Anna Hazare Biography in hindi | अन्ना हजारे जीवन परिचय
जीवन परिचय | |
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वास्तविक नाम | किसान बाबूराव हजारे |
उपनाम | अन्ना |
व्यवसाय | भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता |
व्यक्तिगत जीवन | |
जन्मतिथि | 15 जून 1937 |
आयु (वर्ष 2018 के अनुसार) | 81 वर्ष |
जन्मस्थान | भिंगार, बॉम्बे प्रांत, ब्रिटिश भारत |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
गृहनगर | रालेगण सिद्धी, महाराष्ट्र |
राशि | मिथुन |
हस्ताक्षर | ![]() |
स्कूल | ज्ञात नहीं |
शैक्षणिक योग्यता | 7 वीं पास |
धर्म | हिन्दू |
पता | गांव रालेगण सिद्धी, पार्नर, अहमदनगर, महाराष्ट्र, भारत |
शौक/अभिरुचि | योग करना और पुस्तकें पढ़ना |
विवाद | • आरएसएस (दक्षिण पंथी हिन्दू संस्था) का एजेंट होने के लिए उनकी कड़ी आलोचना होती रही है। • राजनीतिक दलों के मध्य प्रॉक्सी के रूप में कार्य करने के लिए भी आलोचना होती रही है। • महाराष्ट्र सरकार द्वारा एक जांच में यह पाया गया, कि उनके एक ट्रस्ट "हिन्द स्वराज" ने उनके जन्मदिन समारोह पर ₹220000 खर्च किया। जिसके चलते उन्हें कड़ी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। • कोलकाता टेलीग्राफ में लिखे गए, एक लेख में रामचंद्र गुहा ने अन्ना हजारे पर लोकतंत्र और दलित विरोधी होने का आरोप लगाया जा चुका है। • उन पर अरुंधती रॉय द्वारा मुसलमान विरोधी होने का भी आरोप लगाया जा चुका है। |
प्रेम संबन्ध एवं अन्य जानकारी | |
वैवाहिक स्थिति | अविवाहित |
परिवार | |
पत्नी | कोई नहीं |
बच्चे | कोई नहीं |
माता-पिता | पिता - बाबूराव हजारे माता - लक्ष्मीबाई हजारे |
भाई-बहन | भाई - मारुती हजारे और 3 अन्य बहन - 2 |
पसंदीदा चीजें | |
पसंदीदा राजनेता | स्वामी विवेकानंद, महात्मा गांधी |
अन्ना हजारे से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियाँ
- क्या अन्ना हजारे धूम्रपान करते हैं ? नहीं
- क्या अन्ना हजारे शराब पीते हैं ? नहीं
- अन्ना का जन्म महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के निकट भिंगार नामक गांव में हुआ था और वह लक्ष्मी बाई और बाबूराव हजारे के सबसे बड़े पुत्र हैं।
- उनके पिता बाबूराव हजारे आयुर्वेद आश्रम फार्मेसी में एक मजदूर थे।
- उन्होंने किसान बाबूराव हजारे की जगह “अन्ना” नाम को अपनाया, जिसका मराठी में अर्थ पिता या बड़ा भाई होता है।
- वह बहुत ही गरीब परिवार से संबंधित हैं, जिसके चलते उनके एक रिश्तेदार ने उनकी शिक्षा में सहायता करने की कोशिश की। हालांकि, 7 वीं कक्षा करने के बाद वह अपनी पढ़ाई जारी नहीं रख सके थे।
- उन्होंने मुंबई में दादर रेलवे स्टेशन पर अपने सपनों को पूरा करने के लिए फूलों की बिक्री करनी शुरू कर दी। जिसके परिणामस्वरूप, उन्होंने दो जगहों में दो फूलों की दुकान खोली।
- वर्ष 1962 में हुए, भारत-पाक युद्ध के बाद, वह वर्ष 1963 में भारतीय सेना में शामिल हो गए, जहाँ वह एक ट्रक चालक थे।
अन्ना हजारे भारतीय सेना में
- वर्ष 1965 में हुए, भारत-पाक युद्ध के दौरान, वह एक बम हमले में बच गए थे। हालांकि, उस हमले में उनके सभी सहयोगी शहीद हो गए थे।
- अपनी युवावस्था में वह अक्सर निराश रहते थे और कई बार उन्होंने आत्महत्या करने का भी प्रयास किया था। लेकिन, जब नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर उन्होंने स्वामी विवेकानंद की एक पुस्तक को देखा और पढ़ा, तो वह उस पुस्तक से इतने प्रेरित हुए, कि उन्होंने मानव जाति के सुधार के लिए कार्य करना शुरू कर दिया।
- भारतीय सेना में 15 साल की सेवा देने के बाद, उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने का निर्णय किया और अपने घर रालेगण सिद्धी लौट आए।
- अपनी सतर्कता और सक्रियता के साथ, उन्होंने अपने गांव- रालेगण सिद्धी को गरीबी और सूखे की मार से उबारकर एक आदर्श गांव में परिवर्तित किया।
- उन्होंने युवाओं और स्थानीय ग्रामीणों की मदद से शराब के खिलाफ आंदोलन शुरू किया।
- उन्होंने अपने गांव में केंद्र बिंदु के रूप में एक स्थानीय मंदिर बनाया। जहां वर्ष 1980 में, उन्होंने सूखे के समय गरीब किसानों को खाद्य सुरक्षा प्रदान करने के लिए एक अनाज बैंक को शुरू किया था।
- वर्ष 1990 में, उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से सम्मानित किया गया।
- वर्ष 1991 में, उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने के लिए एक आंदोलन शुरू किया- रालेगण सिद्धी में भ्रष्टचार विरोधी जन आंदोलन (बीवीजेए)।
- वर्ष 1992 में, उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।
- अन्ना हजारे ने पहली बार 9 अगस्त 2003 को आमरण अनशन किया। जिसमें उन्होंने कांग्रेस और एनसीपी गठबंधन वाली सरकार के चार एनसीपी मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे।
- वर्ष 2000 के आरंभ में, उन्होंने महाराष्ट्र में एक आंदोलन शुरू किया, जिसमें महाराष्ट्र सरकार को सूचना अधिकार अधिनियम के संशोधित संस्करण को लागू करने के लिए मजबूर किया था और बाद में यह अधिनियम भारत सरकार द्वारा सूचना अधिकार अधिनियम 2005 (आरटीआई) के लिए रूपरेखा बन गया।
- 20 अगस्त 2011 को, वह सुर्ख़ियों में तब आए, जब उन्होंने भारत सरकार द्वारा लोकपाल और लोकायुक्त बिल पास करने के लिए दिल्ली के जंतर मंतर पर अनिश्चितकालीन उपवास शुरू किया था। जिसमें प्रशांत भूषण, अरविंद केजरीवाल, किरण बेदी, इत्यादि सहित बड़ी संख्या में लोग उनके आंदोलन में शामिल हुए थे।
अन्ना हजारे जंतर मंतर में अनिश्चितकालीन उपवास के दौरान
- उनके समर्थकों ने एक अभियान शुरू किया- “मैं अन्ना हजारे हूँ” (I am Anna Hazare) जो मिस्र के विद्रोह “वी आर ऑल खलील सईद” अभियान जैसा था।
- उनके समर्थकों ने “मैं अन्ना हूँ” को एक टोपी पर चित्रित कर अभियान शुरू किया। जो उस समय एक फैशन बन गया था।
मैं अन्ना हूं
- एक मराठी फिल्म- माला अन्ना वहायचे (मैं अन्ना बनना चाहता हूँ) उनके जीवन पर आधारित है, जिसमें अरुण नालावडे ने अन्ना हजारे की भूमिका निभाई है।
मराठी फिल्म- माला अन्ना वहायचे
- अन्ना के जीवन पर आधारित बॉलीवुड फिल्म “अन्ना” शशांक उदापुरकर द्वारा बनाई गई। जिसमें उनकी भूमिका शशांक उदापुरकर ने निभाई है।
अन्ना बॉलीवुड फिल्म