Dilip Kumar Biography in Hindi | दिलीप कुमार जीवन परिचय
दिलीप कुमार से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियाँ
- क्या दिलीप कुमार शराब पीते हैं ? ज्ञात नहीं
- दिलीप कुमार का जन्म पाकिस्तान के किस्सा–ख्वानी बाज़ार में हिंद-बोलने वाले परिवार में हुआ।
- वह अपने 12 भाई-बहन के साथ पाले-बड़े हुए।
- उनके पिता एक जमींदार और फल व्यापारी थे, और उनके देवलाली (महाराष्ट्र, भारत) और पेशावर (पाकिस्तान में) में खुद के बगीचे थे।
- उन्होंने महाराष्ट्र के नासिक जिले के बार्नर्स स्कूल, देवलाली में अपनी पढ़ाई की।
- वर्ष 1930 में, उनका परिवार पेशावर से बॉम्बे (अब मुंबई) में स्थान्तरित हो गया था।
- वर्ष 1940 के आसपास, जब दिलीप कुमार एक किशोर थे, तब उनकी अपने पिता से किसी बात को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया और उन्होंने अपना घर छोड़ दिया और पुणे रहने लगे।
- उन्होंने पुणे के सेना क्लब में एक सैंडविच स्टाल भी स्थापित किया।
- 5000 भारतीय रुपये के साथ, वह बॉम्बे (अब मुंबई) में आए। वर्ष 1942 में, उन्होंने देविका रानी (बॉम्बे टॉकीज की मालिक) से मुलाकात की और उनकी कंपनी द्वारा उन्हें प्रति वर्ष 1250 रुपए भुगतान किया जाता था।
- समय साथ वह सशधर मुखर्जी और अशोक कुमार के काफी निकट आ गए।
- उर्दू भाषा में अपनी कुशलता के कारण, उन्होंने पटकथा लेखन में अपना करियर शुरू किया।
- उन्होंने देविका रानी के अनुरोध पर अपना नाम यूसुफ से बदल कर दिलीप रख लिया।
- देविका रानी ने उन्हें फिल्म “ज्वार भाटा” (1944) में एक मुख्य भूमिका प्रदान की। दिलीप कुमार ने हिंदी फिल्म उद्योग में अपने अभिनय करियर की शुरुआत की।
- फिल्मों में उनकी छवि के कारण उन्हें “ट्रैजेडी किंग” कहा जाता है, जैसे कि- जोगन (1950), हलचल (1951), तराना (1951), दीदार (1951), दाग (1952), आन (1952), उड़न खटोला (1955), देवदास (1955), मधुमती (1958), यहूदी (1958)।
- वर्ष 1953 में, वह पहले ऐसे भारतीय अभिनेता बने, जिसे हिंदी-फिल्म उद्योग में फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार से सम्मानित किया गया और अपने अभिनय करियरके दौरान उन्हें 7 बार यह सम्मान प्राप्त हुआ।
- अपने गंभीर किरदारों की वजह से उन्हे ‘ट्रैजेडी किंग’ कहा जाता है, हालांकि एक मनोचिकित्सक ने उन्हें गंभीर किरदारों के विपरीत हल्के फुल्के किरदार निभाने की सलाह दी।
- उन्होंने के. आसिफ की महाकाव्य ऐतिहासिक फिल्म “मुगल-ए-आज़म” (1960) में राजकुमार सलीम की भूमिका निभाई, और वर्ष 2008 तक, यह फिल्म हिंदी-फिल्म इतिहास में दूसरी सबसे बड़ी कमाई वाली फिल्म थी।
- वर्ष 1961 में, उन्होंने फिल्म “गंगा जमुना” का निर्माण किया और इस फिल्म में उनके छोटे भाई नासिर खान ने अभिनय किया।
- वर्ष 1962 में, ब्रिटिश फिल्म निर्देशक डेविड लीन ने उन्हें ब्रिटिश फिल्म “Lawrence of Arabia” में एक मुख्य भूमिका की पेशकश की थी, जिसे उन्होंने अस्वीकार कर दिया था।
- वर्ष 1976 से 1981 तक, उन्होंने 5 साल तक किसी भी फिल्म में कार्य नहीं किया।
- वर्ष 1980 में, उन्हें मुंबई का शेरिफ (मानद पद) नियुक्त किया गया था।
- भारत सरकार ने उन्हें वर्ष 1991 में पद्म भूषण, वर्ष 1991 में दादा साहेब फाल्के और वर्ष 2015 में पद्म विभूषण पुरस्कारों से सम्मानित किया।
- वर्ष 1997 में, पाकिस्तान सरकार द्वारा उन्हें निशान-ए-इम्तियाज़ (पाकिस्तान में सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार) पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
- वर्ष 1993 में, उन्होंने फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड जीता।
- वर्ष 2000-2006 तक, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी ने उन्हें राज्यसभा के सदस्य के रूप में नामित किया।
- दिलीप कुमार ने एक भारतीय अभिनेता द्वारा जीते जाने वाले अधिकतम पुरस्कारों के लिए एक गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया।
- वर्ष 2013 में, उन्होंने अपनी पत्नी सायरा बानो के साथ हज मक्का मदीना की तीर्थ यात्रा की।