Sukhvinder Singh Sukhu Biography in Hindi | सुखविंदर सिंह सुक्खू जीवन परिचय
जीवन परिचय | |
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अन्य नाम | ठाकुर सुखविंदर सिंह सुखु |
निकनाम | श्यामा [1]Navbharat Times |
व्यवसाय | राजनेता, वकील |
जाने जाते हैं | हिमाचल प्रदेश के 15वें मुख्यमंत्री के तौर पर |
राजनीतिक करियर | |
पार्टी/दल | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (INC) |
राजनीतिक यात्रा | • वर्ष 1989 से 1995 तक वह एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष रहे। • वर्ष 1998 से 2008 तक वह भारतीय राष्ट्रीय युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहे। • वर्ष 1992 से 1997 तक उन्होंने शिमला नगर निगम के पार्षद के रूप में काम किया। • वर्ष 1997 से 2002 तक उन्होंने शिमला नगर निगम के पार्षद के रूप में दोबारा से काम किया। • वर्ष 2003 में वह राज्य विधान सभा के लिए निर्वाचित हुए। • वर्ष 2007 में वह दोबारा से राज्य विधान सभा के लिए निर्वाचित हुए। • वर्ष 2007 से 2012 तक वह कांग्रेस विधायक दल के मुख्य सचेतक रहे। • वर्ष 2017 में वह तेरहवीं विधान सभा के लिए फिर से निर्वाचित हुए। • वर्ष 2017 में उन्हें सार्वजनिक उपक्रमों, विशेषाधिकारों और व्यापार सलाहकार समितियाँ के सदस्य के रूप में नामांकित किया गया। • वर्ष 2013 से 2019 तक वह हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रहे। • वर्ष 2019 में उन्हें पार्टी अध्यक्ष पद से हटा दिया गया। • वर्ष 2022 में वह हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में नादौन निर्वाचन क्षेत्र से सीट जीतकर वर्ष 2022 में ही हिमाचल प्रदेश के 7वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण किया। |
शारीरिक संरचना | |
लम्बाई (लगभग) | सेंटीमीटर में - 165 सेमी मीटर में - 1.65 मीटर फीट और इंच में - 5' 5" |
आँखों का रंग | काला |
बालों का रंग | सफ़ेद और काला |
व्यक्तिगत जीवन | |
जन्मतिथि | 27 मार्च 1964 (शुक्रवार) |
आयु (2024 के अनुसार) | 60 वर्ष |
जन्म स्थान | सेरा गांव, नादौन, हिमाचल प्रदेश, भारत |
राशि | मेष ( Aries) |
हस्ताक्षर | |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
गृहनगर | नादौन, हिमाचल प्रदेश |
स्कूल/कॉलेज | राजकीय उच्च विद्यालय, कसुम्पटी, शिमला |
कॉलेज/विश्वविद्यालय | • गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज, संजौली • हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, शिमला |
शैक्षिक योग्यता | • बैचलर ऑफ़ लॉ • मास्टर ऑफ़ आर्ट इन पॉलिटिकल साइंस [2]MyNeta |
जाति | राजपूत [3]The Wire |
शौक | पढ़ना और क्रिकेट खेलना |
पता | ग्राम भवारन, पो. किटपाल, तहसील नादौन, जिला हमीरपुर (हिमाचल प्रदेश)। [4]HP Vidhan Sabha |
प्रेम संबन्ध एवं अन्य जानकारियां | |
वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
विवाह तिथि | 11 जून 1998 (गुरुवार) |
परिवार | |
पत्नी | कमलेश ठाकुर |
बच्चे | बेटी- 2 • कामना ठाकुर • रहूंन ठाकुर |
माता/पिता | पिता- रशिल सिंह (मृतक, हिमाचल सड़क परिवहन निगम में ड्राइवर) माता- संसार देई (गृहिणी) |
भाई/बहन | भाई- उनके बड़े भाई का नाम राजीव ठाकुर है वह भारतीय वायु सेना से रिटायर हो चुके हैं। बहन- 2 संयोगिता सिंह (गृहिणी) सुदर्शना सिंह (गृहिणी) नोट:- सुखविंदर सिंह सुक्खू अपने चार भाई-बहनों में से दूसरे नंबर पर हैं। |
धन/संपत्ति संबंधित विवरण | |
कार | • ऑल्टो कार एच.पी.55-2627, (मॉडल 2002) • स्कॉर्पियो HP55A-0026 (मॉडल 2008) |
धन/संपत्ति | चल संपत्ति • नकद: रु. 2,00,000 • बैंक जमा: रु. 4,60,399 • मोटर वाहन: रु. 5,50,000 अचल संपत्ति • कृषि भूमि: रु. 24,25,608 • गैर कृषि भूमि: रु. 5,01,99,711 नोट: चल और अचल संपत्ति का दिया गया अनुमान वर्ष 2022 के अनुसार है। इसमें उनकी पत्नी के स्वामित्व वाली संपत्ति शामिल नहीं है। [5]MyNeta |
कुल संपत्ति | 11 लाख रुपये (2022 के अनुसार) नोट: दिया गया अनुमान वर्ष 2022 के अनुसार है। इसमें पत्नी की कुल संपत्ति शामिल नहीं है। [6]MyNeta |
सुखविंदर सिंह सुक्खू से जुडी कुछ रोचक जानकारियां
- सुखविंदर सिंह सुक्खू एक भारतीय वकील और राजनेता हैं। जिन्हें 2022 में हिमाचल प्रदेश के 15वें मुख्यमंत्री के रूप में चुना गया।
- राजनीती में आने से पहले सुखु शिमला में एक छोटा दूध का स्टाल चलाया करते थे।
- सुक्खू के करीबी लोगों ने उनके गरीबी के दिनों की याद दिलाते हुए कहा कि उनके पिता रसील सिंह शिमला के हिमाचल रोडवेज ट्रांसपोर्ट में ड्राइवर थे। सुक्खू खुद भी अखबार बेचने से लेकर दूध बेचने तक का काम करते थे साथ ही वह वॉचमैन की नौकरी करते थे।
- सुक्खू के पिता की कम वेतन होने के चलते उनके कॉलेज की फीस नहीं भर पाते थे तो सुक्खू ने अपने स्कूल की फीस भरने के लिए शिमला में अखबार बेचना शुरू किया।
- वह सुबह जल्दी उठकर अखबार बेचने चले जाते थे बाकी बचा समय को वह दूध बेचने में लगाने लगे। दिन में कॉलेज की पढ़ाई करते और रात में अपने कॉलेज का काम पूरा करते थे। इन कठिनाइयों के साथ ही उन्होंने अपना ग्रेजुएशन पूरा किया।
- सुखविंदर सिंह सुक्खू को उनके परिवार के लोग श्यामा कहकर पुकारते थे। ग्रैजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह बिजली विभाग में वॉचमैन की नौकरी करने लगे। नौकरी में उनकी ईमानदारी को देखते हुए विभाग के सीनियर अधिकारी ने वॉचमैन की नौकरी से हेल्पर की पोस्ट पर प्रमोट कर दिया। सुक्खू आगे बढ़ना चाहते थे इसलिए कड़ी मेहनत करते रहे।
- वह पूर्व केंद्रीय दूरसंचार मंत्री पंडित सुखराम के बहुत करीबी रहे हैं। नब्बे के दशक में जब हिमाचल प्रदेश में पंडित सुखराम नई योजना के साथ क्रांति लेकर आए तो सुक्खू ने उनकी मदद से एक पीसीओ का उद्द्घाटन किया। काफी समय तक पीसीओ चलाने के बाद उनका राजनीतिक की ओर झुकाव होना शुरू हुआ और पंडित सुखराम की मदद से उन्होंने राजनीती में भाग लेना शुरू कर दिया।
- उन्होंने अपने करियर की शुरुआत कॉलेज की राजनीति से की। वह अपनी पढ़ाई के दौरान ही कांग्रेस की छात्र शाखा नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया में शामिल हो गए थे और हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में एक कार्यकर्ता के रूप में कार्य करते थे।
- जमीनी स्तर पर काम करते हुए वह दो बार शिमला नगर निगम के पार्षद चुने गए थे।
- एक इंटरव्यू में उनकी मां ने खुलासा किया था कि अपने परिवार का खर्च चलाने के लिए अलग-अलग जगहों पर काम करने के बाद भी उन्होंने अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित किया था।
- वर्ष 2017 में अमित शाह ने चुनाव प्रचार के दौरान सुक्खू के बारे में बात की थी और कहा था कि कांग्रेस पार्टी ‘राजाओं और रानियों’ की पार्टी है और पहले से मौजूद उम्मीदवारों के अलावा किसी और को आगे आने का मौका नहीं मिलेगा।
- एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि गैर-राजनीतिक पृष्ठभूमि से आने के कारण उनके लिए राजनीति में आना मुश्किल था। इंटरव्यू में उन्होंने आगे कहा,
हां, राजनीति में अस्तित्व बचाने के लिए मुझे हर कदम पर संघर्ष करना पड़ा।’ अभिजात वर्ग और राजनीतिक समर्थन वाले लोग चुनावी राजनीति में भी आसानी से अपना रास्ता खोज लेते हैं। लेकिन कड़ी मेहनत और संगठन के प्रति निष्ठा का मुझे फल मिला। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सामान्य कार्यकर्ताओं को आगे लाना चाहते हैं और इसीलिए उन्होंने मुझे शीर्ष पद के लिए चुना है।’ विधानसभा चुनाव हारने के बाद भी 2013 में मुझे राज्य कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में पदोन्नत किया गया था। यह तथ्य कि मैं ‘सत्ता संचालित राजनीति’ से नहीं, बल्कि संघर्ष से उभरा हूं, यही मेरी ताकत है।”
- उनके और वीरभारदा के विवादों ने खूब सुर्खियां बटोरीं। वीरभद्र सिंह कांग्रेस के मुख्यमंत्री थे, लेकिन कांग्रेस सत्ता में नहीं आई। इंटरव्यू में उन्होंने इस बारे में बात करते हुए कहा,
हाँ। लेकिन इससे पहले वीरभद्र जी के रहते भी कांग्रेस लगातार चुनाव नहीं जीत पाई थी। फिर भी, भाजपा के नेतृत्व में और उनकी अनुपस्थिति में, हमने हाल के उपचुनाव जीते, जिनमें से एक लोकसभा (मंडी) और तीन विधानसभा क्षेत्र थे। वह (वीरभद्र सिंह) निस्संदेह एक बड़े नेता थे और उन्होंने अपनी विरासत छोड़ी है। लेकिन हमारी संगठनात्मक शक्ति और उपस्थिति अच्छी है, अच्छी रही है। यही एक कारण है कि AAP सेंध नहीं लगा पाई है। राज्य में लोगों का झुकाव एक से अधिक कारणों से कांग्रेस की ओर है।”
- वर्ष 2022 में हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि हिंदू बहुल राज्य में कांग्रेस की जीत होगी। कॉन्फ्रेंस में उन्होंने इस बारे में बात करते हुए कहा,
कांग्रेस पार्टी ऐसी जगह सरकार बनाने जा रही है जो हिंदू बहुल राज्य है, लोगों ने बीजेपी की विचारधारा को खारिज कर दिया है। प्रियंका गांधी की विशेष रणनीति के कारण भाजपा चुनाव हार गई, गांधी परिवार के पास देश में कहीं भी घर नहीं है, लेकिन केवल एक जगह यानी हिमाचल प्रदेश है, जहां प्रियंका गांधी का घर है।”
- 8 दिसंबर 2022 को जब हिमाचल प्रदेश विधान सभा चुनाव परिणाम घोषित हुए, तो कांग्रेस ने 68 में से 40 सीटें जीतीं। 11 दिसंबर 2022 को उन्होंने राज्य के 15वें सीएम के रूप में शपथ ली। शपथ लेने के बाद उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि वह राज्य में पुरानी पेंशन व्यवस्था वापस लाएंगे।
- उनके पास एक मारुति सुजुकी ऑल्टो सिटी कार है, जिसे उन्होंने शीर्ष पद पर पहुंचने से पहले वर्षों तक चलाया था और शिमला में सार्वजनिक और राजनीतिक हलकों में उन्हें “ऑल्टो मैन” के रूप में जाना जाता था। वह 14 मार्च 2023 को शुरू हुए बजट सत्र में भाग लेने के लिए अपनी मारुति सुजुकी ऑल्टो सिटी कार में हिमाचल प्रदेश राज्य विधानसभा पहुंचे थे। [7]The Hindu
- दिसंबर 2022 में एक इंटरव्यू के दौरान उनकी मां संसार देई ने कहा कि सुक्खू शुरू से ही सरकारी नौकरी नहीं करना चाहता था और राजनीति में ही बढ़चढ़कर भाग लिया करता था। आगे वह कहती हैं कि जब सुखविंदर के पिता नौकरी करते थे तो महज 90 रुपए मासिक वेतन में परिवार का गुजारा करते थे। इस वेतन से 6 लोगों का परिवार चलाना बहुत ही कठिन था। [8]ETV Bharat
- 15 सितंबर 2023 को सुखविंदर सिंह सुक्खू ने उत्तर भारत की बाढ़ से प्रभावित लोगों की वसूली और सहायता प्रयासों में योगदान दिया; उन्होंने अपनी जीवन भर की बचत रुपये दान कर दी। आपदा राहत कोष (आपदा राहत कोष) में 51 लाख रुपये। इस बारे में बात करते हुए एक इंटरव्यू में उन्होंने खुलासा किया कि उन्होंने यह रकम अपने तीन बचत खातों से दी है।
#HimachalPradesh CM #SukhvinderSinghSukhu donates all his personal savings to the Disaster Relief Fund. pic.twitter.com/XwHt2Om2ox
— TOI Cities (@TOICitiesNews) September 15, 2023
सन्दर्भ
↑1 | Navbharat Times |
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↑2, ↑5, ↑6 | MyNeta |
↑3 | The Wire |
↑4 | HP Vidhan Sabha |
↑7 | The Hindu |
↑8 | ETV Bharat |