Bal Thackeray Biography in Hindi | बाल ठाकरे जीवन परिचय
जीवन परिचय | |
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वास्तविक नाम | बाल केशव ठाकरे |
उपनाम | बालासाहेब, हिन्दू हृदय सम्राट |
व्यवसाय | भारतीय राजनेता |
राजनीतिक पार्टी | शिव सेना |
शारीरिक संरचना | |
लम्बाई (लगभग) | से० मी०- 170 मी०- 1.70 फीट इन्च- 5’ 7” |
वजन/भार (लगभग) | 60 कि० ग्रा० |
आँखों का रंग | काला |
बालों का रंग | धूसर |
व्यक्तिगत जीवन | |
जन्मतिथि | 23 जनवरी 1926 |
जन्मस्थान | पुणे, बॉम्बे प्रेसीडेंसी, ब्रिटिश भारत |
मृत्यु तिथि | 17 नवंबर 2012 |
मृत्यु स्थान | मुंबई, महाराष्ट्र, भारत |
आयु (मृत्यु के समय) | 86 वर्ष |
मृत्यु कारण | हृदयाघात (दिल का दौरा) |
राशि | कुंभ |
हस्ताक्षर | |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
गृहनगर | मुंबई, भारत |
स्कूल/विद्यालय | ज्ञात नहीं |
महाविद्यालय/विश्वविद्यालय | लागू नहीं |
शैक्षिक योग्यता | पढ़ाई बीच में छोड़ दी |
परिवार | पिता - केशव सीताराम ठाकरे (एक सामाजिक सुधारक और पत्रकार) माता- रमाबाई भाई- रमेश ठाकरे, श्रीकांत प्रबोधनकार ठाकरे बहन- पमा टिपनीस, सुधा सुले, सरला गडकरी, सुशीला गुप्ते, संजीवनी करंदीकर |
धर्म | हिन्दू |
जाति | मराठी चंद्रशेनिया कायस्थ प्रभु (सीकेपी समुदाय) |
पता (वर्ष 2012 में उनकी मृत्यु के समय तक) | मातोश्री, कलानगर, बांद्रा ईस्ट, मुंबई |
शौक/अभिरुचि | फोटोग्राफी करना, संगीत सुनना, यात्रा करना, पढ़ना |
विवाद | • अपने जीवन संघर्ष के दौरान, जातीय रेखाओं के आधार पर क्षेत्रवाद को बढ़ावा देने के लिए उन्हें कड़ी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। • उन्हें दक्षिणपंथी कट्टर हिन्दू विचारधारा के लिए कड़ी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। • वर्ष 1966 में, शिवसेना की स्थापना के बाद उन्होंने मुंबई में दक्षिण भारतीयों के खिलाफ एक अभियान शुरू किया। जिसमें स्थानीय मराठी लोगों को नौकरी से वंचित रखा जाने लगा था क्योंकि उस समय मुंबई में दक्षिण भारतीय कार्य करने लग गए थे, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं मिल पाता था और उन्हें बेरोजगारी का सामना करना पड़ता था। • वर्ष 1969 में, उन्हें महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद के संबंध में गिरफ्तार कर येरवाड़ा जेल भेज दिया गया। • वह पाकिस्तान के कट्टर आलोचक थे। जिसके चलते वर्ष 1998 में, उन्होंने गुलाम अली के एक गजल समारोह को बाधित कर दिया था। • वर्ष 1975 में, उन्होंने इंदिरा गांधी द्वारा घोषित आपातकाल का समर्थन किया, जिससे राजनीति में हड़कंप मच गया था। • वर्ष 1984 में, उनपर भिवंडी में साम्प्रदायिक दंगे भड़काने का आरोप लगाया गया था, जिसमें 17 व्यक्ति मारे गए थे और 100 से ज्यादा घायल हुए थे। • बाबरी मस्जिद विध्वंस का षडयंत्र करने के लिए उनके खिलाफ कई आरोप लगाए गए। • वर्ष 1993 बॉम्बे-ब्लास्ट के बाद, यह कहा जाने लगा कि बाल ठाकरे उन में से एक थे, जिन्होंने सांप्रदायिक हिंसा को उकसाया। • वर्ष 1995 में, उन्होंने बॉलीवुड फिल्म "बॉम्बे" के प्रदर्शन का विरोध किया, जो वर्ष 1993 में मुंबई बम धमाकों के बाद मुंबई में सांप्रदायिक दंगों पर आधारित फिल्म थी। • एक बार उन्होंने सामना में उत्तर भारतीयों पर कटाक्ष करते हुए कहा "एक बिहारी, सौ बीमारी"।, जिसके चलते नीतीश कुमार (बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री) ने भारत के प्रधानमंत्री को एक लिखित शिकायत दर्ज करवाई। इस आपत्तिजनक टिप्पणी के कारण शिवसेना के उत्तर भारत प्रभारी जय भगवान गोयल ने इस्तीफा देते हुए, शिवसेना को खालिस्तान एवं आतंकवादी संगठन की परिभाषा दी। • उनके द्वारा एपीजे अब्दुल कलाम (भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति) का अपमान भी किया गया, क्योंकि उन्होंने अफजल गुरू की मौत की सजा का कोई भी औपचारिक जवाब नहीं दिया था। • वर्ष 2007 में, दैनिक अख़बार के एक साक्षात्कार में हिटलर की प्रशंसा करने के लिए उन्हें कड़ी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। • वर्ष 2007 में, शिवसेना रैली के दौरान उन्होंने मुस्लिमों की "हरा जहर" के रूप में परिभाषा दी, जिसके चलते उन्हें गिरफ्तार किया गया। • वह विवादों में तब आए जब उन्होंने एक तमिल आतंकवादी संगठन- एलटीटीई ( LTTE) का समर्थन किया। • सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे और बाल ठाकरे के भाई रमेश ठाकरे ने उनसे अधिक संपत्ति रखने का आरोप लगाते हुए, सीबीआई जांच की मांग की। |
पसंदीदा चीजें | |
पसंदीदा नेता | महात्मा गांधी |
पसंदीदा राजनेता | एडॉल्फ हिटलर |
पसंदीदा राजनीतिज्ञ | अटल बिहारी वाजपेयी |
पसंदीदा अभिनेता | अमिताभ बच्चन, नाना पाटेकर |
पसंदीदा संगीतकार | किशोर कुमार, लता मंगेशकर |
पसंदीदा खेल | क्रिकेट |
पसंदीदा क्रिकेटर | सुनील गावस्कर, सचिन तेंदुलकर |
प्रेम संबन्ध एवं अन्य जानकारियां |
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वैवाहिक स्थिति | विदुर |
पत्नी | मीना ठाकरे |
बच्चे | बेटा :- बिंदुमाधव ठाकरे, जयदेव ठाकरे उद्धव ठाकरे (एक राजनीतिज्ञ, एक वन्यजीव फोटोग्राफर) बेटी :- लागू नहीं |
धन संबंधित विवरण | |
संपत्ति (लगभग) | 40 करोड़ भारतीय रुपए |
बाल ठाकरे से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियाँ
- उनके पिता केशव ठाकरे एक समाज सुधारक और पत्रकार थे, जिन्हें प्रबोधनकार के नाम से भी जाना जाता था, क्योंकि उनके पिता पत्रिका प्रबोधन का भी कार्य करते थे।
- बचपन में ही उन्होंने अपनी मां खो को दिया था।
- उनके पिता केशव ठाकरे मुंबई के एकीकृत राज्य (unified State) के वकील थे, जो वर्तमान में महाराष्ट्र की राजधानी है।
- उनके परिवार को वित्तीय संकट का सामना करना पड़ा, जिसके चलते उन्हें अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़नी पड़ी।
- ठाकरे ने मुंबई के एक समाचार पत्र “फ्री प्रेस जर्नल” में एक कार्टूनिस्ट के रूप में कार्य करना शुरू किया। हालांकि, रचनात्मक अंतर के कारण, उन्होंने वर्ष 1950 के अंत में नौकरी छोड़ दी।
- वर्ष 1960 में, अपने भाई श्रीकांत के साथ एक कार्टून साप्ताहिक – मार्मिक का शुभारंभ किया और जिसे मुंबई में गैर-मराठी लोगों के खिलाफ अभियान के रूप में इस्तेमाल किया। मार्मिक जो कि एक ब्रिटिश मैगज़ीन “Punch” के तर्ज पर प्रकाशित की गई थी, जो sons-of-the-soil agenda पर आधारित थी।
- उन्होंने जॉर्ज फर्नांडिस (राजनीतिज्ञ) और अन्य 4 या 5 लोगों के साथ एक दैनिक – न्यूज़ डे शुरु किया। हालांकि, जो कुछ महीनों तक ही चल सका।
- 19 जून 1966 को, मार्मिक की सफलता से प्रेरित होकर उन्होंने शिवसेना का गठन किया; जिसका नाम 17 वीं सदी के मराठा राजा शिवाजी के नाम पर रखा गया।
- शिवसेना का प्रारंभिक उद्देश्य दक्षिण भारतीयों और गुजराती लोगों के खिलाफ प्रतिस्पर्धा में महाराष्ट्र के स्थानीय मराठी बोलने वाले लोगों की नौकरी की सुरक्षा सुनिश्चित करना था।
- शिवसेना का अगले 10 वर्षों में काफी प्रसार हुआ। हालांकि, वर्ष 1970 के स्थानीय चुनावों के दौरान, शिव सेना सफल नहीं हो सकी, क्योंकि यह राज्य के बाकी हिस्सों की तुलना में केवल मुंबई में सक्रिय थी।
- समय बीतने के साथ, बाल ठाकरे और उनकी पार्टी ने हिंसात्मक रणनीति अपना ली, जिसमें प्रवासियों, मीडिया और प्रतिद्वंद्वी पार्टियों के खिलाफ हमले, सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नष्ट करना शुरू कर दिया।
- प्रारंभ में, ठाकरे ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का समर्थन किया। हालांकि, 1980 के दशक तक, वह सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के लिए खतरा बन गए।
- शिव सेना को “तीर कमान” के साथ अपने सरकारी चुनाव प्रतीक के रूप में वर्ष 1989 में एक राजनीतिक दल के रूप में मान्यता प्रदान की गई थी।
- बाल ठाकरे ने मंडल आयोग की सिफारिशों का विरोध किया, जिसके चलते उनके करीबी समर्थक छगन भुजबल ने वर्ष 1991 में शिवसेना को छोड़ दिया।
- वर्ष 1992 में बॉम्बे दंगों के बाद, ठाकरे ने मुसलमानों के खिलाफ प्रचार शुरू किया और एक अतिवादी हिंदूत्ववादी विचारधारा अपनाई, जिससे उनकी पार्टी भारतीय जनता पार्टी के काफी निकट आ गई।
- शिवसेना-भाजपा गठबंधन ने वर्ष 1995 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव जीता और वर्ष 1995 से 1999 तक सत्ता में रही। जिसके चलते सरकार में, ठाकरे ने स्वयं को रिमोट कंट्रोल मुख्यमंत्री घोषित किया।
- श्रीकृष्ण आयोग की रिपोर्ट ने वर्ष 1992-1993 के दंगों को उकसाने के लिए ठाकरे और शिवसेना को दोषी ठहराया था।
- वर्ष 1996 में, माइकल जैक्सन ने बाल ठाकरे से मुलाकात की और उनकी टॉयलेट सीट पर हस्ताक्षर किया। जिसे वह इस्तेमाल करते थे।
- 28 जुलाई 1999 को, चुनाव आयोग ने 11 दिसंबर 1999 से 10 दिसंबर 2005 तक धर्म के नाम पर वोट मांगने के लिए बाल ठाकरे को दोषी पाते हुए, उन पर 6 वर्षों तक किसी भी चुनाव में मतदान करने और चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया था।
- वर्ष 2004 में, उन्होंने शिव सेना की बागडोर अपने पुत्र उद्धव ठाकरे को सौंप दी और जिसके चलते उन्हें पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया।
- उद्धव ठाकरे की अध्यक्ष पदोन्नति से राज ठाकरे को बहुत बड़ा झटका लगा, क्योंकि वह सोचते थे कि राजनीतिक वारिस के रूप में वही पार्टी के अध्यक्ष होंगे।
- वर्ष 2005 में शिवसेना दो बार विभाजित हुई थी, पहली बार वर्ष 2005 में जब नारायण राणे अपने समर्थकों के साथ पार्टी छोड़ कर चले गए थे और वर्ष 2006 में जब राज ठाकरे ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) का गठन किया था।
- बाल ठाकरे ने वर्ष 2005 के बाद वर्ष 2007 में बीएमसी चुनावों में मतदान किया था, क्योंकि वर्ष 2005 तक उन पर 6 साल का प्रतिबंध लगा हुआ था।
- वर्ष 2010 में दशहरा रैली में, बाल ठाकरे ने अपने पोते आदित्य को नए शिवसेना युवा संगठन (युवा सेना) के प्रमुख के रूप में नियुक्त किया।
- जैसे ही 17 नवंबर 2012 को उनकी मौत की खबर सामने आई, उसी समय सम्पूर्ण मुंबई शोक में डूब गई, जिसके चलते मुंबई के बाजार और दुकानें बंद कर दी गईं थी।
- बाल ठाकरे का मुंबई स्थित शिवाजी पार्क में सम्पूर्ण राज्यकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया था। यह वर्ष 1920 में बाल गंगाधर तिलक के बाद शहर में दूसरा सार्वजनिक अंतिम संस्कार था।
- हालांकि किसी भी आधिकारिक पद पर न होने के बावजूद उन्हें 21 तोपों की सलामी दी गई।
- राम गोपाल वर्मा द्वारा एक बॉलीवुड फिल्म श्रृंखला “सरकार” को निर्देशित किया गया, जो उनके जीवन पर आधारित थी। जिसमें अमिताभ बच्चन ने बाल ठाकरे की भूमिका निभाई थी।
- वर्ष 2017 में, एक और बॉलीवुड फिल्म की घोषणा की गई, जिसका शीर्षक “ठाकरे” है। जिसमें नवाजुद्दीन सिद्दीकी द्वारा बाल ठाकरे की भूमिका निभाई गई है।
- बाल ठाकरे के साथ एक वार्ता :