Mother Teresa Biography in Hindi | मदर टेरेसा जीवन परिचय
जीवन परिचय | |
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वास्तविक नाम | अग्नेसे गोंकशे बोजशियु (Anjezë Gonxhe Bojaxhiu) |
उपनाम | कलकत्ता की संत टेरेसा |
व्यवसाय | अल्बानियाई रोमन कैथोलिक नन और मिशनरी |
शारीरिक संरचना | |
लम्बाई (लगभग) | से० मी०- 152 मी०- 1.52 फीट इन्च- 5' |
व्यक्तिगत जीवन | |
जन्मतिथि | 26 अगस्त 1910 |
जन्मस्थान | उस्कुब, उस्मान साम्राज्य (वर्त्तमान सोप्जे, मेसेडोनिया गणराज्य) |
मृत्यु तिथि | 5 सितंबर 1997 |
मृत्यु स्थल | कलकत्ता (अब कोलकाता), पश्चिम बंगाल, भारत |
आयु (मृत्यु के समय) | 87 वर्ष |
राशि | कन्या |
राष्ट्रीयता | उस्मान प्रजा (1910–1912) सर्बियाई प्रजा (1912–1915) बुल्गारियाई प्रजा (1915–1918) युगोस्लावियाइ प्रजा (1918–1943) यूगोस्लाव नागरिक (1943–1948) भारतीय प्रजा (1948–1950) भारतीय नागरिक (1948–1997) अल्बानियाई नागरिक (1991–1997) |
गृहनगर | सोप्जे, मेसेडोनिया गणराज्य |
स्कूल/विद्यालय | ज्ञात नहीं |
महाविद्यालय/विश्वविद्यालय | ज्ञात नहीं |
शैक्षिक योग्यता | आयरलैंड के राथफर्नहम में लोरेटो एबे में अंग्रेजी सीखी |
परिवार | पिता - निकोला बोयाजू (व्यवसायी माता - द्राना बोयाजू भाई - लाज़र बोयाजू बहन - अगा बोयाजू ![]() |
धर्म | ईसाई |
शौक/अभिरुचि | समाज सेवा करना |
विवाद | • वित्तीय कुप्रबंध से संबंधित आदेश जारी करने के लिए मीडिया द्वारा उन्हें कड़ी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। • जब वर्ष 1975 में इंदिरा गांधी ने नागरिक स्वतंत्रता निलंबित कर दी थी, तब उनकी विवादास्पद टिप्पणी की आलोचना की गई। जिसमें उन्होंने कहा: "People are happier. There are more jobs. There are no strikes." • कुछ समुदायों द्वारा उनके ऊपर धर्म परिवर्तन के भी आरोप लगाए गए थे। • वर्ष 1991 में, ब्रिटिश जर्नल "द लैंसेट" के संपादक रॉबिन फॉक्स ने उन पर आरोप लगाए कि कलकत्ता (अब कोलकाता) में बीमारी के समय अपने घर पर सही ढंग से चिकित्सा सुविधा मुहैया नहीं करवाई गई। जिससे मदर टेरेसा को कड़ी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। |
प्रेम संबन्ध एवं अन्य जानकारियां | |
वैवाहिक स्थिति | अविवाहित |
पति | कोई नहीं |
बच्चे | कोई नहीं |
मदर टेरेसा से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियाँ
- मदर टेरेसा का जन्म सोप्जे (मैसेडोनिया के आधुनिक गणराज्य) में हुआ था, जो बाल्कन के चौराहे पर स्थित एक शहर है।
- वह पांच भाई-बहनों में सबसे छोटी थीं।
- बचपन में ही वह भारत, बंगाल में चल रही मिशनरी सेवाओं के प्रति मोहित हो गई थीं।
- उन्होंने अगनेस गोंझा बोयाजिजू के रूप में अपना धर्म परिवर्तन किया।
- नवंबर 1916 में, जब वह साढ़े चार साल की थीं, तब उन्हें पहली बार अध्यात्म की अनुभूति हुई।
- जब वह 8 साल की थीं, तब उनके पिता का देहांत हो गया था।
- सितंबर 1928 में, मिशनरी बनने की इच्छा के चलते उन्होंने 18 वर्ष की आयु में अपने घर को छोड़ दिया और आयरलैंड स्थित ‘सिस्टर्स ऑफ़ लोरेटो’ में अंग्रेजी सीखनी शुरू की।
- जब उन्होंने 18 साल की उम्र में अपना घर छोड़ा था, तब से उन्होंने सम्पूर्ण जीवन में अपने परिवार के किसी भी सद्स्य को नहीं देखा।
- उन्हें आयरलैंड स्थित ‘सिस्टर्स ऑफ़ लोरेटो’ से सेंट थेरेसी के बाद सिस्टर मैरी का नाम मिला।
- वर्ष 1929 में, वह भारत पहुंचीं और दार्जिलिंग से उन्होंने अपने मानवीय कार्यों की शुरुआत की।
- दार्जिलिंग में, उन्होंने बंगाली सीखी और सेंट टेरेसा स्कूल में पढ़ाना शुरू किया।
- 24 मई 1931 को, उन्होंने अपनी पहली धार्मिक प्रतिज्ञा एक “नन” के रूप में ली।
- 14 मई 1937 को, पूर्वी कलकत्ता (अब कोलकाता) में लोरेटो कॉन्वेंट स्कूल में पढ़ाने के दौरान उन्होंने गंभीर प्रतिज्ञा ली।
- वर्ष 1944 में, मदर टेरेसा ने 20 वर्षों तक लोरेटो कॉन्वेंट स्कूल की सेवा की, जिसके उपरांत वह वहां की अध्यक्ष बनीं।
- वर्ष 1943 में बंगाल अकाल और अगस्त 1946 में हिंदू / मुस्लिम हिंसा के कारण मदर टेरेसा काफी विचलित थीं।
- 10 सितंबर 1946 को, उन्हें कलकत्ता से दार्जिलिंग की ट्रेन यात्रा के दौरान एक ईश्वरीय अनुभूति हुई।
- 17 अगस्त 1948 को, उन्होंने पहली बार नीली पट्टी वाली सफेद साड़ी पहनी और गरीबों की दुनिया में प्रवेश करने के लिए लोरेटो कॉन्वेंट को छोड़ दिया।
- 21 दिसंबर 1948 को, उन्होंने पहली बार एक झोपड़पट्टी का दौरा किया और सड़क पर बीमार पड़े एक बूढ़े आदमी की देखभाल की और कुछ बच्चों के घावों को धोया, भूख और टीबी से मरने वाली एक महिला की देखभाल की।
- वेटिकन से अनुमति मिलने के बाद, 7 अक्टूबर 1950 को उन्होंने कलकत्ता (अब कोलकाता) में मिशनरी ऑफ चैरिटी को आधिकारिक तौर पर स्थापित किया।
- वर्ष 1982 में बेरूत की घेराबंदी के समय उन्होंने फ्रंट लाइन अस्पताल में फसें 37 बच्चों को बचाया।
- वर्ष 1996 तक उनके द्वारा 100 से अधिक देशों में 517 मिशनरियों को शुरू किया जा चुका था।
- वर्ष 1962 में, उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- वर्ष 1962 में, उन्हें फिलिपिन्स सरकार द्वारा रामन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- वर्ष 1970 की शुरुआत में उनकी एक अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठित छवि बन गई।
- वर्ष 1992 में, भारतीय लोक सेवा अधिकारी नवीन चावला ने मदर टेरेसा की आधिकारिक जीवनी को प्रकाशित किया।
- वर्ष 1997 में, अभिनेत्री गेराल्डिन चैपलिन ने Mother Teresa: In the Name of God’s Poor नामक फिल्म में मदर टेरेसा की भूमिका निभाई।
- वर्ष 2014 में एक फिल्म बनाई गई, जो Vatican Priest Celeste van Exem के पत्रों पर आधारित थी, जिसमें मदर टेरेसा की भूमिका जूलियट स्टीवंसन द्वारा निभाई गई।
- वर्ष 2007 की फिल्म हाउ टू लॉज फ्रेंड्स एंड एलियनेट पीपल में, मदर टेरेसा को मेगन फॉक्स द्वारा चित्रित किया गया था।
- 4 सितंबर 2016 को वेटिकन सिटी में पोप फ्रांसिस ने मदर टेरेसा को संत की उपाधि से विभूषित किया।