Menu

Shivraj Singh Chouhan Biography in Hindi | शिवराज सिंह चौहान जीवन परिचय

शिवराज सिंह चौहान

जीवन परिचय
वास्तविक नाम शिवराज सिंह चौहान
उपनाम मामा (इन्हें प्यार से मध्य प्रदेश में ही बुलाया जाता है)
व्यवसाय भारतीय राजनेता
पार्टी/दल भारतीय जनता पार्टी
भारतीय जनता पार्टी झंडा
राजनीतिक यात्रा • वर्ष 1972 में वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) में शामिल हुए।
• वर्ष 1975 में, वह मॉडल उच्च माध्यमिक विद्यालय के छात्र संघ के अध्यक्ष बने।
• वर्ष 1978 में, वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के आयोजन सचिव बने।
• वर्ष 1978 में, वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के संयुक्त सचिव बने।
• वर्ष 1980 में, वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के महासचिव बने।
• वर्ष 1982 में, वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) में राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य बने।
• वर्ष 1984 में, वह भारतीय जनता युवा मोर्चा (बीजेयूएम) के संयुक्त सचिव बने।
• वर्ष 1985 में, वह भारतीय जनता युवा मोर्चा (बीजेयूएम) के महासचिव बने।
• वर्ष 1988 में, वह भारतीय जनता युवा मोर्चा (बीजेयूएम) के अध्यक्ष बने।
• वर्ष 1990 में, शिवराज पहली बार बूढ़नी संसदीय क्षेत्र से राज्य विधानसभा के लिए चुने गए।
• वर्ष 1991 में, वह 10 वें लोकसभा चुनाव में विदिशा विधानसभा क्षेत्र से पहली बार सांसद चुने गए।
• वर्ष 1991 से 92 के दौरान चौहान अखिल भारतीय क्षत्रिय वाहिनी में संयोजक के रूप में कार्यरत थे।
• वर्ष 1993 और 1996 में वह श्रम और कल्याण समिति के सदस्य रहे।
• वर्ष 1996 में, वह दोबारा बुधनी निर्वाचन क्षेत्र से 11 वीं लोकसभा के लिए सांसद चुने गए।
• वर्ष 1998 के आम चुनाव में वह अपने निर्वाचन क्षेत्र से सांसद बने।
• वर्ष 1999 - 2000 में, चौहान कृषि समिति के सदस्य थे और वर्ष 1999 से 2001 में वह सार्वजनिक उपक्रम समिति के सदस्य के रूप में कार्यरत थे।
• वर्ष 2000 से 2003 तक, वह भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे।
• वर्ष 2000 में, शिवराज चौहान संचार मंत्रालय के परामर्शदात्री समिति (Consultative Committee) के सदस्य रहे थे।
• वर्ष 2004 के लोकसभा चुनाव में, वह पांचवी बार सांसद चुने गए।
• नवंबर 2005 में, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने के बाद, उन्होंने अगले साल बुधनी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से उपचुनाव चुनाव लड़ा और जीत गए।
• वर्ष 2008 में, चौहान ने मध्य प्रदेश में भाजपा की जीत का नेतृत्व करते हुए, अपनी बुधनी सीट को बरकरार रखा। और उसी वर्ष के दूसरे कार्यकाल के लिए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।
• वर्ष 2013 में, फिर से बुधनी विधानसभा सीट पर जीत दर्ज करते हुए, उन्होंने लगातार तीसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की।
शारीरिक संरचना
लम्बाई (लगभग)से० मी०- 175
मी०- 1.75
फीट इन्च- 5’ 9”
वजन/भार (लगभग)76 कि० ग्रा०
आँखों का रंग भूरा
बालों का रंग काला
व्यक्तिगत जीवन
जन्मतिथि 5 मार्च 1959
आयु (2018 के अनुसार)59 वर्ष
जन्मस्थान बुधनी, मध्य प्रदेश, भारत
राशि मीन
राष्ट्रीयता भारतीय
गृहनगर बुधनी, मध्य प्रदेश, भारत
स्कूल/विद्यालय ज्ञात नहीं
कॉलेज/महाविद्यालय/विश्वविद्यालयबरकतुल्लाह विश्वविद्यालय, भोपाल
शैक्षिक योग्यता एम.ए (फिलॉसफी)
परिवार पिता - प्रेम सिंह चौहान
माता- सुंदर बाई चौहान
भाई- नरेंद्र सिंह चौहान (छोटे)
शिवराज सिंह चौहान के भाई
सुरजीत सिंह चौहान (छोटे)
शिवराज सिंह चौहान अपने भाई के साथ
बहन- ज्ञात नहीं
धर्म हिन्दू
जाति अन्य पिछड़ा वर्ग (किरार)
पता गांव - जेत, पोस्ट सरदार नगर, बुधनी, सेहोर, मध्य प्रदेश
शौंक / अभिरुचि तैराकी करना
विवाद • कांग्रेस नेता और वकील रमेश साहू की शिकायत पर भोपाल कोर्ट ने मुख्यमंत्री और उनकी पत्नी साधना सिंह के खिलाफ 2007 में "डम्पर घोटाले" में जांच का आदेश दिया था। उनका आरोप था कि साधना सिंह ने कथित तौर पर 2 करोड़ रुपये में चार डंपर्स खरीदे थे और बाद में उन्होंने एक सीमेंट फैक्टरी को किराये पर दे दिया था। उनपर यह भी आरोप था कि उन्होंने जाँच के दौरान एक झूठा आवासीय पता प्रदान किया और एसआर सिंह के नाम से अपने पति का झूठा नाम रखा। इसके बाद, लोकायुक्त पुलिस ने आईपीसी की धारा 420 के तहत मुख्यमंत्री और उनकी पत्नी के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज करते हुए मामले की जांच शुरू कर दी। हालांकि, 2011 में, अपर्याप्त साक्ष्य के कारण दोनों को आरोपों से मुक्त कर दिया गया था।
• वर्ष 2009 में, इंदौर के एक चिकित्सक एवं सामाजिक कार्यकर्ता डॉ आनंद राय ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की। जिसमें उन्होंने व्यापम भर्ती घोटाले पर प्रकाश डाला। उस जनहित याचिका के सन्दर्भ में शिवराज सिंह चौहान ने एक जांच समिति की स्थापना की। जिसने वर्ष 2011 में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। इसके उपरांत वर्ष 2013 में आनंद राय ने कहा कि इस घोटाले में कई ऐसे उम्मीदवार हैं जिन्होंने मध्य प्रदेश के चिकित्सक संस्थानों में फर्जी ढंग से प्रवेश प्राप्त किया है। जिसके चलते उच्च न्यायालय की देखरेख में विशेष कार्य बल (एसटीएफ) का गठन किया गया। वर्ष 2015 में, सर्वोच्च न्यायालय ने विशेष कार्य बल से केस को केंद्रीय अन्वेंषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया। सीबीआई की जाँच में शिवराज सिंह चौहान का नाम भी सामने आया। परन्तु वर्ष 2017 में, सीबीआई द्वारा उन्हें क्लीन चिट दे दी गई। हालांकि, कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सीबीआई की जाँच पर सवाल उठाते हुए कहा कि सीबीआई द्वारा शिवराज सिंह चौहान को बचाते हुए सबूतों से छेड़छाड़ की गई।
शिवराज सिंह चौहान - व्यापम घोटाला
• राज्य से बाहर के लोगों को मध्य प्रदेश में काम ना करने देने के विवादास्पद बयान से शिवराज सिंह चौहान ने क्षेत्रीयवाद की राजनीति का परिचय दिया। जिसके चलते उन्हें कड़ी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। हालांकि बाद में उन्होंने अपने इस बयान को स्पष्ट करते हुए कहा कि,"मध्य प्रदेश सभी का स्वागत करता है।"
• जून 2017 में, मध्य प्रदेश में किसानों द्वारा कृषि आधारित अपनी मांगों को लेकर शांति पूर्ण धरना-प्रदर्शन किया जा रहा था कि अचानक किसानों द्वारा इस आंदोलन ने हिंसक रूप ले लिया। जिसके चलते पुलिस द्वारा गोलियां चलाई गई जिससे पांच किसानों की मौत हो हो गई। हिंसा शांत होने की बजाए और भड़क उठी। जिससे नाराज किसानों का प्रदर्शन मंदसौर के अलावा प्रदेश के कई अन्य जिलों तक फ़ैल गया। इस आंदोलन को शांत करने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दशहरा मैदान पर 28 घंटे का उपवास रखते हुए लोगों को संबोधित किया और कहा कि " प्रदेश में सरकार द्वारा किसानों के कल्याण का कार्य किया जा रहा है और सरकार हमेशा किसानों के साथ है।" जिस पर कांग्रेस पार्टी के नेता दिग्विजय सिंह ने ट्वीट करते हुए कहा कि, “उपवास की बजाय पुलिस को नियंत्रित करें। किसानों पर लगाए गए झूठे मुक़दमे वापस लें और किसानों की मांगें मंज़ूर करें। अपनी नौटंकी करना बंद करें।"
शिवराज सिंह चौहान भूख हड़ताल पर
• जनवरी 2018 में, शिवराज सिंह चौहान तब विवादों में आए जब उन्होंने सरदारपुर रैली के दौरान सार्वजनिक रूप से अपने अंगरक्षक को थप्पड़ मारा।
शिवराज सिंह चौ रैली के दौरान थप्पड़ मारते हुए
पसंदीदा चीजें
पसंदीदा राजनेता नरेंद्र मोदी
प्रेम संबन्ध एवं अन्य जानकारी
वैवाहिक स्थिति विवाहित
गर्लफ्रेंड एवं अन्य मामले साधना सिंह (स्वर्गीय प्रमोद महाजन के सचिव के रूप में कार्य किया)
पत्नी साधना सिंह (1992)
  शिवराज सिंह चौहान की पत्नी और बेटे
बच्चे बेटा - कार्तिकेय चौहान, कुणाल चौहान
बेटी - कोई नहीं
धन संबंधित विवरण
आय ₹2 लाख + अन्य भत्ते
संपत्ति (लगभग)₹6 करोड़ (2013 के अनुसार)

शिवराज सिंह चौहान

शिवराज सिंह चौहान से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियाँ

  • क्या शिवराज सिंह चौहान धूम्रपान करते हैं?  ज्ञात नहीं
  • क्या शिवराज सिंह चौहान शराब पीते हैं?  ज्ञात नहीं
  • शिवराज का जन्म एक मध्यमवर्गीय किसान परिवार में हुआ। उनका परिवार एक कृषि से जुड़ा हुआ है।
  • बाल्यावस्था में उनका तैराकी से बहुत लगाव था। जिसके चलते वह नर्मदा नदी के किनारे पर तैराकी करने जाते थे।
  • 9 वर्ष की आयु से ही शिवराज जनहित कार्य करने लगे। जिसके चलते उन्होंने अपने गांव के कृषि मजदूरों के हितों की रक्षा हेतू संघर्ष किया।
  • वह 70 के दशक में अपनी किशोरावस्था में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) में शामिल हुए।
  • उन्होंने बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय, भोपाल से एम.ए. (फिलॉसफी) में स्वर्ण पदक जीता और जबकि पेशे से वह एक कृषक रहे हैं।
  • वर्ष 1976-77 के बीच, आपातकाल के खिलाफ भूमिगत आंदोलन में भाग लेने के कारण उन्हें कई बार जेल भी जाना पड़ा।
  • उनका राजनीतिक जीवन कॉलेज स्तर से शुरू हुआ और पार्टी स्तर पर उन्होंने कई प्रतिष्ठित पदों पर निष्ठापूर्वक कार्य किया।
  • वह 2005 में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने के बाद यह पद वर्तमान में भी उन्ही के पास है।
  • उन्हें वर्ष 2011-12 में गेहूं का सबसे अधिक उत्पादन करने के लिए “कृषि कर्मन पुरस्कार” से सम्मानित किया गया।
  • उसी वर्ष उन्हें एनडीटीवी द्वारा Indian of the year पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
  • वर्ष 2012 में, उन्हें मध्य प्रदेश लोक सेवा गारंटी अधिनियम के लिए संयुक्त राष्ट्र लोक सेवा पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
  • शिवराज सिंह चौहान को पार्टी में “मिस्टर क्लीन” का टाइटल दिया गया, क्योंकि अपने संसदीय क्षेत्र से हर बार वही विजयी होते हैं। लेकिन मीडिया में कुछ घोटालों के खोले जाने पर उनका “मिस्टर क्लीन” का टाइटल वापस ले लिया गया था। यह भी माना जाता है कि वह सीधे तौर पर कभी भी गलत काम में शामिल नहीं हुए, लेकिन उनकी पत्नी ने शिवराज सिंह की छवि को धूमिल कर दिया था।
One Response
  1. Mahesh Pratap Parihar Reply

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *