Salim Ali (Pakshi Rajan) Biography in Hindi | सालिम अली (पक्षी राजन) जीवन परिचय
सालिम अली से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियाँ
- सालिम अली का जन्म बॉम्बे (अब मुंबई) में एक सुलेमानी बोहरा मुस्लिम परिवार में हुआ था।
- वह मोइज़ुद्दीन और जीनत-अन-निसा की नौवीं संतान थे। जब सालिम अली एक वर्ष के थे, तब उनके पिता का निधन हो गया था और कुछ सालों बाद उनकी माँ का निधन हो गया। जिसके बाद उनका पालन-पोषण उनके चाचा और मामा ने किया।
- जब वह दस साल के थे, तब सलीम ने खिलौने वाली बंदूक से एक पक्षी को गोली मार दी थी। जिसके बाद सालिम अली ने अपने चाचा अमिरुद्दीन को उस पक्षी को दिखाया और उसे बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी (बीएनएचएस) के सचिव डब्ल्यू एस मिलर्ड के पास ले गए। जहां मिलर्ड सलीम की जिज्ञासा से काफी प्रभावित हुए और उन्हें पक्षी विज्ञान में शिक्षा ग्रहण करने के लिए प्रेरित किया।
- उन्होंने अपनी बहनों के साथ “ज़ेनाना बाइबल” और “मेडिकल मिशन गर्ल्स हाई स्कूल” से प्राथमिक शिक्षा प्राप्त की। जिसके बाद, वह बॉम्बे चले गए, जहां उन्हें सिर दर्द की बीमारी से जुझना पड़ा।
- वर्ष 1913 में, उन्होंने बॉम्बे विश्वविद्यालय से मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण की।
- शुरुआत में, वह शिकार से संबंधित किताबों पर कार्य करना चाहते थे, लेकिन बाद में उन्होंने स्पोर्ट-शूटिंग करने का मन बनाया, क्योंकि उनके आस-पड़ोस में अक्सर शूटिंग प्रतियोगिता का आयोजन होता रहता था।
- उन्होंने जे॰सी॰ होपवुड और बर्थोल्ड रिबेनट्रोप (बर्मा में फोरेस्ट सर्विस ) के साथ भी कार्य किया था।
- वर्ष 1917 में, वह भारत वापस लौट आए और उन्होंने अपनी आगे की पढ़ाई जारी रखने का फैसला किया।
- सालिम अली ने अपने दूर की रिश्तेदार तहमीना से दिसंबर 1918 में विवाह किया।
- विश्वविद्यालय की औपचारिक डिग्री नहीं होने के कारण वह “जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया” में एक पक्षी विज्ञानी की नौकरी हासिल करने में असमर्थ रहे थे।
- सालिम अली ने बाया वीवर पक्षी के प्रजनन को नज़दीक से अध्ययन किया और उसकी क्रमिक बहुसंसर्ग प्रजनन प्रणाली की खोज की।
- वर्ष 1939 में, उनकी पत्नी की मृत्यु हो गई, जिससे वह काफी उदास रहने लगे थे। उनकी इस परस्थिति को देखकर उनके जीजा उन्हें अपने साथ ले गए। जहां सालिम अली ने फिन्स बाया कुमाऊं तराई की खोज की।
- वर्ष 1980 में, उन्होंने बी॰एन॰एच॰एस॰ परियोजना को लागू किया, जिसका उद्देश्य भारतीय हवाई अड्डों पर पक्षियों के टकराने से होने वाली दुर्घटना को कम करना था।
- वर्ष 1960 के दशक में, जब भारत के राष्ट्रीय पक्षी पर विचार किया जा रहा था, तब सालिम अली चाहते थे कि वह पक्षी ग्रेट इंडियन बस्टर्ड हो, हालाँकि उसकी जगह भारतीय मोर का प्रस्ताव पास कर दिया गया।
- उन्हें अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (1958), दिल्ली विश्वविद्यालय (1973) और आंध्र विश्वविद्यालय (1978) से मानद डॉक्टरेट डिग्री से सम्मानित किया गया है।
- वर्ष 1967 में, वह ऐसे पहले गैर-ब्रिटिश व्यक्ति बने, जिन्हे “ब्रिटिश पक्षी वैज्ञानिक यूनियन” के स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया था।
- वर्ष 1969 में, उन्हें प्रकृति और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के रूप में अंतर्राष्ट्रीय संघ के लिए “सी॰ फिलिप्स” स्मारक पदक से नवाजा गया था।
- वर्ष 1985 में, उन्हें भारत सरकार द्वारा राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया था।
- वर्ष 1987 में, प्रोस्टेट कैंसर की गंभीर बीमारी से उनका 91 वर्ष उम्र में निधन हो गया था।
- वर्ष 1990 में, उनकी याद में भारत सरकार द्वारा कोयंबटूर में “सालिम अली सेंटर फॉर ओर्निथोलोजी एंड नेचुरल हिस्टरी” (SACON) को स्थापित किया गया।
- सालिम अली ने कई पत्रिकाओं के लिए लेख लिखे हैं- जिनमें से मुख्य रूप से “जर्नल ऑफ द बॉम्बे नेचुरल हिस्टरी सोसायटी” के लिए लिखा था।
- वर्ष 1985 में, उन्होंने अपनी आत्मकथा “द फॉल ऑफ स्पैरो” लिखी।
- भारत सरकार द्वारा उनकी याद में एक डाक टिकट जारी की गई।
- वर्ष 2018 में आई बॉलीवुड फिल्म 2.0 जिसका निर्देशन एस. शंकर ने किया। जिसमें बॉलीवुड के सुपरस्टार रजनीकांत और अक्षय कुमार ने अभिनय किया है। अक्षय कुमार की भूमिका पक्षी राजन से प्रेरित है।