Asha Singh (Unnao Rape Victim’s Mother) | आशा सिंह जीवन परिचय
जीवन परिचय | |
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व्यवसाय | राजनेता |
जानी जाती हैं | उन्नाव रेप पीड़िता की मां होने के नाते |
राजनीति करियर | |
पार्टी/दल | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (जनवरी 2022-वर्तमान) |
शारीरिक संरचना | |
आँखों का रंग | काला |
बालों का रंग | काला |
व्यक्तिगत जीवन | |
जन्मतिथि | वर्ष 1966 |
आयु (2021 के अनुसार) | 55 वर्ष [1]India Today |
जन्मस्थान | उन्नाव, उत्तर प्रदेश, भारत |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
गृहनगर | उन्नाव, उत्तर प्रदेश |
शैक्षिक योग्यता | अनपढ़ [2]India Today |
धर्म | हिन्दू |
जाति | क्षत्रिय (ठाकुर) [3]India Today |
प्रेम संबन्ध एवं अन्य जानकारियां | |
वैवाहिक स्थिति | विधवा |
परिवार | |
पति | सुरेंद्र सिंह उर्फ पप्पू |
बच्चे | उनका एक बेटा और चार बेटियां हैं। [4]India Today |
आशा सिंह से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियां
- आशा सिंह 2017 में हुए उन्नाव रेप केस पीड़िता की मां हैं। जनवरी 2022 में कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा द्वारा 2022 उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की तरफ से 125 नामों की सूची में आशा सिंह का नाम भी घोषित किया। [5]The Hindu
- आशा सिंह का नाम पहली बार सुर्ख़ियों में तब सामने आया, जब अप्रैल 2018 में उन्होंने पूर्व भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। साथ ही आरोपी के भाई अतुल और अन्य ने उनके पति सुरेंद्र सिंह उर्फ पप्पू की हिरासत में हत्या और उनकी 17 वर्षीय बेटी के साथ बलात्कार के बाद उनका नाम सोशल मीडिया के सामने आया। [6]Business Standard
- भाजपा के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर, उनके भाई जयदीप उर्फ अतुल सिंह और अन्य लोगों ने आशा सिंह की 17 वर्षीय नाबालिग बेटी का 4 जून 2017 को उत्तर प्रदेश के उन्नाव गांव मनखी से अपहरण कर सामूहिक दुष्कर्म किया।
- आशा की बेटी सामूहिक दुष्कर्म के 17 दिन बाद 21 जून 2017 को अपने गांव से 116.8 किलोमीटर दूर औरैया नाम के गांव में मिली थी। आशा ने अगले दिन आरोप लगाया कि जब उन्होंने परिवार के साथ कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराने गई तो पुलिस ने अनिच्छा दिखाई और उन्हें पुलिस स्टेशन से बाहर निकाल दिया।
- 22 जून 2017 को पीड़िता के आरोपी शुभम सिंह, अवधेश तिवारी, बृजेश यादव और अन्य अज्ञात हमलावरों ने अपहरण और सामूहिक बलात्कार के लिए अपने बयान में दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 164 के तहत न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने अपना गुनाह कबूल किया। इसके बाद, यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम (POCSO) के तहत दूसरी प्राथमिकी दर्ज होने के बाद आरोपियों को हिरासत में लिया गया। अपने बयान में पीड़िता ने यह भी कहा कि मुझे औरैया के एक अज्ञात व्यक्ति के हाथ 60 हजार रुपये में बेचा गया था। [7]Dainik Jagran
- 17 अगस्त 2017 को पीड़िता ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र लिखा जिसमें वह अपने सामूहिक बलात्कार की सारी जानकारी दी। [8]The Indian Express
- 3 अप्रैल 2018 को पीड़ित के पिता को अवैध हथियारों के झूठे मामलों में गिरफ्तार किया गया था, जहां कथित तौर पर सेंगर और 10 अन्य लोगों के इशारों पर पीड़िता के पिता को पुलिस द्वारा पीटा गया। [9]The Tribune
- 8 अप्रैल 2018 को पीड़िता ने पुलिस पर निष्क्रियता का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आधिकारिक आवास लखनऊ के बाहर आत्मदाह करने की कोशिश की। [10]The Hindustan Times
- 9 अप्रैल 2018 को पीड़िता के पिता सुरेंद्र सिंह उर्फ पप्पू की हिरासत में मौत हो गई, जिसके बाद अतुल सेंगर को गिरफ्तार कर लिया गया और छ: पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया। [11]BBC
- भारी आक्रोश के बाद, भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई और मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो को सौंप दिया गया, बाद में इसे इलाहाबाद उच्च न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया गया। [12]BBC सीबीआई द्वारा 13 अप्रैल 2018 को विधायक से पूछताछ के बाद इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उसी समय आरोपी को गिरफ्तार करने का आदेश जारी किया। [13]The Times of India
- अप्रैल 2018 में उन्नाव बलात्कार मामले और कठुआ बलात्कार मामले के लिए देश भर में संयुक्त विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। जिसके बाद प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बयान में उन घटनाओं की निंदा की।
- 17 जुलाई 2019 को आशा सिंह और उनकी बेटी ने CJI रंजन गोगोई को एक पत्र लिखा जिसमें उन्होंने व्यक्त किया कि सेंगर और उनके आदमियों से उनकी जान को खतरा है। [14]The Tribune
- 28 जुलाई 2019 को एक तेज रफ्तार ट्रक ने एक कार को टक्कर मार दी, जिसमें पीड़िता, वकील और उनकी दो मौसी यात्रा कर रही थी दुर्घटना में उनकी दो मौसी की मौत हो गई, पीड़िता और उनका वकील गंभीर रूप से घायल हो गया। [15]The Tribune
- 1 अगस्त 2019 को पीड़िता और उनके परिवार द्वारा CJI को लिखे गए पत्र का संज्ञान लेने के बाद शीर्ष अदालत ने बलात्कार मामले से संबंधित मामलों को दिल्ली स्थानांतरित कर दिया और निचली अदालत को 45 दिनों के भीतर मामले को समाप्त करने का निर्देश दिया। [16]The Tribune
- 5 अगस्त 2019 को दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में रोजाना सुनवाई शुरू हुई और पीड़िता को लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज से ट्रॉमा सेंटर, एम्स, नई दिल्ली ले जाया गया।
- 25 सितंबर 2019 को पीड़िता को नई दिल्ली के एम्स से छुट्टी दे दी गई और 6 दिसंबर 2019 को निचली अदालत के आदेश के अनुसार, पीड़िता और उसके परिवार को दिल्ली में एक किराए के आवास में स्थानांतरित कर दिया गया, जिसकी व्यवस्था दिल्ली महिला आयोग ने की थी। [17]The Tribune
- 16 दिसंबर 2019 को कुलदीप सेंगर को दोषी ठहराया गया और 20 दिसंबर 2019 को अदालत ने आरोपी कुलदीप सेंगर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई और साथ ही 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। [18]Business Standard
- आशा सिंह और सेंगर के परिवार के बीच काफी लगाव हुआ करता था और आशा सिंह के पति सेंगर के राजनीतिक सहयोगी थे। आशा सिंह के अनुसार, वह लगभग हर दिन सेंगर के घर आती-जाती थी; हालांकि यह सब तब समाप्त हो गया जब सेंगर ने उनकी बेटी को नौकरी करने के लिए बुलाया, और फिर उसके साथ बलात्कार किया। [19]The Telegraph
- 13 जनवरी 2022 को उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव 2022 के लिए कांग्रेस पार्टी के 125 उम्मीदवारों के नामों की सूची में आशा सिंह के नाम की घोषणा करते हुए कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा-
सूची एक नया संकेत देती है कि यदि आप ऐसे व्यक्ति हैं जिसने अन्याय का सामना किया है, तो आपके पास इससे लड़ने की शक्ति है। कांग्रेस आपके साथ खड़ी रहेगी और आपका समर्थन करेगी।”
- 2022 उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में टिकट मिलने के बाद आशा सिंह ने प्रियंका गांधी का शुक्रिया अदा करते हुए कहा-
उन्होंने मुझे और राज्य की महिलाओं को इस तरह का सम्मान दिया है जैसा पहले किसी अन्य राजनीतिक दल ने नहीं किया था।”
- विधानसभा चुनाव लड़ने के पीछे का कारण बताते हुए आशा सिंह ने कहा कि राक्षसों से लड़ने के लिए उन्हें राजनीतिक ताकत की जरूरत है। [20]The Telegraph उन्होंने कहा-
मुझे पता है कि अगर हम लापरवाह हुए तो मेरी बेटी, मैं खुद और परिवार के अन्य सदस्य मारे जाएंगे। सेंगर का परिवार और भाजपा अभी भी हमारे खिलाफ सक्रिय हैं। मुझे राक्षसों से लड़ते रहने के लिए राजनीतिक ताकत चाहिए, भले ही उनमें से कई जेल में हों। इसलिए मैंने कांग्रेस महासचिव से टिकट देने का अनुरोध किया।”
- जनवरी 2022 में आशा सिंह और उनका परिवार लगभग चार साल बाद अपने पैतृक गाँव उन्नाव लौटा, जहाँ उन्होंने विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार करना शुरू किया। अपने प्रचार अभियान के दौरान आशा सिंह ने भाजपा सरकार को हटाने का संकल्प लिया और कहा-
बीजेपी ने कई महीनों के बाद और केवल मीडिया के दबाव में सेंगर को पार्टी से हटा दिया। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर मामले का संज्ञान लिया और आखिरकार हमें न्याय मिला। लेकिन सामाजिक-राजनीतिक न्याय अभी भी प्रतीक्षित है – सेंगर जेल में हो सकता है लेकिन उत्तर प्रदेश और देश में भाजपा अभी भी सत्ता में है। मैं मतदाताओं से पूछूँगी कि वह ऐसी पार्टी का समर्थन कैसे कर सकते हैं जो एक बलात्कारी और हत्यारों का समर्थन करती है।”
- 2022 उत्तर प्रदेश के विधान सभा चुनाव में आशा सिंह का नाम भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में मीडिया में आने के बाद उनकी बेटी, बलात्कार पीड़िता, ने एक समाचार पत्र के साथ टेलीफोन पर साक्षात्कार के दौरान कहा-
मैं रेप सर्वाइवर हूं। मैं आपको बता सकती हूँ कि भाजपा महिलाओं के लिए बहुत ही हानिकारक है। मतदान करते समय पूरे देश को इस बात का ध्यान रखना चाहिए। हम जल्द ही उन्नाव शहर में एक घर और एक चुनाव कार्यालय किराए पर लेंगे और एक पूर्ण अभियान शुरू करेंगे।”