Anandiben Patel Biography in Hindi | आनंदीबेन पटेल जीवन परिचय
जीवन परिचय | |
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पूरा नाम (शादी के बाद) | आनंदीबेन मफतभाई पटेल [1]Raj Bhawan UP |
उपनाम | • गुजरात की लौह महिला [2]India.com • बेन (बहन) [3]Mint |
व्यवसाय | भारतीय राजनेता |
जानी जाती हैं | गुजरात की पहली महिला मुख्यमंत्री होने के नाते |
राजनीति करियर | |
पार्टी/दल | भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) |
राजनीतिक यात्रा | • वर्ष 1987 में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के साथ अपने राजनीति करियर की शुरुआत की। • उन्होंने भाजपा की महिला विंग की अध्यक्ष के रूप में भी काम किया। • उन्होंने अपने पूरे राजनीतिक यात्रा के दौरान भाजपा में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया, जिसमें राज्य महिला मोर्चा की अध्यक्ष, भाजपा की राज्य इकाई की उपाध्यक्ष और भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद की सदस्य शामिल हैं। [4]Mint • आनंदीबेन पटेल ने वर्ष 2012 में अहमदाबाद के घाटलोदिया निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा और लगातार चौथी बार जीत हासिल की। • 24 मई 2014 को आनंदीबेन पटेल ने गुजरात की 15वीं और पहली मुख्यमंत्री महिला के रूप में शपथ ली। • वर्ष 2016 में आनंदीबेन पटेल को कथित तौर पर पाटीदार आरक्षण आंदोलन और दलित विरोध के कारण मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। आनंदीबेन पटेल ने अपना इस्तीफा फेसबुक पर पोस्ट किया था। [5]The Indian Express • आनंदीबेन पटेल ने 23 जनवरी 2018 को ओम प्रकाश कोहली के बाद मध्य प्रदेश के राज्यपाल के रूप में पदभार संभाला और 28 जुलाई 2019 तक इस पद पर कार्यरत रहीं। • 15 अगस्त 2018 को तत्कालीन राज्यपाल बलराम दास टंडन के आकस्मिक निधन के कारण, उन्हें छत्तीसगढ़ के राज्यपाल के रूप में भी नियुक्त किया गया था। • 20 जुलाई 2019 को उन्होंने उत्तर प्रदेश के राज्यपाल के रूप में कार्यभार संभाला। [6]Raj Bhawan UP |
पुरस्कार/उपलब्धियां | • वर्ष 1958 में आनंदीबेन पटेल को मेहसाणा जिला स्कूल खेल महोत्सव में पहली रैंकिंग के लिए 'वीर बाला' पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। • वर्ष 1987 में मोहिनाबा कन्या विद्यालय की दो लड़कियों को नर्मदा नदी में डूबने से बचाने के लिए उन्हें गुजरात सरकार की तरफ से 'वीरता पुरस्कार' दिया गया। • वर्ष 1988 में उन्हें गुजरात में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक के लिए "राज्यपाल पुरस्कार" से सम्मानित किया गया। • वर्ष 1990 में भारत सरकार ने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर 'सर्वश्रेष्ठ शिक्षक' पुरस्कार से सम्मानित किया। • आनंदीबेन को 1999 में "सरदार पटेल पुरस्कार" से सम्मानित किया गया। • वर्ष 2005 में पटेल समुदाय ने आनंदीबेन को 'पाटीदार शिरोमणि' पुरस्कार से सुशोभित किया। • उन्हें अंबु भाई ओल्ड स्कूल ऑफ एक्सरसाइज द्वारा 'अंबुभाई पुरानी व्यायाम विद्यालय पुरस्कार (राजपीपला)' से भी सम्मानित किया गया था। • आनंदीबेन पटेल को अहमदाबाद में 'चारुमथी योद्धा' पुरस्कार (ज्योतिसंघ) से सम्मानित किया गया। |
शारीरिक संरचना | |
लम्बाई (लगभग) | से० मी०- 161 मी०- 1.61 फीट इन्च- 5’ 3” |
आँखों का रंग | काला |
बालों का रंग | काला |
व्यक्तिगत जीवन | |
जन्मतिथि | 21 नवंबर 1941 (शुक्रवार) |
जन्म स्थान | खारोद गांव, विजापुर तालुका, गुजरात , भारत |
आयु (2021 के अनुसार) | 80 वर्ष |
राशि | वृश्चिक (Scorpio) |
हस्ताक्षर | |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
गृहनगर | खारोद गांव, विजापुर तालुका, गुजरात , भारत |
स्कूल/विद्यालय | एनएम हाई स्कूल |
कॉलेज/विश्वविद्यालय | एम जी पांचाल साइंस कॉलेज, गुजरात |
शैक्षिक योग्यता [7]Dainik Jagran | • बीए • एमएससी • एमएड |
पता | धरम, शान बंगलों के पास, शिलाज अहमदाबाद [8]Upgovernor.Gov.in |
शौक/अभिरुचि | अध्ययन करना, लेख लिखना, यात्रा करना, और जनसंपर्क करना |
साहित्यिक गतिविधियां | समय-समय पर 'पृथ्वी', 'साधना' और 'सखी' पत्रिकाओं के लिए लेख लिखना। |
विवाद | • वर्ष 2015 में एनआरआई रोशन शाह ने आनंदीबेन के बेटे संजय के स्वामित्व वाली अनार रिटेल प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी। आरोप था कि पटेल ने अपनी मां के अहमदाबाद वाले घर से मार्केटिंग की, जो सालों से बंद पड़ा था। एक साल बाद उनकी बेटी के बिजनेस पार्टनर्स का पक्ष लेने का उनके ऊपर गंभीर आरोप लगा था। इस सौदे को तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और आनंदीबेन पटेल ने राजस्व मंत्री के रूप में मंजूरी दी थी। वर्ष 2015 में गुजरात उच्च न्यायालय में आरटीआई कार्यकर्ताओं द्वारा दायर जनहित याचिका में अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग के बाद विवाद पैदा हुआ था। [9]The Times of India आनंदीबेन के इस्तीफे की मांग करने वाले विपक्षी नेताओं के साथ विवाद का जल्द ही राजनीतिकरण हो गया। [10]The Economic Times • आनंदीबेन मुख्यमंत्री बनने के एक साल बाद आलोचनाओं के घेरे में आ गईं। उनके कार्यकाल में पाटीदार आंदोलन देखा गया जिसमें पटेल समुदाय ने आरक्षण की मांग की और पूर्व शिक्षा मंत्री आनंदीबेन पर शिक्षा का निजीकरण और पाटीदारों के लिए शिक्षा महंगी बनाने का आरोप लगया। इस विवाद के बाद 2016 में गुजरात के उना में दलितों की सार्वजनिक पिटाई के बाद दलितों ने विरोध प्रदर्शन किया था। इसके बाद आनंदीबेन को इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा। [11]Mint • वर्ष 2018 में जब पटेल मध्य प्रदेश की राज्यपाल थीं तो विपक्ष ने यह कहके उनकी कड़ी आलोचना की थी कि भाजपा नेताओं को वोट पाने के लिए "जरूरतमंद और कुपोषित बच्चों को गोद लेने की जरूरत है"। सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से साझा किए गए एक वीडियो में, पटेल को यह कहते हुए सुना गया- हर गांव में जाओ। गरीब बच्चों के साथ बैठो, गोद में ले लो, स्नेह दिखाओ। वोट पाने के लिए आपको उन्हें अपनाना होगा और उनकी जरूरतों को पूरा करना होगा। आपको ऐसे ही वोट नहीं मिलेंगे।" कांग्रेस के राज्य प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि टिप्पणियां "अनैतिक और असंवैधानिक हैं क्योंकि कोई भी राज्यपाल किसी राजनीतिक दल का चुनाव प्रबंधक नहीं बनना चाहिए।" उन्होंने उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की मांग की। [12]FirstPost |
प्रेम संबन्ध एवं अन्य जानकारियां | |
वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
विवाह तिथि | 29 मई 1962 (मंगलवार) |
परिवार | |
पति | मफतलाल पटेल (राजनेता) |
बच्चे | बेटा- संजय पटेल बेटी- अनार पटेल |
माता/पिता | पिता- जेठाभाई पटेल (गांधीवादी नेता) माता- मेनाबेन पटेल |
भाई/बहन | बहन- सरिता पटेल |
पसंदीदा चीजें |
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राजनेता | नरेंद्र मोदी, अमित शाह, और अटल बिहारी वाजपेयी |
धन/संपत्ति संबंधित विवरण | |
धन/संपत्ति | चल संपत्ति नकद: 29,000 रुपये बैंकों में जमा: 55,20,182 रुपये बांड, डिबेंचर और शेयर: 5,74,796 रुपये मोटर वाहन: 2,50,000 रुपये आभूषण: 23,90,000 रुपये अचल संपत्ति कृषि भूमि: 13,20,000 रुपये गैर कृषि भूमि: 55,00,000 रुपये आवासीय भवन: 26,11,000 रुपये |
कुल संपत्ति | 1,81,94,978 करोड़ रुपये (2012 के अनुसार) [13]MyNeta |
कुल संपत्ति | 1,81,94,978 करोड़ रुपये (2012 के अनुसार) [14]MyNeta |
आनंदीबेन पटेल से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियाँ
- आनंदीबेन पटेल एक भारतीय शिक्षक और राजनेता हैं जो गुजरात की पहली महिला मुख्यमंत्री के रूप में जानी जाती हैं। वह मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की पूर्व राज्यपाल भी रह चुकी हैं।
- गुजरात में सबसे लंबे समय तक राजनीतिक सेवा देने वाली महिला विधायक आनंदीबेन एक शिक्षाविद्, सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं। वह 1987 में मुख्य रूप से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हुई।
- उन्होंने अपने गांव के ही एक सरकारी स्कूल में कक्षा 5 से लेकर कक्षा 7 तक की पढ़ाई की और वह अपने कक्षा की एक मात्र अकेली छात्रा थी। इसके बाद उन्होंने हाई स्कूल की पढ़ाई करने के लिए अहमदाबाद के एक स्कूल में दाखिला लिया जहाँ उनकी कक्षा में उनको लेकर सिर्फ तीन लड़कियां ही पढ़ाई कर रहीं थीं।
- स्कूल में पढ़ाई के दौरान आनंदीबेन पटेल खेलों में काफी सक्रिय थीं और लगातार तीन साल तक एथलेटिक्स में जिला स्तरीय चैंपियन रहीं। [15]India.com
- आनंदीबेन पटेल एक गुजराती किसान परिवार से ताल्लुक रखती हैं और उन्हें एमएससी और एम.एड. में अच्छे रैंकिंग के लिए गुजरात विद्यापीठ ने स्वर्ण पदक से सम्मानित किया था। [16]Raj Bhawan UP
- 29 मई 1962 को आनंदीबेन पटेल ने मफतलाल पटेल से शादी कर ली, जो अहमदाबाद के सरसपुर आर्ट एंड कॉमर्स कॉलेज में मनोविज्ञान के प्रोफेसर के रूप में काम करते थे।
- शादी के बाद आनंदीबेन ने विसनगर में मेहसाणा डेवलपमेंट हाउस में काम करना शुरू कर दिया, जहां वह महिलाओं के प्रश्नों को सुनती और उन्हें मेहसाणा के विधायक स्वर्गीय शांताबेन पटेल के पास ले जाती थीं। एक साल तक वहां काम करने के बाद दंपति अहमदाबाद चला गया जहां आनंदीबेन ने 1967 में मोहिनीबा गर्ल्स स्कूल में गणित और विज्ञान शिक्षक के रूप में काम करना शुरू किया। एक साल बाद उन्हें प्राचार्य के पद पर पदोन्नत किया गया था। [17]Divya Bhaskar
- वर्ष 1985 में आनंदीबेन और मफतलाल अलग रहने लगे, हालाँकि उन्होंने कानूनी रूप से तलाक नहीं लिया था। सूत्रों के हवाले से मफतलाल ने आनंदीबेन से अलग होने के पीछे नरेंद्र मोदी का हाथ बताया क्योंकि मफतलाल के अनुसार मोदी का आनंदीबेन के राजनितिक जीवन में काफी हस्तक्षेप था। मफतलाल के मुताबिक जब वह स्कूल की प्रिंसिपल थीं, तब मोदी ने आनंदीबेन को राजनीति में काफी प्रभावित किया था। उन्होंने इसकी शिकायत करते हुए अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी को कई पत्र भी लिखे थे। आनंदीबेन के पति ने विधानसभा चुनाव में उनके खिलाफ प्रचार भी किया था। [18]The Times of India मफतलाल ने एक साक्षात्कार में कहा- [19]DAN India
जब उन्होंने राजनीति में प्रवेश किया, तो उन्होंने हमारे परिवार से सभी संबंध तोड़ लिए। उनका व्यवहार विकृत हो गया और इसके लिए नरेंद्र मोदी जिम्मेदार हैं।”
- वर्ष 1987 में मोहिनीबा विद्यालय की प्रधानाध्यापक पटेल उस समय सुर्खियों में आईं, जब उन्होंने अपने स्कूल की दो लड़कियों को नर्मदा नदी में सरदार सरोवर जलाशय में डूबने से बचाया था। [20]Deccan Herald उनके इस वीरतापूर्ण कार्य के बाद भाजपा के कुछ नेताओं ने आनंदीबेन से संपर्क किया और 1987 में वह पार्टी में शामिल हो गईं जिसके बाद उन्होंने पार्टी में अन्य महत्वपूर्ण पदों पर भी कार्य किया जिसमें राज्य महिला मोर्चा की अध्यक्ष, भाजपा की राज्य इकाई की उपाध्यक्ष और भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद की सदस्य शामिल हैं। [21]Mint
- शिक्षक से नेता बनीं पटेल ने 1992 में कन्याकुमारी से श्रीनगर तक एकता यात्रा में भाग लेने वाली एकमात्र महिला राजनीतिक नेता बनकर इतिहास रच दिया। आनंदीबेन ने 26 जनवरी को श्रीनगर के लाल चौक पर तिरंगा फहराने के समारोह में तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी के साथ भाग लिया था। [22]Raj Bhawan UP
- आनंदीबेन पटेल ने अपना पहला विधानसभा चुनाव 1998 में अहमदाबाद के मंडल विधानसभा क्षेत्र से लड़ा और जीत हासिल की। उन्होंने केशुभाई पटेल सरकार के तहत शिक्षा मंत्रालय का कार्यभार सभांला था। [24]NDTV शिक्षा मंत्री (प्राथमिक, माध्यमिक और वयस्क) और महिला एवं बाल कल्याण मंत्री के रूप में उनकी काफी सराहना हुई जैसे कि राज्य में महिला साक्षरता को बढ़ावा देना।
- उनके कार्यकाल के दौरान 2013 में लड़कियों के स्कूल छोड़ने की दर घटकर दो प्रतिशत हो गई थी जो 2001 में 37 प्रतिशत थी। [25]India Today आनंदीबेन ने अपना दूसरा और तीसरा विधानसभा चुनाव क्रमशः 2002 और 2007 में पाटन निर्वाचन क्षेत्र से लड़ा और दोनों ही चुनावों में जीत हासिल की। [26]NDTV भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार में राजस्व मंत्री के रूप में आनंदीबेन ने ‘जनसेवा केंद्रों’ की स्थापना सहित कई सुधार किए। [27]The Free Press Journal
- 2012 के गुजरात विधानसभा चुनाव में आनंदीबेन ने अहमदाबाद के घाटलोदिया निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा और चौथी बार फिर से जीत हासिल की। गुजरात में नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने पर पटेल ने राजस्व, सड़क और भवन, शहरी विकास और शहरी आवास, आपदा प्रबंधन और पूंजी परियोजनाओं के अपने विभागों को बरकरार रखा। [28]NDTV
- दो साल बाद, 24 मई 2014 को आनंदीबेन पटेल के राजनीतिक करियर को पदोन्नति मिली, जब उन्होंने गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री और भारत के मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद गुजरात को पहली महिला मुख्यमंत्री के रूप में स्वविकार किया।
- गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में आनंदीबेन ने प्राथमिक शिक्षा को ओर अधिक बेहतर बनाने के लिए कई सारी योजनाएं शुरू की और स्वच्छता कार्यक्रमों पर जोर दिया। सामाजिक रूप से इच्छुक नेता पटेल ने राज्य में सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों का भी नेतृत्व किया जिसमें महिलाओं का स्वास्थ्य, बच्चों में कुपोषण और मोदी के प्रमुख ‘स्वच्छ भारत अभियान’ के तहत शौचालयों का निर्माण शामिल हैं। [29]The Indian Express
- गुजरात की बागडोर अपने हाथों में सभांलने के बाद पूरे राज्य में पटेल आरक्षण का विरोध शुरू हो गया और 2016 में आनंदीबेन को उना में एक कोड़े मारने की घटना के बाद दलितों के विद्रोह का सामना करना पड़ा। साथ ही उनके नेतृत्व में गुजरात में भाजपा अप्रैल 2016 के गांधीनगर नगर निगम (जीएमसी) चुनावों में हार गई। [30]News18 अगस्त 2016 में कथित तौर पर जब आनंदीबेन विरोध और आंदोलन को संभालने में विफल रही। जिसके बाद उन्हें गुजरात की मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा और 7 अगस्त 2016 को उनके उत्तराधिकारी विजय रूपाणी को कार्यालय में नियुक्त किए जाने तक वह इस पद पर बनी रहीं। [31]The Outlook उन्होंने अपने फेसबुक हैंडल पर एक पत्र पोस्ट करके इस्तीफा दे दिया, जिसमें लिखा था- [32]The Indian Express
कुछ समय के लिए पार्टी ने वरिष्ठ नेताओं की 75 वर्ष की आयु पूरी करने पर स्वेच्छा से जिम्मेदारियों से हटने की परंपरा शुरू की है। जो अनुकरणीय और अनुकरणीय है, यही कारण है कि युवा पीढ़ी को काम करने का अवसर मिलता है… हालाँकि 2017 के अंत में गुजरात विधानसभा चुनाव है और जनवरी 2017 में द्विवार्षिक वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन है जो गुजरात के लिए महत्वपूर्ण है। अतः नवनियुक्त मुख्यमंत्री को पर्याप्त समय देने के लिए, मैंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से दो महीने पहले इस जिम्मेदारी से मुक्त करने का अनुरोध किया था। आज एक बार फिर इस पत्र के माध्यम से मैं पार्टी के वरिष्ठ नेतृत्व से विनम्रतापूर्वक अनुरोध करता हूं कि मुझे मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी से मुक्त करें।”
- 23 जनवरी 2018 को आनंदीबेन पटेल को ओम प्रकाश कोहली के बाद मध्य प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया गया और 15 अगस्त 2018 को राज्यपाल बलराम दास टंडन के आकस्मिक निधन के बाद छत्तीसगढ़ का राज्यपाल नियुक्त किया गया। उन्होंने राम नाईक के उत्तराधिकारी के रूप में 20 जुलाई 2019 को उत्तर प्रदेश के राज्यपाल के रूप में कार्यभार संभालने से पहले 28 जुलाई 2019 तक दोनों पदों पर कार्य किया। [33]Raj Bhawan UP
- अपने पूरे राजनीतिक जीवन के दौरान पटेल ने नरेंद्र मोदी के साथ मिलकर काम किया और जब भाजपा के आंतरिक मामले के बाद मोदी को राज्य से निकाल दिया गया, तब भी वह उनके साथ खड़ी रहीं। [34]BBC नरेंद्र मोदी की पक्की वफादार आनंदीबेन वर्षों से गुजरात में उनके बाद दूसरे नंबर पर रही हैं और कथित तौर पर वह मोदी की अनुपस्थिति में राज्य की प्रभारी हुआ करती थीं। अमित शाह के बाद आनंदीबेन को नरेंद्र मोदी का सबसे करीबी माना जाता है। [35]Mint
- जनवरी 2014 में मफतलाल गुजरात में मोदी के शासन के विरोध में आम आदमी पार्टी (आप) में शामिल हो गए थे लेकिन कथित तौर पर वह अपने फैसले के साथ आगे नहीं बढ़े क्योंकि उनके बच्चों ने उन्हें इस पर विचार करने के लिए कहा। [36]The Pioneer
- आनंदीबेन ने अहमदाबाद स्थित रानाडे प्रकाशन द्वारा अक्टूबर 2015 में अपनी पहली पुस्तक “ऐ माने हमे याद रहे” (गुजराती संस्करण) प्रकाशित की। 35-एपिसोड की लंबी किताब महिलाओं और बच्चों से संबंधित विभिन्न सामाजिक मुद्दों के बारे में प्रकाशित की गई, जिसे आनंदीबेन ने राजनीति में कदम रखने से पहले देखा था। एक इंटरव्यू में अपनी किताब के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा-
यह सब चार-पाँच साल पहले लिखा गया था…यह सब कंप्यूटर में था। अनार और संजय (उनके बच्चों) ने इसे छपाई के लिए भेजा और मुझे एक किताब भेंट की। फिर दोस्तों से इसे पढ़ने के लिए कहा। उनकी सकारात्मक प्रतिक्रिया के बाद अब एक किताब आई है।”
सन्दर्भ