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Manmohan Singh Biography in Hindi | मनमोहन सिंह जीवन परिचय

Manmohan Singh

जीवन परिचय
पूरा नाम मनमोहन सिंह कोहली [1]Navbharat Times
उपनाममोहन
व्यवसायइकोनॉमिक्स, ब्यूरोक्रेट, और राजनेता
राजनीति करियर
पार्टी/दलभारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC)
Indian National Congress flag
राजनीतिक यात्रा• मनमोहन सिंह को वर्ष 1991 में पहली बार राज्य सभा के लिए चुना गया और पी.वी. नरसिम्हा राव की सरकार में उन्होंने वित्त मंत्री के रूप में शपथ ली।
• वर्ष 1998 से 2004 तक वह राज्यसभा में विपक्ष के नेता रहे।
• वर्ष 1999 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने दक्षिणी दिल्ली से चुनाव लड़ा लेकिन भाजपा के प्रत्याशी विजय कुमार मल्होत्रा से ​​हार गए।
• वर्ष 2001 में उन्हें तीसरी बार असम से राज्यसभा के लिए चुना गया।
• उन्होंने 22 मई 2004 को 14वीं लोकसभा में भारत के 13वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली।
• वर्ष 2007 में उन्हें असम से चौथी बार राज्यसभा के लिए चुना गया।
• 22 मई 2009 को उन्हें दूसरी बार 15वीं लोकसभा के लिए भारत के प्रधानमंत्री के रूप में चुना गया।
• वर्ष 2013 में उन्हें असम से पांचवीं बार राज्यसभा के लिए चुना गया।
• वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद उन्होंने 17 मई 2014 को भारत के प्रधान मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।
• वर्ष 2019 में उन्हें राजस्थान से राज्यसभा के लिए चुना गया।
अवार्ड्स • वर्ष 1952 में उन्हें पंजाब विश्वविद्यालय ने (ऑनर्स इकोनॉमिक्स) विषय से बी. ए. में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर विश्वविद्यालय पदक से सम्मानित किया।
• वर्ष 1954 में पंजाब विश्वविद्यालय ने उन्हें (अर्थशास्त्र) विषय से एमए में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर "उत्तर चंद कपूर पदक" से सम्मानित किया।
• वर्ष 1956 में उन्हें कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय, यूके द्वारा "एडम स्मिथ" पुरस्कार से नवाजा गया।
• पंजाब विश्वविद्यालय ने उन्हें वर्ष 1983 में "डॉक्टर ऑफ लेटर्स" पुरस्कार से सम्मानित किया।
• उन्हें वर्ष 1987 में भारत सरकार द्वारा "पद्म विभूषण" पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
• वर्ष 2002 में भारतीय संसदीय समूह द्वारा उन्हें "उत्कृष्ट सांसद" पुरस्कार से नवाजा गया।
• वर्ष 2009 में पंजाब विश्वविद्यालय ने इकोनॉमिक डिपार्टमेंट में डॉक्टर मनमोहन सिंह चेयर बनाई।
• वर्ष 2005 में मनमोहन सिंह को ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय ने "डॉक्टर ऑफ सिविल लॉ" की मानद उपाधि से सम्मानित किया।
• वर्ष 2005 में उन्हें टाइम मैगज़ीन द्वारा विश्व के शीर्ष 100 प्रभावशाली लोग में शामिल किया गया।
• वर्ष 2006 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय ने उन्हें डॉक्टर ऑफ सिविल लॉ की मानद उपाधि से सम्मानित किया।
शारीरिक संरचना
लम्बाई (लगभग)से० मी०- 168
मी०- 1.68
फीट इन्च- 5' 6"
वजन/भार (लगभग)60 कि० ग्रा०
आँखों का रंगकाला
बालों का रंगश्वेत
व्यक्तिगत जीवन
जन्मतिथि 26 सितम्बर 1932 (सोमवार)
आयु (2021 के अनुसार)89 वर्ष
जन्मस्थान गाह, पंजाब, ब्रिटिश भारत (जो अब पंजाब, पाकिस्तान में है)
राशि तुला (Libra)
हस्ताक्षर Manmohan Singh's signature
राष्ट्रीयता भारतीय
गृहनगर अमृतसर, पंजाब, भारत
स्कूल/विद्यालय • गाह, पेशावर में एक गांव का स्कूल (नाम ज्ञात नहीं) [2]Indian Express
• बॉय खालसा हाई स्कूल, पेशावर, ब्रिटिश भारत (जो अब पाकिस्तान में है)
कॉलेज/विश्वविद्यालय • हिंदू कॉलेज, अमृतसर
• गवर्नमेंट कॉलेज, पंजाब यूनिवर्सिटी, होशियारपुर (जो अब चंडीगढ़ में है)
• कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय, कैम्ब्रिज, इंग्लैंड
• ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी, ऑक्सफोर्ड, इंग्लैंड
शैक्षिक योग्यता• B.A. (Hons.) in 1952
• M.A. in (Economics) 1954
• Economic Tripos 1957
• Doctorate in Philosophy 1960
• D.Phil from Nuffield College, Oxford University (UK) in 1962 [3]MyNeta
धर्म सिख
जाति खत्री कोहली (उप-जाति; कुकरैनी) [4]Hindustan Times
आहार मांसाहारी
पता • 3, मोतीलाल नेहरू प्लेस, नई दिल्ली-110011 [5]MyNeta
• 9, सफदरजंग लेन, नई दिल्ली
शौक/अभिरुचि पढ़ना, लिखना, संगीत सुनना
विवाद• वर्ष 1993 में एक संसदीय जांच रिपोर्ट ने उनके खिलाफ 1.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर घोटाले का अनुमान लगाया था जिसके चलते उन्हें मंत्रालय द्वारा काफी आलोचना सहनी पड़ी। [6]New York Times

• भारत के प्रधान मंत्री के रूप में उनके एक दशक के लंबे कार्यकाल के दौरान, विपक्ष ने अक्सर उन्हें "कमजोर" प्रधान मंत्री कहकर उनकी आलोचना की। द इंडिपेंडेंट ने भी एक शीर्षक के तहत उनकी आलोचना की- "Manmohan Singh – India's saviour or Sonia's poodle?" [7]Times of India

• वर्ष 2009 से 2014 तक उनके दूसरे कार्यकाल के दौरान उनकी छवि धूमिल हुई क्योंकि यूपीए सरकार के दौरान उनके ऊपर विभिन्न भ्रष्टाचार घोटालों के आरोप लगे। [8]BBC

• मनमोहन सिंह 2जी स्पेक्ट्रम मामले और भारतीय कोयला आवंटन घोटाले में अपनी कथित निष्क्रियता और अनिर्णय के करण भी विवादों में आ गए थे।
प्रेम संबन्ध एवं अन्य जानकारियां
वैवाहिक स्थिति विवाहित
विवाह तिथि 14 सितंबर 1958
परिवार
पत्नीगुरशरण कौर (गृहिणी)
बच्चे बेटी- 3
• अमृत ​​सिंह (मानवाधिकार वकील)
Manmohan Singh daughter Amrit Singh
• दमन सिंह (लेखक)
Manmohan Singh daughter Daman Singh
•उपिंदर सिंह (इतिहासकार)
Manmohan Singh daughter Upinder Singh
Manmohan Singh with his family
माता/पितापिता - गुरमुख सिंह (क्लर्क)
माता- अमृत ​​कौर
सौतेली मां- सीतावंती कौर
दादा दादीदादा- संत सिंह
दादी- जमना देवी
भाईभाई- 1 नाम ज्ञात नहीं
सौतेले भाई- 3
• सुरिंदर सिंह कोहली (राजनेता)
• दलजीत सिंह कोहली (राजनेता वर्ष 2014 में भाजपा में शामिल हुए)
Manmohan Singh's half brother Daljit Singh Kohli
• सुरजीत सिंह कोहली (राजनेता)
Manmohan Singh's half brother Surjit Singh Kohli
बहन बहन- कोई नहीं
सौतेली बहन- 6
• गोबिंद कौर
• प्रीतम कौर
• निर्माण कौर
• नरिंदर कौर
• ज्ञान कौर
• 1 और (नाम ज्ञात नहीं)
पसंदीदा चीजें
भोजनमिस्सी रोटी, वड़ियां, पुलाव और छोले
नेतामहात्मा गांधी
कविमुहम्मद इक़बाल मनिहार
धन/संपत्ति संबंधित विवरण
कार संग्रहमारुति 800 (1996 मॉडल)
सैलरी रु. 50,000/माह + अन्य भत्ते
संपत्ति• रु. 7.27 करोड़ के दो फ्लैट- एक चंडीगढ़ में और दूसरा नई दिल्ली में
• रु. 3.86 लाख, 150.8 ग्राम सोने के आभूषण [9]MyNeta
कुल सम्पत्ति (लगभग)₹15.77 करोड़ (2019 के अनुसार) [10]MyNeta
कुल सम्पत्ति (लगभग)₹15.77 करोड़ (2019 के अनुसार)[11]MyNeta

Manmohan Singh

मनमोहन सिंह से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियां

  • डॉक्टर मनमोहन सिंह एक भारतीय इकोनॉमिक्स, ब्यूरोक्रेट, और राजनेता हैं जो भारत के तेरहवें प्रधान मंत्री के रूप में जाने जाते हैं।
  • मनमोहन सिंह का जन्म ब्रिटिश भारत में गाह नामक गाँव के एक सिख परिवार में हुआ था। Manmohan Singh's old house in Gah Pakistan
  • उनके जन्म के बाद उनके माता-पिता उन्हें रावलपिंडी से पचास किलोमीटर दूर सिखों के सबसे पवित्र मंदिरों में से एक पंजा साहिब ले गए थे। वहां के पुजारी ने पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब के पन्नों को खोला और पृष्ठ पर दिखाई देने वाला पहला शब्द “म” से शुरू हुआ तब पुजारी ने बच्चे का नाम “मनमोहन सिंह” रख दिया। Panja Sahib Gurudwara
  • उनका पालन-पोषण उनकी नानी ने किया था। जब वह बहुत छोटे थे तभी उनके माँ का देहांत हो गया था।
  • उनके पिता गुरमुख सिंह कमीशन एजेंटों की एक फर्म में क्लर्क थे, जो पूरे भारत में अफगानिस्तान से सूखे मेवे की सप्लाई करते थे।
  • उनका एडमिशन पेशावर गाह के एक स्कूल में कराया गया था जहां उनका रोल नं. 187 था। उनकी क्लास के मास्टर का नाम दौलत राम था। Manmohan Singh's school in Gah, Pakistan
  • सूत्रों के अनुसार, उनके के पिता ज्यादातर शहर से बाहर ही रहते थे शायद ही कभी वह गाह जाया करते थे।
  • उनकी प्राथमिक स्कूली शिक्षा पूरी होने के बाद उन्हें पाकिस्तान के एक शहर चकवाल में जाना पड़ा, जहाँ उनका एडमिशन बॉय खालसा हाई स्कूल में कराया गया। उनके पिता मनमोहन सिंह को 11 साल की उम्र में गाह पेशावर में अपने दूसरे परिवार के साथ रहने के लिए ले गए जहां मनमोहन सिंह बहुत खुश नहीं थे। Khalsa High School in Chakwal where Manmohan Singh did his schooling
  • पेशावर जाने के बाद मनमोहन सिंह को जो अपने नए परिवार से डर था वह जल्द ही दूर हो गया क्योंकि उनकी सौतेली माँ सीतावंती कौर उनसे बहुत प्यार करती थी और जल्द ही उनके साथ एक अच्छा तालमेल हो गया।
  • जब मनमोहन सिंह को पेशावर बॉय खालसा हाई स्कूल में भर्ती कराया गया तो उन्होंने वाद-विवाद प्रतियोगिताओं में बढ़चढ़ कर भाग लेना शुरू किया।
  • हालाँकि वह एथलेटिक्स में अच्छे नहीं थे फिर भी उन्हें हॉकी और फ़ुटबॉल खेलना बहुत पसंद था।
  • वर्ष 1945 में उन्होंने अपनी 8वीं की परीक्षा में अपने स्कूल में टॉप किया और तब उनके पिता ने उनकी अकादमिक प्रतिभा को पहली बार स्वीकार किया था।
  • अगले वर्ष यानी 1946 में उन्होंने इतिहास, भूगोल और नागरिक शास्त्र विषय को छोड़ दिया और रसायन विज्ञान, भौतिकी और शरीर विज्ञान जैसे विषयों का चयन किया। Guru Nanak Pura in Peshawar where Manmohan Singh had lived
  • वर्ष 1946 में उनका परिवार पेशावर के गुरु नानक पुरा में अपने ही घर चला गया।
  • अपने युवावस्था में मनमोहन सिंह को शहर घूमने का बहुत शौक था और वह पैदल, साइकिल या तांगे से पेशावर घूमने जाया करते थे।
  • जब एक बार 14 अगस्त 1945 को द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति के बाद बॉय खालसा हाई स्कूल में मिठाइयाँ बांटी जा रही थीं तब मनमोहन सिंह ने इसका विरोध किया था। उन्होंने कहा था कि भले ही यह फासीवाद पर जीत थी, लेकिन ब्रिटेन ने भारत को तब भी गुलाम बनाकर रखा हुआ था।
  • 13 साल की उम्र में ही मनमोहन सिंह का झुकाव राजनीति के ओर हो चुका था।
  • भारत और पाकिस्तान के विभाजन के बाद मनमोहन सिंह का परिवार पेशावर से अमृतसर चला गया जो अब भारत में है जहाँ उन्होंने हिंदू कॉलेज से अपनी आगे की पढ़ाई की। A Portrai of Manmohan Singh in The Corridors of Hindu College Amritsar
  • इसके बाद उन्होंने अर्थशास्त्र में स्नातक और स्नातकोत्तर की पढ़ाई करने के लिए पंजाब विश्वविद्यालय होशियारपुर में एडमिशन लिया।
  • मनमोहन सिंह अपने पूरे शैक्षणिक जीवन में एक मेधावी छात्र थे। Government College formerly Panjab University College at Hoshiarpur where Dr Manmohan Singh was student and then a teacher in the late fifties
  • वर्ष 1958 में उन्होंने गुरशरण कौर के साथ अरेंज मैरिज किया। जिसके बाद गुरशरण कौर और मनमोहन सिंह तीन बेटियों के माता-पिता बने। Manmohan Singh with his daughters
  • मनमोहन सिंह ने “इंडियाज एक्सपोर्ट ट्रेंड्स एंड प्रॉस्पेक्ट्स फॉर सेल्फ-सस्टेन्ड ग्रोथ” नामक एक पुस्तक प्रकाशित की, जो उनकी डॉक्टरेट थीसिस “भारत का निर्यात प्रदर्शन, 1951-1960, निर्यात संभावनाएं और नीतिगत निहितार्थ” पर आधारित है। Manmohan Singhs book
  • वर्ष 1962 में उन्होंने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से दर्शनशास्त्र में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की। जिसके बाद उन्हें नफ़िल्ड कॉलेज का सदस्य बनाया गया।
  • मनमोहन सिंह ने व्यापार और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (UNCTAD) के लिए वर्ष 1966 से 1969 तक काम किया।
  • वर्ष 1969 में उन्होंने विदेश व्यापार के तत्कालीन कैबिनेट मंत्री ललित नारायण मिश्रा के सलाहकार के रूप में काम किया।
  • मनमोहन सिंह ने दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स और दिल्ली विश्वविद्यालय में वर्ष 1969 से 1971 तक एक अंतर्राष्ट्रीय व्यापार प्रोफेसर के रूप में काम किया।
  • वर्ष 1972 में उन्हें वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार का कार्यभार सौंपा गया। साथ ही वर्ष 1976 में वित्त मंत्रालय का सचिव बनाया गया।
  • वर्ष 1980 से 1982 तक उन्हें योजना आयोग के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया था। इसके बाद उन्हें वर्ष 1982 में भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर के रूप में नियुक्त किया गया और वह 1985 तक इस पद पर कार्यरत रहे।
  • एक साक्षात्कार में, गुरशरण कौर ने खुलासा किया कि मनमोहन सिंह ने उनसे जो पहली बात पूछी थी, वह उनके स्नातक में प्राप्त अंक थे।, जिसका उन्होंने जवाब दिया था- “सेकंड डिवीजन।”
  • जब उन्हें तत्कालीन प्रधान मंत्री पी.वी. नरसिम्हा राव ने सीधे भारत के वित्त मंत्री के रूप में चुना था तो उस समय मनमोहन सिंह को राजनीति में कोई अनुभव नहीं था।
  • मनमोहन सिंह वर्ष 1985 में भारत के योजना आयोग के उपाध्यक्ष बने। इसके बाद उन्होंने वर्ष 1987 से 1990 तक जिनेवा स्विट्जरलैंड में दक्षिण आयोग के महासचिव के रूप में काम किया।
  • वर्ष 1990 में उन्हें भारत के तत्कालीन प्रधान मंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह के आर्थिक मामलों के सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया। इसके बाद वर्ष 1991 में वह विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष बने।
  • वर्ष 1991 में आर्थिक संकट का सामना करने के बाद देश को अर्थव्यवस्था से उभार कर उन्होंने वित्त मंत्री के रूप में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • यह वह समय था जब भारत केवल 2 सप्ताह का आयात वहन कर सकता था। क्योंकि विदेशी भंडार सिर्फ 1 अरब डॉलर का था। जिसके बाद उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था को लाइसेंस राज से मुक्त किया, जो भारत में धीमी आर्थिक विकास और भ्रष्टाचार का एक स्रोत था।
  • पी. वी. नरसिम्हा राव ही ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने मनमोहन सिंह को असम से राज्यसभा सदस्य बनाकर सक्रिय रूप से राजनीति में लाए। Manmohan Singh with P V Narasimha Rao
  • मनमोहन सिंह लगातार पांच बार असम से राज्यसभा के सदस्य बने।
  • भारत के प्रधान मंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के बाद मनमोहन सिंह भारत के पहले प्रधान मंत्री थे जिन्हें पूरे पांच साल के कार्यकाल के बाद दोबारा प्रधान मंत्री के रूप में चुना गया था। वह मई 2004 में भारत के पहले सिख प्रधान मंत्री बने।
  • उनकी पत्नी गुरशरण कौर को बहुत आश्चर्य हुआ था जब मनमोहन सिंह का नाम वर्ष 2004 में भारत के प्रधान मंत्री के तौर पर सामने आया।

  • उनकी पत्नी गुरशरण कौर ने एक इंटरव्यू के दौरान खुलासा किया था कि मनमोहन सिंह ने अपने शपथ ग्रहण समारोह के दौरान अपने साधारण कपड़ों में ही भारत के प्रधान मंत्री पद की शपथ ली थी।

  • मनमोहन सिंह सरकार के दौरान भारत 9% की उच्चतम सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर से दुनिया की दूसरी सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था में शामिल हुआ।
  • मनमोहन सिंह अपनी दोस्ती निभाने के लिए जाने जाते हैं और भारत के प्रधान मंत्री बनने के बाद  वह अपने बचपन के दोस्त राजा मोहम्मद अली से मिलने 2008 में पाकिस्तान गए थे। Manmohan Singh Meeting His Childhood Friend Raja Mohammad Ali
  • मनमोहन सिंह की सरकार ने वर्ष 2005 में बिक्री कर को मूल्य वर्धित कर (वैट) में बदल दिया था।
  • वर्ष 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के बाद, आतंकवाद से निपटने के लिए एक केंद्रीय एजेंसी की आवश्यकता महसूस की गई। जिसके बाद मनमोहन सिंह सरकार ने वर्ष 2009 में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की स्थापना की।
  • फोर्ब्स पत्रिका ने उन्हें वर्ष 2010 में दुनिया के सबसे शक्तिशाली लोगों की सूची में 18वां स्थान दिया था। साथ ही पत्रिका ने उनका वर्णन इस प्रकार किया था –

    नेहरू के बाद मनमोहन सिंह दुनिया में सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाले भारत के प्रधानमंत्री हैं।”

  • बतौर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भारत में शांति और विकास के सुधार में उनकी कड़ी मेहनत के लिए “इंदिरा गांधी शांति पुरस्कार” से सम्मानित किया गया।
  • वर्ष 2009 में भारत के प्रधान मंत्री के रूप में अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत के बाद से उन पर कई भ्रष्टाचार के आरोप लगे और उनकी सार्वजनिक छवि खराब हुई। विपक्ष ने भारतीय कोयला आवंटन घोटाले और 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में उनके कथित अनिर्णय को लेकर उनके इस्तीफे की मांग की। A Caricature of Manmoha Singh of Coal Scam
  • वर्ष 2016 में मनमोहन सिंह ने पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ में जवाहरलाल नेहरू चेयर के रूप में पदभार संभाला था।
  • वर्ष 2009 में पता चला की मनमोहन सिंह को कुछ गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हैं और उनकी कई कार्डियक बाईपास सर्जरी भी हो चुकी हैं।
  • वर्ष 2019 में प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह के जीवन पर आधारित बॉलीवुड फिल्म “द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर” 11 जनवरी को रिलीज़ हुई थी। इस फिल्म में मनमोहन सिंह का किरदार अभिनेता अनुपम खेर ने निभाई थी। फिल्म का आधिकारिक ट्रेलर लांच होने के ठीक बाद फिल्म विवादों में घिर गई। यहां तक की देश के कई हिस्सों में फिल्म को लेकर हंगामा हुआ। कोलकाता, लखनऊ में फिल्म की स्क्रीनिंग को रोका गया तो वहीं फिल्म के रिलीज के दौरान इंदौर और जबलपुर में काफी हंगामा हुआ। The Accidental Prime Minister Film 2019
  • मनमोहन सिंह ने अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और एशियाई विकास बैंक के लिये भी काफी महत्वपूर्ण काम किया है।

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