Digvijaya Singh Biography in Hindi | दिग्विजय सिंह जीवन परिचय
जीवन परिचय | |
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व्यवसाय | भारतीय राजनेता |
उपनाम | दिग्गी राजा [1]Bansal News |
राजनीति | |
पार्टी/दल | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) |
राजनीतिक यात्रा | • 1969 और 1991 तक वह राघोगढ़ नगर पालिका के अध्यक्ष रहे। • दिग्विजय सिंह 1970 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य बने। • मध्य प्रदेश में 1977 के विधानसभा चुनाव में वह रागोहगढ़ निर्वाचन क्षेत्र से विधायक चुने गए। • सिंह 1980 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में उसी निर्वाचन क्षेत्र से विधायक के रूप में दोबारा से चुने गए। • उन्होंने 1985 और 1988 के बीच मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। • 1984 के लोकसभा चुनाव में दिग्विजय सिंह राजगढ़ निर्वाचन क्षेत्र से सांसद चुने गए। • 1989 के लोकसभा चुनाव में वह अपने निर्वाचन क्षेत्र से हार गए। • 1991 के लोकसभा चुनाव में वह दोबारा से सत्ता के लिए चुने गए। • सिंह ने 1993 में संसद के निचले सदन से एक सांसद के रूप में इस्तीफा दे दिया, क्योंकि उन्हें राज्य का मुख्यमंत्री नामित किया गया था और बाद में उन्हें सीएम के रूप में अपनी भूमिका को पूरा करने के लिए उपचुनाव में चछोड़ा निर्वाचन क्षेत्र से विधायक चुना गया था। • 1998 के विधानसभा चुनावों में उन्हें मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में दोबारा से चुना गया और दिसंबर 2003 तक कार्य किया। |
शारीरिक संरचना | |
लम्बाई (लगभग) | से० मी०- 173 मी०- 1.73 फीट इन्च- 5’ 8” |
भार/वजन (लगभग) | 75 कि० ग्रा० |
आँखों का रंग | काला |
बालों का रंग | काला और सफ़ेद |
व्यक्तिगत जीवन | |
जन्मतिथि | 28 फरवरी 1947 (शुक्रवार) |
आयु (2022 के अनुसार) | 75 वर्ष |
जन्म स्थान | इंदौर, होल्कर राज्य (अब मध्य प्रदेश में), ब्रिटिश भारत |
राशि | मीन (Pisces) |
हस्ताक्षर | |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
गृहनगर | इंदौर, मध्य प्रदेश, भारत |
स्कूल/विद्यालय | खालसा सीनियर सेकेंडरी स्कूल खरड़, पंजाब |
कॉलेज/विश्वविद्यालय | • डेली कॉलेज, इंदौर, मध्य प्रदेश, भारत • श्री गोविंदराम सेकसरिया प्रौद्योगिकी और विज्ञान संस्थान (एसजीएसआईटीएस) इंदौर, मध्य प्रदेश |
शैक्षिक योग्यता | बी.ई. (मैकेनिकल) [2]MP Vidhan Sabha |
धर्म | हिन्दू |
जाति | राजपूत |
पता | पो. राघोगढ़, जिला-गुना (म.प्र.) [3]MP Vidhan Sabha |
विवाद | • दिग्विजय सिंह मई 2011 में अल-कायदा नेता ओसामा बिन लादेन को दफनाने पर अपनी टिप्पणी के साथ विवादों में आ गए। उन्होंने कहा कि अमेरिका को सम्मानजनक अंत्येष्टि देनी चाहिए थी। • जुलाई 2013 में बोधगया बम विस्फोटों के बाद सिंह ने ट्विटर पर लिखा और कहा, ट्वीट ने भाजपा को हमले से जोड़ने के लिए उनकी आलोचना की। • एक स्थानीय वकील और आरएसएस के स्वयंसेवक ने सिंह के खिलाफ विवादास्पद ट्वीट पर शिकायत दर्ज की, जो राज्य के पूर्व वित्त मंत्री को उनके नौकर द्वारा यौन उत्पीड़न के आरोप के बाद गिरफ्तार किए जाने के कुछ दिनों बाद आया था। सिंह ने अपने ट्वीट में "राम और राघवजी" का जिक्र किया। • जुलाई 2013 में सिंह ने आरएसएस पर आरोप लगाया कि संघ अपने कार्यकर्ताओं को बम तैयार करने के लिए प्रशिक्षित करता है, पत्रकारों को आश्वासन दिया कि उनके पास चार वीएचपी और आरएसएस कार्यकर्ताओं के वीडियो क्लिप हैं जो स्वीकार करते हैं कि उन्हें बम बनाने में संघ द्वारा प्रशिक्षित किया गया था। उन्होंने यह भी दावा किया कि बाटला हाउस मुठभेड़ फर्जी था। • मंदसौर से कांग्रेस सांसद मीनाक्षी नटराजन के खिलाफ अपनी सेक्सिस्ट टिप्पणी के कारण उन्होंने खुद को आलोचना के घेरे में पाया। सिंह ने पार्टी कार्यकर्ताओं से बात करते हुए कहा कि पार्टी की सांसद मीनाक्षी नटराजन गांधीवादी, सीधी-सादी और ईमानदार नेता हैं। वह अपने निर्वाचन क्षेत्र में जगह-जगह घूमती रहती हैं। मैं राजनीति का अनुभवी लोहार हूं। मीनाक्षी सौ तुंच माल है।" • मई 2017 की शुरुआत में तेलंगाना पुलिस ने सिंह के ट्वीट पर एक शिकायत के बाद उनके खिलाफ एक आपराधिक मामला दर्ज किया, जिसमें कहा गया था कि तेलंगाना पुलिस ने मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथी बनाने के लिए एक नकली आईएसआईएस वेबसाइट की मेजबानी की थी। |
प्रेम संबन्ध एवं अन्य जानकारियां | |
वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
विवाह तिथि | पहली शादी- वर्ष (1969- 2013) दूसरी शादी- वर्ष 2016 |
परिवार | |
पत्नी | पहली पत्नी- राणा आशा कुमारी (2013 में मृत्यु) [4]Navbharat Times दूसरी पत्नी- अमृता राय, न्यूज एंकर |
बच्चे | बेटा- जयवर्धन सिंह (राजनेता) बेटी- 3 • मंदाकिनी कुमारी • कर्णिका कुमारी • मृदिमा कुमारी नोट: दिग्विजय सिंह की चार बेटी और दो बेटे हैं जिसमें से तीन बेटियों और एक बेटे का नाम ऊपर बताया गया है। |
माता/पिता | पिता- बलभद्र सिंह (पूर्व भारतीय राजनेता) माता- अपर्णा कुमारी |
भाई/बहन | भाई- लक्ष्मण सिंह बहन- ज्ञात नहीं |
धन/संपत्ति संबंधित विवरण | |
धन/संपत्ति [5]MyNeta | चल संपत्ति • नकद: 4,70 लाख रुपये • बैंकों में जमा: 1,13 करोड़ रुपये • बांड, डिबेंचर: 4,71 लाख रुपये • एनएसएस, डाक बचत: 24,40 लाख रुपये • एलआईसी या अन्य बीमा पॉलिसियां: 4,15 लाख रुपये • व्यक्तिगत ऋण: 3,82 करोड़ रुपये • मोटर वाहन: 15,68 लाख रुपये • आभूषण: 88,47 रुपये अचल संपत्ति • कृषि भूमि: 3,82 करोड़ रुपये • कमर्शियल भवन: 27,38 करोड़ रुपये • आवासीय भवन: 2,48 करोड़ रुपये |
कुल संपत्ति | 40,23 करोड़ (2019 के अनुसार) [6]MyNeta |
दिग्विजय सिंह से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियां
- दिग्विजय सिंह एक भारतीय राजनेता हैं। वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के पूर्व महासचिव रहे।
- उनका जन्म और पालन-पोषण मध्य प्रदेश के गुना जिले में राघौगढ़ के ‘राजा’ के घर हुआ था। जिसे अब मध्य प्रदेश के गुना जिले के रूप में जाना जाता है।
- दिग्विजय सिंह को स्वर्गीय विजयाराजे सिंधिया के जनसंघ से जुड़ने का प्रस्ताव मिला। हालांकि उन्होंने इस प्रस्ताव को गंभीरता से नहीं लिया और कांग्रेस पार्टी से हाथ मिला लिया।
- उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1969 में शुरू किया जब उन्हें राघोगढ़ के नगरपालिका समिति का अध्यक्ष नामित किया गया। सिंह 1971 तक इस पद पर रहे।
- वर्ष 1969 में उनकी शादी आशा सिंह से हुई, जिनकी मृत्यु वर्ष 2013 में हो गई। जिसके बाद दिग्विजय सिंह ने अपने चार बेटियों और एक बेटा जयवर्धन सिंह का पालन-पोषण किया, जो इस समय मध्य प्रदेश की 14 वीं विधानसभा में शहरी विकास और आवास मंत्री के रूप में कार्यरत हैं।
- 1977 में वह पहली बार राघौगढ़ विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीतकर मध्यप्रदेश विधानसभा पहुंचे।
- दिग्विजय सिंह 1977 के चुनाव में मध्य प्रदेश के राघोगढ़ विधानसभा क्षेत्र के लिए पार्टी का प्रतिनिधि किया।
- दिग्विजय सिंह 1977 में निर्वाचन क्षेत्र जीतने वाले पहले कांग्रेसी राजनेता हैं।
- इसी निर्वाचन क्षेत्र से उनके पिता स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में 1951 में एमएलए सदस्य के रूप में चुनाव जीता था।
- दिग्विजय सिंह राघोगढ़ निर्वाचन क्षेत्र से दोबारा चुने गए और राज्य मंत्री बने। बाद में उन्होंने अर्जुन सिंह के नेतृत्व वाली मध्य प्रदेश राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में 1980-84 तक कार्य किया।
- दिग्विजय सिंह ने 1985 से 1988 तक मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के रूप में काम किया, जिन्हें राजीव गांधी द्वारा नामित किया गया था, और वह दोबारा से इस पद के लिए 1992 में चुने गए।
- 1984 के भारतीय आम चुनाव में उन्होंने राजगढ़ लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हुए, भारत की संसद के निचले सदन 8वीं लोकसभा के सदस्य के रूप कार्य किया।
- अपनी पार्टी से हारने के बाद, दिग्विजय सिंह ने यह निर्धारित किया कि वह अगले दशक के लिए कोई चुनाव नहीं लड़ेंगे।
- वर्ष 2012 में दिग्विजय सिंह ने कहा कि राज्य के विधानसभा चुनाव में युवा लोगों को शामिल करने की जरुरत है और राज्य के चुनाव लड़ने में उनकी कोई दिलचस्पी नहीं है।
- दिग्विजय सिंह ने 2014 में पुष्टि की थी कि वह न्यूज एंकर अमृता राय के साथ रिश्ते में हैं। वर्ष 2015 के मध्य में वह पत्रकार के साथ शादी के बंधन में बंध गए।
- दिग्विजय सिंह वर्ष 2014 में अपनी दूसरी पत्नी न्यूज एंकर अमृता राय से शादी कर सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर चर्चा में रहे।
- 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने चुनाव लड़ने की इच्छा व्यक्त की और कांग्रेस पार्टी भी ऐसा ही चाहती थी की वह 2014 में चुनाव लड़े। उन्होंने यह भी कहा कि वह अपने बेटे को राघोगढ़ निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ाना चाहते हैं।
- जनवरी 2014 में दिग्विजय सिंह को मध्य प्रदेश से राज्यसभा के लिए संसद सदस्य के रूप में चुना गया।
- मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (पीयूसीएल) ने उन पर किसान नेताओं को गिरफ्तार करने का आरोप लगाया था।
- वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) को राष्ट्रीय एकता के लिए खतरा मानते हैं और उन्हें नाज़ी भी कहते हैं।
- उन्होंने कई ऐसे बयान दिए हैं जिसके बाद उन्हें अकेले खड़ा होना पड़ा, क्योंकि पार्टी ने उनकी टिप्पणियों से खुद को अलग कर लिया, यह कहते हुए कि यह उनकी व्यक्तिगत राय है और कांग्रेस का उनसे कोई लेना-देना नहीं है।
- वर्ष 2017 में कांग्रेस पार्टी ने गोवा में सरकार गठन में गड़बड़ी को देखते हुए उन्हें राज्य के पार्टी प्रभारी के पद से बर्खास्त कर दिया। उन्हें चुनावी राज्य कर्नाटक के उल्लिखित पद से भी हटा दिया गया।
- दिग्विजय सिंह ने अपनी पत्नी अमृता राय के साथ 30 सितंबर 2017 को अपने आध्यात्मिक गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का आशीर्वाद लेने के बाद नर्मदा नदी के तट पर बर्मन घाट से नर्मदा नदी की परिक्रमा की।
- उन्होंने अपनी यात्रा नर्मदा नदी के दक्षिणी तट से गुजरात के भरूच तक की, भरूच में मीठी तलाई वह बिंदु है जहां नर्मदा नदी अरब सागर में मिलती है। भरूच से उन्होंने दक्षिणी से उत्तरी छोर तक एक मोटरबोट ली और इसके उत्तरी किनारे के साथ वापसी की यात्रा शुरू की।
- उन्होंने 9 अप्रैल 2018 को 192 दिनों में 3,300 किलोमीटर (2,100 मील) पैदल चलकर बर्मन घाट पर नर्मदा परिक्रमा पूरी की।
- 2019 के लोकसभा चुनाव में भोपाल लोकसभा सीट से प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने दिग्विजय सिंह को 3,64,822 वोट से हराया था।
- वर्ष 2022 में होने वाले भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, सचिन पायलट, शशि थरूर, और साथ ही उनका नाम चर्चा में रहा।
- दिग्विजय सिंह ने 29 सितम्बर 2022 को कॉग्रेस पार्टी के राष्ट्रिय अधक्ष्य पद की दावेदारी की। यही नहीं उन्होंने तो राष्ट्रिय अधक्ष्य पद का पर्चा भी खरीद लिया। [7]The Times of India
सन्दर्भ