Devi Chitralekha Biography in Hindi | देवी चित्रलेखा जीवन परिचय
जीवन परिचय | |
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व्यवसाय | आध्यात्मिक संत, भगवत गीता उपदेशक और प्रेरक वक्ता |
शारीरिक संरचना | |
लम्बाई (लगभग) | से० मी०- 161 मी०- 1.61 फीट इन्च- 5' 3” |
आँखों का रंग | काला |
बालों का रंग | काला |
व्यक्तिगत जीवन | |
जन्मतिथि | 19 जनवरी 1997 (रविवार) |
आयु (2021 के अनुसार) | 24 वर्ष |
जन्मस्थान | खंबी गांव, पलवल जिला, हरियाणा, भारत |
राशि | मकर (Capricorn) |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
गृहनगर | खंबी गांव, पलवल जिला, हरियाणा |
स्कूल/विद्यालय | उन्होंने अपने गांव के एक सरकारी स्कूल से पढाई की। |
धर्म | हिन्दू |
जाति | ब्राह्मण [1] World Sankirtan Trust |
प्रेम संबन्ध एवं अन्य जानकारियां | |
वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
बॉयफ्रैंड | ज्ञात नहीं |
विवाह तिथि | 23 मई 2017 (मंगलवार) |
विवाह स्थान | गौ सेवा धाम अस्पताल, पलवल, हरियाणा |
परिवार | |
पति | माधव प्रभु जी (माधव तिवारी) |
माता/पिता | पिता- तुकाराम शर्मा माता- चमेली देवी |
भाई/बहन | भाई- प्रत्यक्ष शर्मा |
धन/सम्पत्ति सम्बंधित विवरण | |
कार संग्रह |
देवी चित्रलेखा से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियाँ
- देवी चित्रलेखा भारत की सबसे कम उम्र की आध्यात्मिक और धार्मिक कथा वाचक हैं। जो भगवान श्री कृष्ण और भगवान श्री राम की कथा का पाठ करने के लिए जानी जाती हैं।
- देवी चित्रलेखा के जन्म के बाद उनके पिता ने कई संतों और साधुओं को अपने घर आमंत्रित किया था उसमें से एक संत ने कहा-
वह एक चमत्कारी बच्ची है। वह निकट भविष्य में दुनिया भर के लोगों को एक महान प्रबुद्ध व्यक्ति के रूप में आश्चर्यचकित कर देगी।”
- उनके स्वर्गीय दादा-दादी राधा कृष्ण शर्मा और किशनदेई आध्यात्मिक रूप से प्रवृत्त थे और उन्हें विभिन्न धार्मिक आयोजनों में ले जाते थे।
- जब वह 4 वर्ष की थी तभी उन्हें ‘श्री श्री गिरधारी बाबा’ नामक एक बंगाली संत के मार्गदर्शन में ‘गौड़िया वैष्णववाद’ में शिक्षित किया गया था।
- 6 साल की उम्र में देवी चित्रलेखा और उनके माता-पिता बृज के एक सम्मानित संत रमेश बाबा के प्रचार कार्यक्रम में शामिल होने गए थे। कार्यक्रम के अंत में रमेश बाबा ने उन्हें कुछ बोलने के लिए माइक दिया। उन्होंने लगभग आधे घंटे तक अपने आध्यात्मिक विचार साझा किए, जिसने कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों को आश्चर्यचकित कर दिया।
- जिसके बाद उन्होंने विभिन्न आयोजनों में कथा और प्रवचन सुनाना शुरू कर किया। उनके गुरुजी ने उत्तर प्रदेश के वृंदावन के पास तपोवन में उनकी पहली 7 दिनों की “श्री भागवत कथा” का आयोजन किया।
- हालाँकि उनके माता-पिता को देवी चित्रलेखा के इतनी लंबी कथा के बारे में पता नहीं था लेकिन उनके गुरु को विश्वास था कि वह कथा को सफलतापूर्वक कर सकती है। उनके गुरु ने कहा-
यह मेरा आशीर्वाद है कि 7 दिन ‘श्री भागवत कथा’ सफल रहेगी क्योंकि “राधा माता” ने मुझे सपने में दिखाया है कि स्वर्ग से फूलों की बारिश होगी।”
- बाद में उन्होंने विभिन्न कार्यक्रमों में ‘श्री भागवत कथा’ का पाठ करना शुरू किया और भारत में सबसे लोकप्रिय भागवत प्रचारकों में से एक बन गईं।
- राधे कृष्ण और हरे कृष्ण मंत्र की लहर फैलाने के उद्देश्य से विभिन्न धार्मिक टीवी चैनलों पर उनकी कथाएं प्रसारित की जाती हैं।
- उन्होंने विभिन्न देशों में प्रवचन दिए हैं वह श्रोता को अपने भावपूर्ण भजनों से प्रसन्न करती हैं। उनके कुछ लोकप्रिय भजनों में- मेरा आपकी कृपा से, कृष्णा कृष्णा, एक तेरा सहारा, जब कोई नहीं आता, लाखो महफिल, राधे राधे, गोपी गीत और मेरा जीवन है तेरे हवाला शामिल हैं।
- उन्होंने 10 मार्च 2008 को हरियाणा के पलवल में ‘विश्व संकीर्तन यात्रा ट्रस्ट’ की स्थापना की, जिसका उद्देश्य ‘भारत की हिंदू संस्कृति और विरासत को संरक्षित करना है।’ देवी चित्रलेखा को ईश्वर के पवित्र नाम का प्रचार-प्रसार करना, ‘भागवत कथा का पूरे विश्व में प्रचार करना,’ और ‘गौ सेवा करना, बहुत पसंद है।
- एक बार उन्होंने देखा कि एक गाय कार से घायल होकर सड़क किनारे पड़ी थी जिसके तुरंत बाद उन्होंने गाय का प्राथमिक उपचार कराया। इस घटना से वह बहुत प्रभावित हुईं और उन्होंने गायों के कल्याण के लिए कुछ करने का फैसला किया।
- वर्ष 2013 में उन्होंने हरियाणा के पलवल में ‘गौ सेवा धाम अस्पताल’ की स्थापना की जो परित्यक्त और घायल गायों के कल्याण के लिए काम करता है।
- वह खुद को भगवान का उपदेशक मानती है।
- उनके धार्मिक आयोजनों में कई जानी-मानी हस्तियां शामिल होती हैं।
- उनके YouTube चैनल पर एक मिलियन से अधिक सब्सक्राइबर्स होने पर उन्हें यूट्यूब की तरफ से गोल्ड बटन दिया गया।
सन्दर्भ
↑1 | World Sankirtan Trust |
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