इस दौरान दोनों बहनें अपने छोटे भाई हृदयनाथ और अपने परिवार के साथ रह रही थीं।
- मंगेशकर परिवार गायन के अलावा क्रिकेट में भी अपनी रुचियों को साझा करते हैं। मंगेशकर बहनें क्रिकेट की बहुत शौकीन हैं और खेल को धर्म के रूप में मानने का दावा करती हैं। उषा कहती हैं,
हमारी माँ एक बहुत बड़ी क्रिकेट प्रशंसक थीं और हम सभी उनके कमरे में अच्छे भोजन के साथ इकट्ठे होते थे और खेल देखने के लिए तैयार रहते थे।”
- उषा मंगेशकर को 7वें मिसिंग यूथ फेस्टिवल में असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने सम्मानित किया। यह पांच दिवसीय उत्सव था जो 5 मार्च 2020 को जेंगरीमुख, असम में शुरू हुआ था।
Tripping on nostalgia with the soulful songs from iconic movies Chameli Memsaab and Khoj.
Bhupen da's magic and @ushamangeshkar ji's rendition took me to the 70s. An evening to remember. pic.twitter.com/EDmjok8xMx
— Sarbananda Sonowal (@sarbanandsonwal) March 8, 2020
- उषा के छोटे भाई हृदयनाथ का दावा है कि वह एक प्रतिभाशाली चित्रकार हैं। उनका कहना है कि गीत और संगीत की सामग्री के अनुसार उन्होंने लंबे समय तक चलने वाले अपने सभी रिकॉर्ड को कवर किए हैं। उषा को पेंटिंग के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार भी मिल चुका है।
- वह अपनी बड़ी बहनों को गर्व से देखती है क्योंकि उन दोनों ने उन्हें न केवल जीवन में बल्कि संगीत में भी प्रेरित किया है।
- मंगेशकर परिवार का हिस्सा होने के नाते वह अपने आप को विशेषाधिकार प्राप्त महसूस करती हैं, लेकिन वह कभी भी अपनी सफलता या संगीत की तुलना किसी से नहीं करती है। उषा के अनुसार उनकी बड़ी बहनें कुशल गायिका हैं, उन्होंने संगीत उद्योग में अपना रास्ता खुद बनाया है और वह हमेशा जीवन में सकारात्मक रहने में विश्वास रखती हैं।
- उषा मंगेशकर एक पशु प्रेमी भी हैं और वह अक्सर अपने मीडिया अकाउंट पर कुत्ते के साथ तस्वीरें शेयर करती रहती हैं।