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Dhirubhai Ambani Biography in Hindi | धीरूभाई अंबानी जीवन परिचय

धीरूभाई अंबानी

जीवन परिचय
पूरा नाम धीरजलाल हीरालाल अंबानी
उपनाम धीरूभाई
व्यवसाय भारतीय व्यवसायी
शारीरिक संरचना
लम्बाई (लगभग)से० मी०- 168
मी०- 1.68
फीट इन्च- 5’ 6”
वजन/भार (लगभग)80 कि० ग्रा०
आँखों का रंग काला
बालों का रंग श्वेत
व्यक्तिगत जीवन
जन्मतिथि 28 दिसंबर 1932
जन्मस्थान चोरवाड़, गुजरात, भारत
मृत्यु तिथि6 जुलाई 2002
मृत्यु स्थान मुंबई, महाराष्ट्र, भारत
मृत्यु कारण मस्तिष्क आघात (Stroke)
आयु (मृत्यु के समय)69 वर्ष
राशि मकर
राष्ट्रीयता भारतीय
गृहनगर मुंबई, भारत
स्कूल/विद्यालय बहादुर कांजी हाई स्कूल, जूनागढ़, गुजरात
कॉलेज/महाविद्यालय/विश्वविद्यालयज्ञात नहीं
शैक्षिक योग्यता मैट्रिक पास
पुरस्कार/सम्मान • वर्ष 1998 में, उन्हें व्हार्टन स्कूल, पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय ने "डीन के पदक" से सम्मानित किया।
• वर्ष 2000 में, उन्हें फिक्की (FICCI) द्वारा "Man of 20th Century" का नाम दिया गया।
• वर्ष 2016 में, उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म विभूषण (मरणोपरांत) से सम्मानित किया गया।
परिवार पिता - हीराचंद गोर्धनभाई अंबानी (एक स्कूल अध्यापक)
माता- जमनाबेन
भाई- रमणिकलाल अंबानी, नटवरलाल
बहन- त्रिलोचना बेन, जसुमतिबेन
धर्म हिन्दू
जाति मोध वाणिक
विवाद उन्हें अक्सर नौकरशाहों, मीडिया और राजनेताओं के साथ सांठ गांठ करने के लिए कड़ी आलोचनाओं का सामना करना पड़ता था।
पसंदीदा चीजें
पसंदीदा रंग श्वेत
प्रेम संबन्ध एवं अन्य जानकारियां
वैवाहिक स्थिति विवाहित
विवाह तिथि वर्ष 1955
पत्नी कोकिला बेन अंबानी
धीरूभाई अंबानी अपनी पत्नी के साथ
बच्चे बेटा- मुकेश अंबानी, अनिल अंबानी
धीरूभाई अंबानी अपने बेटों के साथ
बेटी- नीना, दीप्ती
धीरूभाई अंबानी की बेटियां
धन संबंधित विवरण
संपत्ति (लगभग)₹18000 करोड़ (वर्ष 2000 के अनुसार)

धीरूभाई अंबानी

धीरूभाई अंबानी से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियाँ

  • क्या धीरूभाई अंबानी धूम्रपान करते थे ?: नहीं
  • क्या धीरूभाई अंबानी शराब पीते थे ?: नहीं
  • उनका जन्म एक मोध परिवार में हीराचंद गोर्धनभाई और जमनाबेन के घर चोरवाड़, जूनागढ़ शहर में हुआ था।
  • उनके पिता एक स्कूल में अध्यापक थे।
  • उन्होंने अपने उद्यमी करियर की शुरुआत गिरनार पर्वत में तीर्थयात्रियों को चाट-पकोड़ा बेचकर की।
  • उन्होंने 10 वीं कक्षा के बाद पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी।
  • वर्ष 1955 में 16 साल की उम्र में, वह अपने बड़े भाई रमणिकलाल के साथ कार्य करने के लिए एडेन, यमन चले गए।
  • एडेन में उनकी पहली नौकरी एक गैस स्टेशन पर एक सहायक की थी।
  • उसके बाद उन्होंने एडेन की ए. बेस्से एंड कंपनी (एंटोनिन बेस्से) में ₹300 पारितोषिक पर कार्य किया।
  • वर्ष 1957 में वह एडेन से मुंबई लौट आए, उस समय उनकी जेब में केवल ₹500 थे।
  • वर्ष 1960 में, उन्होंने अपने भाई चम्पकलाल दामनी के साथ एक कंपनी “रिलायंस वाणिज्यिक निगम” की स्थापना की। जिसका मुख्य व्यवसाय मसालों का निर्यात करना और पॉलिएस्टर यार्न का आयात करना था। रिलायंस वाणिज्यिक निगम
  • उन्होंने मुंबई स्थित नरसीनाथन स्ट्रीट, मस्जिद बंदर में अपने पहले कार्यालय की स्थापना की। वहां 350 वर्ग फुट के एक कमरे में एक टेलीफोन, 2 मेज़ और 3 कुर्सियां थी। धीरूभाई अंबानी का पहला कार्यालय
  • वर्ष 1965 में, धीरूभाई अंबानी और चम्पकलाल दामनी के बीच साझेदारी समाप्त हो गई। जिसके चलते उन्होंने सिर्फ पॉलिएस्टर कारोबार को जारी रखने का निर्णय किया।
  • वर्ष 1966 में, उन्होंने अपनी कंपनी का नाम बदल कर रिलायंस टेक्सटाइल्स इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड रख दिया और उसी वर्ष गुजरात के नारोदा में एक सिंथेटिक फैब्रिक मिल की स्थापना की।
  • वर्ष 1968 में, धीरूभाई ने अपने वस्त्र उद्योग कंपनी के एक ब्रांड को “विमल” नाम दिया। विमल टेक्सटाइल
  • उन्होंने वर्ष 1977 में अपनी कंपनी का पहला IPO (Intial Public Offering) जारी किया। जिसे 7 गुना से अधिक सदस्यता प्राप्त हुई थी।
  • वर्ष 1985 में, उन्होंने रिलायंस टेक्सटाइल्स इंडस्ट्रीज प्राइवेट कंपनी का नाम बदल कर रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड रख दिया। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड
  • वर्ष 1986 में, उन्हें एक मस्तिष्क आघात (स्ट्रोक) का सामना करना पड़ा। जिसने उनके दाहिने हाथ को लकवा मार गया था। जिसके चलते उन्होंने रिलायंस का नियंत्रण अपने दोनों बेटों मुकेश और अनिल अंबानी को सौंप दिया।
  • वर्ष 1991-92 में, उन्होंने गुजरात के सूरत जिले में हजीरा पेट्रोकेमिकल संयंत्र की स्थापना की। हजीरा पेट्रोकेमिकल संयंत्र
  • वर्ष 1996 में, रिलायंस इंडस्ट्रीज अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट रेटिंग एजेंसी द्वारा मूल्यांकन प्राप्त करने वाली भारत की पहली निजी क्षेत्र की कंपनी बनीं।
  • वर्ष 1998 में, धीरूभाई अंबानी पर एक अनाधिकृत जीवनी “द पॉलिस्टर प्रिंस” को हामिश मैकडोनाल्ड द्वारा प्रकाशित किया गया था, जिसे अंबानी परिवार द्वारा कानूनी कार्यवाई करते हुए भारत में प्रतिबंधित कर दिया गया था। द पॉलिस्टर प्रिंस
  • 24 जून 2002 को, उन्हें एक अन्य मस्तिष्क आघात (स्ट्रोक) का सामना करना पड़ा। जिसके चलते उन्हें मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
  • एक सप्ताह से अधिक समय तक कोमा में होने के बाद उनका 6 जुलाई 2002 को निधन हो गया।
  • 12 जनवरी 2007 को एक हिंदी फिल्म “गुरु” को रिलीज़ किया गया। जो धीरूभाई अंबानी के जीवन पर आधारित थी। फिल्म "गुरु"

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