Sumit Antil Biography in Hindi | सुमित आंतिल जीवन परिचय
जीवन परिचय | |
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व्यवसाय | भारतीय एथलीट (जेवलिन थ्रोअर) |
शारीरिक संरचना | |
[1]Scrollलम्बाई | से० मी०- 189 मी०- 1.89 फीट इन्च- 6" 2” |
आँखों का रंग | काला |
बालों का रंग | काला |
ट्रैक और फील्ड | |
कोच | • नवल सिंह • वीरेंद्र धनखड़ |
मेडल | • वर्ष 2019 में दुबई में आयोजित विश्व पैरा एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में रजत पदक जीता। • वर्ष 2019 में आयोजित पेरिस ओपन हैंडिस्पोर्ट में रजत पदक जीता। • वर्ष 2019 में इटली में आयोजित विश्व पैरा एथलेटिक्स ग्रैंड प्रिक्स चैम्पियनशिप में रजत पदक जीता। • वर्ष 2020 में टोक्यो में आयोजित ग्रीष्मकालीन पैरालंपिक में स्वर्ण पदक जीता। |
पुरस्कार/उपलब्धियां | टोक्यो ओलम्पिक में अपने शानदार प्रदर्शन से देश की शान बढ़ाने वाले हरियाणा के पैरा खिलाड़ी सुमित अंतिल को वर्ष 2022 में राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा 'पद्मश्री अवार्ड' से नवाजा गया। |
व्यक्तिगत जीवन | |
जन्मतिथि | 6 जुलाई 1998 (शनिवार) |
आयु (वर्ष 2021 के अनुसार) | 23 वर्ष |
जन्मस्थान | खेवड़ा, सोनीपत, हरियाणा, भारत |
राशि | मिथुन (Gemini) |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
गृहनगर | सोनीपत, हरियाणा |
कॉलेज/विश्वविद्यालय/महाविद्यालय | • रामजस कॉलेज • दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली |
शैक्षणिक योग्यता | रामजस कॉलेज से कॉमर्स में स्नातक [2]Firstpost |
प्रेम संबन्ध एवं अन्य जानकारियां | |
वैवाहिक स्थिति | अविवाहित |
परिवार | |
माता-पिता | पिता- स्वर्गीय राम कुमार आंतिल (वायुसेना अधिकारी थे) माता- निर्मला देवी आंतिल (गृहिणी) |
बहन | बहन- 3 • किरण आंतिल • सुशीला आंतिल • रेनू आंतिल |
पसंदीदा चीजें | |
पहलवान | योगेश्वर दत्त |
सुमित आंतिल से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियाँ
- सुमित आंतिल एक भारतीय पैरालंपिक एथलीट और भाला फेंक खिलाड़ी हैं जिन्होंने 2020 ग्रीष्मकालीन पैरालंपिक फाइनल में 68.55 मीटर भाला फेंककर अपने ही विश्व रिकॉर्ड को तोड़ दिया।
- सुमित आंतिल का जन्म हरियाणा के सोनीपत में एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। उनके पिता राम कुमार आंतिल एक सेवानिवृत्त वायु सेना अधिकारी थे जिनका सात साल पहले बीमारी के कारण निधन हो गया। उनकी माँ निर्मला आंतिल एक गृहणी हैं।
- सुमित अपने स्कूल के दिनों में कुश्ती में अपना करियर बनाना चाहते थे और योगेश्वर दत्त के बहुत बड़े प्रशंसक थे।
- 5 जनवरी 2015 को सुमित 12वीं क्लास के ट्यूशन से वापस अपने घर को जा रहे थे तभी अचानक पीछे से सीमेंट से भरे एक ट्रैक्टर-ट्राली ने उन्हें टक्कर मार दी और उन्हें कुछ दूर तक घसीटता हुआ ले गया जिसके चलते सुमित को अपना एक पैर गंवाना पड़ा। कई महीनों तक अस्पताल में भर्ती रहने के बाद उनकी माँ ने उन्हें पुणे के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया जहां उनके कटे हुए पैर में एक नकली पैर का फ्रेम लगाया गया। जिससे वह अब आसानी से चल फिर सकते हैं। इस मुश्किल घडी में भी सुमित ने अपना साहस नहीं खोया और अपनी माँ को समझाते हुए कहा की सब ठीक हो जाएगा धैर्य रखो।
- वर्ष 2017 में उनके गांव के एक अन्य पैरा-एथलीट राजकुमार ने सुमित को पैरा एथलेटिक्स से परिचित कराया और उन्हें पैरा एथलेटिक्स खेल में जाने के लिए प्रेरित किया। जिसके चलते सुमित ने कोच नवल सिंह के मार्गदर्शन में पैरा एथलेटिक्स का अभ्यास करना शुरू किया। पैरा एथलेटिक्स के शुरुआती दिनों में उनका व्यायाम करना काफी कठिन था क्योंकि अत्यधिक गर्मी के कारण उनके कृत्रिम पैर में खून आ जाता था। लेकिन सुमित ने कभी हार नहीं मानी और लगातार अभ्यास करते रहे। टाइम्स ऑफ इंडिया के साथ एक इंटरव्यू में उनके कोच नवल सिंह ने उनके बारे में कहा-
जब मैं सुमित से पहली बार मिला तो मैं सुमित से काफी प्रेरित हुआ। वह पहलवान बनना चाहता था, लेकिन तब करियर की राह संभव नहीं थी। सुमित की हाइट और काया अच्छी है। वह 6 फ़ीट 2 इंच है मुझे पता था कि अगर मैंने उस पर काम किया तो वह कमाल कर सकता है। मैं उसे भाला फेंक अपनाने के लिए मनाने में कामयाब रहा और उसने मेरे अधीन प्रशिक्षण शुरू किया।”
- अपने निरंतर अभ्यास के बाद सुमित ने वर्ष 2019 में दुबई में आयोजित विश्व पैरा एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में अपना पहला रजत पदक जीता और 62.88 मीटर की दूरी तक भाला फेंक कर अपने ही पुराने रिकॉर्ड को तोड़ दिया।
- इसके बाद उनके विभिन्न प्रदर्शनों को देखते हुए, गोस्पोर्ट्स फाउंडेशन ने उनकी वित्तीय जरूरतों का समर्थन करने और उन्हें प्रेरित करने के लिए 2019 पैरा चैंपियंस कार्यक्रम में शामिल करने का फैसला किया।
- दुबई में अपने प्रदर्शन का हुनर दिखाते हुए उन्होंने 2020 ग्रीष्मकालीन पैरालंपिक के लिए क्वालीफाई किया।
- सुमित ने पैरालंपिक खेलों के दौरान इतिहास रच दिया जब उन्होंने अपने ही निजी रिकॉर्ड और एक ही गेम में तीन बार विश्व रिकॉर्ड तोड़ा। उन्होंने अपने पांचवें थ्रो में 68.55 मीटर की दूरी पर भाला फेंककर एक नया विश्व रिकॉर्ड बनाया।
- सुमित आंतिल ने पटियाला में आयोजित ग्रैंड प्रिक्स सीरीज में भी भाग लिया और 66.43 मीटर के सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ सातवें स्थान पर रहे और उन्होंने भारतीय ओलंपियन नीरज चोपड़ा के खिलाफ मुकाबला किया।
- जब सुमित पैरालंपिक की तैयारी कर रहे थे तभी उनके कोच नवल सिंह को आभास हो गया था कि सुमित पैरालंपिक खेल में स्वर्ण पदक जीतकर आएंगें और उन्होंने ऐसा ही किया। एक इंटरव्यू में नवल सिंह ने कहा-
मैंने ऐसा समर्पित खिलाड़ी कभी नहीं देखा। वह इतना दृढ़ है। मुझे यकीन है कि वह पैरालंपिक में गोल्ड जीतेगा।”
- पैरालंपिक में स्वर्ण पदक जीतने के बाद हरियाणा सरकार ने सुमित आंतिल को 6 करोड़ रुपये का नकद इनाम देने की घोषणा की और साथ ही साथ उन्हें सरकारी नौकरी देने का एलान किया।
- इंडिया टुडे से बातचीत के दौरान सुमित ने इस बारे में कहा की उन्होंने प्रशिक्षण सत्रों के दौरान बेहतर प्रदर्शन किया और माना कि यह उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं था। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा-
यह एक सपना सच होने जैसा है। मैं अभी अपनी भावनाओं को व्यक्त नहीं कर सकता। यह मेरा पहला पैरालिंपिक है और मैं थोड़ा नर्वस था क्योंकि प्रतियोगी महान हैं। “मैं 70 मीटर से अधिक थ्रो की उम्मीद कर रहा था, शायद मैं 75 मीटर कर सकता हूं। यह मेरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं था, मैं विश्व रिकॉर्ड तोड़कर बहुत खुश हूं।”
- पैरालंपिक में गोल्ड मेडल जीतने और तीन बार वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़ने वाले सुमित अंतिल को बधाई देने के लिए पूरा देश आगे आया। जिसमें ओलंपिक पदक विजेता अभिनव बिंद्रा, 2016 ग्रीष्मकालीन पैरालंपिक भारतीय एथलीट रजत पदक विजेता दीपा मलिक और 2020 टोक्यो ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा जैसे कई एथलीट शामिल हैं।