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Raghuraj Pratap Singh (Raja Bhaiya) Biography in Hindi | रघुराज प्रताप सिंह (राजा भैया) जीवन परिचय

रघुराज प्रताप सिंह

जीवन परिचय
वास्तविक नाम रघुराज प्रताप सिंह
उपनाम राजा भैया
व्यवसाय राजनीतिज्ञ
शारीरिक संरचना
लम्बाई से० मी०- 182
मी०- 1.82
फीट इन्च- 6’
आँखों का रंग काला
बालों का रंग काला
राजनीति
राजनीतिक पार्टी निर्दलीय
राजनीतिक यात्रा • वर्ष 1993 में, जब वह केवल 26 वर्ष के थे, तब उन्होंने विधायक के रूप में चुनाव लड़ा और स्वतंत्र रूप से जीता।
• वर्ष 1993 में, कल्याण सिंह की अगुवाई में वह यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री बने।
• वर्ष 1997 से 1999 तक, वह कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्री रहे।
• वर्ष 1999 से 2000 तक, वह खेल और युवा मामले के भी मंत्री रहे।
• वर्ष 2004 से 2007 तक और वर्ष 2012 से 2017 तक वह खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री रहे।
• वर्ष 2012 में जेल से रिहा होने के बाद, वह अखिलेश यादव सरकार के तहत जेल मंत्री बने।
• वर्ष 1993 से लगातार वह स्वतंत्र रूप से कुंडा विधानसभा क्षेत्र से विधायक के रूप में जीत दर्ज कर रहे हैं।
व्यक्तिगत जीवन
जन्मतिथि 31 अक्टूबर 1968
आयु (वर्ष 2017 के अनुसार)49 वर्ष
जन्मस्थान कुंडा, प्रतापगढ़, भारत
राशि वृश्चिक
राष्ट्रीयता भारतीय
गृहनगर कुंडा, प्रतापगढ़, भारत
स्कूल/विद्यालय महाप्रभु बाल विद्यालय नारायणी अस्राम शिवकुटी, इलाहाबाद
भारत स्काउट एचएस स्कूल
महाविद्यालय/विश्वविद्यालयकर्नल गंज इंटर कॉलेज इलाहाबाद
शैक्षिक योग्यता स्नातक
परिवार पिता - राजा उदय प्रताप सिंह
रघुराज प्रताप सिंह के पिता राजा उदय प्रताप सिंह
माता- मंजूल राजे
भाई- कोई नहीं
बहन- कोई नहीं
धर्म हिन्दू
जाति ठाकुर
शौक/अभिरुचि घुड़सवारी करना, तीरंदाजी करना, जानवर पालना, रॉयल एनफील्ड बाइक की सवारी करना
विवाद • वर्ष 2002 में, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायक पूर्ण सिंह बुंदेला ने राजा भैया के खिलाफ कथित रूप से अपहरण और धमकी देने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज करवाई, जिसके चलते राजा भैया को गिरफ्तार किया गया। उसके बाद उन्हें अपने पिता उदय प्रताप सिंह और चचेरे भाई अक्षय प्रताप सिंह के साथ आतंकवाद अधिनियम (पोटा) के तहत जेल भेजा गया।
• वर्ष 2003 में, जब मुलायम सिंह यादव सत्ता में आए, तब मुलायम सिंह ने 25 मिनट के भीतर राजा भैया के खिलाफ सभी पोटा आरोपों को हटा दिया था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को पोटा आरोपों को खारिज करने से मना कर दिया था। इसके बाद, वह सरकार में एक शक्तिशाली व्यक्ति बन गए, लेकिन एक पुलिस अधिकारी आर.एस पांडे ने (जिन्होंने राजा भैया के घर पर छापा मारने का नेतृत्व किया था) उनके ऊपर गंभीर आरोप लगाए और उनके खिलाफ एक मुहीम छेड़ दी। बाद में सड़क दुर्घटना में आर एस पांडे की मौत हो गई।
• अपने लंबित आपराधिक मामलों के बावजूद, वह वर्ष 2004 में यूपी सरकार में खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री बने।
• 3 मार्च 2013 को, डीएसपी ज़िया उल हक की हत्या कुंडा में ग्रामीणों और पुलिस के बीच संघर्ष के दौरान हुई थी। एफआईआर में परवीन (डीएसपी की पत्नी) ने आरोप लगाया कि उनके पति की हत्या राजा भैया के गुंडों ने की थी। जिसके चलते उन्होंने कुंडा नगर पंचायत के अध्यक्ष गुलशन यादव, राजा भैया के प्रतिनिधि हरिओं श्रीवास्तव और राजा भैया के चालक गुड्डू सिंह को प्रमुख आरोपी के रूप में नामित किया। बाद में 1 अगस्त 2013 को सीबीआई ने राजा भैया को क्लीन चिट दे दी।
पसंदीदा चीजें
पसंदीदा कार एक्सयूवी, पजेरो, लैंड क्रूजर
पसंदीदा पुस्तक रश्मिथी (राम धार सिंह दिनकर)
पसंदीदा फिल्मेंThe Magnificent Seven, अमर प्रेम, Ben-Hur, Saving Private Ryan
पसंदीदा टीवी शो केबीसी, नेट जियो, हिस्ट्री चैनल, न्यूज़
पसंदीदा उद्धरण जेहि विधि नाथ होहि हित मोरा |
करहू सो बेगि दास मैं तोरा ||
प्रेम संबन्ध एवं अन्य जानकारियां
वैवाहिक स्थितिविवाहित
गर्लफ्रेंड एवं अन्य मामले ज्ञात नहीं
पत्नी भान्वी कुमारी
राजा भैया अपनी पत्नी और बेटी के साथ
बच्चे बेटे : शिवराज सिंह, बृजराज सिंह
बेटी : बृजेश्वरी, राधावी
धन संबंधित विवरण
आय (एक सांसद के रूप में)₹1.58 लाख (2014 के अनुसार)
संपत्ति (लगभग)₹14 करोड़ (2014 के अनुसार)

रघुराज प्रताप सिंह

रघुराज प्रताप सिंह से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियाँ

  • क्या रघुराज प्रताप सिंह धूम्रपान करते हैं ?: हाँ राजा भैया धूम्रपान करते हुए
  • क्या रघुराज प्रताप सिंह शराब पीते हैं ?: हाँ राजा भैया शराब पीते हुए
  • रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया का जन्म भाद्रि एस्टेट में हुआ था।
  • उनके दादा राजा बजरंग बहादुर सिंह उत्तराखंड के पंत नगर कृषि विश्वविद्यालय के संस्थापक और कुलपति थे, उसके बाद हिमाचल प्रदेश राज्य के दूसरे राज्यपाल थे। राजा बजरंग बहादुर सिंह जवाहर लाल नेहरू के साथ
  • रघुराज ही राजनीति में प्रवेश करने वाले अपने कबीले में एकमात्र व्यक्ति हैं।
  • उन्हें बचपन में अपने पिता उदय प्रताप सिंह से बहुत डर लगता था।
  • राजा भैया स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ते हैं और अब तक उन्हें कोई हरा नहीं सका।
  • अपने एकांत समय में राजा भैया घुड़सवारी करना पसंद करते हैं। राजा भैया घुड़सवारी करते हुए
  • उन्हें विमान उड़ाना बहुत पसंद है। जिसके चलते वह बिना किसी की अनुमति के विमान उड़ाते हैं। एक बार विमान दुर्घटना में वह बाल-बाल बचे।
  • बाबरी मस्जिद विध्वंस के दौरान, मुलायम सिंह यादव ने दंगों में उन्हें संलिप्त पाते हुए अपमानित किया।

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