Rajeshwar Singh Biography in Hindi | राजेश्वर सिंह जीवन परिचय
जीवन परिचय | |
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व्यवसाय | भारतीय राजनेता और पूर्व संयुक्त निदेशक ईडी [1]Twitter |
जाने जाते हैं | राजेश्वर सिंह एयरसेल-मैक्सिस, 2जी स्पेक्ट्रम, कोयला घोटाला, कॉमनवेल्थ गेम्स घोटाला और अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर घोटाला जैसे कई हाई प्रोफाइल केस पर काम करने के लिए जाने जाते हैं। [2]India Today |
करियर | |
पार्टी/दल | • भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) (2022- वर्तमान) |
सर्विस | पुलिस सेवा (पीपीएस) अधिकारी |
बैच | 1994 [3]Zee News |
कैडर | लखनऊ |
शारीरिक संरचना | |
लम्बाई (लगभग) | से० मी०- 169 मी०- 1.69 फीट इन्च- 5’ 7” |
आँखों का रंग | भूरा |
बालों का रंग | काला और सफ़ेद |
व्यक्तिगत जीवन | |
जन्मतिथि | 11 मार्च 1973 (रविवार) |
आयु (2022 के अनुसार) | 49 वर्ष |
जन्म स्थान | लखनऊ, उत्तर प्रदेश, भारत |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
गृहनगर | लखनऊ, उत्तर प्रदेश |
स्कूल/विद्यालय | काल्विन तालुकदार कॉलेज, लखनऊ |
कॉलेज/विश्वविद्यालय | आईआईटी विश्वविद्यालय, धनबाद, झारखण्ड |
शैक्षिक योग्यता [4]Twitter | • बीटेक • एमए • एलएलबी • पीएचडी |
धर्म | हिन्दू [5]Twitter |
प्रेम संबन्ध एवं अन्य जानकारियां | |
वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
परिवार | |
पत्नी | लक्ष्मी सिंह (आईजी) |
बच्चे | ज्ञात नहीं |
माता/पिता | पिता- स्व. रण बहादुर सिंह (सेवनिवृत पुलिस अधिकारी) माता- तारा सिंह |
भाई/बहन | भाई- रामेश्वर सिंह (आयकर आयुक्त अधिकारी) बहन- 2 • मीनाक्षी सिंह (आईआरएस अधिकारी) • आभा सिंह (सुप्रीम कोर्ट की वकील) |
धन सम्पत्ति संबंधी विवरण | |
संपत्ति | • बैंक जमा राशि: 57.92 लाख रूपये • आभूषण: 300 ग्राम सोना और 1 किलो चांदी [6]Aaj Tak |
कुल संपत्ति | 3.47 करोड़ रूपये (फरवरी 2022 के अनुसार) [7]Aaj Tak |
राजेश्वर सिंह से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियां
- राजेश्वर सिंह एक पूर्व भारतीय ईडी अधिकारी और राजनेता हैं जिन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 1996 में एक पीपीएस अधिकारी के रूप में की।
- उनका जन्म और पालन-पोषण लखनऊ के एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था
- ईडी राजेश्वर सिंह के माता-पिता उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिला के पखरौली गांव के निवासी हैं। उनके पिता रण बहादुर सिंह पुलिस अधिकारी थे। वर्ष 1970 में लखनऊ, कैसरबाग में सीओ के पद पर पोस्टिंग होने के बाद उनके पिता रण बहादुर सिंह अपने बच्चों सहित लखनऊ में रहने लगे थे। नौकरी के दौरान उनके पिता द्वारा किय गए उत्कृष्ट कार्यों को देखते हुए उत्तर प्रदेश ने उन्हें “राष्ट्रपति वीरता पुरस्कार” से सम्मानित किया गया था। साथ उनके कार्य से प्रभावित होकर लखनऊ में एक मार्ग का नाम उनके नाम पर रखा।
- राजेश्वर सिंह बचपन से ही अपने पिता की सेवा के प्रति बहुत प्रेरित हैं और हमेशा उनके नक्शेकदम पर चलना चाहते हैं।
- उन्होंने इंटरमीडिएड तक की पढ़ाई लखनऊ, उत्तर प्रदेश के काल्विन तालुकदार कॉलेज से की। इसके बाद उन्होंने आईआईटी विश्वविद्यालय, धनबाद, झारखण्ड से पोस्ट ग्रेजुएशन किया। बाद उन्होंने दर्शनशास्त्र में डॉ. की उपाधि प्राप्त की। वर्ष 2018 में उन्होंने एलएलबी की पढ़ाई पूरी की।
- राजेश्वर सिंह को लखनऊ में एनकाउंटर स्पेशलिस्ट कहा जाता था। लखनऊ के गोमतीनगर में डिप्टी एसपी के रूप में तैनात सिंह को एक साथ सीओ (अपराध) और सीओ (यातायात) के सर्किल ऑफिसर का चार्ज दिया गया था। राजेश्वर सिंह के नाम 13 एनकाउंटर दर्ज है।
- उन्होंने लखनऊ में सर्विस के दौरान अपराध और अपराधियों से मुक्ति के लिए लखनऊ के गोमतीनगर में क्राइम ब्रांच की स्थापना की थी।
- पिता के मार्गदर्शन पर चलते हुए डॉ राजेश्वर सिंह कभी भी किसी भी समय दृढ़ और बड़े निर्णय लेने से नहीं हिचकिचाते। राजेश्वर सिंह जब भी किसी समस्या या दुविधा का सामना करते थे, तो वह अपने पिता की सलाह लेते थे।
- वर्ष 2005 में पुलिस सेवा में उनके कार्यों के लिए डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम द्वारा भारत के सर्वोच्च पुरस्कार ‘राष्ट्रपति वीरता पदक’ से सम्मानित किया गया था।
- उनकी शादी पूर्व आईपीएस अधिकारी लक्ष्मी सिंह से हुई है जो वर्तमान समय में लखनऊ में आईजी के पद पर तैनात हैं।
- राजेश्वर सिंह ईडी के पद पर रहते हुए 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामला, कॉमनवेल्थ गेम घोटाला, कोयला खदान आवंटन घोटाला, वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर डील, एयरटेल मैक्सिस घोटाला, आम्रपाली घोटाला, नोएडा पोंजी स्कीम घोटाला, और गोमती रिवर फ्रंट घोटाला जैसे मामलों की जांच की है। इसके अलावा उन्होंने सहारा प्रमुख सुब्रत राय को हाउसिंग फाइनेंस के नाम पर लोगों से गैर-कानूनी तरीके से 24000 करोड़ रूपये गवन करने के आरोप में जेल की हवा भी खिलाई थी।
- वर्ष 2009 में उन्हें भारत सरकार की सेवा में दिल्ली बुलाया गया था, जहां उन्हें प्रवर्तन निर्देशालय (ईडी) के पद पर नियुक्त किया गया। 14 वर्षों तक ईडी के पद पर काम करने के बाद राजेश्वर सिंह ने वर्ष 2022 में स्वैच्छिक सेवानिवृति की मांग की।
- राजेश्वर सिंह को 2015 में स्थायी रूप से ईडी कैडर में शामिल किया गया था। उन्होंने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई. एस. जगन मोहन रेड्डी, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा, और पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम के खिलाफ धनशोधन की जांच समेत कई महत्वपूर्ण अभियान का नेतृत्व किया था।
- भारतीय जनता पार्टी से टिकट मिलने के बाद राजेश्वर सिंह ने लखनऊ और सरोजनी नगर के लोगों को एक चिट्ठी लिखी। जिसमें बड़े ही इमोशनल तरीके से खुद को लखनऊ और सरोजनी नगर के लोगों से जोड़ने की कोशिश की।
- राजेश्वर सिंह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह, जेपी नड्डा, और योगी आदित्यनाथ से प्रभावित होकर भारतीय जनता पार्टी को ज्वाइन किया।
- भाजपा सरकार ने 2022 उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में लखनऊ के सरोजनी नगर सीट से केंद्रीय मंत्री रही स्वाति सिंह का टिकट काट कर भारतीय ईडी सेवानिवृत अधिकारी राजेश्वर सिंह को टिकट दे दिया।
- ज्वाइन डायरेक्टर राजेश्वर सिंह के पास 3 लाइसेंसी हथियार, एक 75000 कीमत की पिस्टल , 50000 कीमत की एक राइफल और 40000 कीमत की डबल बैरल बंदूक है। उनकी पत्नी लक्ष्मी सिंह के पास भी 2 असलहे एक राइफल और एक 9 एमएम की पिस्टल है। [8]Aaj Tak
- भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार राजेश्वर सिंह लखनऊ के सरोजनीनगर विधानभा क्षेत्र से पर्चा दाखिला करने से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से आशीर्वाद प्राप्त किया। उन्होंने योगी आदित्यनाथ के साथ अपनी मुलाकात की तस्वीर सोशल मीडिया अकाउंट पर ट्विटर के जरिए साझा किया। साथ ही उन्होंने सीएम योगी के साथ तस्वीर साझा करते हुए लिखा-
श्रद्धेय योगी आदित्यनाथ, माननीय मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश से आशीर्वाद प्राप्त किया। उनकी ऊर्जा अप्रतिम है। उनके मार्गदर्शन से आज नयी यात्रा का आरम्भ है।@myogiadityanath @CMOfficeUP @BJP4UP @BJP4LKO pic.twitter.com/8sZxj9yUIg
— Rajeshwar Singh (@RajeshwarS73) February 3, 2022
- 2022 उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में लखनऊ के सरोजनी नगर से बीजेपी प्रत्यासी पूर्व ईडी राजेश्वर सिंह लगभग 57 हज़ार वोटों से अपनी जीत दर्ज की। [9]ABP News
सरोजनी नगर में भारतीय जनता पार्टी को अभूतपूर्व रूप से विजयी बनाने के लिए कर्मठ व मेहनती कार्यकर्ताओं को हृदय से शुभकामनाएं अर्पित करता हूं।
भाजपा के ऊर्जावान एवं समर्पित कार्यकर्ताओं की बदौलत ही मुझे जनसेवा का सुअवसर प्राप्त हुआ है!
आप सभी का पुनः धन्यवाद! pic.twitter.com/aUAxoW9pW3
— Rajeshwar Singh (@RajeshwarS73) March 10, 2022