Hariprasad Chaurasia Biography in Hindi | हरिप्रसाद चौरसिया जीवन परिचय
जीवन परिचय | |
---|---|
वास्तविक नाम | पंडित हरिप्रसाद चौरसिया |
व्यवसाय | बांसुरी वादक |
शारीरिक संरचना | |
लम्बाई (लगभग) | से० मी०- 168 मी०- 1.68 फीट इन्च- 5’ 6” |
वजन/भार (लगभग) | 65 कि० ग्रा० |
आँखों का रंग | काला |
बालों का रंग | श्याम श्वेत |
संगीत | |
फिल्मोग्राफी | • चांदनी • डर • लम्हे • सिलसिला • फासले • विजय • साहिबान • सिरिवेनेला • 16 दिन अफगानिस्तान के |
पुरस्कार एवं सम्मान | 1984: में, उन्हें संगीत नाटक अकादमी से सम्मानित किया गया। 1992: में, उन्हें पद्म भूषण और कोनार्क सम्मान से नवाजा गया। 1994: में, उन्हें यश भारती पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 2000: में, उन्हें पद्म विभूषण, हाफिज अली खान पुरस्कार और दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 2015: में, उन्हें पंडित चतुरलाल उत्कृष्टता पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 2008: में, उन्होंने उत्तरी उड़ीसा विश्वविद्यालय से मानद डॉक्टरेट प्राप्त की। 2013: में, उन्हें एनडीटीवी द्वारा भारत के 25 महानतम वैश्विक जीवित किंवदंतियों के रूप में सम्मानित किया गया। |
व्यक्तिगत जीवन | |
जन्मतिथि | 1 जुलाई 1938 |
आयु (2017 के अनुसार ) | 79 वर्ष |
जन्मस्थान | इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश, भारत |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
राशि | कर्क |
पता | इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश, भारत |
गृहनगर | इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश, भारत |
स्कूल/विद्यालय | ज्ञात नहीं |
महाविद्यालय/विश्वविद्यालय | ज्ञात नहीं |
शैक्षिक योग्यता | ज्ञात नहीं |
परिवार | ज्ञात नहीं |
धर्म | हिन्दू |
शौक | लिखना और बांसुरी बजाना |
पसंदीदा चीजें | |
पसंदीदा खाना | उत्तर भारतीय व्यंजन, दक्षिण भारतीय व्यंजन |
पसंदीदा अभिनेता | अमिताभ बच्चन, विनोद खन्ना और राजेश खन्ना |
पसंदीदा अभिनेत्रियां | रेखा, जया बच्चन और मधुबाला |
पसंदीदा गायक | मोहम्मद रफ़ी, किशोर कुमार और ए. आर. रहमान |
पसंदीदा संगीतकार | ज़ाकिर हुसैन, पंडित रवि शंकर, पंडित शिव कुमार शर्मा, John McLaughlin और Jan Garbarek |
प्रेम संबन्ध एवं अन्य जानकारियां | |
वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
पत्नी | कमला (पहली पत्नी) अनुराधा उर्फ अंगुर्बाला राय (दूसरी पत्नी) |
विवाह तिथि | वर्ष 1957 (प्रथम विवाह) 15 अगस्त 1958 (दूसरा विवाह) |
बच्चे | बेटा :- विनय और अजय चौरसिया (पहली पत्नी से) राजीव चौरासिया (दूसरी पत्नी से) बेटी :- लागू नहीं |
धन संबंधित विवरण | |
आय (एक प्रोफेशनल बांसुरी वादक के रूप में) | 4-5 लाख भारतीय रुपए प्रति शो |
कुल संपत्ति (लगभग) | 3-4 करोड़ भारतीय रुपए |
हरिप्रसाद चौरसिया से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियाँ
- क्या हरिप्रसाद चौरसिया धूम्रपान करते हैं ? नहीं
- क्या हरिप्रसाद चौरसिया शराब पीते हैं ? नहीं
- जब वह 6 साल के थे, तब उनकी माँ का देहांत हो गया था। जिसके चलते उनका पालन- पोषण उनके पिता ने किया। उनके पिता चाहते थे कि उनका बेटा पहलवान बने, लेकिन वह संगीतकार बनना चाहते थे।
- 15 वर्ष की उम्र में, उन्होंने अपने पड़ोसी पंडित राजाराम से संगीत सीखना शुरू किया। उसके बाद उन्होंने वाराणसी के पंडित भोलानाथ प्रसन्ना के मार्गदर्शन में आठ साल तक बांसुरी का अभ्यास किया।
- वर्ष 1957 में, उन्होंने कटक, ओडिशा के ऑल इंडिया रेडियो में संगीतकार और कलाकार के रूप में कार्य करना शुरू किया।
- कुछ समय बाद वह मुंबई चले गए, जहां अन्नपूर्णा देवी (बाबा अलाउद्दीन खान की बेटी) और पंडित रविशंकर की पहली पत्नी ने एक शिष्य के रूप में उन्हें शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में अपने करियर को मजबूत करने के लिए रागों और रचनाओं के प्रदर्शन को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया था।
- अन्नपूर्णा देवी ने उन्हें दो परिस्थितियों में सिखाने पर सहमति व्यक्त की, सबसे पहले यह थी कि अब तक जो सीखा है, उसे भूलना होगा और दूसरी शर्त यह थी कि वह बाएं हाथ से बांसुरी बजाते थे, उन्हें दाएं हाथ से बांसुरी बजानी होगी। अंत में, इसी कारण हरिप्रसाद चौरसिया दाएं हाथ से बांसुरी बजाने लगे।
- उन्होंने शिवकुमार शर्मा के साथ एक महान दोस्ती कायम की, जिसके चलते लोगों द्वारा संगीत की दुनिया में दोनों को “शिव-हरी” के नाम से जाना जाने लगा। इस जोड़ी ने चांदनी, डर, लम्हे, सिलसिला जैसी फिल्मों के लिए कई गाने बनाए।
- उन्होंने नीदरलैंड्स स्थित रॉटरम म्यूज़िक कंजर्वेटरी में विश्व संगीत विभाग के कलात्मक निदेशक के रूप में कार्य किया और मुंबई, भुवनेश्वर स्थित वृंदावन गुरुकुल की स्थापना भी की।
- उन्होंने कई पश्चिमी संगीतकारों के साथ कार्य किया है, जिनमें जॉन मैकलहैलीन (John McLaughlin), जेन गरबारेक (Jan Garbarek), केन लॉबर (Ken Lauber), येहुदी मेनुइन (Yehudi Menuhin) और जीन पियरे रैम्पा (Jean-Pierre Rampa) शामिल हैं।
- वर्ष 1968 में, उन्होंने “द इनर लाइट” नामक एक गीत गाया, जिसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित अंग्रेजी रॉक बैंड द बीटल्स के लिए जॉर्ज हैरिसन ने लिखा था।
- वर्ष 2013 में आई डॉक्यूमेंट्री फिल्म “बांसुरी गुरू” अपने देश की विरासत को प्रस्तुत करता है, जिसे उनके छोटे बेटे राजीव चौरसिया द्वारा निर्देशित किया गया था। इस फिल्म को सूचना और प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा तैयार किया गया था।
- उन पर कई किताबें लिखी गईं हैं :- सुरजीत सिंह द्वारा “Woodwinds of Change”, हेन्री टूर्निक द्वारा “Hariprasad Chaurasia and the Art of Improvisation” जो उनकी जीवन यात्रा का वर्णन करती हैं।
- प्रस्तुत है हरिप्रसाद चौरसिया के साथ एक मुलाकात :